शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2023

आयकर व्यवस्था के लिए 'शानदार' प्रतिक्रिया, उम्मीद

आयकर व्यवस्था के लिए 'शानदार' प्रतिक्रिया, उम्मीद

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार को संशोधित आयकर व्यवस्था के लिए 'शानदार' प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है और उसका मानना है कि इसका लाभ करदाता के हर वर्ग तक पहुंचेगा। एक शीर्ष आयकर अधिकारी ने शुक्रवार को यह संभावना जताई। आम बजट 2023-24 में नयी वैकल्पिक कर व्यवस्था में बदलाव की पेशकश की गई है, जिसमें सात लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगाने का प्रावधान किया गया है।

संशोधित व्यवस्था में करदाताओं को 50,000 रुपये की मानक कटौती का दावा करने की अनुमति भी दी गई है। माना जा रहा है कि इस पहल के जरिए सरकार वेतनभोगी वर्ग को नयी कर व्यवस्था अपनाने के लिए लुभा रही है। हालांकि इसमें निवेश पर कोई कर छूट नहीं दी जाती है।केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ''करदाता के हर वर्ग तक लाभ पहुंच रहा है... यह देखते हुए कि नयी व्यवस्था में वेतनभोगी करदाताओं को मानक कटौती मिलेगी, प्रभावी रूप से 7.50 लाख रुपये तक आय वाले वेतनभोगी कर्मचारी को किसी भी तरह का कर देने की जरूरत नहीं होगी।'' बजट में मानक कटौती का विस्तार करने के अलावा छूट की सीमा भी बढ़ा दी गई है।

नई कर व्यवस्था के तहत तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। तीन से छह लाख रुपये के बीच की आय पर पांच प्रतिशत कर लगेगा। छह से नौ लाख रुपये पर 10 फीसदी, नौ से 12 लाख रुपये पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी कर लगेगा।

इस संशोधनों के बाद नयी कर व्यवस्था उस व्यक्ति के लिए अधिक फायदेमंद होगी, जिसके पास आयकर कटौती का दावा करने के लिए पर्याप्त निवेश नहीं है। गुप्ता ने कहा, ''हमने योजना को अधिक से अधिक आकर्षक बनाने की कोशिश की है, क्योंकि इसमें किसी तरह की परेशानी नहीं है। इसके लिए करदाताओं को कोई दस्तावेज जमा करने की भी जरूरत नहीं। साथ ही कर प्रशासन के लिए इस योजना को संचालित करना आसान है।'' गुप्ता ने उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा, ''हमें उम्मीद है कि प्रस्तावित नयी (व्यक्तिगत आयकर) योजना को शानदार प्रतिक्रिया मिलेगी।

मार्गों पर 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाएं, परिकल्पना 

मार्गों पर 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाएं, परिकल्पना 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को संसद में कहा कि भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना की है। अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल ने विभिन्न धरोहर व पहाड़ी मार्गों पर प्रति गाड़ी 80 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत और प्रति मार्ग 70 करोड़ रुपये की आधारभूत अवसंरचना पर "हाइड्रोजन फॉर हेरिटेज" के तहत 35 हाइड्रोजन रेलगाड़ियां चलाने की परिकल्पना की है।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय रेल ने 111.83 करोड़ रुपये की लागत पर आधारभूत अवसंरचना के साथ-साथ मौजूदा डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डेमू) रेक को हाइड्रोजन ईंधन संचालित बनाने के लिए आवश्यक बदलाव की खातिर एक प्रायोगिक परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई है।

इस रेलगाड़ी को उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत खंड पर चलाए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि जींद-सोनीपत खंड पर पहले नमूने का जमीनी परीक्षण वर्ष 2023-2024 में शुरू किए जाने की संभावना है। मंत्री ने कहा कि यह अनुमान लगाया गया है कि हाइड्रोजन ईंधन गाड़ी-सेट की आरंभिक चालन लागत अधिक होगी जिसे बाद में गाड़ियों की संख्या में बढ़ोत्तरी करके कम किया जाएगा।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-114, (वर्ष-06)

2. शनिवार, फरवरी 4, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

महिला संगठन विस्तार को लेकर रूपरेखा तैयार की

महिला संगठन विस्तार को लेकर रूपरेखा तैयार की

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उपाध्याय चेतना मंच महिला विंग जिला महासचिव सोनिया नागवान, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती ममतेश उपाध्याय बंसल ने गत बुधवार (1 फरवरी) को प्रदेश कैम्प कार्यलय पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष से महिला संगठन विस्तार को लेकर आगामी रूपरेखा तैयार की। जिला महासचिव श्रीमती सोनिया उपाध्याय नागवान ने बताया कि नई बस्ती अटल बिहार शामली मे बिजली लाईन न होने के कारण कालोनी वासियो को बहुत समस्या हो रही है। क्षेत्रीय विधायक से मिलकर जल्द समस्या का समाधन कराया जाएगा। श्रीमती ममतेश उपाध्याय ने बस्ती की सड़क खराब की समस्या का भी निकाय चुनाव के बाद हल कराया जाएगा।

