बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

कचहरी में तेंदुए का हमला, 4-5 व्यक्ति घायल 

कचहरी में तेंदुए का हमला, 4-5 व्यक्ति घायल 

इकबाल अंसारी 

गाजियाबाद। जनपद के राजनगर स्थित कचहरी में बुधवार को लगभग 4 बजे तेंदुए ने 4-5 व्यक्तियों को घायल किया। जिनकी हालत गंभीर स्थिति में है। उनको स्थानीय उपचार के लिए भेजा गया है। कचहरी में तेंदुए का हमला एक घिनौनी लापरवाही है। इसके अतिरिक्त, आपको यह भी बताते चले, कि राजनगर स्थित कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी लापरवाही बरती जा रही है।

इस घटना की जांच होनी आवश्यक है। क्योंकि, घनी आबादी के बीच तेंदुआ कचहरी तक इस प्रकार पहुंचा, यह कहीं तस्करों का तो काम नहीं ? संदेह की सूची सीधा तस्करों पर इशारा करती है। हालांकि, यह साफ-साफ नहीं कहा जा सकता, कि इस मामले में तस्करों का हाथ है। लेकिन, इस मामले को देखते हुए तस्करों पर संदेह की सुई आगे बढ़ती जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, तेंदुआ पकड़ा गया है।

लूट के केस को ‘फास्टैग’ प्रणाली की मदद से सुलझाया 

लूट के केस को ‘फास्टैग’ प्रणाली की मदद से सुलझाया 

कविता गर्ग 

मुंबई/ठाणे। नवी मुंबई पुलिस ने मुंबई-पुणे राजमार्ग पर हुई 2.17 लाख रुपये की लूट के मामलें को ‘फास्टैग’ प्रणाली की मदद से सुलझा लिया और इसमें शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। पनवेल थाने के वरिष्ठ निरीक्षक अनिल पाटिल ने कहा, पनवेल इलाके में 26 जनवरी को एक सफेद कार में सवार आरोपियों ने एक अन्य कार को रोका और उसमें सवार लोगों से कथित तौर पर 2.17 लाख रुपये का सामान लूटा और फरार हो गए।

अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद पुलिस जांच दल ने नजदीक स्थित एक नाके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली और सफेद कार की पहचान की। इसके बाद ‘फास्टैग’ (इलेक्ट्रॉनिक टोल क्लेक्शन प्रणाली) से पुलिस ने कार और उसके मालिक की जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि कार का पता लगाया गया और उसका पीछा किया गया। कार को खालापुर के पास एक नाके पर रोका गया, जिसके बाद वाहन के मालिक का पता लगाया गया और फिर लूटपाट में शामिल छह आरोपियों की तलाश शुरू की गई। आरोपियों को सोमवार को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों की पहचान राजू पुकले (55), प्रमोद कोकरे (28), मयप्पा वलकुंडे (24), किरण सरगर (28), अशोक पाटिल (23) और संदीप कोकरे (23) के तौर पर हुई। अधिकारी ने बताया कि लूटा गया सामान अभी नहीं मिल पाया है। 

विरोध: दिल्ली पुलिस ने मुफ्ती को हिरासत में लिया 

विरोध: दिल्ली पुलिस ने मुफ्ती को हिरासत में लिया 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर में प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे अतिक्रमण रोधी अभियान के विरोध में बुधवार को यहां राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों पर उतरीं। संसद तक मार्च करने के इरादे से महबूबा बोट क्लब इलाके में पहुंची, जहां उनके दर्जनों समर्थक एकत्र हुए थे।

उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिनपर लिखा था, ‘‘ डराना-धमकाना बंद करो, ‘स्टॉप बुलडोजिंग’ (इमारतें ध्वस्त करना बंद करो)।’’ पीडीपी प्रमुख जम्मू कश्मीर में चलायी जा रही ‘‘बुलडोजर नीति’’ से विपक्षी दलों को अवगत कराना चाहती थीं। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को हिरासत में ले लिया तथा उन्हें और उनके समर्थकों को जंतर मंतर पर ले गई।

इसके बाद, प्रदर्शनकारी वहां से चले गये। महबूबा ने कहा, ‘‘ हम लोगों, विपक्षों दलों और सत्तारूढ़ भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के सदस्यों को जम्मू कश्मीर के लोगों की परेशानियों के बारे में बताने आए थे।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘ अगर हम संसद नहीं जा सकते, तो हम कहा जाएं। क्या सरकार चाहती है कि हम अपनी शिकायतें लेकर संयुक्त राष्ट्र जाएं?’’

