गुरुवार, 23 फ़रवरी 2023

सीएम ने 69वें तुलसी महायज्ञ में प्रतिभाग किया 

सीएम ने 69वें तुलसी महायज्ञ में प्रतिभाग किया 

पंकज कपूर 

देहरादून/रूद्रपुर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुलसी धाम पहुंचकर 69वें श्री तुलसी महायज्ञ में प्रतिभाग किया और पूजा-अर्चना कर राज्य व देश की खुशहाली, सुख-समृद्धि, शान्ति के साथ ही राज्य को दैवीय आपदाओं से बचाव की कामना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री धामी ने विभिन्न क्षेत्रों से आये हुए सन्तो से आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में गुरु महाराज तथा सन्तों ने चारों धामों का कायाकल्प करने, धर्मान्तरण कानून लाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पगड़ी पहनाकर व पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने बालिका तान्या मिडडा के जज बनने पर सम्मानित किया। 

मुख्यमंत्री ने तुलसी धाम मार्ग का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मन्दिर में जिलाधिकारी द्वारा सीएसआर आदि मद से हॉल निर्माण कराया जायेगा। मुख्यमंत्री ने एनएच-74 से ग्राम मलसा होते हुए धाम आने वाले मार्ग को तुलसी धाम के नाम से जाना जायेगा, सांस्कृतिक मेले के लिए सरकार की ओर से हर संभव सहयोग किये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महान सनातन संस्कृति के संरक्षक और संपूर्ण विश्व में सनातन संस्कृति की यश पताका को फहराने वाले सभी अग्रदूतों को दण्डवत नमन किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा परम् सौभाग्य है कि आज मुझे एक साथ आप सभी महानुभावों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है, आप सभी की आभा और ऊर्जा ने मेरे मन मस्तिष्क को और भी अधिक जागृत करने का कार्य किया है। श्री धामी ने कहा कि तुलसी दास जी के शब्द आज भी उतने ही सार्थक हैं, जितने तब थे।

उन्होंने कहा कि आज भी आपका धन, वैभव, संपदा ये सब अर्थहीन हैं, यदि आप संतों, गुरुजनों की वाणी को नहीं सुनते, उनके विचारों का अनुसरण नहीं करते। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं को सौभाग्यशाली समझता हूं कि संपूर्ण विश्व को ज्ञान, दर्शन, आध्यात्म और संस्कृति से परिचित कराने वाले आप सभी महानुभावों के समक्ष अपने विचार साझा करने का अवसर प्राप्त हो रहा है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि संत-महंत एक चुंबकीय व्यक्तित्व के स्वामी हैं और जो भी आपसे एक बार मिल लेता है वो हमेशा के लिए आपका प्रशंसक बन जाता है। उन्होंने कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि आपके द्वारा दुनिया को दी जा रही शिक्षा और संस्कार ही कल के नए और सशक्त भारत का आधार बनेंगे। उन्होंने कहा कि सन्तों, गुरूओं द्वारा युवाओं को दिए जाने वाली शिक्षा और संस्कार ही नए भारत का आधार भी बनेंगे। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि ज्ञान से पवित्र और कुछ भी नहीं है, मैं, आशा करता हूं कि आपका ज्ञान सदैव हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा और हमें राष्ट्र निर्माण के पथ पर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगा। जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि देवभूमि उत्तराखण्ड ने वर्षों से संपूर्ण दुनिया को सत्य, आध्यात्म और शांति का मार्ग दिखाने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि विश्व को आध्यात्म का उपदेश देने वाले महान ऋषियों की हमारी भूमि के आप जैसे पूज्य संतों ने ही हमेशा अति-भौतिकतावाद के दर्द से कराहते विश्व के आंसू पोछने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि सभी के शुभाशीष का ही परिणाम है कि आज हमारी सरकार आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के महान नेतृत्व में नव भारत और नव-उत्तराखण्ड निर्माण की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी महान सनातन संस्कृति की पताका संपूर्ण विश्व में लहरा रही है और दुनिया भर के देश हमारी प्राचीन संस्कृति और दर्शन से परिचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी का यह कर्तव्य है कि हम अपने धर्म मार्ग से कभी विचलित ना हों और अपनी सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सदैव प्रयत्नशील रहें। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में केदारखंड के मंदिरों को विकसित करने के साथ ही मानसखंड कॉरिडोर को भी विकसित करने कि दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसके अंतर्गत कुमांऊ के गोलज्यू मंदिर, पाताल भुवनेश्वर, कोट भ्रामरी, देवीधुरा, कैंचीधाम, बाल सुंदरी, मां पुण्यगिरी समेत अनेक धार्मिक स्थलों को चिन्हित किया गया है।

