भारत, फ्रांस और यूएई ने महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की
अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय
नई दिल्ली/पेरिस/आबूधाबी। भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने शनिवार को एक त्रिपक्षीय ढांचे के तहत रक्षा, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा पेश की। विदेश मंत्री एस जयशंकर, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष कैथरीन कोलोना और यूएई के शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के बीच फोन पर बातचीत के दौरान योजना को अंतिम रूप दिया गया।
एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि यह स्वीकार किया गया कि रक्षा तीनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का क्षेत्र है। बयान में कहा गया है कि तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय ढांचे के तहत सौर और परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में परियोजनाओं को निष्पादित करने पर सहमति जताई। इसमें कहा गया है, ‘‘यह स्वीकार किया गया कि रक्षा तीन देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग का क्षेत्र है। इसलिए, तीन देशों के रक्षा बलों के बीच सहयोग और प्रशिक्षण के लिए रास्ते तलाशे जाने के प्रयास किये जायेंगे।’’ भारत, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात भी खाद्य सुरक्षा और चक्रीय (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमत हुए और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के प्रदूषण और मरुस्थलीकरण जैसे प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की प्रतिबद्धता जताई।
बयान के अनुसार, त्रिपक्षीय पहल स्थायी परियोजनाओं पर उनके देशों की विकास एजेंसियों के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। तीनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच पिछले साल 19 सितंबर को त्रिपक्षीय प्रारूप के तहत पहली बार बैठक हुई थी। बैठक में, वे आपसी हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक औपचारिक त्रिपक्षीय सहयोग पहल स्थापित करने पर सहमत हुए थे।
बयान में कहा गया है, ‘‘इसी संदर्भ में आज तीनों मंत्रियों के बीच इस पहल के क्रियान्वयन के लिए एक रूपरेखा अपनाने के लिए फोन पर बातचीत हुई।’’ जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने उन परियोजनाओं पर चर्चा को आगे बढ़ाया, जो इस क्षेत्र को लाभान्वित करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांसीसी विदेश मंत्री कोलोना और संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री जायद अल नाहयान के साथ आज शाम सार्थक बातचीत हुई।
क्षेत्र को फायदा पहुंचाने वाली व्यावहारिक परियोजनाओं को लेकर न्यूयार्क की चर्चाओं को आगे बढ़ाया।’’ बयान में कहा गया है कि तीनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि त्रिपक्षीय पहल सौर और परमाणु ऊर्जा पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग परियोजनाओं को तैयार करने और उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में काम करेगी। इसमें कहा गया है, ‘‘इस उद्देश्य के लिए, तीन देश स्वच्छ ऊर्जा, पर्यावरण और जैव विविधता पर ठोस परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए) के साथ काम करने की संभावना तलाशेंगे।’’ इन प्रयासों के तहत जी20 की भारत की अध्यक्षता और 2023 में संयुक्त अरब अमीरात द्वारा सीओपी-28 की मेजबानी के तहत त्रिपक्षीय कार्यक्रमों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि तीनों देश संक्रामक रोगों से उभरते खतरों के साथ-साथ भविष्य की महामारियों का मुकाबला करने के उपायों को लेकर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। इसके अनुसार, इस संबंध में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), गावी-द वैक्सीन एलायंस, और यूनीटेड जैसे बहुपक्षीय संगठनों में सहयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।