रविवार, 5 मार्च 2023

दुष्कर्म और दहेज के मामलें में याचिका नामंजूर की

दुष्कर्म और दहेज के मामलें में याचिका नामंजूर की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कानपुर में कथित दुष्कर्म और दहेज के मामलें में पुलिस जांच का अनुरोध करने वाली याचिका नामंजूर करने के एक मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश बरकरार रखते हुए कहा कि यह मामला उसके क्षेत्राधिकार से बाहर है। अदालत एक महिला की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने पहले एक मजिस्ट्रेट अदालत का रुख कर पुलिस जांच का निर्देश देने का अनुरोध किया था। शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया, उसके पति के अवैध संबंध थे और कानपुर में ससुराल पक्ष के एक रिश्तेदार ने उससे दुष्कर्म किया था।

मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल सितंबर में यह याचिका खारिज करते हुए कहा था कि यह न्यायाधिकार क्षेत्र के आधार पर सुनवाई योग्य नहीं है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने हाल के आदेश में कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत इस सही निष्कर्ष पर पहुंची थी कि पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि आदेश में कोई कमी नहीं थी और मौजूदा आपराधिक पुनर्विचार याचिका खारिज की जाती है। न्यायाधीश ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 2017 के एक आदेश का हवाला दिया, जिसके अनुसार मजिस्ट्रेट को क्षेत्रीय न्यायाधिकार का पालन करना होता है और अगर उस अदालत के पास अपराध के लिए मुकदमा चलाने का अधिकार नहीं है तो उसके पास पुलिस जांच का आदेश पारित करने का भी अधिकार नहीं है।

अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी की स्थिति रिपोर्ट के अनुसार, सभी आरोप उस अवधि के हैं जब शिकायतकर्ता कानपुर में रहती थी। अदालत ने कहा कि शिकायकर्ता यहां ओखला औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने के तहत आने वाले इलाके में अपने माता-पिता के साथ रह रही है, लेकिन कोई भी अपराध इस पुलिस थाने के क्षेत्राधिकार में नहीं हुआ। 

9 विपक्षी दलों के नेताओं ने 'पीएम' को लिखा पत्र 

9 विपक्षी दलों के नेताओं ने 'पीएम' को लिखा पत्र 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। तेलंगाना, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और पंजाब के मुख्यमंत्रियों समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त रूप से एक पत्र लिखकर विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय एजेंसी का ‘‘खुल्लम खुल्ला दुरुपयोग’’ किए जाने का आरोप लगाया है। इस पत्र पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस (जम्मू-कश्मीर) के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र में कहा गया, ‘‘विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय एजेंसी का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग यह दर्शाता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में आ गए हैं ... चुनावी मैदान के बाहर बदला लेने के लिए केंद्रीय एजेंसी और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों का दुरुपयोग घोर निंदनीय है क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।’’ दिल्ली आबकारी नीति में अनियमितताओं को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किए जाने का जिक्र करते हुए नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेता के खिलाफ लगाए गए आरोप ‘‘पूरी तरह निराधार और एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा’’ हैं। उन्होंने दावा किया कि सिसोदिया की गिरफ्तारी से पूरे देश में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में स्कूली शिक्षा को बदलने के लिए सिसोदिया को वैश्विक स्तर पर पहचाना जाता है। इन नेताओं ने कहा कि सिसोदिया की गिरफ्तारी को दुनिया भर में राजनीतिक प्रतिशोध के एक उदाहरण के रूप में उद्धृत किया जाएगा और इस घटना से दुनिया के इस संदेह की पुष्ट होती है कि ‘‘भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को निरंकुश भाजपा शासन में खतरा’’ है। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेताओं शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय का उदाहरण देते हुए दावा किया कि जांच एजेंसी भाजपा में शामिल हुए पूर्व विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से काम करती हैं।

वजन कम करने के लिए फायदेमंद है प्याज, जानिए 

वजन कम करने के लिए फायदेमंद है प्याज, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

वजन बढ़ने पर लोग उसे कम करने के लिए न जाने कितनी मेहनत करते हैं, लेकिन इसके बावजूद भी  केवल सेहत संबंधी कई परेशानियां घेर लेती हैं। बल्कि, कई बार उठने और बैठने में भी परेशानी होने लगती है। ऐसे में खानपान में थोड़ा सा बदलाव करके आप अपने बढ़े हुए वजन को कंट्रोल कर सकते हैं।

बढ़े वजन को कम करने के लिए कुछ लोग डाइटिंग शुरू कर देते हैं तो कुछ जिम जाना शुरू कर देते हैं। जिम जाना और सेहत का ध्यान रखना तो सही है लेकिन ज्यादा डाइटिंग आपकी हेल्थ पर बुरा असर डाल सकता है। ऐसे में हम आपको बढ़े हुए वजन को कम करने का प्याज का देसी नुस्खा बताते हैं। प्याज में क्वेरसेटिन नाम का फ्लेवोनॉइड होता है। ये शरीर के अलग अलग हिस्सों में वसा को जमा होने से रोकने का काम करता है। जिससे वजन अपने आप कंट्रोल होता है।

प्याज का रस
सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के अलावा प्याज का रस आपके वजन को भी नियंत्रित करने में कारगर है। प्याज का रस निकालने के लिए आप प्याज के कुछ टुकड़े लें और उसे मिक्सी में डालकर पीस लें। इसके बाद किसी कपड़े की सहायता से इसे निचोड़कर इसका रस निकाल लें। आप चाहे तो प्याज के रस को सादा पिएं या फिर इसमें सेंधा नमक या फिर नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते हैं। कुछ दिनों में ही आपको असर दिखने लगेगा।

पी सकते हैं सूप भी
प्याज के रस के अलावा आप इसका सूप बनाकर भी पी सकते हैं। सूप को बनाने के सबसे पहले एक बर्तन में चार कप पानी डालें। इस पानी में प्याज के टुकड़ों को उबाल लें। अगर आप इसमें कुछ और मिलाना चाहते हैं तो सब्जियों के कुछ टुकड़ें मिला सकते हैं। इसके बाद इसे छानकर इसमें काला नमक डालकर पी लें। इसका सेवन करने से आपको वजन घटने में मदद मिलेगी। 

करें कच्चे प्याज का सेवन
वजन कम करने के लिए प्याज का कच्चा सेवन करना लाभकारी होता है। इसके लिए आप चाहे तो इसे खाने के साथ सलाद के रूप में खाएं या फिर इसका रस निकालकर पिएं। दोनों तरह से ये आपके वजन को कम करने में असरदार है।

कॉलेज सिस्टम की 11वीं चांसलर नियुक्त हुई सोन्या

कॉलेज सिस्टम की 11वीं चांसलर नियुक्त हुई सोन्या

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/सैक्रामेंटो। केरल विश्विवद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई करने वाली सोन्या क्रिश्चियन की प्रतिभा और प्रतिष्ठा का सम्मान करते हुए उन्हें अमेरिका की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक उच्च शिक्षा प्रणाली कैलिफोर्निया कम्युनिटी कॉलेज सिस्टम का 11वां स्थायी चांसलर नियुक्त किया गया है। उनकी यह नियुक्ति इस लिहाज से और भी अहम है कि वह विश्वविद्यालय प्रणाली का नेतृत्व करने वाली भारत की ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशियाई मूल की पहली व्यक्ति हैं। 

क्रिश्चियन को शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट सम्मान हासिल है। उनके प्रयासों से 2015 में एक विशेष अभियान की शुरुआत की गई, जिससे विश्वविद्यालय प्रणाली में ढांचागत विकास के लिए 15 करोड़ डॉलर की राशि हासिल की गई। सोन्या क्रिश्चियन का जन्म 28 जुलाई 1966 को केरल के क्विलोन में पॉल और पामेला क्रिश्चियन के यहां हुआ। उन्होंने 1987 में केरल विश्विवद्यालय से गणित में स्नातक स्तर की पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं। उन्होंने 1990 में सदर्न कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई की। उनकी पढ़ाई का सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। 

वर्ष 2002 में उन्होंने लॉस एंजिलिस में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से डॉक्टर ऑफ एजुकेशन की उपाधि ग्रहण की और शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाया। इस दौरान सोन्या क्रिश्चियन ने 13 फरवरी 1993 को श्रीराम खे से विवाह किया और उनकी एक बेटी है, जिसका नाम ईशा क्रिश्चियन है। पढ़ाई के दौरान उन्होंने शिक्षाविद् के रूप में कई महाविद्यालयों में अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1991 में वह सेक्रामेंटो में अमेरिकन रिवर कॉलेज में व्याख्याता बनीं। यहां कुछ अरसा काम करने के बाद उन्होंने बेकर्सफील्ड (कैलिफोर्निया) कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम किया। वर्ष 1995 तक इसी पद पर रहने के बाद वह अगले पांच वर्ष तक एसोसिएट प्रोफेसर और फिर उसके बाद डीन बनीं। 

कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजोम ने एक बयान में सोन्या क्रिश्चियन को देश के सबसे प्रतिभाशली और विद्वान शिक्षाविद् में से एक बताया। उन्होंने कहा कि सोन्या ने सेंट्रल वैली में शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए उल्लेखनीय योगदान दिया है। क्रिश्चियन एक जून, 2023 को अपनी नयी भूमिका ग्रहण करेंगी। वह चांसलर एलॉय ऑर्टिज़ ओकले की जगह लेंगी, जिन्होंने लगभग छह वर्षों तक सामुदायिक कॉलेज प्रणाली का नेतृत्व करने के बाद अगस्त में इस्तीफा दे दिया था। 

