बुधवार, 1 मार्च 2023

‘नए भारत’ में पीएम को नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं

‘नए भारत’ में पीएम को नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ (सीपीआर) का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि इस ‘नए भारत’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनकी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि लोग उनकी सिर्फ वाह-वाह करें।

रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘एक प्रमुख शोध संगठन जो मई, 2014 के बाद सत्ता प्रतिष्ठान के करीबी था, उसे अब स्वतंत्र सोच के चलते प्रताड़ित किया जा रहा है। मोदी जी सिर्फ वाह-वाह करने वालों को ही चाहते हैं और अपनी नीतियों पर सवाल बर्दाश्त नहीं करेंगे, चाहे वो कितना पेशवर हो। यह ‘नया भारत’ है।’’ उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने कानूनों के उल्लंघन पर प्रमुख थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च’ का एफसीआरए लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पिछले साल सितंबर में आयकर विभाग के सर्वेक्षण अभियान के बाद सीपीआर और ऑक्सफैम इंडिया जांच के घेरे में थे।

अधिकारियों ने बताया कि सीपीआर का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस कानूनों के उल्लंघन के कारण निलंबित कर दिया गया है। ऑक्सफैम का एफसीआरए लाइसेंस पिछले साल जनवरी में निलंबित कर दिया गया था, जिसके बाद गैर सरकारी संगठन ने गृह मंत्रालय में एक पुनर्विचार याचिका दायर की थी।

मानसिक विकारों से पीड़ित हैं 4.6 करोड़ 'भारतीय'

मानसिक विकारों से पीड़ित हैं 4.6 करोड़ 'भारतीय'

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम। देश में 4.6 करोड़ लोग मानसिक विकारों से पीड़ित हैं और अन्य राज्यों की तुलना में दक्षिणी राज्यों में इसका प्रसार 1.9 गुना अधिक है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सलाहकार डॉ. नरेश पुरोहित ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अवसाद और चिंता का देश में इस बीमारी के होने में सबसे अधिक योगदान हैं लेकिन इसे आसानी ने पहचाना नहीं जा सकता है।

केरल में मानसिक विकारों में वृद्धि पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए त्रिशूर स्थित केरल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. पुरोहित ने यहां यूनीवार्ता को बताया कि इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, केरल में 35 से 45 आयु वर्ग के लोग जिन मानसिक विकारों से पीड़ित होते हैं, उनमें अवसाद और चिंता शीर्ष पर हैं।

उन्होंने कहा, “ देश में अवसाद के मामलों का योगदान 33.8 प्रतिशत है, जबकि चिंता के मामले 19 प्रतिशत हैं। स्किज़ोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, इडियोपैथिक डेवलपमेंटल इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी, कंडक्ट डिसऑर्डर और ऑटिज्म देश में अन्य आम समस्याएं हैं।” एसोसिएशन ऑफ स्टडीज फॉर मेंटल केयर के प्रधान अन्वेषक, डॉ. पुरोहित ने कहा कि मानसिक विकारों के मामले में महिलाओं और पुरुषों का अनुपात 2:1 है। यह हार्मोनल असंतुलन, पारिवारिक तनाव, काम, घर और परिवार में संतुलन और खुद को अभिव्यक्त करने में असमर्थता के कारण होता है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा, “ डब्ल्यूएचओ के अनुमान के अनुसार मानसिक विकारों का बोझ 1990 से 2021 तक दोगुना हो गया है और 19.83 करोड़ लोग विभिन्न मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं।

इसका मतलब है कि देश में हर सात में से एक व्यक्ति मानसिक विकार से पीड़ित है और उसे मदद की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि अवसाद की बढ़ती घटनाओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि यह परिवार और समुदाय में विभिन्न मुद्दों को जन्म देता है। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य स्वास्थ्य के साथ एकीकृत करने की मांग की जा रही है ताकि इससे जुड़े कलंक को दूर किया जा सके और लोगों तक इसकी पहुंच को आसान बनाया जा सके।”

उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित लोगों से निपटने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी है। प्रति एक लाख आबादी पर महज 0.3 मनोचिकित्सक हैं। इसके अलावा इन विकारों के इलाज के लिए बीमा के मामले में जागरूकता की कमी और बेहद खराब कवरेज भी है। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का इलाज लंबा चलता है और इसमें डॉक्टर के पास लगातार जाना, दवाएं लेना और समय-समय पर दवा में बदलाव करना शामिल है। व्यक्ति की मदद करने के लिए परिवार का एक सदस्य होना चाहिए और यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना

सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना

अकांशु उपाध्याय/श्रीराम मौर्य 

नई दिल्ली/शिमला। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की ‘साफ-सुथरी छवि’ के लिए सराहना की। लेकिन साथ ही कहा, कि संभव है कि उन्होंने पार्टी और चुनाव के लिए ‘‘पैसा इकट्ठा’’ करने के वास्ते यह सब किया हो। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2021-22 के लिए शराब नीति बनाने और उसे लागू करने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिसोदिया को रविवार की शाम गिरफ्तार किया था। यह नीति अब रद्द की जा चुकी है। अपनी टिप्पणी से पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाले शांता कुमार ने कहा कि ‘आप’ ने केंद्र सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में भाजपा को हराकर सरकार बनाई थी।

उन्होंने कहा कि ‘आप’ सरकार ने पांच साल तक काम किया और फिर सत्ता में वापसी की, जो एक "बड़ी उपलब्धि" है। फेसबुक पर पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार भाजपा नेता ने कहा कि सिसोदिया ने एक साफ-सुथरी छवि वाले उपमुख्यमंत्री के रूप में ख्याति अर्जित की, जिसने ‘‘सराहनीय काम’’ किया और वह अब जेल में हैं। शांता कुमार ने कहा कि दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप होते रहे हैं।उन्होंने कहा कि इसकी कल्पना करना कठिन है कि बिना किसी अपराध के ही सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को जेल में डाला होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि ‘‘सिसोदिया व्यक्तिगत तौर पर एक ईमानदार व्यक्ति हैं, लेकिन हो सकता है कि उन्होंने पार्टी और चुनाव के लिए पैसा इकट्ठा करने के वास्ते यह सब किया हो।’’ कुमार ने कहा, ‘‘मेरे विचार से यही सच है और यदि यह सच है तो देश को बड़ी गंभीरता से कुछ नये निर्णय करने होंगे।’’

उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक पार्टियां बड़े-बड़े व्यापारियों से धन लेती है और सत्ता हासिल करने पर सरकार की मदद से भ्रष्टाचार द्वारा इस पैसे की भरपाई करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के बाद विजयी उम्मीदवार निर्वाचन आयोग के पास चुनाव मे खर्च होने का झूठा हिसाब पेश करते है। उन्होंने कहा, ‘‘जिस देश का लोकतंत्र काले धन और झूठ से शुरू होता है उस देश में सब अच्छा कैसे हो सकता है।’’

12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हुआ 'जीएसटी'

12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हुआ 'जीएसटी'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह फरवरी में घरेलू आर्थिक गतिविधियों और उपभोक्ता खर्च में वृद्धि के बल पर 12 प्रतिशत बढ़कर 1.49 लाख करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, जनवरी की तुलना में फरवरी में जीएसटी राजस्व में गिरावट आई है। जनवरी, 2023 में 1.57 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था, जो अबतक का दूसरा सर्वोच्च स्तर है। अप्रैल, 2022 में एकत्रित 1.68 लाख करोड़ रुपये जीएसटी का सर्वोच्च स्तर है। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को फरवरी, 2023 के जीएसटी संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में 28 दिन ही होने से अमूमन जीएसटी संग्रह अन्य महीनों की तुलना में कम होता है।

हालांकि, इस महीने में उपकर के तौर पर 11,931 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ जो जीएसटी लागू होने के बाद का सर्वाधिक स्तर है। मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘फरवरी, 2023 में कुल जीएसटी संग्रह 1,49,577 करोड़ रुपये रहा है। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 27,662 करोड़ रुपये है जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 34,915 करोड़ रुपये है। वहीं, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के मद में 75,069 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं। इसके अलावा 11,931 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है।’’ एक साल पहले के समान महीने में जीएसटी संग्रह 1.33 लाख करोड़ रुपये रहा था। इस तरह फरवरी, 2023 में जीएसटी कर संग्रह सालाना आधार पर 12 प्रतिशत बढ़ा है। यह लगातार 12वां महीना है जब जीएसटी का मासिक राजस्व 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

केपीएमजी के भारत में साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि घरेलू बाजार के भीतर बढ़ती आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। उन्होंने इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत भी बताया। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि इस महीने में वस्तुओं के आयात से मिलने वाले राजस्व के बजाय घरेलू कारोबार से मिलने वाले कर में वृद्धि हुई है। उन्होने उम्मीद जताई कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सीजीएसटी संग्रह लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। एन ए शाह एसोसिएट्स के पराग मेहता ने कहा कि उपभोक्ताओं की तरफ से महंगे उत्पादों पर व्यय बढ़ा है जिसका नतीजा कर संग्रह वृद्धि के रूप में सामने आया है।

‘लोकतंत्र के मंदिर’ में जनांदोलन चलाने का आह्वान

‘लोकतंत्र के मंदिर’ में जनांदोलन चलाने का आह्वान

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरू। संसदीय व्यवधान पर ‘पीड़ा’ व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को लोगों खासकर युवाओं से ‘लोकतंत्र के मंदिर’ में ऐसे आचरण के विरूद्ध माहौल एवं जनमत तैयार करने के लिए जनांदोलन चलाने का आह्वान किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी अपील गैर दलीय है तथा उसका राजनीति में संबंधित पक्षों से नहीं, बल्कि राष्ट्र के कल्याण से संबंध है। धनखड़ ने कहा, ‘‘ मैं अपनी पीड़ा भी आपके सामने रखना चाहता हूं। डॉ. आंबेडकर की हमारे संविधान का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका थी , संविधान सभा में तीन सालों तक उस पर बहस हुई, चर्चा-परिचर्चा एवं संवाद हुआ। उनके सामने एक मुश्किल भरा काम था , कई विवादास्पद मुद्दे थे, भिन्न-भिन्न राय थी, साझी राय पर पहुंचा मुश्किल था।’’

उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इन सब बातों के बावजूद संविधान सभा में एक भी व्यवधान नहीं हुआ, कोई आसन के सामने नहीं आया, किसी ने नारेबाजी नहीं की, किसी ने तख्तियां नहीं दिखायीं। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘जिन्होंने हमें संविधान दिया, उनके द्वारा देशहित में जब इतना बड़ा काम किया जा सकता तो फिर, इस बात में क्या कठिनाई है कि हम उन जैसा आचरण नहीं कर पाते हैं। हमें ऐसा करना चाहिए।’’ वह मशहूर शिक्षाविद, परोपकारी, अवसंरचना के दूरदृष्टा, उद्योगपति डॉ. एम एस रमैया के जन्मशती समारोह को संबोधित कर रहे थे। रमैया का देश खासकर कर्नाटक में कई ऐतिहासिक अवसरंचना परियोजनाओं में उल्लेखनीय योगदान रहा है। धनखड़ ने कहा कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर वह जो कुछ देखते हैं, वह सभी के लिए चिंता का विषय है क्योंकि राज्य सभा के सत्र के हर मिनट पर करोड़ों रुपये का सरकारी धन व्यय होता है।

उन्होंने कहा , ‘‘ राज्यसभा सरकार, कार्यपालिका को जवाबदेह ठहराने का मंच है लेकिन वहां व्यवधान होता है, सबसे अधिक चिंता की जो बात है, वह यह है कि आपको उसकी कोई परवाह नहीं है।’’ जनांदोलन को जरूरी बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ राज्यसभा और संसद में हम यह सुनिश्चित करते हैं कि देश का भविष्य सही मार्ग पर हो, इसके लिए हमें अपने आचरण से ऐसी मिसाल कायम करनी होगी जिसे सभी अपने व्यवहार में उतार सके। हम नहीं चाहते हैं, हमारे लड़के-लड़कियां व्यवधान का नकल करें, शोर-शराबे को एवं तख्तियां दिखाने को सही ठहरायें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, आपसे मेरी अपील है कि माहौल एवं जनमत तैयार कीजिए, उपलब्ध हर साधन का इस्तेमाल कीजिए, ताकि हम अपने सांसदों से मनुहार कर सकें कि लोकतंत्र के मंदिर में हमारा आचरण हमें गौरवान्वित करे, जो देश के विकास के लिए जरूरी है।’’

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-140, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, मार्च 2, 2023

3. शक-1944, फाल्गुन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 16 डी.सै., अधिकतम- 28+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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