आयकर व्यवस्था के लिए 'शानदार' प्रतिक्रिया, उम्मीद
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार को संशोधित आयकर व्यवस्था के लिए 'शानदार' प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है और उसका मानना है कि इसका लाभ करदाता के हर वर्ग तक पहुंचेगा। एक शीर्ष आयकर अधिकारी ने शुक्रवार को यह संभावना जताई। आम बजट 2023-24 में नयी वैकल्पिक कर व्यवस्था में बदलाव की पेशकश की गई है, जिसमें सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगाने का प्रावधान किया गया है।
संशोधित व्यवस्था में करदाताओं को 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा करने की अनुमति भी दी गई है। माना जा रहा है कि इस पहल के जरिए सरकार वेतनभोगी वर्ग को नयी कर व्यवस्था अपनाने के लिए लुभा रही है। हालांकि इसमें निवेश पर कोई कर छूट नहीं दी जाती है।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ''करदाता के हर वर्ग तक लाभ पहुंच रहा है... यह देखते हुए कि नयी व्यवस्था में वेतनभोगी करदाताओं को मानक कटौती मिलेगी, प्रभावी रूप से 7.50 लाख रुपये तक आय वाले वेतनभोगी कर्मचारी को किसी भी तरह का कर देने की जरूरत नहीं होगी।'' बजट में मानक कटौती का विस्तार करने के अलावा छूट की सीमा भी बढ़ा दी गई है।
नई कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। तीन से छह लाख रुपये के बीच की आय पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। छह से नौ लाख रुपये पर 10 फीसदी, नौ से 12 लाख रुपये पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी कर लगेगा।
इस संशोधनों के बाद नयी कर व्यवस्था उस व्यक्ति के लिए अधिक फायदेमंद होगी, जिसके पास आयकर कटौती का दावा करने के लिए पर्याप्त निवेश नहीं है। गुप्ता ने कहा, ''हमने योजना को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की है, क्योंकि इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं है। इसके लिए करदाताओं को कोई दस्तावेज जमा करने की भी जरूरत नहीं। साथ ही कर प्रशासन के लिए इस योजना को संचालित करना आसान है।'' गुप्ता ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ''हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित नयी (व्यक्तिगत आयकर) योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिलेगी।