मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

जियो ने 10 शहरों में ट्रू 5जी सेवाओं की शुरुआत की 

जियो ने 10 शहरों में ट्रू 5जी सेवाओं की शुरुआत की 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रिलायंस जियो ने मंगलवार को 10 शहरों में अपनी ट्रू 5जी सेवाओं की शुरुआत की। जिसमें आंध्र प्रदेश के हिन्दपुर, मदनापल्ले, प्रोद्दातूर , छत्तीसगढ़ के रायपुर, उड़ीसा के तलचर, पंजाब के पटियाला, राजस्थान के अलवर, तेलंगाना के मनचेरियल, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और उत्तराखंड के रुड़की शामिल हैं। इसी के साथ ट्रु 5 जी नेटवर्क से जुड़ने वाले शहरों की संख्या बढ़कर 236 हो गई है। 

रिलायंस जियो इनमें से अधिकांश शहरों में 5जी सेवाएं शुरू करने वाला पहला और एकमात्र ऑपरेटर बन गया है। इन शहरों के जियो यूजर्स को जियो वेलकम ऑफर के तहत आमंत्रित किया जाएगा। आमंत्रित यूजर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 1 जीबीपीएस+ स्पीड पर अनलिमिटेड डेटा मिलेगा। इन सभी शहरों में आज से जियो यूजर्स जियो वेलकम ऑफर का लाभ उठा पाएंगे जिसके तहत बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के एक जीबीपीएस से अधिक की तेज रफ्तार वाले 5जी इंटरनेट नेटवर्क पा सकते हैं।

आज जिन शहरों में जियो ट्रू 5जी की शुरुआत हुई है वह देश में टूरिज्म, व्यवसाय और शिक्षण केंद्रों के लिहाज से अहम हैं। इस जियो ट्रू 5जी के लॉन्च के साथ ही उपभोक्ता न सिर्फ टेलिकॉम नेटवर्क का फायदा उठाएंगे, बल्कि इसके इस्तेमाल से ई गवर्नेंस, शिक्षा, ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटलिजेंस, गेमिंग, हेल्थकेयर, कृषि, आईटी और औद्यौगिक इकाइयों में तेज स्पीड का अनुभव कर लाभान्वित हो पाएंगे। 

'भारत जोड़ो यात्रा' से बहुत कुछ सीखने को मिला

'भारत जोड़ो यात्रा' से बहुत कुछ सीखने को मिला

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' से बहुत कुछ सीखने को मिला। राहुल गांधी बोले, राजनीति में जो पुराना पैदल चलने का ट्रेडिशन था, आजकल हम उसे भूल गए या उसका पालन नहीं कर रहे हैं। कोई गाड़ी में जाता है, कोई हवाई जहाज में जाता है, कोई हेलिकॉप्टर में जाता है। पैदल कम चलते हैं। जब पैदल चला जाता है। एक-दस किलोमीटर की बात नहीं कर रहा, 200-400 किलोमीटर की बात कर रहा हूं। इतना चलने पर दर्द होता है और मुश्किल आती है। शुरुआत में चलते वक्त हमारे दिल में यह था कि हम भी अपनी बात रखेंगे।

यात्रा के दौरान कोई पास आता था और कहता था कि बेरोजगार हूं, तो हम सोचते थे कि उससे कहें कि बेरोजगार क्यों हो, कारण क्या है। हजारों लोगों से बातचीत हुई। उसके बाद यह विचार बंद हो गया। मैंने अपनी जिंदगी में पहले कभी ऐसा नहीं सुना था। हजारों किसान आए। पीएम बीमा योजना की बात की। बोले हम पैसा भरते हैं, तूफान-आंधी आती है और पैसा गायब हो जाता है। किसानों ने यह भी कहा कि हमारी जमीन छीन ली जाती है और सही रेट नहीं मिलता।