प्रदर्शन के दौरान महबूबा महबूबा मुफ्ती ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू कश्मीर प्रशासन पर आरोप लगाया कि केंद्र शासित प्रदेश में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ कर इसे अफगानिस्तान में तब्दील किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ जम्मू कश्मीर में कानून का शासन नहीं है। पहले हमें हमारी पहचान से और फिर नौकरियों से वंचित किया गया तथा अब वे हमें घरों एवं दुकानों से वंचित कर रहे हैं।

आखिर यह सरकार चाहती क्या है?’’ उन्होंने आरोप लगाया,‘‘जम्मू कश्मीर को अफगानिस्तान की तरह बर्बाद किया जा रहा है।’’ पीडीपी प्रमुख ने कहा, ‘‘ हम अपने दिल की बात कहने के लिए दिल्ली आए थे, लेकिन ऐसा लगता है कि यहां भी आम आदमी की आवाज दबा दी गई।’’ पीडीपी और जम्मू कश्मीर के अन्य राजनीतिक दलों ने अतिक्रमण रोधी अभियान की निंदा की है और प्रशासन से इसे रोकने की अपील की है। उनका दावा है कि इस अभियान से गरीब प्रभावित हो रहे हैं।

सर्वाधिक अत्याधुनिक 'स्काई यूटीएम' को लॉन्च किया 

सर्वाधिक अत्याधुनिक 'स्काई यूटीएम' को लॉन्च किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सर्वाधिक अत्याधुनिक 'स्काई यूटीएम' को लॉन्च किया है। उन्होंने इस मौके पर कहा कि उनका मंत्रालय जल्द ही वास्तविक समय की निगरानी और राजमार्ग निर्माण में तेजी लाने के लिए तैनात किए जाने वाले ड्रोन स्टार्ट-अप्स से भागीदारी आमंत्रित करेगा और सड़क दुर्घटनाओं पर भी नजर रखेगा। इस अभियान को अंजाम देने के लिए मंत्रालय जल्द ही निविदा जारी की जाएंगी। गडकरी ने मंगलवार रात यहां स्काई यूटीएम लॉन्च के मौके पर निर्माण, इंफ्रा और राजमार्ग क्षेत्र में नयी तकनीकों को लागू करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि यह भारतीय ड्रोन स्टार्ट-अप्स के लिए सॉफ्टवेयर जैसे उद्योग का नेतृत्व करने का समय है। उन्होंने कहा कि स्काई यूटीएम, मानवरहित एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम-स्काई यूटीएम है जो प्रति घंटे 4,000 उड़ानें और प्रतिदिन 96,000 उड़ानें संभालने में सक्षम है। इस सॉफ्टवेयर में यूटीएम टनल सहित कई नये और इनोवेटिव ऑटोमेटेड एयर ट्रैफिक कंट्रोल फीचर्स दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन भविष्य की तकनीक है और यह अपार क्षमता वाला है। ड्रोन गतिविधियों को बेहद कुशल और लागत प्रभावी बनाते हैं। निर्माण, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, रक्षा, बुनियादी ढांचा, सर्वेक्षण, रियल एस्टेट और परिवहन से लेकर सभी क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।

ड्रोन कंपनियां राजमार्गों और सड़क निर्माण की निगरानी भी करेंगी। अनेक शोध हो रहे हैं, जो निश्चित रूप से इसके उपयोग को बढ़ाने में मदद करेंगे। स्काईएयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंकित कुमार ने इस अवसर पर एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरतों और इसकी उपयोगिता के बारे में कहा, “एटी कंट्रोलर्स के साथ बातचीत करने वाले पायलटों को किसी भी परिस्थिति में प्रतिक्रिया करने में कुछ समय लगता है, जिससे पारंपरिक विमानन और ट्रैफिक प्रबंधन में त्रुटि की संभावना बढ़ जाती है। यूटीएम इस संबंध में एक गेम चेंजर है, क्योंकि ड्रोन के साथ डिजिटल रूप से कम्युनिकेशन करने और हवाई क्षेत्र में ट्रैफिक को जोड़ने से कम्युनिकेशन एक सेकंड से भी कम समय में हो जाता है और फुलप्रूफ यानी पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। 

इसके अलावा, स्काई यूटीएम पूरी तरह से डिजिटल अनमैन्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है जो आकाश में उड़ने वाले सभी ड्रोनों के साथ सीधे कम्युनिकेशन करता है।” उन्होंने कहा कि देश का अपनी तरह का पहला और एकमात्र ड्रोन एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म, ‘स्काई यूटीएम’, एक क्लाउड-बेस्ड एरियल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम है, जो मानवयुक्त एविशन एयरस्पेस के साथ अनमैन्ड एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को जोड़ता है। स्काई यूटीएम को एयरस्पेस में सभी ड्रोन और अन्य एरियल मोबिलिटी ऑपरेटरों को ऑटोनमस नेविगेशन, रिस्क एसेसमेंट, कनेक्टिविटी और ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रदान करने के लिए बनाया गया है।

कुमार ने कहा कि स्काई यूटीएम में स्काई टनल नामक एक नया अनूठा फीचर भी है, जिसे अभी तक दुनिया में किसी और ने पूरा नहीं किया है। स्काई टनल, दो स्थानों के बीच एक एयर कोरिडोर और एक इनविजिबल कनेक्ट स्थापित करती है। इस फ्लाइट प्लान को लागू करने के लिए फिजिकल उपकरणों का उपयोग यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई ब्लैंक स्पॉट्स नहीं हैं और टनल पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। ड्रोन और आने वाली फ्लाइंग टैक्सियां,जो एक साल में उपलब्ध होंगी, इसके दायरे में आ जाएंगी।

स्काई यूटीएम ने अब तक 300 से अधिक सफल बीवीएलओएस ड्रोन फ्लाइट्स को सपोर्ट किया है। प्लेटफ़ॉर्म यूएवी मूवमेंट के 255 से अधिक पैरामीटर्स को कैप्चर करता है और उन्हें अपने ‘ब्लैकबॉक्स’ में स्टोर करता है, जो संपूर्ण उड़ान का एक व्यवस्थित विवरण प्रकाशित करता है। कुमार ने वर्तमान एयर ट्रैफिक के बारे में कहा, “25,368 विमानों के एक्टिव कमर्शियल फ्लीट के साथ मॉडर्न एविएशन इंडस्ट्री 70 साल पुराना है। जबकि मानवरहित एविएशन इंडस्ट्री लगभग 10 वर्षों से अस्तित्व में है और इसमें 10 लाख से अधिक एक्टिव यूएवी हैं। इसके अलावा, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर की उच्चतम क्षमता प्रति घंटे 120 उड़ानें और प्रतिदिन 1200 उड़ानें हैं। ”

प्लास्टिक की बोतलों से बनी है जैकेट, पीएम ने पहनी

प्लास्टिक की बोतलों से बनी है जैकेट, पीएम ने पहनी

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर साढ़े तीन बजे लोकसभा में जवाब देंगे। पीएम मोदी आज संसद में एक खास जैकेट पहने नजर आए। यह नीले रंग की है, लेकिन इसकी खास बात यह है कि यह जैकेट प्लास्टिक की बोतलों PET से बनी है। यह इन बोतलों को रिसाइकल करके बनाई गई है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पीएम को बेंगलुरु में इंडिया एनर्जी वीक में यह जैकेट भेंट की थी। ऐसी दस करोड़ बोतलों को रिसाइकल करने का लक्ष्य रखा गया है। पेट्रोल पंप के असिस्टेंट को यही जैकेट दी जाएगी।

