गुरुवार, 2 मार्च 2023

सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन

सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन

अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली/भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को मध्यप्रदेश के भोपाल में सातवें अंतरराष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि सांची यूनिवर्सिटी ऑफ़ बुद्धिस्ट-इंडिक स्टडीज के सहयोग से इंडिया फाउंडेशन 'नए युग के लिए पूर्वी मानवतावाद' विषय पर तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।

उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य धर्म-धम्म परंपराओं से धार्मिक, राजनीतिक और विचारशील नेताओं को एक साथ लाना है। अधिकारी ने कहा कि सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में 45 वक्ता होंगे। मंत्रियों का सत्र, मुख्य सत्र और विभिन्न उप-विषयों पर बहस और चर्चा करने के लिए पांच पूर्ण सत्र होंगे, साथ ही 15 सत्र में भारत और विदेश के विशेषज्ञों द्वारा 115 पेपर प्रस्तुतियां होंगी।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन में 15 देश भाग लेंगे। सांची विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस अवसर पर मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर और साँची बौद्ध-भारतीय अध्ययन विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता उपस्थित रहेंगी। 

'यूडीएफ' ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया

'यूडीएफ' ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया

इकबाल अंसारी 

तिरुवनंतपुरम। केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने विधानसभा में लगातार दूसरे दिन उनके कार्यस्थगन प्रस्ताव को खारिज किये जाने पर बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। यूडीएफ ने कहा कि यदि कार्यस्थगन प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी जाती है, तो सदन में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) वी. डी. सतीशन ने कहा कि यूडीएफ सदन को बाधित करने के लिए हंगामा करने की वाममोर्चा की रणनीति का सहारा नहीं लेने के फैसले को उसकी कमजोरी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारा तरीका नहीं है। हमारे पास कड़ा विरोध दर्ज कराने के अन्य तरीके भी हैं।

फिलहाल हम सदन को बाधित किये बिना आज के सत्र का बहिष्कार करने का निर्णय ले रहे हैं।’’ यूडीएफ द्वारा लाए गए कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति नहीं दिए जाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

शांति और विकास के एजेंडे की सराहना: भाजपा 

शांति और विकास के एजेंडे की सराहना: भाजपा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पूर्वोत्तर में शांति और विकास के एजेंडे की सराहना की। भाजपा त्रिपुरा में अधिकतर सीटों पर आगे है। जबकि नगालैंड में उसका गठबंधन सत्ता में बरकरार रहने की राह में है। केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि क्षेत्र के लोगों ने पहली बार देखा है कि केंद्र ने क्षेत्र में शांति और विकास लाने के लिए कितनी बारीकी और ईमानदारी से काम किया है, चाहे वह राजमार्ग बनाने जैसी बड़ी परियोजनाएं हों या उन्हें पेयजल, मुफ्त राशन और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना हो। उन्होंने कहा कि केंद्र और पूर्वोत्तर के बीच पहले एक व्यापक अंतर था, लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दूरियों को खत्म कर दिया है।

रीजीजू ने कहा कि त्रिपुरा के लोगों ने देखा है कि कैसे भाजपा ने पुरानी समस्याओं को हल करके उनसे किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए काम किया है। भाजपा महासचिव तरुण चुग ने त्रिपुरा एवं मेघालय के शुरुआती नतीजों में भाजपा की शानदार बढ़त पर खुशी जताई और कहा कि पूर्वोत्तर में भाजपा प्रचंड जीत की ओर अग्रसर होते हुए कांग्रेस का सफाया करने जा रही है।

निर्वाचन आयोग की ओर से प्राप्त रुझानों के मुताबिक कि भाजपा ने त्रिपुरा में तीन सीटें जीती हैं और 60 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 29 पर आगे है। उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने एक सीट जीती है। नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन 39 सीटों पर आगे हैं। मेघालय में भाजपा का प्रदर्शन हालांकि उम्मीद के मुताबिक नहीं दिख रहा है क्योंकि वह पहली बार सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद केवल तीन सीटों पर आगे है। मेघालय और नगालैंड में भी विधानसभा की 60-60 सीटें हैं।

द्विपक्षीय संबंधों को साझेदारी तक लें जाने का फैसला 

द्विपक्षीय संबंधों को साझेदारी तक लें जाने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/रोम। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और इटली ने रक्षा सहयोग पर एक नए अध्याय की शुरुआत करते हुए अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक लें जाने का फैसला किया है। भारत की यात्रा पर आईं इटली की प्रधानमंत्री ज्यॉर्जिया मेलोनी के साथ व्यापक वार्ता के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्र में नये अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल भारत और इटली द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

इस अवसर पर हमने भारत-इटली साझेदारी को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा देने का फैसला किया है।’’ मोदी ने कहा कि भारत और इटली ने नियमित आधार पर दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत और इटली आतंकवाद और अलगाववाद जैसे मुद्दों पर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘हमने इस सहयोग को और मजबूत करने पर व्यापक चर्चा की।’’ मोदी और मेलोनी ने भारत और इटली के बीच ‘स्टार्ट-अप ब्रिज’ स्थापित करने की भी घोषणा की। मोदी ने कहा, ‘‘हमने अक्षय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, सूचना और प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया।’’ उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इटली की सक्रिय भागीदारी का भी स्वागत किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत खुशी की बात है कि इटली ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने का फैसला किया है। इससे हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने सहयोग को बढ़ाने के लिए ठोस विषयों की पहचान कर सकेंगे।’’ इससे पहले, मेलोनी का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक रूप से स्वागत किया गया, क्योंकि वह राजकीय यात्रा पर यहां पहुंची थीं। मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेलोनी का स्वागत किया, जहां उन्हें तीनों सेनाओं की ओर से ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया।

मेलोनी ने बाद में राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इससे पहले स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने हवाई अड्डे पर इतालवी प्रधानमंत्री की अगवानी की। इटली की प्रधानमंत्री के साथ उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एंटोनियो तजानी तथा एक उच्चस्तरीय कारोबारी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। मेलोनी आज शाम शुरू होने वाले आठवें ‘रायसीना डायलॉग’ में मुख्य अतिथि और प्रमुख वक्ता भी होंगी।

विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा 'भारत'

विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। भारत शुक्रवार को क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा, जिसमें क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समग्र हालात पर चर्चा की जा सकती है। बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वांग की सहभागिता रहेगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘क्वाड के विदेश मंत्रियों की अगली बैठक की मेजबानी भारत तीन मार्च को नयी दिल्ली में करेगा।’’ उसने कहा कि इस बैठक में मंत्रियों के लिए सितंबर 2022 में न्यूयॉर्क में उनकी पिछली बैठक में हुई बातचीत को जारी रखने का अवसर मिलेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘वे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हालिया घटनाक्रम पर और आपसी हित के क्षेत्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे जो एक खुले, स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के उनके दृष्टिकोण पर आधारित होगा।’’

उसने कहा कि विदेश मंत्री अपने रचनात्मक एजेंडे को आगे बढ़ाने और क्षेत्र की समकालीन प्राथमिकताओं पर ध्यान देने के उद्देश्य से की गई पहलों के कार्यान्वयन में क्वाड द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। 

अध्यक्ष सिंह को अदालत से बाहर जाने के लिए कहा

अध्यक्ष सिंह को अदालत से बाहर जाने के लिए कहा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में बृहस्पतिवार को वकीलों के चैंबर के लिए एक जमीन के आवंटन से संबंधित विषय पर प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह के बीच तीखी बहस देखी गई और प्रधान न्यायाधीश ने सिंह को आवाज ऊंची न करने और अदालत से बाहर जाने के लिए कह दिया। एससीबीए के अध्यक्ष ने मामलों के उल्लेख (मेंशनिंग) के दौरान इस विषय को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष रखना चाहा और कहा कि वह पिछले छह महीने से मामले को सूचीबद्ध कराने की मशक्कत में लगे हैं। सिंह ने कहा, ‘‘एससीबीए की याचिका पर अप्पू घर की जमीन उच्चतम न्यायालय को मिली और एससीबीए को बेमन से केवल एक ब्लॉक दिया गया।

पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के कार्यकाल में इस भूमि पर निर्माण शुरू होना था। पिछले छह महीने से हम मामले को सूचीबद्ध कराने की जद्दोजहद में लगे हैं। मुझे एक साधारण वादी की तरह समझा जाए।’’ तब प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप इस तरह जमीन नहीं मांग सकते। आप हमें एक दिन बताइए जब हम पूरे दिन बेकार बैठे हों।’’ इस पर सिंह ने कहा, ‘‘मैंने यह नहीं कहा कि आप पूरे दिन बेकार बैठे हैं। मैं केवल मामले को सूचीबद्ध कराने की कोशिश कर रहा हूं।

अगर ऐसा नहीं किया जाता तो मुझे इस मामले को आपके आवास तक ले जाना होगा। मैं नहीं चाहता कि बार इस तरह का व्यवहार करे।’’ इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नाराज हो गये। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधान न्यायाधीश को धमकी मत दीजिए। क्या इस तरह का बर्ताव होना चाहिए? कृपया बैठ जाइए। इसे इस तरह सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। कृपया मेरी अदालत से जाइए। मैं इस तरह (मामले को) सूचीबद्ध नहीं करुंगा। आप मुझे दबा नहीं सकते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए। अध्यक्ष के रूप में आपको बार का संरक्षक और नेता होना चाहिए। मुझे दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं। आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय को आवंटित जमीन चैंबर के निर्माण के लिए बार को दे देनी चाहिए। हम मामले के आने पर इसे देखेंगे। आप अपने हिसाब से हमें चलाने की कोशिश मत कीजिए।’’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘आप न्यायालय को आवंटित एक जमीन बार को देने के लिए कह रहे हैं। मैंने अपना फैसला सुना दिया है। इसे 17 तारीख (मार्च) को लिया जाएगा और यह मुकदमों की सूची में पहले नंबर पर नहीं होगा।’’ एससीबीए अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर आप इसे खारिज करना चाहते हैं तो कृपया कर दीजिए, लेकिन ऐसा मत कीजिए कि इसे सूचीबद्ध ही न किया जाए।’’ वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी बात जारी रखी और कहा कि बार ने हमेशा अदालत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कभी इस तरह का व्यवहार नहीं चाहता, लेकिन मैं इस मामले में ऐसा करने को बाध्य हूं।’’ न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने तक सिंह से कहा, ‘‘मैं प्रधान न्यायाधीश हूं। मैं 29 मार्च, 2000 से यहां हूं। मैं 22 साल से इस पेशे में हूं। मैंने कभी खुद पर बार के किसी सदस्य, वादी या अन्य किसी द्वारा दबाव नहीं बनाने दिया है।

मैं अपने कॅरियर के आखिरी दो साल में भी ऐसा नहीं करुंगा।’’ हालांकि, सिंह ने अपना पक्ष रखना जारी रखा। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई अक्खड़पन नहीं है। अगर एससीबीए इस अदालत के साथ सहयोग कर रहा है तो इसका यह मतलब नहीं कि उसे हल्के में लिया जाना चाहिए। मुझे पुरजोर तरीके से ऐसा लगता है। मैं इस बात को बहुत स्पष्ट करना चाहता हूं।’’ प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘अपना एजेंडा अदालत कक्ष के बाहर सुलझाइए।’’

इसके बाद उन्होंने अगले मामले को पेश करने को कहा। जब मामलों का उल्लेख समाप्त हुआ तो शिवसेना के एक मामले के लिए न्यायालय में उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बार की तरफ से अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘आज सुबह जो हुआ, उसके लिए मुझे खेद है। मैं माफी मांगता हूं। एक लक्ष्मण रेखा है, जिसे हममें से किसी को पार नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं लगता कि बार को मर्यादा की सीमाओं को पार करना चाहिए।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इस तरह के बर्ताव की कोई जरूरत नहीं है। हम यहां पूरे दिन बैठते हैं और हर दिन 70-80 मामलों को लेते हैं। इन सब मामलों के लिए मैं अपने स्टाफ के साथ शाम को बैठता हूं और उन्हें तारीख देता हूं।’’ वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने भी अफसोस जताते हुए कहा, ‘‘जो कुछ हुआ, उससे हम सभी समान रूप से दुखी हैं।’’

भारत की आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचीं 'पीएम'

भारत की आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली पहुंचीं 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/रोम। इटली की प्रधानमंत्री ज्यॉर्जिया मेलोनी का बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया। मेलोनी रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बृहस्पतिवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं। यह पिछले पांच वर्षों में किसी यूरोपीय देश के शीर्ष नेता का पहला भारत दौरा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मेलोनी का स्वागत किया, जहां उन्हें तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। मोदी और मेलोनी के बीच बृहस्पतिवार दोपहर विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत का कार्यक्रम है।

विदेश मंत्रालय ने मोलोनी की यात्रा से पहले एक बयान जारी कर कहा, “दोनों पक्ष नवंबर 2020 में हुए शिखर सम्मेलन के प्रमुख निष्कर्षों की प्रगति का जायजा लेंगे, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करेंगे, घनिष्ठ आर्थिक संबंधों की स्थापना की दिशा में काम करेंगे, प्रतिभाओं के लिए अवसर बढ़ाने के उपायों पर विचार करेंगे और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में जारी सहयोग को रणनीतिक मार्गदर्शन देंगे।”

दिल्ली हवाई अड्डे पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने मेलोनी की अगवानी की। मेलोनी के साथ इटली के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री अंतोनियो ताजानी और एक उच्चस्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। मेलोनी बृहस्पतिवार की शाम से शुरू हो रहे आठवें रायसीना संवाद में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल होंगी।

वह विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगी। भारत और इटली इस वर्ष दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारत और इटली के बीच बहुआयामी द्विपक्षीय संबंध साझा सांस्कृतिक मूल्यों, आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता, हरित ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और रक्षा क्षेत्र में सहयोग तथा क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर साझा रुख पर आधारित हैं। बयान में कहा गया है कि दोनों देश विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर भी करीबी सहयोग कर रहे हैं। इटली के विदेश मंत्री अंतोनियो ताजानी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बृहस्पतिवार को एक वाणिज्यिक गोलमेज बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।

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