श्री धामी ने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि मानसखंड कॉरिडोर पर आधारित हमारी झांकी को गणतंत्र दिवस की परेड में प्रथम पुरुस्कार मिला। श्री धामी ने कहा कि सभी को विश्वास दिलाता हूं कि हमारी सरकार देवभूमि उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने विकल्प रहित संकल्प को पूर्ण करने हेतु दिन रात काम करती रहेगी तथा आपका यह मुख्य सेवक जब तक देवभूमि को सच्चे अर्थों में देवभूमि नहीं बना लेगा तब तक चौन से नहीं बैठेगा, आराम से नहीं बैठेगा।उन्होंने कहा कि इस पावन संकल्प को पूरा करने में सभी महानुभावों का आशीर्वाद इसी प्रकार मिलता रहेगा। इस दौरान विधायक शिव अरोरा, मेयर रामपाल सिंह, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह, एसडीएम प्रत्यूष सिंह, कौश्तुभ मिश्रा, सहित भाजपा प्रदेश मंत्री विकास शर्मा, भारत भूषण चुघ, सुरेश कोली, अमित नारंग आदि उपस्थित थे।

काशीपुर: भारी मात्रा में गांजे के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार 

काशीपुर: भारी मात्रा में गांजे के साथ 3 तस्कर गिरफ्तार 

संदीप मिश्र 

काशीपुर। एसएसपी द्वारा जनपद में चलाए जा रहे हैं। नशे के विरुद्ध (अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक काशीपुर व पुलिस उपाधीक्षक) के दिशा निर्देशन में एसओजी काशीपुर टीम द्वारा भारी मात्रा में गांजे के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया। बृहस्पतिवार तड़के लगभग साढ़े तीन बजे एसओजी टीम ने भ्रमण के दौरान स्टेशन रोड स्थित पंत पार्क पर तीन युवकों के संदिग्ध रूप से मिलने पर जब उनके सामान की चेकिंग की तो उनके कब्जे से 67.280 किग्रा अवैध गाजा बरामद हुआ, जिसे वह बैगों में भरकर बाइक से ले जा रहे थे।

एसओजी ने उनकी बाइक को जप्त कर लिया। गिरफ्तार युवकों ने अपनी पहचान सरफराज पुत्र अयूब निवासी आवास विकास काशीपुर, विशाल कुमार पुत्र सीताराम निवासी जसपुर तथा मोहम्मद आसिफ पुत्र शकील अहमद निवासी लक्ष्मीपुर पट्टी काशीपुर के रूप में कराई। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह बरामद गांजा ग्राम बैजरौ पौड़ी गढ़वाल निवासी सुरेंद्र नेगी, अर्जुन नेगी व भरत नेगी से लेकर आए हैं।

अभियुक्त गणों के बरामद मोबाइलों में पैसों के ट्रांजैक्शन व कुछ फोटो तथा वीडियो भी मौजूद पाए गए जो इनके द्वारा गांजे को बताए गए अभियुक्त गण से लेकर आना तस्दीक करते हैं। पकड़े गये युवकों ने बताया कि अभियुक्त भरत नेगी बैजरौ पौड़ी गढ़वाल में पीडब्ल्यूडी में अपनी गाड़ी लगा कर चालक का काम करता है। गिरफ्तार युवकों के विरु( कोतवाली में धारा 8,20, 29, 60 एनडीपीएस एक्ट का अभियोग पंजीकृत करवाया गया है।

पलानीस्वामी को महासचिव बने रहने की अनुमति 

पलानीस्वामी को महासचिव बने रहने की अनुमति 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/चेन्नई। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को मद्रास उच्च न्यायालय का वह आदेश बरकरार रखा, जिसमें के. पलानीस्वामी को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बने रहने की अनुमति दी गई थी। अब वह पार्टी के इकलौते सर्वोच्च नेता होंगे। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने 12 जनवरी को मामले पर आदेश सुरक्षित रखा था। पीठ ने ओ. पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के दो सितंबर 2022 के आदेश को बरकरार रखा है और अपने पहले के अंतरिम आदेश को स्थायी कर दिया है।’’ इसने कहा, ‘‘हमने पार्टी के समक्ष प्रस्तावों के मामलों पर सुनवाई नहीं की जिस पर एकल पीठ सुनवाई कर रही है। हम उक्त प्रस्तावों को कानून के अनुसार निपटाए जाने के लिए छोड़ते हैं।’’ यह फैसला अन्नाद्रमुक की 11 जनवरी 2022 को आम परिषद की बैठक के दौरान पार्टी के उपनियमों में किए गए संशोधन से जुड़ी याचिकाओं पर आया। इस बैठक में पलानीस्वामी को नेता चुना गया था जबकि उनके विरोधी ओ. पनीरसेल्वम तथा उनके कुछ सहयोगियों को निष्कासित कर दिया गया था। उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद चेन्नई में अन्नाद्रमुक के मुख्यालय में जश्न शुरू हो गया।

उच्चतम न्यायालय के आदेश से खुश पलानीस्वामी ने कहा कि इस फैसले ने ‘‘विश्वासघात’’ करने वालों और ‘‘द्रमुक की बी-टीम’’ का पर्दाफाश कर दिया जो उनकी पार्टी को खत्म करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला दिवंगत मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और जे. जयललिता जैसे पार्टी के दिग्गजों की ‘दिव्यता’ का परिणाम है।

मद्रास उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने दो सितंबर को पलानीस्वामी की अपील को मंजूर करते हुए एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें अन्नाद्रमुक की 11 जुलाई की आम परिषद की बैठक को अमान्य घोषित किया गया था। जयललिता के वफादार रहे पनीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। जयललिता जब भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद थीं, तो पनीरसेल्वम उनकी जगह मुख्यमंत्री रहे थे।

निगरानी समिति का कार्यकाल दो हफ्तों के लिए बढ़ाया

निगरानी समिति का कार्यकाल दो हफ्तों के लिए बढ़ाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ पर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित निगरानी समिति का कार्यकाल दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है। मंत्रालय ने गुरुवार को यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि निगरानी समिति ने अपनी रिपोर्ट जमा करने की आखिरी तिथि बढ़ाने का निवेदन किया था, जिसके बाद यह फैसला लिया गया। इस फैसले के आधार पर यह समिति कुश्ती महासंघ का दैनिक कामकाज भी जारी रखेगी।

गौरतलब है कि विश्व चैंपियनशिप मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित कई सुसज्जित पहलवानों ने जनवरी में कुश्ती महासंघ के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करते हुए अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी देने जैसे संगीन आरोप लगाये थे। खेल मंत्रालय ने इन आरोपों की जांच के लिये 24 जनवरी को एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति का गठन किया और बृजभूषण को जांच पूरी होने तक अध्यक्ष पद से हटने के आदेश दिये गये थे। तत्कालीन सूूचना के अनुसार इस समिति को जांच पूरी करने के लिये एक महीने का समय दिया गया था।

मंत्रालय ने बयान में कहा था, “निगरानी समिति विश्व चैंपियन मैरी कॉम की अध्यक्षता में होगी। उनके साथ, योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य अवार्डी तृप्ति मुर्गुंडे, पूर्व टॉप्स सीईओ राजगोपालन और साई टीम की पूर्व कार्यकार अध्यक्ष राधिका श्रीमान समिति का हिस्सा होंगे।” मंत्रालय ने बाद में इस समिति में राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता बबीता फोगाट को भी शामिल किया। गौरतलब है कि मैरी कॉम और योगेश्वर दत्त को मामले की जांच के लिये भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) द्वारा गठित सात-सदस्यीय समिति का हिस्सा भी हैं।

'ईडी' ने सीएम केजरीवाल के पीए से पूछताछ की

'ईडी' ने सीएम केजरीवाल के पीए से पूछताछ की

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार से बृहस्पतिवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि कुमार ने यहां संघीय जांच एजेंसी के समक्ष बयान दर्ज कराया और जांचकर्ताओं ने धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत उनका बयान दर्ज किया। ऐसा माना जा रहा है कि उनसे अदालत के समक्ष ईडी के उन आरोपों के संबंध में पूछताछ की गयी कि मनीष सिसोदिया और बिभव कुमार समेत कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की ‘रिश्वत’ के सबूत छिपाने के लिए 170 फोन ‘‘नष्ट किए या उनका इस्तेमाल किया’’। 

ईडी ने इस मामले में अभी तक दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं और कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। ईडी ने अदालत में दिए आरोपपत्र में आरोप लगाया कि दिल्ली आबकारी नीति के तहत कथित तौर पर ली गयी 100 करोड़ रुपये की ‘‘रिश्वत’’ का ‘‘इस्तेमाल’’ अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पार्टी के 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान में किया गया। आबकारी नीति 2021-22 पिछले साल अगस्त में रद्द की गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कथित अनियमितताओं की जांच करने के लिए कहा। ईडी के धन शोधन का मामला सीबीआई की प्राथमिकी से निकला है। 

कांग्रेस नेता खेड़ा को एससी द्वारा अंतरिम जमानत 

कांग्रेस नेता खेड़ा को एससी द्वारा अंतरिम जमानत 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर असम ले जाने की मंशा पुलिस की पूरी नहीं हो सकी है। रायपुर जाने वाले विमान से उतारकर गिरफ्तार किए गए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दे दी गई है, जिससे असम पुलिस के अरमानों पर पानी फिर गया है। बृहस्पतिवार को तेजी के साथ चले एक बड़े राजनैतिक ड्रामे के अंतर्गत कांग्रेश के प्रतिनिधिमंडल के साथ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर जाते समय विमान से उतार कर गिरफ्तार किए गए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दे दी गई है। शीर्ष अदालत ने राजधानी दिल्ली की द्वारका कोर्ट से कहा है कि कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी जाए, जहां उन्हें पेश किया जाना है। 

सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए इस फैसले के बाद अब यह पूरी तरह से शामिल हो साफ हो गया है कि पवन खेड़ा को गिरफ्तार करके असम ले जाने की तैयारी कर रही पुलिस अब कांग्रेस नेता को अपने साथ नहीं ले जा सकेगी और वह रिहा हो जाएंगे। इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होनी है, उस समय तक पवन खेड़ा को नियमित जमानत के लिए अदालत में अपना आवेदन करना पड़ेगा। अंतरिम जमानत देने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज तीनों f.i.r. एक ही जगह पर कर दी जाए।

अदालत ने कहा है कि अलग-अलग जगहों पर दर्ज मामलों की सुनवाई करने की जरूरत नहीं है। इससे पहले बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अदानी मुद्दे पर घेरते हुए उन्हें कई मर्तबा नरेंद्र गौतम दास मोदी कहने वाले कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया था। कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी उस समय की गई थी। जब वह कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ इंडिगो की फ्लाइट में सवार होकर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के लिए जा रहे थे।

'ईआरसीपी' के काम पर रोक लगाने का अनुरोध 

'ईआरसीपी' के काम पर रोक लगाने का अनुरोध 

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के काम पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका राजस्थान को अपने हिस्से के पानी से वंचित करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का काम रुकवाकर पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर और अजमेर के हक का पानी रुकवाने की कोशिश की जा रही है। गहलोत ने यहां एक बयान में कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की डीपीआर केन्द्रीय जल आयोग के दिशानिर्देश-2010 के अनुरूप है।

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान-मध्य प्रदेश अंतरराज्यीय स्टेट कंट्रोल बोर्ड की बैठक के निर्णय के अनुसार बनाई गई है। इसी निर्णय को आधार बनाकर मध्य प्रदेश ने अपने यहां कुण्डलिया और मोहनपुरा बांध बनाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धौलपुर में केन्द्रीय जल आयोग के रिवर गेज स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार हर साल चंबल में औसतन 19,000 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी व्यर्थ बहकर समुद्र में जाता है।

उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के लिए केवल 3500 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की आवश्यकता है। राजस्थान सरकार ईआरसीपी के माध्यम से इस व्यर्थ बहकर जा रहे पानी से राज्य में पेयजल और सिंचाई जल की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास कर रही है। गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार पूर्वी राजस्थान के हक का पानी रोकने का अनुचित प्रयास कर रही हैं।

पानी राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। ईआरसीपी को लागू करने में कानूनी बाधाएं उत्पन्न करना राज्य के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार राज्य के लोगों के बेहतर भविष्य हेतु पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर मंच पर ईआरसीपी के पक्ष में अपनी बात दृढ़ता से रखेगी और अपने हक की लड़ाई जीतकर पूर्वी राजस्थान में जल संकट को दूर करने का काम करेगी।

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...