कंपनी ने पेट्रोल पंप एवं एलपीजी एजेंसी पर तैनात अपने कर्मचारियों के लिए ऐसी वर्दी बनाने की योजना बनाई है। इसे Unbottled इनिशिएटिव नाम दिया गया है। एक यूनिफॉर्म को बनाने में कुल 28 बॉटल को रिसाइकिल किया जाता है। कंपनी की योजना हर साल 10 करोड़ PET बोतलों का रिसाइकिल करने की है। इससे पर्यावरण के संरक्षण में मदद मिलेगी और पानी की भी भारी बचत होगी। कॉटन को कलर करने में भारी मात्रा में पानी का इस्तेमाल किया जाता है जबकि पॉलीस्टर की डोप डाइंग की जाती है। इसमें पानी की एक बूंद का भी इस्तेमाल नहीं होता है। आईओसी की योजना PET बॉटल्स का इस्तेमाल करके सशस्त्र बलों के लिए नॉन-कॉम्बैट यूनिफॉर्म बनाने की भी है।

मोदी ने आईओसी की इस पहल की तारीफ करते हुए कहा कि ग्रीन ग्रोथ और एनर्जी ट्रांजिशन की तरफ भारत के प्रयास हमारी वैल्यूज को रिफ्लेक्ट करते हैं। सर्कुलर इकॉनमी एक तरह से हर भारतीय की जीवनशैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'Reduce, Reuse और Recycle का मंत्र हमारे संस्कारों में रहा है। आज इसका भी एक उदाहरण हमें यहां अभी देखने को मिला है। प्लास्टिक की वेस्ट बॉटल्स को रिसाइकिल करके जो यूनिफॉर्म बनाई गई है, आपने उसे देखा है। फैशन की दुनिया के लिए, सुंदरता की दुनिया के लिए उसमें कोई कमी नहीं है। हर साल 10 करोड़ ऐसी बॉटल्स की रिसाइकिलिंग का लक्ष्य पर्यावरण की रक्षा में बहुत मदद करेगा।'

आईओसी ने मोदी को जो जैकेट भेंट की, उसके लिए कपड़ा तमिलनाडु के करूर की कंपनी श्री रेंगा पॉलीमर्स ने बनाया है। कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर सेंथिल शंकर ने दावा किया कि उन्होंने इंडियन ऑयल को PET बॉटल से बने नौ रंग के कपड़े दिए थे। इसमें से मोदी ने चंदन के रंग वाली जैकेट दी गई। इंडियन ऑयल ने गुजरात में प्रधानमंत्री के टेलर से यह जैकेट तैयार करवाई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की जैकेट को बनाने में औसतन 15 बॉटल्स का इस्तेमाल होता है। एक पूरी यूनिफॉर्म बनाने में औसतन 28 बॉटल्स का यूज होता है।

प्लास्टिक बॉटल से बने गारमेंट की सबसे बड़ी खूबी यह होती है कि इसे कलर करने में एक बूंद पानी की भी इस्तेमाल नहीं होता है। सेंथिल ने बताया कि कॉटन को कलर करने में बहुत पानी बर्बाद होता है। लेकिन PET बॉटल्स से बने गारमेंट में डोप डाइंग का इस्तेमाल होता है। बॉटल्स से पहले फाइबर बनाया जाता है और फिर इससे यार्न तैयार किया जाता है। यार्न से फिर फैब्रिक बनता है और फिर सबसे अंत में गारमेंट तैयार किया जाता है। रिसाइकिल बॉटल से बनी जैकेट की रिटेल मार्केट में कीमत 2,000 रुपये है।

