गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

कार्यक्रम पर रोक, अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई

कार्यक्रम पर रोक, अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मुंबई में पांच फरवरी को होने वाले कथित नफरती भाषण कार्यक्रम पर रोक लगाने का अनुरोध संबंधी याचिका पर सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को सहमत हो गया। न्यायमूर्ति के एम जोसेफ, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि वह प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ से निर्देश लेगी और उनकी अनुमति मिलने पर मामले की शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, "इस संबंध में हम आपके साथ हैं, लेकिन यह समझें कि हर बार किसी रैली की घोषणा होने पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा नहीं खटखटाया जा सकता है।

हम पहले ही एक आदेश पारित कर चुके हैं, जो काफी स्पष्ट है। कल्पना कीजिए कि देश भर में रैलियां हो रही हैं। हर बार उच्चतम न्यायालय के सामने कोई आवेदन होगा। यह कैसे व्यवहार्य हो सकता है?’’ पीठ ने कहा, ‘‘आप हमें बार-बार आदेश देने के लिए कहते हैं... हमने इतने सारे आदेश पारित किए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उच्चतम न्यायालय को घटना दर घटना के आधार पर कोई आदेश पारित करने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।" पीठ ने टिप्पणी एक वकील द्वारा इस मामले का जिक्र किए जाने के बाद की।

वकील ने कहा कि हिंदू जन आक्रोश मोर्चा द्वारा मुंबई में आयोजित की जाने वाली कथित नफरती भाषण रैली के खिलाफ तत्काल सुनवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भी इसी तरह की एक रैली आयोजित हुई थी जिसमें 10,000 लोगों ने भाग लिया और मुस्लिम समुदाय का आर्थिक एवं सामाजिक रूप से बहिष्कार करने का आह्वान किया गया था। वकील द्वारा बार-बार आग्रह किए जाने पर अदालत ने उन्हें आवेदन की एक प्रति महाराष्ट्र के वकील को देने को कहा। पीठ ने कहा, "एक प्रति राज्य को दें, हम प्रधान न्यायाधीश की मंजूरी मिलने के बाद इसे कल सूचीबद्ध करेंगे। सिर्फ इसी मामले पर।’’

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 21 अक्टूबर को दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने, दोषियों के खिलाफ शिकायत की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत आपराधिक मामले दर्ज करने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि भारत के संविधान में एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की परिकल्पना की गई है। न्यायालय ने यह चेतावनी भी दी थी कि इस "अत्यंत गंभीर मुद्दे" पर कार्रवाई करने में प्रशासन की ओर से देरी होने की स्थिति में अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरु की जा सकती है।

भारत में गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण, निर्णय 

भारत में गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण, निर्णय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कोरिया की स्मार्ट उपकरण कंपनी सैमसंग ने स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने महंगे गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन का निर्माण भारत में करने का निर्णय लिया है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। भारत में गैलेक्सी एस23 श्रृंखला की आरंभिक पेशकश कीमत 75,000 रुपये से 1.55 लाख रुपये के बीच है।

वर्तमान में गैलेक्सी एस श्रृंखला के स्मार्टफोन वियतनाम स्थित कारखाने में बनाए जाते हैं और भारत में बिक्री के लिए कंपनी इनका आयात करती है। सैमसंग ने एक बयान में कहा, ''भारत में बेचे जाने वाले सभी गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन कंपनी के नोएडा स्थित कारखाने में बनाए जाएंगे। सैमसंग देश में ज्यादातर घरेलू मांग को नोएडा कारखाने में स्थानीय विनिर्माण के जरिये पहले से ही पूरा कर रही है।

भारत में निर्मित गैलेक्सी एस23 स्मार्टफोन बेचने का निर्णय भारत के विनिर्माण और वृद्धि की कहानी के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।'' कंपनी ने बुधवार को गैलेक्सी एस23 श्रृंखला के स्मार्टफोन के तीन मॉडल पेश किए। ये फोन अत्याधुनिक कैमरा सेंसर से लैस हैं। पिछले साल पेश किए गए गैलेक्सी एस22 स्मार्टफोन की कीमत 72,999 रुपये से 1,18,999 रुपये के बीच थी।

मुद्राओं के नियमन पर सहमति बनाने की कोशिश 

मुद्राओं के नियमन पर सहमति बनाने की कोशिश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्रिप्टो करेंसी बाजार में जारी उथलपुथल के बीच वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी) के साथ मिलकर भारत कोशिश कर रहा है कि जी20 अध्यक्षता के दौरान आभासी मुद्राओं के नियमन पर नीतिगत सहमति बनाई जा सके। भारत इस समय दुनिया के 20 विकसित एवं विकासशील देशों के समूह जी20 का अध्यक्ष है। इस दौरान वह विभिन्न मुद्दों पर बैठकों का आयोजन कर रहा है।

