'वाम-कांग्रेस गठबंधन को लेकर बेचैन' हुए पीएम
इकबाल अंसारी
अगरतला/संतिरबाजार। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा नेता माणिक सरकार ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुनावी राज्य में “वाम-कांग्रेस गठबंधन को लेकर बेचैन” हो गए हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के “संविधान का पालन नहीं करने” और त्रिपुरा में “लोकतंत्र की हत्या” करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दो प्रतिद्वंद्वियों - वाम और कांग्रेस- ने राज्य में ‘फासीवादी’ शासन को समाप्त करने के लिए हाथ मिलाया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने 11 फरवरी को एक चुनावी रैली के दौरान त्रिपुरा में कांग्रेस-माकपा गठबंधन पर जमकर निशाना साधा था और कहा कि दोनों दलों ने केरल में सामान्य ‘कुश्ती’ के बजाय पूर्वोत्तर राज्य में ‘दोस्ती’ करना चुना, जो अजीब है। दक्षिण त्रिपुरा के संतिरबाजार में एक चुनावी रैली में सरकार ने कहा, “आपने कहा कि दो दल, जो एक राज्य (केरल) में आपस में लड़ रहे हैं, यहां मित्र बन गए हैं।
यह सच है कि केरल में माकपा के नेतृत्व वाला मोर्चा सरकार चला रहा है जहां कांग्रेस विपक्ष में है। लेकिन वहां लोकतंत्र जीवंत है, जो त्रिपुरा में नदारद है। भाजपा यहां संविधान का पालन नहीं कर रही है और फासीवादी शासन चल रहा है।” माकपा के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि प्रधानमंत्री वाम-कांग्रेस गठबंधन को लेकर बेचैन हो गए हैं...। पूर्वोत्तर राज्य में लोकतंत्र की हत्या कर दी गई है और भाजपा पिछले पांच वर्षों के अपने शासन के दौरान यहां संविधान का पालन नहीं कर रही है।” राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिये 16 फरवरी को चुनाव होना है।