यह गारमेंट पूरी तरह ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाया जाता है। इन बोतलों को जमीन और समुद्र के कलेक्ट किया जाता है। सेंथिल ने दावा किया कि उनकी कंपनी देश की एकमात्र ऐसी कंपनी है जो एंड टू एंड काम कर रही है। हमारे कपड़ों पर एक क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करके आप उसकी पूरी हिस्ट्री जान सकते हैं। कंपनी इंडियन ऑयल के साथ पार्टनरशिप में काम कर रही है। टी-शर्ट और शॉर्ट्स बनाने में 5 से 6 बॉटल का इस्तेमाल होता है। इसी तरह शर्ट बनाने में 10 और पेंट बनाने में 20 बॉटल का इस्तेमाल होता है।

समिति ने रेपो रेट को 6.50% करने का फैसला किया 

समिति ने रेपो रेट को 6.50% करने का फैसला किया 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को बताया कि मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.50% करने का फैसला किया है। मई 2022 के बाद से रेपो रेट में यह लगातार छठी बढ़ोतरी है। गौरतलब है कि रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई, बैंकों को कर्ज़ देता है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, वित्त वर्ष 2023-2024 में रियल GDP ग्रोथ 6.4% की संभावना है। उन्होंने कहा, 2023-24 की चौथी तिमाही में मुद्रास्फीति औसतन 5.6% रहने की उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के उद्देश्य से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इससे मुख्य नीतिगत दर बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। वहीं अगले वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है।आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। इसमें वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। 

मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने डिजिटल माध्यम से प्रसारित बयान में कहा, मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।

उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मतदान किया। हालांकि, रेपो दर में वृद्धि की यह गति पिछली पांच बार की वृद्धि के मुकाबले कम है और बाजार इसकी उम्मीद कर रहा था। आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। 

इससे पहले, मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत तथा दिसंबर में 0.35 प्रतिशत बढ़ायी गयी थी। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर पर निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर गौर करता है। 

नीतिगत दरों में छठवीं बार वृद्धि, घर-कार ऋण होगा महंगा

रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महंगाई को लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य से आज लगातार छठवीं बार नीतिगत दरों में बढोतरी की जिससे घर, कार और अन्य ऋण अब और महंगे हो जायेंगे। आरबीआई ने गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति की बुधवार को समाप्त हुयी तीन दिवसीय बैठक के बाद यह घोषणा की।दास ने घोषणा करते हुये कहा कि अक्टूबर 2022 के बाद दिसंबर 2022 में खुदरा महंगाई में तेजी से नरमी आयी है, जो विशेषकर खाद्य पदार्थों की कीमतों के घटने से हुआ है। उन्होंने कहा कि छह सदस्यीय समिति में से चार सदस्यों ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की बढोतरी किये जाने के पक्ष में मतदान किया जबकि दो ने इसके विरोध में। इस तरह से बहुमत के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही समिति ने विकास को गति देने तथा महंगाई को लक्षित दायरे में बनाये रखने के पक्ष में ये निर्णय लिया है। 

उन्होंने कहा कि मध्यावधि में विकास को गति देते हुये खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत के लक्षित दायरे में रखने के उद्देश्य निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ ही डॉ. शशांक भिड़े, डॉ राजीव रंजन और डॉ. माइकल देबब्रत ने रेपो दर में बढोतरी और समायोजन की नीति को वापस लेने का पक्ष लिया जबकि डॉ. असीमा गोयल और प्रो. जयंत आर. वर्मा ने इसके विरोध में मतदान किया।

कोरोना महामारी के बाद रिजर्व बैंक ने महंगाई को काबू में करने के उद्देश्य से लगातार छठवीं बैठक में रेपो दर में बढोतरी की है। इससे आम लोगों के लिए घर, कार और अन्य प्रकार के ऋण अब महंगें हो जायेंगे क्योंकि अब तक जितनी बार रेपो दर में बढोतरी की गई है। बैंकों ने इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला है। 

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा की मुख्य बातें 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुधवार को पेश द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक की मुख्य बातें इस प्रकार हैं...

