विधान परिषद की सदस्यता से कुशवाहा का इस्तीफा
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विधान परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। जदयू छोड़कर अपनी नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) बनाने वाले कुशवाहा ने शुक्रवार को बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर से मुलाकात की और उन्हें परिषद की सदस्यता से इस्तीफे का पत्र सौंप दिया।
बाद में उन्होंने कहा कि जिस दिन उन्होंने जदयू छाेड़ा और अपनी नई पार्टी बनाई थी उस दिन परिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा देने की घोषणा की थी लेकिन परिषद के सभापति उस दिन पटना में नहीं थे इसलिए इसकी औपचारिकता आज पूरी की गई। श्री कुशवाहा ने कहा, "सभी जानते हैं कि मैं किसी का एहसान लेकर राजनीति नहीं करता। मैं जमीर बेचकर अमीर बनने वालों में से नहीं हूं।
अब यह कुर्सी लोगों की सेवा के लिए नहीं रह गई थी इसलिए अब सदन की कुर्सी छोड़कर सड़क पर आ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि राजनीतिक व्यक्तिगत सुख सुविधाओं के लिए नहीं बल्कि दबे कुचले लोगों को न्याय दिलाने के लिए होती है। गौरतलब है कि श्री कुशवाहा का बिहार विधान परिषद का कार्यकाल मार्च 2027 तक था। उन्होंने 20 फरवरी को जदयू से भी इस्तीफा दे दिया था।