राहुल ने कहा कि यात्रा के दौरान अग्निवीर की भी बात की लोगों ने। हिंदुस्तान का युवा जो 4 बजे दौड़ता है भर्ती होने के लिए, वो आपकी बात से सहमत नहीं है। उन्होंने हमसे कहा कि पहले 15 साल की सर्विस और पेंशन मिलती है। अब 4 साल के बाद निकाल दिया जाएगा। पेंशन नहीं मिलेगी। आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अग्निवीर योजना आर्मी के भीतर से नहीं संघ से और गृह मंत्रालय से आई है। उन्होंने कहा कि ये आर्मी के ऊपर थोपी गई योजना है। रिटायर्ड जनरलों ने कहा कि ये आर्मी को कमजोर करेगी। बोले कि हजारों लोगों को हथियार की ट्रेनिंग दे रहे हैं और फिर समाज में डाल रहे हैं। उनके मन में था कि ये जो अग्निवीर योजना है, वो आर्मी के भीतर से नहीं आई है। मुझे लगता है कि NSA अजित डोभाल जी ने ये योजना थोपी है।

उन्होंने कहा कि युवा कह रहा है कि ये योजना नहीं चाहिए, आर्मी कह रही है कि हमें योजना नहीं चाहिए। मुझे एक फर्क दिखा कि प्रेसिडेंट एड्रेस में बहुत सारी चीजें बोली गईं। अग्निवीर के लिए एक लाइन थी और एक शब्द था। कहा कि अग्निवीर योजना हमने दी। उससे ज्यादा कुछ नहीं बोला उन्होंने। बेरोजगारी शब्द ही नहीं था। महंगाई शब्द ही नहीं था। यात्रा में जो हमें सुनने को मिला, वो प्रेसिडेंट के भाषण में था ही नहीं। जनता कुछ कह रही है और राष्ट्रपति के भाषण में कुछ और सुनाई दे रहा है।

राहुल गांधी ने कहा, यात्रा में युवाओं ने हमसे कहा हमें पहले सर्विस और पेंशन मिलती थी लेकिन अब हमें 4 साल के बाद निकाल दिया जाएगा, वरिष्ठ अफसरों ने कहा कि हमें लगता है अग्नीवीर योजना हमसे नहीं बल्कि RSS की ओर से आई है और इसे आर्मी पर थोपा गया है। आज पैदल यात्रा करने की परंपरा खत्म हो गई है। शुरुआत में चलते वक्त हम लोगों की आवाज़ सुन रहे थे मगर हमारे दिल में यह भी था कि हम भी अपनी बात रखें। हमने हजारों लोगों से बात की, बुजुर्गों से और महिलाओं से बात की। इस प्रकार से यात्रा हमसे हमसे बात करने लगी।

लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा, 2014 में दुनिया के अमीर लोगों की लिस्ट में अडानी 609 नंबर पर थे, पता नहीं जादू हुआ और यह दूसरे नंबर पर आ गए। लोगों ने पूछा आखिर यह सफलता कैसे हुई?और इनका भारत के PM के साथ क्या रिश्ता है?मैं बताता हूं कि यह रिश्ता काफी साल पहले शुरु हुआ जब नरेंद्र मोदी CM थे। राहुल गांधी ने कहा, अडानी के लिए एयरपोर्ट के नियमों में बदलाव किए गए, नियमों को बदला गया और नियम किसने बदले यह ज़रुरी बात है। यह नियम था कि अगर कोई एयरपोर्ट के व्यवसाय में नहीं है तो वे इन एयरपोर्ट को नहीं ले सकता है। इस नियम को भारत सरकार ने अडानी के लिए बदला। राहुल गांधी ने कहा, भारत सरकार ने CBI-ED का दबाव डालकर एजेंसी का प्रयोग करते हुए GVK से लेकर एयरपोर्ट को अडानी सरकार को दिलवाया गया। नियम बदलकर अडानी को 6 एयरपोर्ट दिए गए। मैं इसके सबूत भी दे दूंगा। ड्रोन सेक्टर में भी अडानी का कोई अनुभव नहीं था।

लोकसभा में सांसद राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से SBI एक बिलियन डॉलर का लोन अडानी को देता है। प्रधानमंत्री फिर बांग्लादेश गए और 1500 मेगावाट बिजली का ठेका अडानी को चला जाता है। LIC का पैसा अडानी की कंपनी में क्यों डाला गया? कुछ दिन पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई उसमें लिखा था अडानी की भारत के बाहर शेल कंपनी है, सवाल है कि शेल कंपनी किसकी है?हजारों करोड़ रुपया शेल कंपनी भारत में भेज रही है यह किसका पैसा है? क्या यह काम अडानी फ्री में कर रहा है? अडानी ने BJP को 20 साल में कितने पैसे दिए? पहले मोदी अडानी के जहाज में जाते थे अब अडानी मोदी के जहाज में जाते हैं। मोदी और अडानी एक साथ काम करे हैं।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, 2014 से पहले देश की प्रति व्यक्ति आय 88,000 रुपए होती थी, और आज 1.9 लाख रुपए हो गई है यानी दोगुनी हुई है। पूर्वोत्तर में हर तरह की परेशानी थी दिक्कतें थी। पहले वहां का बजट केवल 2000 करोड़ था आज वहां का बजट 24,900 करोड़ का है। 