उपाध्याय चेतना मंच महिला संगठन में शामिल हुए सभी पदाधिकारियों को भी जल्द सम्मानित किया जाएगा। श्रीमती सोनिया नागवान ने खेड़ी करमू गौरव उपाध्याय हत्या प्रकरण को लेकर दुख प्रकट किया। श्रीमती ममतेश उपाध्याय बंसल ने गौरव उपाध्याय हत्या प्रकरण मे आदरणीय प्रदेश अध्यक्ष संजय उपाध्याय की पीड़ित परिवार का साथ देने के लिए सराहना की और कहा कि समाज हित मे यदि हमें भी आना पड़े, तो हम पीछे नहीं हटेंगे।

बाल कल्‍याण मद, आवंटन में कटौती चिंताजनक है

बाल कल्‍याण मद, आवंटन में कटौती चिंताजनक है

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी के संगठन ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में श्रम मंत्रालय के बाल कल्‍याण मद में आवंटन में कटौती चिंताजनक है और ‘‘बालश्रम व बच्चों से दुर्व्यवहार’’ के मामलों में वृद्धि हो सकती है। ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘पिछले साल की तुलना में इस साल श्रम मंत्रालय के बाल कल्याण मद में 33 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिससे संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्‍य(एसडीजी- 2025) के अंतर्गत ‘बाल श्रम मुक्त विश्व’ के प्रयासों में बाधा आ सकती है।’’

संगठन ने यह दावा भी किया कि श्रम मंत्रालय के लिए बजट में की गई इस कटौती से बाल श्रम और बच्चों की तस्करी बढ़ सकती है। संगठन ने कहा, ‘‘यह लगातार तीसरा साल है, जब श्रम मंत्रालय के तहत बच्‍चों के कल्‍याण के लिए बजटीय आवंटन में कटौती की गई है। 2021-22 में यह आवंटन 120 करोड़ रुपये का था, 2022-23 में इसे 30 करोड़ रुपये कर दिया गया और 2023-24 में यह घटकर 20 करोड़ रुपये रह गया है।’’

‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में बच्‍चों के लिए और ज्‍यादा आवंटन किये जाने की उम्‍मीद थी। हालांकि, बजट में बच्‍चों के लिए कुछ अच्‍छी चीजें भी हैं, लेकिन कुछ और बेहतर किया जा सकता था।’’

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

2027-28 तक तीसरी अर्थव्यवस्था बनेगा 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। जाने-माने अर्थशास्त्री अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि भारत उच्च वृद्धि के मार्ग पर लौटने को तैयार है, उन्होंने भरोसा जताया कि देश 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कोलंबिया विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पनगड़िया ने कहा कि मौजूदा समय में भारत विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा, ‘‘बस और पांच साल की बात है, 2023 तो चल ही रहा है। 2027-28 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया जिसमें कहा गया है कि 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि 6.5 फीसदी रहेगी।

पनगड़िया ने कहा कि आर्थिक समीक्षा से जो बात निकल कर सामने आई है, उससे कहीं अधिक मजबूत अर्थव्यवस्था के बारे में पता चलता है, जो उस अर्थव्यवस्था से और मजबूत होगी जो आज 6.5 फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारत जिस स्थिति में है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यह सात फीसदी से अधिक की वृद्धि दर तक पहुंच जाएगा।’’ अर्थशास्त्री ने यह भी कहा कि भारत आज जिस जगह खड़ा है, वह 2003 के समान है, जब वृद्धि दर आठ फीसदी के निकट पहुंच गई थी और फिर देश ने कई वर्षों तक उसी दर से वृद्धि जारी रखी थी। पनगड़िया ने कहा कि उच्च वृद्धि को लेकर उनके अनुमान का आधार वे सुधार है। जो कोविड महामारी के दौरान किए गए और साथ ही अर्थव्यवस्था की कमजोरियों को दूर किया गया।

उन्होंने कहा कि बैंकों और कॉरपोरेट जगत के बहीखाते अब काफी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले कई वर्षों तक निश्चित ही सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था होगा। उन्होंने अनुमान जताया कि भारत इन वर्षों में करीब सात फीसदी की वृद्धि दर निश्चित तौर पर हासिल करेगा और यदि अर्थव्यवस्था को और खोलने के लिए कदम उठाए जाते हैं, तो आठ फीसदी की वृद्धि दर आसानी से हासिल हो सकेगी।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...