शनिवार, 4 फ़रवरी 2023

बिल गेट्स ने शेफ बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई

बिल गेट्स ने शेफ बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स बिल गेट्स ने शेफ एटान बरनाथ के साथ रोटी बनाकर खाई। गेट्स ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें दोनों रोटी बनाकर उस पर घी लगाते दिख रहे हैं। बकौल गेट्स, एटान हाल ही में बिहार में सामुदायिक कैंटीन दीदी की रसोई की महिलाओं से मिले और परफेक्ट रोटी बनाना सीखा। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स के रोटियां बनाने का वीडियो काफी वायरल हो चुका है। इसमें बिल गेट्स, शेफ ईटन बर्नथ के साथ है और चम्मच से आटा गूंथते दिख रहे हैं।

वीडियो में गेट्स रोटियां भी बेलते हैं और फिर रोटी को घी के साथ चटकारे लेकर खाते हैं। इस वीडियो को शेफ ईटन बर्नथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है। अब इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया भी आई है। उनकी टिप्पणी भी सोशल मीडिया पर काफी सुर्खियां बटोर रही है। पीएम मोदी ने गेट्स के रोटी बनाने की कोशिशों की तारीफ करते हुए कहा, यह शानदार था, साथ ही उन्हें बाजरा जैसे हेल्दी ऑप्शन भी सुझाए। भारत में इन दिनों बाजरे की रोटी ट्रेंड में है, जो हेल्दी होता है। कई बाजरे के व्यंजन भी हैं जिन्हें आप बनाकर देख सकते हैं।  इस ट्वीट में पीएम ने स्माइली इमोजी का भी इस्तेमाल किया है। 

वीडियो की शुरुआत में शेफ ईटन बर्नथ माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का परिचय करवाते हैं। फिर वह गेट्स को नई डिश यानी भारतीय रोटी के बारे में बताते हैं। इसके बाद बिल गेट्स आटा गूंथते और रोटियां बेलते नजर आते हैं। इसी बीच बर्नथ, गेट्स को बताते हैं कि उन्होंने रोटी बनाना भारत यात्रा के दौरान बिहार में रोटी बनाना दीदी की रसोई की महिलाओं से सीखा था। उन्होंने कहा कि मैं भारत में गेहूं की खेती करने वाले किसानों से भी मिला था।

वीडियो की शुरुआत में शेफ ईटन बर्नथ माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का परिचय करवाते हैं। फिर वह गेट्स को नई डिश यानी भारतीय रोटी के बारे में बताते हैं। इसके बाद बिल गेट्स आटा गूंथते और रोटियां बेलते नजर आते हैं।

आर्थिक बुनियाद व अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं 

आर्थिक बुनियाद व अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं 

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अडाणी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ वापस लेने से देश की वृहत आर्थिक बुनियाद और अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है।

वित्त मंत्री ने बजट के बाद यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है। सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ''...हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है।

हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक पेशकश) आते रहे हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं।'' उन्होंने कहा कि अडाणी मामले में नियामक अपना काम करेंगे। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं।

30 वर्षीय 'कुत्ता' सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित 

30 वर्षीय 'कुत्ता' सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित 

अखिलेश पांडेय 

लिस्बन। पुर्तगाल में रहने वाले 30 वर्षीय कुत्ते को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया के सबसे पुराने कुत्ते के रूप में नामित किया गया है। 11 मई, 1992 को पैदा हुआ बोबी न केवल सबसे उम्रदराज़ जीवित रहने वाला कुत्ता है बल्कि वह अब तक का सबसे पुराना कुत्ता है। वो आज पूरी तरह 30 साल और 268 दिन का हो चुका है। और यूएस में ओहियो के एक चिहुआहुआ स्पाइक (chihuahua spike) के ठीक दो हफ्ते बाद नए रिकॉर्ड धारक को प्रमाणित किया गया था, जिसे शीर्षक से सम्मानित किया गया था।