इस नियुक्ति पर क्रिश्चियन ने कहा, मैं देश की अग्रणी उच्च शिक्षा प्रणाली का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने पर सम्मानित महसूस कर रही हूं और मैं बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को उनपर भरोसा जताने के लिए धन्यवाद देती हूं। क्रिश्चियन ने कहा, जीवन में हम कई चुनौतियों का सामना करते हैं, लेकिन मेरा मानना है कि हमारी सबसे बड़ी चुनौतियां हमें अपना सर्वश्रेष्ठ काम करने की प्रेरणा देती हैं। हम छात्रों को प्राथमिकता देने वाले साझा विजन के साथ काम करेंगे।

अगले 6 महीनों में 58 'क्यूसीओ' लाएगी सरकार 

अगले 6 महीनों में 58 'क्यूसीओ' लाएगी सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार दोयम दर्जे की वस्तुओं के आयात पर रोक लगाने और घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एल्यूमीनियम, तांबे से बने उत्पादों और घरेलू बिजली उपकरणों के लिए अगले 6 महीनों में कम-से-कम 58 गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) लाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में उच्च गुणवत्ता के उत्पादों के विनिर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी दिशा में यह कदम उठाने की तैयारी है। डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने एक एजेंसी के साथ बातचीत में कहा, सन् 1987 के बाद से अब तक सिर्फ 34 क्यूसीओ लाए गए हैं। लेकिन अब हम अगले छह महीनों में 58 क्यूसीओ लेकर आएंगे।

इसका मुख्य उद्देश्य दोयम दर्जे की वस्तुओं का आयात रोकना है। ये अनिवार्य मानक घरेलू और विदेशी कंपनियों दोनों के लिए होंगे। गुणवत्ता नियंत्रण के लिए जारी होने वाले इन आदेशों के अतर्गत 315 उत्पाद मानक होंगे। इन आदेशों के अंतर्गत, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) चिह्न नहीं रखने वाले उत्पादों का उत्पादन, बिक्री-व्यापार, आयात और भंडारण नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने कहा, यह क्यूसीओ प्रक्रिया का पालन करने के बाद एक साल के अंदर अधिसूचित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता सुनिश्चित करने से घरेलू वस्तुओं के लिए वैश्विक बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा।

नैनो 'डीएपी' उर्वरक को मंजूरी मिलना ''महत्वपूर्ण'' कदम

नैनो 'डीएपी' उर्वरक को मंजूरी मिलना ''महत्वपूर्ण'' कदम

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि नैनो डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) उर्वरक को मंजूरी मिलना किसानों का जीवन आसान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया के ट्वीट का जवाब देते हुए यह बात कही। मांडविया ने एक दिन पहले नैनो तरल डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारने के लिए मंजूरी दिए जाने की घोषणा की थी।

इस मौके पर मांडविया ने कहा था कि उर्वरक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। नैनो तरल डीएपी को वर्ष 2021 में पहली बार पेश करने वाले उर्वरक सहकारी संघ इफको ने शुक्रवार को ही कहा था कि सरकार ने उसके नैनो डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारने की मंजूरी दे दी है।

महिलाओं को ₹18 हजार की वार्षिक सहायता, वादा 

महिलाओं को ₹18 हजार की वार्षिक सहायता, वादा 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की ‘‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’’ की शुरुआत के ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस के राज्य की सत्ता में आने पर महिलाओं को 18 हजार रुपये की वार्षिक सहायता देने के लिए एक योजना शुरु करने का वादा किया। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का शुभारंभ किया जिसमें पात्र महिलाओं को एक हजार रुपये यानी प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है और उससे पहले राज्य सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस, दोनों ही महिलाओं को लुभाने का प्रयास कर रही हैं। मध्यप्रदेश में 2,60,23,733 महिला मतदाता हैं। राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 18 निर्वाचन क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। इनमें आदिवासी बहुल बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अलीराजपुर और झाबुआ जिले शामिल हैं।

अनुमान के मुताबिक, 13.39 लाख नए मतदाताओं में 7.07 लाख महिलाएं हैं। कमलनाथ ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘मैं मध्य प्रदेश की माताओं, बहनों और बेटियों को एक सुखद सूचना देना चाहता हूं। कुछ महीने बाद आप सब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने वाली हैं। कांग्रेस सरकार महिलाओं को प्रतिवर्ष 18 हजार की आर्थिक सहायता राशि देगी। यह संसार की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण योजना बनेगी।’’

चौहान को ‘‘घोषणा मशीन’’ करार देते हुए कमलनाथ ने कहा कि उनकी पार्टी इस वादे से पीछे नहीं हटेगी, क्योंकि उसने मध्य प्रदेश की महिलाओं को ‘‘देश में सबसे अधिक आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।’’ मुख्यमंत्री चौहान ने मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना का शुभारंभ रविवार को यहां जंबूरी मैदान में एक समारोह में किया। इस योजना के तहत आयकर नहीं देने वाले परिवार जैसी कुछ शर्तों के तहत महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

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