राजनीति से ऊपर 'राष्ट्रनीति' को रखती है मोदी सरकार 

राजनीति से ऊपर 'राष्ट्रनीति' को रखती है मोदी सरकार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार राजनीति से ऊपर राष्ट्रनीति को रखती है और उसने राजनीति में शुचिता और ईमानदारी लाने का प्रयास किया है जिसकी वजह से आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग राजनीति से बाहर हो रहे हैं और युवाओं का राजनीति के प्रति आकर्षण बढ़ा है। संसद के बजट सत्र की शुरुआत में दिये गये राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव रखते हुए भाजपा सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें 60 वर्षों में जो नहीं कर सकी थीं वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने करके दिखा दिया है।

जोशी ने दावा किया कि कांग्रेस ने सिर्फ गरीबी मिटाने का वादा किया, लेकिन गरीबी मिटाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया है। उन्होंने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी पहले ‘‘राजस्थान में दो लोगों को तो जोड़ ले’’। जोशी का इशारा राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच गतिरोध की ओर था। जोशी ने देश के विभाजन को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘आपने प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए भारत को बांट दिया, आप भारत जोड़ने की बात करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि जेएनयू में भारत को तोड़ने का नारा लगाने वालों के साथ खड़े होने वाले भारत जोड़ने की बात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘छप्पन इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री हों और अमित शाह जैसे गृह मंत्री हों, वहां रक्त की एक बूंद बहाये बिना जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिया गया....दुनिया ने युद्ध दिया, हमने दुनिया को बुद्ध दिया।’’ जोशी द्वारा रखे गये धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के उदय प्रताप सिंह ने कहा कि देश का विकास सत्ताधारी पार्टी की नीयत और नीतियों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद से आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग राजनीति से बाहर होते जा रहे हैं।

सिंह ने कहा कि आज प्रधानमंत्री का सम्मोहन और आकर्षण और अधिक बढ़ गया है। सिंह ने कहा कि देश में नेताओं का सम्मान बढ़ा है क्योंकि भाजपा के लोग शुचिता और ईमानदारी के साथ काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से देश के नौजवानों में राजनीति के प्रति आकर्षण बढ़ा है और कई शिक्षित, पेशेवर युवा सांसद, जन प्रतिनिधि बन रहे हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी का सबसे बड़ा योगदान है।

इससे पहले चित्तौड़गढ़ से लोकसभा सदस्य चंद्रप्रकाश जोशी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राजस्थान भ्रष्टाचार, व्याभिचार और प्रश्नपत्र लीक होने में नंबर एक है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पहले अभिभाषण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘2014 से हम मातृभूमि, मातृशक्ति और मातृभाव को देख रहे हैं।’’ जोशी ने कहा, ‘‘ भारत को जी-20 की अध्यक्षता करने का गौरव मिला है। जी-20 का हमारा मंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का है।’’

भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘2014 से पहले कभी 2जी होता था, 3जी होता था, कोई टेलीफोन के तार, तो कोई आदर्श सोसायटी के मकान तो कोई कोयला खा जाता था। लेकिन यह सरकार घोटाले की नहीं, बल्कि स्वाभिमान की सरकार है।’’ भाजपा सांसद ने कहा कि इस सरकार ने ‘‘गरीब को गणेश’’ मानकर काम किया है तथा वह किसानों और समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘इस सरकार के काम के कारण ही लोग कहते हैं कि मोदी है तो मुमकिन है।’’ जोशी द्वारा रखे गये धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सत्तारूढ़ पार्टी के उदय प्रताप सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार पूरे देश में न्याय व्यवस्था को स्थापित करने और अराजक तत्वों एवं आतंकवाद पर नियंत्रण करने के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में ऐसे भारत की कल्पना प्रस्तुत की गयी है जो सही मायने में आजादी के बाद लोगों ने की थी। इसमें ऐसे भ्रष्टाचार मुक्त भारत की परिकल्पना है जिसमें हर गरीब के पास घर, पेयजल हो, हर बेटी लाड़िली लक्ष्मी हो और हर नौजवान अपने पैरों पर खड़ा हो। उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आज अमेरिका, चीन और यूरोप के अनेक देश धीमी विकास दर से जूझ रहे हैं, ऐसे में जब पूरी दुनिया नीचे की ओर जा रही है, विपरीत परिस्थिति में भी भारत की अर्थव्यवस्था उन्नति की ओर अग्रसर है और उसे आशा की नजर से देखा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस उम्मीद का कारण देश में बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में की गयी प्रगति है तथा प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में सभी वर्गों को सुना जा रहा है और आंतरिक सुरक्षा को मजबूती मिल रही है। सिंह ने विपक्ष की आलोचना की ओर इशारा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ चौतरफा हमले होते हैं, ‘‘लेकिन लोहा चोट से ही मजबूत होता है।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है। सिंह ने कहा कि आज दुनिया ‘मोटा अनाज वर्ष’ मना रही है और ऐसे खाद्यान्न उगाने वाले किसान अब खुद को निरीह महसूस नहीं कर रहे । सिंह ने कहा कि इस सरकार ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम और उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण किया है, इसी तरह ‘‘मथुरा में कृष्णलोक भी बनाया जाएगा’’। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का स्पष्ट मंतव्य राष्ट्र को सर्वोपरि रखने का है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-118, (वर्ष-06)

2. बुधवार, फरवरी 8, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 22+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

तुर्की-सीरिया में भूकंप, 2300 से अधिक लोगों की मौंत

तुर्की-सीरिया में भूकंप, 2300 से अधिक लोगों की मौंत

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

अंकारा/डमस्कस। दक्षिण-पूर्वी तुर्की और दक्षिणी सीरिया में सोमवार को आए 7.8 की तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में 2300 से अधिक लोगों की मौंत हो गई। भूकंप से सैकड़ों इमारतों को नुकसान पहुंचा है। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है, क्योंकि बचावकर्मी अब भी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। सीमा के दोनों ओर भूंकप का झटका सूर्योदय से पहले महसूस हुआ और लोगों को सर्दी तथा बारिश के बावजूद बाहर आना पड़ा। भूकंप से कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं और भूकंप उपरांत झटके अब भी महसूस किए जा रहे हैं। विभिन्न शहरों में बचावकर्मी और निवासी ध्वस्त हुई इमारतों से जिंदा लोगों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

भूकंप में ध्वस्त हुए तुर्किये के एक अस्पताल और सीरिया के गिने-चुने अस्पतालों से नवजातों सहित मरीजों को सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। तुर्किये के शहर अदाना के एक निवासी ने बताया कि उसके आसपास की तीन इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। पत्रकारिता के छात्र मुहम्मद फतीह यवुज ने बताया कि मलबे में जिंदा फंसे एक व्यक्ति ने बचावकर्मियों द्वारा निकाले जाने की कोशिश के दौरान कहा, ‘‘अब मुझमें कोई ताकत नहीं बची है।’’

तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा, ‘‘भूकंप वाले क्षेत्र में कई इमारतों का मलबा को हटाने का काम जारी है, हम नहीं जानते कि मृतकों और घायलों की संख्या कितनी बढ़ेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि हम इस विपदा वाले दिन को हमारी एकता और देश के प्रति एकजुटता पीछे छोड़ देगी।’’ भूकंप का केंद्र तुर्किये का दक्षिण पूर्वी प्रांत कहरमनमारस था और झटके दूर काहिरा तक महसूस किए गए। दमिश्क में भी लोगों को भूकंप की वजह से सड़कों पर आना पड़ा और बेरूत में जब झटके महसूस हुए, तब लोग सो रहे थे। भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ तथा उनके चारों ओर रूस समर्थित सरकारी सेनाएं तैनात हैं।