बोबी एक शुद्ध नस्ल Rafeiro do Alentejo है, जो 12 से 14 साल की औसत जीवन प्रत्याशा वाले पशुधन संरक्षक कुत्ते की नस्ल है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने कहा कि उनकी जन्म तिथि की पुष्टि पुर्तगाली सरकार के पालतू डाटाबेस और पशु चिकित्सकों के राष्ट्रीय संघ द्वारा की गई थी। पिछला सबसे पुराना कुत्ता ब्लूई नाम का एक ऑस्ट्रेलियाई मवेशी कुत्ता था। जिसकी उम्र 29 साल और पाँच महीने थी। बोबी ने अपना पूरा जीवन कोस्टा परिवार के साथ पुर्तगाल के लेइरिया के ग्रामीण गांव कॉन्किरोस में गुजारा है। वह तीन भाई-बहनों के साथ एक आउटबिल्डिंग में पैदा हुआ था जहाँ परिवार ने लकड़ी जमा की थी, लेकिन उनके पास पहले से ही बहुत सारे जानवर थे और पिल्लों को नीचे रखना पड़ा, और बोबी भाग गया।

कोस्टा ने कहा कि बॉबी की लंबी उम्र के लिए कुछ सबसे बड़े योगदान कारक "शांत, शांतिपूर्ण वातावरण" में रहते हैं, "शहरों से दूर" और उनका आहार है। बोबी ने हमेशा "जो हमने खाया," वही उसने खाया है, उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी जंजीर या पट्टे पर नहीं बांधा गया है। उन्होंने कहा कि बोबी की मां जीरा 18 साल की उम्र तक जीवित रहीं, और उनके कुत्तों में से एक चिकोटे 22 साल तक जीवित रहा।

"बॉबी खास हैं, क्योंकि उन्हें देखना उन लोगों को याद करने जैसा है जो हमारे परिवार का हिस्सा थे और दुर्भाग्य से अब यहां नहीं हैं, जैसे मेरे पिता, मेरे भाई या मेरे दादा-दादी जो पहले ही इस दुनिया को छोड़ चुके हैं। बोबी उन पीढ़ियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।" जोड़ा गया। उसकी उम्र के कारण, बोबी की दृष्टि खराब हो गई है और वह इन दिनों कम साहसी है, वह आग से आराम करना पसंद करता है। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने कहा, "जन्म के समय निंदा किए जाने से लेकर अब तक का सबसे पुराना सत्यापित कुत्ता होने तक, बोबी की कहानी एक चमत्कारी कहानी है।" 

बाल विवाह: कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार किया 

बाल विवाह: कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार किया 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। असम में बाल विवाह के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया जा रहा है। इसे लेकर राज्य में हड़कंप भी मचा हुआ है। पुलिस बाल विवाह कराने वालों को गिरफ्तार करने में जुटी है। यह एक्शन राज्य के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा के आदेश पर हो रहा है। इस अभियान के तहत पूरे राज्य में 4074 मामले दर्ज किए गए। वहीं 57 काजी और पुजारी समेत कुल 2044 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।  

असम के CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, अब तक पूरे असम में बाल विवाह से संबंधित 4,074 मामले दर्ज किए गए जबकि 8,134 लोगों की पहचान आरोपी के रूप में की गई है। आज सुबह तक 2,211 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। हमें लगभग 3,500 लोगों को गिरफ्तार करना होगा। 

असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के निर्देश पर बाल विवाह करने वाले पतियों के खिलाफ राज्यभर में अभियान चलाया गया।  इन अभियानों में 2044 लोग गिरफ्तार किए गए, जबकि 4074 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।  इस मामले में नवनियुक्त असम पुलिस निदेशक जीपी सिंह ने कहा कि 12-13 वर्ष की लड़कियां भी इस आंकड़े में शामिल हैं, जो समय से पहले गर्भवती होकर चिकित्सकीय परेशानी उत्पन्न करती हैं।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जिनकी शादी हो चुकी है उन लड़कियों का आप क्या करेंगे? उनकी देखभाल कौन करेगा? आपने (असम सरकार) 4,000 मामलें दर्ज किए। आप नए स्कूल क्यों नहीं खोल रहे हैं? असम में भाजपा की सरकार मुसलमानों के प्रति पक्षपाती है। उन्होंने ऊपरी असम में भूमिहीन लोगों को जमीन दी लेकिन निचले असम में ऐसा क्यों नहीं कर रहे?

ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के चीफ, मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। सांसद बदरुद्दीन अजमल ने पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया। एआईयूडीएफ नेता ने कहा, शादी ब्याह 18 साल से पहले नहीं हो। हम भी इसके पक्ष में हैं, लेकिन ये तरीका नहीं है जो सरकार कर रही है। ये बिल्कुल मुस्लिम मुखालिफ है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके तहत गिरफ्तार लोगों में 90 फीसदी मुसलमान ही होंगे। 

अजमल ने कहा, इलेक्शन सामने आ रहा है। बीजेपी शासित जितने राज्य हैं, उन सबमें कुछ न कुछ गुल खिलाए जाएंगे। हिंदू मुस्लिम में बंटवारा करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हम खुद इसके खिलाफ हैं कि 18 साल के पहले शादी न हो लेकिन इसके लिए आप लोगों को जिंदगी भर के लिए जेल में डाल देंगे। ये मुनासिब नहीं है।अजमल ने कहा कि पहले सबको समझाइए। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने पहले जागरूकता अभियान क्यों नहीं शुरू किया? सीधे जेल भरो क्यों शुरू कर दिया। अजमल ने कहा कि हमारे सीएम कभी-कभी ख्वाब देखते हैं कि बहुत दिन हो गए मुसलमानों को नहीं सताया। फिर वह जागते हैं और नई-नई योजनाएं बनाते हैं।

क्या है पूरा मामला?

23 जनवरी को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में असम कैबिनेट ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर फैसला लिया था। सीएम सरमा ने बाल विवाह को जघन्य और अक्षम्य अपराध बताते हुए इसके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव कानून में यह भी किया गया था कि 14 साल से कम उम्र में लड़की की शादी करने के मामले पॉक्सो (Protection of Children from Sexual Offences-POCSO) एक्ट लगाने को मंजूरी दी गई।

कैबिनेट फैसले के 1 पखवाड़े के भीतर पुलिस ने बाल विवाह के 4004 केस दर्ज किए जिनमें 8000 लोगों को आरोपी बनाया गया। बीते दो दिनों से पुलिस ने इन मामलों में गिरफ्तारी को लेकर बड़ा अभियान शुरू किया और 2044 लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में 52 पुजारी और मौलवी भी शामिल हैं।

महिलाएं भी कर रहीं विरोध: बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस की कार्रवाई का महिलाएं भी विरोध कर रही हैं। एक महिला ने कहा कि केवल पुरुषों को ही क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? हमारे बच्चे और हम किस तरह से जीवनयापन करेंगे? हमारे पास आय का कोई जरिया नहीं है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-115, (वर्ष-06)

2. रविवार, फरवरी 5, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-पूर्णिमा, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

पेड़ काट रही महिलाओं को रोका, महत्व समझाया 

पेड़ काट रही महिलाओं को रोका, महत्व समझाया 


पर्यावरण रक्षकों ने पेड़ काट रही महिलाओं को रोका

सामाजिक संस्था आँखें के पर्यावरण रक्षकों ने पेड़ काट रही महिलाओं को रोकते हुए जीवन में पेड़ों के महत्व को समझाया

गोपीचंद/भानु प्रताप उपाध्याय 

बागपत। क्षेत्र के गाँव मलकपुर लोयन के निकट बडौत छपरौली मार्ग पर इंधन के लिए छोटे पेड़ को जड़ से काट रही महिलाओं को सामाजिक संस्था आँखें के पर्यावरण रक्षक एडवोकेट रवि कुमार, राकेश सरोहा व समाजसेवी आर.आर.डी. उपाध्याय ने रोका। इन महिलाओं को जीवन में पेड़-पौधों के महत्व को समझाते हुए समाजसेवी आर.आर.डी. उपाध्याय ने कहा कि ये पेड़ पौधें हमारे जीवन का आधार है। यदि ये नष्ट हो जाये तो हम सब भी नष्ट हो जायेंगे, क्योंकि इन्हीं पेड़ पौधों से हमें ऑक्सीजन प्राप्त होती है।

जिसकी वजह से हम सांस ले पाते है। इन ग्रामीण महिलाओं को समाजसेवी ने भविष्य में ऐसा न करने की हिदायत दी। इन ग्रामीण महिलाओं का कहना था कि वह इंधन के लिए लकड़ियां काट रही थी। वह भविष्य में इंधन के लिए किसी भी पेड़ को जड़ से काटकर पर्यावरण का अहित नहीं करेगी और भविष्य में इंधन के लिए सूखी लकडीयां इकट्ठा करेगी।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...