सेठ ने पीटीआई-भाषा के साथ विशेष बातचीत में कहा कि क्रिप्टो मुद्राओं पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की तरफ से जारी एक पत्र पर उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों ने 15-16 जनवरी को दिल्ली में चर्चा की थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने डेढ़ दिन की एक कार्यशाला इस मुद्दे पर की थी। उसके बाद से एक संगोष्ठी के लिए चर्चा-पत्र तैयार किया जा रहा है। यह संगोष्ठी जी20 समूह के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक के साथ ही 23 फरवरी को बेंगलुरु में होगी।’’ आर्थिक मामलों के सचिव ने उम्मीद जताई कि इस संगोष्ठी में क्रिप्टो करेंसी पर एक नीतिगत सहमति बन जाएगी।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘इस मसले पर भारत एफएसबी के साथ भी मिलकर काम कर रहा है। इसके पीछे सोच यह है कि जी20 की अध्यक्षता भारत के पास रहने के दौरान सदस्य देशों के बीच क्रिप्टो मुद्राओं पर नीतिगत रुख और नियमन के खाके पर सहमति बन जाए।’’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कई बार कह चुकी हैं कि भारत क्रिप्टो मुद्राओं के नकारात्मक असर से निपटने और इसके वैश्विक नियमन के लिए सामूहिक प्रयास पर जोर देगा।

क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स के धराशायी होने और उसके बाद क्रिप्टो बाजारों में बिकवाली तेज होने से क्रिप्टो पारिस्थितिकी को लेकर आशंकाएं गहराने लगी हैं। इस दौरान अमेरिकी नियामकों ने बिटकॉइन, ईथर और अन्य क्रिप्टो मुद्राओं को प्रतिभूति के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया है।

दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान किया 

दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को बृहस्पतिवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त ने सूचित किया कि निगम ने कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को दिसंबर तक के वेतन तथा पेंशन का भुगतान कर दिया है और जनवरी का वेतन भी जल्द दिया जाएगा। एमसीडी आयुक्त को पिछले कुछ महीने से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं होने के मामले में पेश होने को कहा गया था।

उन्होंने कहा कि वे भविष्य में ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को दिसंबर तक का वेतन दिया जा चुका है जिनमें तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तथा शिक्षक शामिल हैं। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने एमसीडी आयुक्त की दलील पर संज्ञान लिया और मामले को चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

उच्च न्यायालय ने एमसीडी कर्मियों को वेतन और पूर्व कर्मियों को पेंशन का भुगतान नहीं होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए 30 जनवरी को आयुक्त और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को उसके समक्ष पेश होने का निर्देश दिया था।

लिमिटेड का शुद्ध लाभ 476.55 करोड़ रुपये रहा

लिमिटेड का शुद्ध लाभ 476.55 करोड़ रुपये रहा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दैनिक उपभोग का समान (एफएमसीजी) बनाने वाली घरेलू कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 5.51 प्रतिशत की गिरावट के साथ 476.55 करोड़ रुपये रहा। एफएमसीजी कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी। वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 504.35 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया था।

हालांकि, उसकी परिचालन आय पिछले वित्त वर्ष के 2,941.75 करोड़ रुपये की तुलना में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 3.44 प्रतिशत वृद्धि के साथ 3,043.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। डाबर इंडिया का कुल व्यय इस तिमाही में 5.63 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2,523.09 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,388.53 करोड़ रुपये था।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे 'सीएम'

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे 'सीएम'

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे। विधानसभा की कार्य सलाहकार समिति की रिपोर्ट के अनुसार राज्य का आय व्यय अनुमानक 2023-24 (बजट) 10 फरवरी को पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास वित्त विभाग है। मौजूदा कार्यकाल में उनका यह पांचवा व अंतिम बजट होगा।

रिपोर्ट के अनुसार 11 व 12 फरवरी को सदन की बैठक नहीं होगी। वहीं 13, 14 व 15 फरवरी को आय व्यय अनुमानक 2023-24 पर वाद विवाद होगा। सरकार की ओर से 16 फरवरी को इस पर जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री गहलोत कई बार कह चुके हैं कि उनका आगामी बजट युवाओं व महिलाओं पर केंद्रित होगा।

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