शनिवार, 4 मार्च 2023

इंसानी खोपड़ी की बनीं 2000 साल पुरानी 'कंघी' मिलीं 

इंसानी खोपड़ी की बनीं 2000 साल पुरानी 'कंघी' मिलीं 

अखिलेश पांडेय 

लंदन। आमतौर आप लोगों ने प्लास्टिक की कंघी को देखा या इस्तेमाल किया होगा, आपको जानकर हैरानी होगी कि एक कंघी 2000 साल पुरानी मिली है, वो भी इंसानी खोपड़ी की बनाई हुई। यह कंघी इंग्लैंड के कैंब्रिशायर में मौजूद है और इसे बार हिल गांव में खुदाई के दौरान खोजा गया है।

जानकार लोगों को हैरानी तो हो रही है, लेकिन पुरातत्वविदों के मुताबिक, इस 2000 साल पुरानी कंघी को बिल्कुल सही माना गया है। बताया जाता है कि यह करीब 750 से एडी 43 तक की है। इस कंघी में लगभग 12 दांत हैं। पुरातत्वविदों ने इसे बार हिल कॉम्ब का नाम दिया है।

आपको बता दें, ये पहली कंघी नहीं है। इससे पहले भी दो बार ऐसी चीजें मिल चुकी है। इससे पहले कैंब्रिजशायर से इसी तरह की चीजें मिली थीं, वो भी इसी कंघी की तरह दिखती थी। अनुमान के अनुसार पुरातत्वविदों ने माना है कि पहले के लोग हड्डी से कंघी बनाया करते थे।

हिजबुल के एक आतंकी की संपत्ति जब्त: एनआईए

हिजबुल के एक आतंकी की संपत्ति जब्त: एनआईए

इकबाल अंसारी 

श्रीनगर। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) के एक आतंकवादी की संपत्ति जब्त की। यह आतंकी पिछले महीने पाकिस्तान में मारा गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने पाकिस्तान से संचालित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत उत्तरी कश्मीर जिले के क्रालपोरा के बाबरपोरा इलाके के निवासी बशीर अहमद पीर की संपत्ति कुर्क की। 

अधिकारियों ने बताया कि संगठन के स्वयंभू कमांडर पीर की 21 फरवरी को रावलपिंडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि एनआईए ने पीर उर्फ इम्तियाज आलम की 1.5 कनाल (लगभग 1000 गज) से अधिक की जमीन जब्त की। नियंत्रण रेखा के जरिये कथित तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ का जिम्मा संभालने वाले पीर को आतंकवादी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिए पिछले साल चार अक्टूबर को केंद्र द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था। 

अधिसूचना के अनुसार, पीर ने हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के विस्तार देने के लिए पूर्व आतंकवादियों और अन्य आतंकवादियों को एकजुट करने के लिए कई ऑनलाइन प्रचार समूहों में भाग लिया। एनआईए की यह कार्रवाई अल-उमर मुजाहिदीन के संस्थापक और स्वयंभू मुख्य कमांडर मुश्ताक जरगर उर्फ 'लाटराम' की श्रीनगर स्थित संपत्ति को बृहस्पतिवार को कुर्क करने और शुक्रवार को बारामूला जिले में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के सदस्य बासित अहमद रेशी की संपत्ति कुर्क करने के बाद हुई है। 

विधायक शिरा को अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई

विधायक शिरा को अध्यक्ष के रूप में शपथ दिलाई

इकबाल अंसारी 

शिलोंग। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के वरिष्ठ विधायक टिमोथी डी शिरा को मेघालय विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के रूप में शनिवार को शपथ दिलाई गई। रेसुबेलपाड़ा से विधायक शिरा को राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में निवर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा और एनपीपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शपथ दिलाई।

संगमा ने शुक्रवार को 32 विधायकों के समर्थन के साथ राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इनमें एनपीपी के 26 विधायक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिल स्‍टेट पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी) के दो-दो विधायक और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं।

आरोप: सरकार ने अडाणी समूह को ‘एकाधिकार’ दिया 

आरोप: सरकार ने अडाणी समूह को ‘एकाधिकार’ दिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि सरकार ने अडाणी समूह को ‘‘एकाधिकार’’ दे दिया है, जिससे वे उन उपभोक्ताओं का ‘‘शोषण’’ कर रहे हैं, जिन्हें हवाई अड्डे और बिजली जैसी बुनियादी ढांचागत सेवाओं का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है। विपक्षी दल ने यह भी कहा कि अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की लगातार मांग करने का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘शर्मिंदा’’ करना नहीं, बल्कि इसका उद्देश्य प्रकरण के सभी आयामों को उजागर करना है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की ‘‘हम अडाणी के हैं कौन’’ श्रृंखला के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तीन सवाल पूछते हुए कहा कि इन सवालों का मकसद इस ओर ध्यान केंद्रित करना है कि कैसे अडाणी समूह को ‘‘एकाधिकार’’ दिया गया, जिससे उन उपभोक्ताओं के शोषण की ‘‘छूट’’ मिली, जिन्हें हवाई अड्डों और बिजली जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का उपयोग करने की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेनदेन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।

प्रधानमंत्री को संबोधित अपने बयान में कांग्रेस नेता रमेश ने दावा किया कि लखनऊ में अडाणी द्वारा संचालित चौधरी चरण सिंह अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने यात्रियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले उपयोगकर्ता विकास शुल्क (यूडीएफ) में ‘‘अत्यधिक वृद्धि’’ का प्रस्ताव दिया है, जो देश के 11वें सबसे व्यस्त हवाई अड्डे में शुमार है। कांग्रेस महासचिव ने दावा किया, ‘‘यदि हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण (एईआरए) द्वारा इस शुल्क को मंजूरी दी जाती है, तो वित्तीय वर्ष 2025-26 तक उपयोगकर्ता शुल्क घरेलू यात्रियों के लिए 192 रुपये से बढ़कर 1,025 रुपये और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 561 रुपये से 2,756 रुपये हो जाएगा।’’

उन्होंने कहा कि एईआरए ने पहले ही अडाणी द्वारा संचालित अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले घरेलू यात्रियों के लिए वर्ष 2025-26 तक छह गुना शुल्क वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए 12 गुना शुल्क वृद्धि को मंजूरी दे दी है। रमेश ने दावा किया, ‘‘एईआरए ने अडाणी द्वारा संचालित मेंगलुरु हवाई अड्डे के मामले में न केवल प्रस्थान करने वाले यात्रियों के लिए उपयोगकर्ता शुल्क में बढ़ोतरी की, बल्कि पहुंचने वाले यात्रियों पर भी शुल्क लगाया।’’

‘इन्फ्लुएंजा ए’ का उपस्वरूप ‘एच3एन2’ है: परिषद 

‘इन्फ्लुएंजा ए’ का उपस्वरूप ‘एच3एन2’ है: परिषद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत में पिछले दो-तीन महीने से लगातार खांसी और किसी-किसी मामले में बुखार के साथ खांसी होने का कारण ‘इन्फ्लुएंजा ए’ का उपस्वरूप ‘एच3एन2’ है। आईसीएमआर के वैज्ञानिकों ने कहा कि पिछले दो-तीन महीने से व्यापक रूप से व्याप्त एच3एन2 अन्य उपस्वरूपों की तुलना में रोगी के अस्पताल में भर्ती होने का बड़ा कारण है। 

आईसीएमआर ‘वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज नेटवर्क’ के माध्यम से श्वसन वायरस के कारण होने वाली बीमारियों पर कड़ी नजर रखे हुए है। उन्होंने वायरस से लोगों को बचाने के लिए एक सूची जारी की है, जिसमें बताया गया है कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?

दूसरी ओर, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (एमआईए) ने देश भर में खांसी, जुकाम और जी मिचलाने के बढ़ते मामलों के बीच एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग को लेकर आगाह किया है। आईएमए ने कहा कि मौसमी बुखार पांच से सात दिनों तक रहेगा। आईएमए की एक स्थायी समिति ने कहा कि बुखार तीन दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बरकरार रह सकती है।

बुनियादी ढांचे के विकास को प्रेरक शक्ति मानते है 

बुनियादी ढांचे के विकास को प्रेरक शक्ति मानते है 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार बुनियादी ढांचे के विकास को अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति मानती है और इससे भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बनने में मदद मिलेगी। मोदी ने बुनियादी ढांचा एवं निवेश के विषय पर आयोजित एक बजट-पश्चात वेबिनार में कहा कि इस साल का बजट देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास को नई ऊर्जा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम बुनियादी ढांचे के विकास को अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरक शक्ति मानते हैं। भारत इस रास्ते पर चलकर वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य हासिल कर लेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अब इस विकास की गति बढ़ाने और ‘टॉप गियर’ में ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसमें ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार सड़क, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डा जैसे सभी क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचा तैयार करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इससे व्यवसायों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और ‘लॉजिस्टिक’ लागत कम करने में मदद मिलेगी। राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन के अंतर्गत सरकार का वर्ष 2025 तक 110 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का पूंजी निवेश वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में पांच गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। मोदी ने कई उदाहरण देते हुए कहा, “बुनियादी ढांचा किसी भी देश के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

ढांचागत क्षेत्र के इतिहास पर नजर रखने वाले लोग इस बात को बहुत अच्छी तरह जानते हैं।” मोदी ने कहा कि कई दशकों तक भारत में ऐसी सोच लोगों के दिमाग में रही कि गरीबी एक गुण है और पूर्ववर्ती सरकारों को देश के बुनियादी ढांचे में निवेश करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने देश को न सिर्फ इस सोच से निकाला बल्कि आधुनिक ढांचे पर यह बहुत निवेश भी कर रही है।”

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कार्यकाल में राजमार्गों और हवाईअड्डों के विकास की तेज गति का जिक्र करते हुए कहा कि 'गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान' भारत के ढांचागत एवं मल्टीमोडल लॉजिस्टिक परिदृश्य में नई जान फूंकने जा रहा है।

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