शनिवार, 11 फ़रवरी 2023

चने के साथ गुड़ खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

चने के साथ गुड़ खाना बेहद फायदेमंद, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

चने के साथ गुड़ को आपने कई बार अपने बड़े-बुजुर्गों को खाते देखा होगा। चना-गुड़ साथ खाना न सिर्फ स्वाद के लिहाज से काफी बढ़िया होता है। बल्कि इसमें हेल्दी रहने की कुंजी भी छिपी हुई है। आप भले ही ये बात सुनकर चौंक जाएं, लेकिन हम आपको बता दें कि गुड़ और रोस्टेड चना प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट्स का पावर हाउस भी कहा जाता है। शरीर के लिए चना-गुड़ खाना बेहद फायदेमंद होता है। शरीर का पाचन सुधारने के साथ ही गुड़ और चना बॉडी को एनर्जी से भर देता है। गुड़-चना खाने के बाद थकान गायब हो जाती है।

गुड़-चना साथ खाने से हमारी इम्यूनिटी भी बूस्ट होने लगती है। ऐसे में इन दो चीजों का नियमित सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक गुड़-चना खाना से शरीर में ब्लड की कमी भी दूर होती है। आइए जानते हैं इन्हें साथ खाने के बड़े फायदे...

1. इम्यूनिटी बूस्टर – गुड़ और चना साथ खाने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। इसमें काफी प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट होता है, जो कि इम्यूनिटी बढ़ाता है। साथ ही दांतों को कमजोर होने से बचाता है। गुड़ और चना दोनों में ही काफी जिंक भी पाया जाता है, ऐसे में इसका नियमित सेवन स्किन हेल्थ को भी सुधारने में मदद करता है। इसके साथ ही चेहरे पर ग्लो लाता है।

2. रेस्पिरेटरी डिजीज – भुना चना श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों में भी काफी फायदा पहुंचाता है। अगर रात में सोने से पहले रोस्टेड चना खाया जाए और ऊपर से गुनगुना दूध पी लिया जाए, तो ये काफी फायदा पहुंचाता है। इसके अलावा गुड़ चना साथ खाने से फैट को घटाने में भी मदद मिलती है।

3. ब्लड – आप अगर शरीर में खून की कमी की परेशानी से जूझ रहे हैं, तो गुड़ और चने का सेवन आपके लिए काफी लाभकारी हो सकता है। बता दें कि गुड़ में काफी मात्रा में आयरन मौजूद होता है, वहीं चने में काफी प्रोटीन होता है। ऐसे में इन दोनों चीजों को साथ में खाने से शरीर में खून की कमी दूर होकर मसल्स भी काफी मजबूत होती हैं‌।

4. एनर्जी लेवल – गुड़ और चना को देसी स्नैक्स के तौर पर सदियों से प्रयोग किया जाता रहा है। गुड़ और चना खाने से शरीर की एनर्जी तेजी से बढ़ती है। आप अगर कमजोरी, थकान महसूस करते हैं, तो अपनी डाइट में गुड़ चना शामिल कर सकते हैं। गुड़-चना एनर्जी लेवल को बूस्ट करने के साथ ही शरीर को काफी ताकत देता है।

5. डाइजेशन – गुड़ और चना साथ खाने से पाचन तंत्र में भी सुधार होने लगता है। अक्सर लोग खाने के बाद गुड़ खाना पसंद करते हैं। क्योंकि, गुड़ की तासीर गर्म होने के साथ ही वो पाचन की रफ्तार को बढ़ा देता है। ऐसे में गुड़ और चना खाकर डाइजेशन को इंफ्रूव किया जा सकता है।

मोदी सरकार पर अडाणी को बचाने का आरोप: खरगे

मोदी सरकार पर अडाणी को बचाने का आरोप: खरगे

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/रांची। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आज केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। श्री खरगे ने शनिवार को झारखंड के पाकुड़ में एक सभा को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर अडाणी को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की कुल संपत्ति वर्ष 2019 में 1 लाख करोड़ रुपये थी। महज ढाई साल में उसकी संपत्ति बढ़कर 13 लाख करोड़ रुपये हो गयी। ये कैसे हुआ ? श्री खरगे ने आरोप लगाया कि देश की सारी संपत्तियां एक व्यक्ति के हाथों में सौंप दी गई है। लेकिन, हमने इस मुद्दे को संसद में उठाया।

सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए था, लेकिन सरकार ने जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि हमारे सवाल का जवाब देने की बजाय, सरकार ने इसे असंसदीय करार दे दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष झारखंड में कांग्रेस के ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की शुरुआत की। हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान की शुरुआत पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के गुमानी स्थित श्रीकुंड हाई स्कूल मैदान से हुई। यह इलाका साहिबगंज जिला में पड़ता है। उल्लेखनीय है कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालने के बाद मल्लिकार्जुन खरगे का यह पहला झारखंड दौरा है और इसको लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

बेरोजगारों के आगे झुकी सरकार, धरना खत्म

बेरोजगारों के आगे झुकी सरकार, धरना खत्म

पंकज कपूर 

देहरादून। प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली बरते जाने के आरोपों को लेकर आंदोलन कर रहे बेरोजगार युवक-युवतियों पर लाठीचार्ज करते हुए उनकी गिरफ्तारी कर जेल भेजने वाली सरकार आखिरकार बेरोजगारों के आगे झुक ही गई है। सरकार के आश्वासन पर बेरोजगार युवकों ने अपना धरना खत्म कर दिया है। राज्य में हुए पटवारी पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाएगी। 

शनिवार को बेरोजगार संघ के बैनर तले उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेरोजगार युवक एवं युवतियों द्वारा दिया जा रहा धरना सरकार के आश्वासन पर समाप्त कर दिया गया है। सरकार की ओर से जिलाधिकारी ने युवाओं से कहा है कि सरकार ने उनकी कुछ मांगों पर हामी भर दी है। शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार समेत सभी 13 युवाओं को जमानत पर छोड़ दिया जाएगा। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर परीक्षाओं की जांच की जाएगी। जिसके बाद कुछ युवाओं ने धरना स्थगित कर दिया।

जबकि 20-25 युवा धरने पर बैठे रहे। जिन युवक एवं युवतियों ने धरना स्थगित किया है। उनके लिए जिला प्रशासन द्वारा आईएसबीटी तक बस की व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि बीते दिन प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली बरते जाने के आरोपों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज करते हुए बेरोजगार संघ के अध्यक्ष समेत दर्जनभर युवक-युवतियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं 'हज' आवेदन 

सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं 'हज' आवेदन 

हज 2023 से आवेदन शुरू 


अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/रियाद। अल्हम्दुलिल्लाह हज 2023 के आवेदन शुरू हो चुके हैं। हज आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही भरे जा सकते हैं। आवेदन की आखिरी तारीख 10 मार्च 2023 है। हज 2023 पर जाने का इरादा रखने वाले लोग याद रखें, कि इस बार उनको फार्म भरने एवं हज के पैसे जमा करने के लिए बहुत ही कम समय मिलेगा। इस लिए अपने सभी कागज़ात तथा पैसे का इंतज़ाम कर के रखें, तथा सभी हाजी लोग निम्नलिखित महत्वपूर्ण दस्तावेज बिल्कुल तैयार रखें...

1- वालिद पासपोर्ट ( जिसकी Validity 2024 के 03 फरवरी तक हो)।

2- आधार कार्ड (सभी हाजियों के)।

3- पैन कार्ड (सभी हाजियों के)।

4- सेविंग बैंक खाते की पासबुक या कैंसिल चेक (कवर हैड बनने वाले हाजी की)

5- ब्लड ग्रुप रिपोर्ट 

6- कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट ( कम से कम दो डोज़ या अतिरिक्त तीसरी डोज़)।

7- दो पासपोर्ट साइज फोटो (जिनकी पीछे की बैकग्राउंड सफेद होनी चाहिए)।

8- हाजी का अपना ई. मेल Email Address व मोबाइल नंबर।

9- नोमानी, यानी हाजी के किसी वारिस का आधार कार्ड  व मोबाइल नंबर व ई. मेल।

10- (ऑप्शनल) फीस जमा करने के लिए किसी भी बैंक खाते का डेबिट/क्रेडिट कार्ड।

विवाद: सीएम के सिर नहीं ढकने पर एतराज जताया

विवाद: सीएम के सिर नहीं ढकने पर एतराज जताया

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़/फरीदाबाद। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अब एक नए विवाद में घिर गए हैं। बाबा बंदा सिंह बहादुर मेमोरियल चैरिटीबल अस्पताल की नीव का पत्थर रखे जाने पर हुए समागम के मौके पर अरदास के दौरान मुख्यमंत्री के सिर नहीं ढकने पर विरोधी दलों ने एतराज जताते हुए सीएम से माफी मांगने को कहा है। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का होना बताया जा रहा है।

वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर फरीदाबाद के सेक्टर- 15 में बाबा बंदा सिंह बहादुर मेमोरियल चैरिटेबल अस्पताल का नींव का पत्थर रखे जाने के मौके पर आयोजित समागम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान जब अरदास की जा रही थी तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर बगैर सिर ढके ही इस अरदास में शामिल हुए थे। 

उल्लेखनीय है कि सिख परंपराओं के मुताबिक, अरदास के समय और गुरुद्वारे जाते वक्त सिर ढका होना जरूरी है। अब मुख्यमंत्री के नंगे से अरदास में शामिल होने को लेकर विपक्षी दलों ने उनके ऊपर निशाने साधने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता नील गर्ग एवं अकाली नेता महेश इंदर ग्रेवाल ने इस पर कई तरह के सवाल उठाए हैं। उधर भारतीय जनता पार्टी के नेता रमन मलिक ने इसके लिए माफी मांगी है, हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

देश जितना मोदी व भागवत का है, उतना महमूद का भी 

देश जितना मोदी व भागवत का है, उतना महमूद का भी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। जमीयत उलमा-ए-हिंद के प्रमुख महमूद मदनी ने कहा, देश जितना (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी व (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत का है, उतना महमूद का भी है। न वे आगे हैं और न हम। उन्होंने कहा, यह धरती मुसलमानों का पहला वतन है। इस्लाम को बाहर से आया हुआ मजहब बताना गलत है। इस्लाम सभी धर्मों में सबसे पुराना है। बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद मुसलमानों का 100 साल पुराना संगठन है। जमीयत मुसलमानों का सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करता है। इसके एजेंडे में मुसलमानों के राजनीति--सामाजिक और धार्मिक मुद्दे रहते हैं। ये संगठन इस्लाम से जुड़ी देवबंदी विचारधारा को मानता है। देवबंद की स्थापना साल 1919 में तत्कालीन इस्लामिक विद्धानों ने की थी। इनमें अब्दुल बारी फिरंगी महली, किफायुतल्लाह देहलवी, मुहम्मद इब्राहिम मीर सियालकोटी और सनाउल्लाह अमृतसरी थे।

दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत उलेमा-ए-हिंद का 34वां सत्र शुरू हो चुका है।  इसकी अध्यक्षता जमीयत चीफ मौलाना महमूद मदनी कर रहे हैं।  मदनी ने इस्लामोफोबिया पर बात करते हुए कहा कि भारत जितना नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत का है, उतना ही महमूद मदनी का भी है। उन्होंने आगे कहा कि ये धरती खुदा के सबसे पहले पैगंबर अब्दुल बशर सईदाला आलम की जमीन है, इसलिए इस्लाम को ये कहना की वह बाहर से आया है, सरासर गलत और बेबुनियाद है। इस्लाम सबसे पुराना मजहब है।

सत्र को संबोधित करते हुए मदनी ने कहा, मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत और उकसावे के मामलों में देश के अंदर अचानक बढ़ोतरी हुई है। दुख की बात यह है कि सरकार को इन घटनाओं के बारे में पता है, लेकिन उन्होंने अपना नजरिया शुतुरमुर्ग के जैसा बना लिया है। उन्होंने मांग की कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ  हिंसा भड़काने वालों को सजा देने के लिए विशेष कानून बनाया जाना चाहिए। हम RSS और उसके सर संघचालक को न्योता देते हैं, आइए आपसी भेदभाद व दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाए और देश को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मुल्क बनाए। हमें सनातन धर्म के फ़रोग़(रोशनी) से कोई शिकायत नहीं है। आपको भी इस्लाम के फ़रोग़ से कोई शिकायत नहीं होनी चाहिए।

जमीयत के सत्र में कहा गया कि संस्था सरकार का ध्यान इस बात की ओर आकर्षित करना चाहती है कि देश अखंडता सुनिश्चित करते हुए सकारात्मक छवि कैसे बनाई जाए। जमीयत ने नफरत फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा। बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड की चर्चा के बीच जमीयत ने यह अधिवेशन देश के अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बुलाया है। इसमें समाज के प्रतिष्ठित उलेमा और नुमाइंदे यूनिफॉर्म सिविल कोड समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं।

इस अधिवेशन में धार्मिक आजादी और मुस्लिम पर्सनल लॉ के साथ-साथ मदरसों की स्वायत्तता, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमानों के लिए आरक्षण देने संबंधी प्रस्ताव भी लाया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय एकता और यूनिफॉर्म सिविल कोड पर महत्वपूर्ण बहस और प्रस्ताव भी इस अधिवेशन में लाए जाएंगे।

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