प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया। मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से चार ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया। चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के सात प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी। मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में। ...खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान। 

चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान। बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम उतार-चढ़ाव। ....चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा। दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

भूकंप: तुर्की के 10 प्रांतों में 'आपातकाल' की घोषणा 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

अंकारा/डमस्कस। तुर्की और सीरिया में भीषण भूकंप आने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 8000 से अधिक हो गई है। भूकंप के बाद तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन ने देश के 10 प्रांतों में 3 महीने के आपातकाल की घोषणा की है। तुर्की के 12,000 से अधिक राहत व बचाव कर्मी प्रभावित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।

सोमवार को आए भूकंप ने तुर्की और सीरिया की कमर तोड़ दी है। इस आपदा में करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है और ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार चलाया जा रहा है और अस्पताल पीड़ितों से पटे पड़े हैं। इस भीषण आपदा के बीच भारत लगातार तुर्की और सीरिया को मदद पहुंचा रहा है। भारत ने राहत सामग्री के अलावा 30 बिस्तरों की चिकित्सा सुविधा वाले इंडियन आर्मी फील्ड अस्पताल को भी मौके पर भेजा है। 

गौरतलब है कि तुर्की के दक्षिणी प्रांत कहरामनमारस में सोमवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:17 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसके कुछ मिनट बाद देश के दक्षिणी प्रांत गजियांटेप में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया और कहरामनमारस में फिर दोपहर बाद 01:24 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप आया। चीन का 82 सदस्यीय बचाव दल चार्टर्ड एयर चाइना के विमान से 8,000 किमी से अधिक की उड़ान भरने के बाद बुधवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 4:30 बजे तुर्की के अदाना हवाई अड्डे पर पहुंचा।

भूकंप ने तुर्की और सीरिया को काफी नुकसान पहुंचाया है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और आशंका जताई गई है कि हजारों लोग मलबे के नीचे दबे हुए हैं। इस बीच बर्फबारी और खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। खराब मौसम की वजह से हेलिकॉप्टर की लैंडिंग नहीं हो पा रही है। ऐसे में राहत सामग्री सड़क के रास्ते ही पहुंच पा रही है। 

तुर्की और सीरिया में आए भूकंप की वजह से लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। अभी तक करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस आपदा में करीब 20 हजार लोगों के मरने की आशंका जताई है। सीरिया में भूकंप से तबाही के बाद 6 टन राहत सहायता लेकर भारतीय वायुसेना का विमान सीरिया रवाना हो गया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विमान की रवानगी का वीडियो ट्वीट कर बताया कि खेप में जीवन रक्षक दवाएं और आपातकालीन चिकित्सा वस्तुएं शामिल हैं। उन्होंने लिखा, भारत इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है।

भारत ने तुर्की में भीषण भूकंप के बाद हुई तबाही के मद्देनज़र वहां 30 बेड की मेडिकल यूनिट स्थापित करने के लिए सेना का दल भेजा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, मेडिकल यूनिट के शुरुआती कॉम्पोनेंट्स को वायुसेना के सी17 विमान से 45 सदस्यीय मेडिकल टीम के साथ...भेजा गया है। यूनिट में एक्स-रे मशीन और वेंटिलेटर्स भी होंगे।

सीरिया में भूकंप के बाद मलबे के नीचे एक 7-वर्षीय सीरियाई लड़की की अपने भाई को बचाने की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधि मोहम्मद सफा ने तस्वीर शेयर कर ट्वीट किया, वे 17 घंटों तक मलबे के नीचे दबे रहे। तस्वीर पर एक यूज़र ने कहा, चमत्कार होते हैं। सीरिया के आफरीन शहर में भूकंप के बाद मलबे में दबी एक महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है। सीरिया के पत्रकारों के अनुसार, बच्ची के माता-पिता को बचाया नहीं जा सका। वहीं, बच्ची को मलबे से निकाले जाने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें एक शख्स बच्ची को सुरक्षित स्थान पर ले जाता दिखा।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...