वहीं, तुर्की वाले इलाके में संघर्ष की वजह से लाखों शरणार्थी बसे हुए हैं। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से विस्थापित 40 लाख लोग रह रहे हैं। इनमें से कई उन इमारतों में रह रहे थे, जो पहले से ही बमबारी की वजह से क्षतिग्रस्त थे। व्हाइट हेलमेट नामक विपक्षी आपात संगठन ने एक बयान में कहा कि सैकड़ों परिवार मलबे में दबे हैं। बचावकर्मियों ने बताया कि पहले ही संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे चिकित्सा केंद्र और अस्पताल जल्द घायलों से भर गए। एसएमएस चिकित्सा संगठन के मुताबिक सैन्य अस्पताल सहित कई अस्पतालों को खाली कराया गया है। यह इलाका प्रमुख भूकंप संभावित क्षेत्र में पड़ता है और वर्ष 1999 में उत्तर पश्चिमी तुर्की में आए इसी तरह के शक्तिशाली भूकंप में करीब 18 हजार लोगों की मौत हुई थी।

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। सर्वेक्षण के मुताबिक, कुछ घंटे के बाद 7.5 तीव्रता का एक और भूकंप महसूस किया गया, जिसका केंद्र पूर्व के केंद्र से महज 100 किलोमीटर दूर था। तुर्किये की आपदा प्रबंधन एजेंसी ने बताया कि यह अलग भूकंप था और झटके के बाद दर्जनों और झटके आने की आशंका है।

एजेंसी के ओरहान ततार ने संवाददाताओं को बताया कि दो झटकों के बाद सैकड़ों झटकों की आशंका है। सीरिया के अलेप्पो और हामा शहर से लेकर तुर्की के दियारबाकीर तक हजारों इमारतों के ध्वस्त होने की सूचना है। राष्ट्रपति ने बताया कि भूकंप से करीब 3000 इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। उपराष्ट्रपति ने बताया कि भूमध्य सागरीय तटीय शहर इस्कानदेरोन में एक अस्पताल ध्वस्त हो गया, लेकिन हताहतों की संख्या की तत्काल जानकारी नहीं मिली है।

तुर्की के टेलीविजन स्टेशन ने तस्वीरें प्रसारित की हैं, जिनमें उनके स्टूडियो में रखी टीवी की स्क्रीन चार या पांच टुकड़ों में बट गई। कहरमनमारस शहर में बचाव कर्मियों ने दो बच्चों को जिंदा मलबे से निकाला है और तस्वीरों में दिख रहा है कि बर्फ से ढके मैदान में उन्हें स्ट्रेचर पर लिटाया गया है। अब तक तुर्किये की मदद के लिए दर्जनों देशों के अलावा यूरोपीय संघ और नाटो ने पेशकश की है और तलाशी व बचाव दल से लेकर चिकित्सा और धन भेज रहे हैं।

नॉटिंघम ट्रेंट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक खतरे के विशेषज्ञ डॉ. स्टीवन गॉडबाई ने कहा कि प्रभावित इलाकों से जो तस्वीरें आ रही हैं, उससे प्रतीत होता है कि उल्लेखनीय जान की हानि हुई है, इलाके में सर्दी और गृह युद्ध ने बचाव कार्य में लगे कर्मियों की जटिलता बढ़ा दी है। तुर्किये में लोग भूकंप प्रभावित इलाकों को छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं जिसकी वजह से यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है और आपात टीम को घटनास्थलों पर पहुंचने में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

अधिकारियों ने लोगों से सड़कों पर नहीं आने की अपील की है। इलाके की मस्जिदों को उन लोगों के लिए खोल दिया गया है जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, क्योंकि इलाके में तापमान शून्य के करीब है। भूकंप की वजह से गैजियांतेप की पहाड़ी पर स्थित ऐतिहासिक कैसल को नुकसान पहुंचा है। किले की दीवार और निगरानी स्तंभों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं, उत्तर-पश्चिमी सीरिया में कब्जे वाले इदलिब प्रांत में भूकंप ने एक नया संकट खड़ा कर दिया, जो पहले ही कई वर्षों से रूसी और सरकार के हवाई हमलों को झेल रहा है।

यह क्षेत्र भोजन से लेकर चिकित्सकीय आपूर्ति तक हर चीज के लिए तुर्की पर निर्भर है। सभी राहत सामग्री तुर्किये के रास्ते ही इदलिब पहुंचती है। उत्तर पश्चिमी सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस’ ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी’’ बताते हुए कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। तुर्किये की सीमा के नजदीक सीरियाई विद्रोहियों के कब्जे वाले छोटे शहर अजमरिन में कई बच्चों के शव कंबल में लपेटकर अस्पताल लाए गए हैं।

सीरिया के पुरातत्व व संग्रहालय महानिदेशक ने बताया कि भूकंप की वजह से ईसाई धर्मयोद्धाओं द्वारा निर्मित मरकब या निगरानी दुर्ग की दीवारें, मीनार और कुछ अन्य दीवारें ध्वस्त हो गईं, जिनसे प्राचीन काल में भूमध्य सागर पर नजर रखी जाती थी। तुर्किये के मुताबिक, भूकंप से देश के 10 प्रांतों में 1500 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 8500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, सीरिया में भूकंप से मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 430 हो गई है और करीब 1280 अन्य घायल हुए हैं। व्हाइट हेलमेट के मुताबिक, सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में कम से 380 लोगों की मौत हुई है।

हालांकि, एसएएमएस ने मृतकों की संख्या 135 बताई है। दोनों संगठनों ने घायलों की संख्या सैकड़ों बताई है। सीरिया की राजधानी दमिश्क में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए और लोग भय के चलते सड़कों पर आ गए। लेबनान में भी लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया। लेबनान की राजधानी बेरूत में कई लोग घरों से बाहर निकल आए और कार की मदद से इमारतों से दूर चले गए। तुर्किये के हतय प्रांत के विधायक हुसैन यायमन ने बताया कि उनके परिवार के कई सदस्य ध्वस्त मकान के मलबे में दब गए हैं। उन्होंने हबेरतुर्क टेलीविजन चैनल को बताया, ‘‘कई लोग मलबे में दबे हैं। कई इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। और लोग बारिश व सर्दी के बीच सड़कों पर हैं।’’

कालातीत ऋणों की वसूली के लिए योजना लागू 

कालातीत ऋणों की वसूली के लिए योजना लागू 


पूर्ववर्ती जिला सहकारी कृषि एवं विकास बैंक द्वारा वितरित कालातीत ऋणों के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू

जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया, प्रयास हुआ सफल

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। पूर्ववर्ती जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक द्वारा वितरित कालातीत ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना लागू की गई है। यह योजना रायपुर जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा के प्रयासों से लागू हो पाई है। उनके साथ-साथ ग्रामीण विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा एवं अपेक्स बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। श्री पंकज शर्मा अध्यक्ष बनने के पूर्व से ही इस योजना को लागू करने प्रयासरत थे। उन्होंने योजना को लागू कराने बार-बार पंजीयक को पत्र लिखा एवं मुख्यमंत्री से भी मुलाकात के दौरान गुजारिश की, जिसमें उन्हें सफलता मिली है। उन्होंने योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम को धन्यवाद ज्ञापित किया है। आपको बता दें कि जिला सहकारी बैंक में 2014 से जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्ज हो गया है।

वहीं, ग्रामीण विकास बैंक में लगभग रायपुर जिला सहकारी बैंक के अंतर्गत धमतरी ,बालौदा बाजार, महासमुंद, रायपुर, गरियाबंद, सारंगढ़ में 3 हजार किसानों के ऋण बकाया है। यह ऋण किसानों द्वारा ट्रैक्टर खरीदने या फिर मोटर पंप खरीदने के लिए लिया गया था। ऋण प्रावधान के अंतर्गत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ हर वर्ष बढ़ रहा था और किसानों के ऊपर बोझ भी बढ़ रहा था। इसके चलते 3 हजार किसान ना तो सोसाइटी से खाद खरीद पा रहे हैं और नहीं सोसाइटी में अपना धान बेच पा रहे हैं। किसानों को डर है कि यदि वह सोसाइटी में धान बेचेंगे तो उनके ऋण का पैसा कट जाएगा वही किसानों पर बोझ कम करने और ऋण भी किसानों द्वारा पटाया जा सके। इसके लिए जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा द्वारा वन टाइम सेटेलमेंट योजना लागू करने सरकार से मांग की गई, जिसे सरकार ने लागू करने की सहमति दे दी है।

अब इससे किसान आसानी से पुराने कर्ज को पटा पाएंगे। उन्हें 6% के हिसाब से ही पुराने कर्ज का ब्याज पटाना होगा। इसके साथ ही किसान यदि ऋण एक किस्त में भुगतान नहीं कर सकता तो उसे समझौता के अंतर्गत 15 दिवस के भीतर कम से कम 25% राशि तथा शेष राशि 10 माह के भीतर 10 समान किस्तों में जमा करना होगा।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...