गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-113, (वर्ष-06)

2. शुक्रवार, फरवरी 3, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-त्रयोदशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

मेट्रो परियोजनाओं के लिए ₹19,518 करोड़ आवंटित 

मेट्रो परियोजनाओं के लिए ₹19,518 करोड़ आवंटित 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के आम बजट में देशभर की विभिन्न मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल 19,518 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा, "अमृत काल के लिए हमारी दृष्टि में मजबूत लोक वित्त और मजबूत वित्तीय क्षेत्र के साथ प्रौद्योगिकी संचालित और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है।

इसे प्राप्त करने के लिए सबका साथ सबका प्रयास के जरिए जन भागीदारी आवश्यक है।" एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वर्ष 2023-24 में सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए कुल बजटीय परिव्यय 19,518 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022-23 में यह आवंटन 19,130 ​​करोड़ रुपये था। हालांकि, बजट दस्तावेजों के अनुसार, 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान में यह 15,628 करोड़ था।

दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हाल के वर्षों में, वित्त मंत्रालय सिर्फ दिल्ली मेट्रो के बदले देश भर की सभी मेट्रो परियोजनाओं के लिए बजट आवंटित करता रहा है। केंद्र ने देश की पहली क्षेत्रीय त्वरित परिवहन प्रणाली (आरआरटीएस) परियोजना के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) को 3,596 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो पिछले बजट में परिव्यय से करीब 23 प्रतिशत कम है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में एनसीआरटीसी को 4,710 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

देश को कर्ज में डुबा देगा केंद्रीय 'बजट' 2023-24

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट 2023-24 ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है और यह देश को कर्ज में डुबा देगा। सिसोदिया दिल्ली के वित्त मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि इस बजट से 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ जाएगा। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम सभी जानते हैं कि भाजपा ने ‘अच्छे दिन’ लाने जैसे वादे को ‘जुमला’ बना दिया है।

भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र का बजट एक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। हमने अतीत में ऐसे कई जुमले सुने हैं- जैसे बुलेट ट्रेन की शुरुआत या किसानों की आय दोगुनी करने या 60 लाख रोजगार सृजन करने का वादा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह बजट देश को कर्ज में डुबा देगा। उन्होंने दावा किया कि 2014 तक केंद्र पर 53 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था और भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के लगातार दो कार्यकाल के दौरान देश पर 150 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है और ‘‘यह बजट देश को 15 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज में डूबा देगा।’’

उन्होंने कहा कि बजट दिल्लीवासियों के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि कर अनुदान के रूप में राष्ट्रीय राजधानी को सिर्फ 325 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जबकि दिल्ली 1.75 लाख रुपये का आयकर देती है। सिसोदिया ने दावा कि पिछले 22 वर्षों में 325 करोड़ रुपये की राशि बदली नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में रोजगार सृजन या महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है।

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट को ‘मित्रकाल बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि इससे साबित होता है कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण की कोई रूपरेखा नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ मित्रकाल बजट में रोजगार सृजन को लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं है, महंगाई से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है और असमानता दूर करने का कोई इरादा नहीं है।’’

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘एक प्रतिशत सबसे अमीर लोगों के पास 40 प्रतिशत संपत्ति है, 50 प्रतिशत गरीब लोग 64 प्रतिशत जीएसटी देते हैं, 42 प्रतिशत युवा बेरोजगार हैं। इसके बाद भी प्रधानमंत्री को कोई परवाह नहीं है। बजट से साबित हुआ कि सरकार के पास भारत के भविष्य के निर्माण के लिए कोई रूपरेखा नहीं है।’’ 

अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को पेश नरेंद्र मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण बजट में सभी तबकों को साधने का प्रयास किया। उन्होंने जहां एक तरफ मध्यम वर्ग और नौकरीपेशा लोगों को आयकर मोर्चे पर राहत देने की घोषणा की, वहीं लघु बचत योजनाओं के तहत निवेश सीमा बढ़ाकर बुजुर्गों और नई बचत योजना के जरिये महिलाओं को भी सौगात दी है। 

इसके साथ ही बुनियादी ढांचे पर खर्च में 33 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि करने का भी प्रस्ताव किया है। नई कर व्यवस्था के तहत एक अप्रैल से व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की आय सात लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा। अबतक यह सीमा पांच लाख रुपये है। साथ ही कर ‘स्लैब’ (श्रेणी) को सात से घटाकर पांच किया गया है। 

चुनाव: 'एमसीडी' के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी 

चुनाव: 'एमसीडी' के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने छह फरवरी को महापौर के चुनाव के लिए दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के सदन का सत्र बुलाने को मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल के आधिकारिक आवास ‘राजनिवास’ के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। 

एक अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल को इस तारीख का प्रस्ताव दिया था। अधिकारियों ने बताया कि महापौर चुनाव के लिए उपराज्यपाल ने छह फरवरी को एमसीडी सदन का सत्र बुलाने की मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि एमसीडी की स्थगित हुई पहली बैठक आयोजित करने के लिए उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रस्ताव भेजा था। सूत्रों ने सोमवार को बताया था कि एमसीडी ने महापौर के चुनाव के लिए 10 फरवरी को सदन का सत्र बुलाने का प्रस्ताव दिया था। 

वहीं, केजरीवाल सरकार ने तीन तारीखों- तीन, चार और छह फरवरी का सुझाव दिया था। आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक के बीच सत्र स्थगित होने के बाद छह जनवरी और 24 जनवरी को जब सदन की बैठक हुई तो महापौर का चुनाव नहीं हो सका था। आम आदमी पार्टी की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार शैली ओबराय ने चुनाव समयबद्ध तरीके से कराने की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 

ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात: बजट

ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात: बजट

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को दावा किया वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश किये गये केंद्रीय बजट ने देश के ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2023-24 के लिए बजट और वित्त मंत्री का बजट भाषण यह प्रदर्शित करता है कि जनता, उसके जीवन, आजीविका तथा अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई से सरकार कितनी अनजान है।’’ चिदंबरम ने दावा किया, ‘‘वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी, गरीबी और असमानता जैसे शब्दों का कहीं उल्लेख नहीं किया। शुक्र है कि उन्होंने ‘गरीब’ शब्द का उल्लेख दो बार किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि भारत के लोग इसका संज्ञान लेंगे कि सरकार को किन लोगों की चिंता है और किन लोगों की नहीं है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में सरकार की ओर से अनुमानित जीडीपी (वास्तविक मूल्यों पर आधारित) 232,14,703 करोड़ रुपये बताई गई थी और 11.1 प्रतिशत की विकास दर का अनुमान लगाया गया था। वहीं, वर्ष 2022-23 के लिए 258,00,000 करोड़ रुपये की जीडीपी का अनुमान लगाया गया था। 

उन्होंने कहा कि आज पेश किये गये बजट में सरकार ने 2022-23 के लिए संशोधित अनुमान 273,07,751 करोड़ रुपये का लगाया है। चिदंबरम ने कहा,‘‘इसतरह, वास्तविक मूल्यों पर आधारित जीडीपी दोगुनी होनी चाहिए थी, जबकि वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) द्वारा और आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रही। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए।’’ 

उन्होंने दावा किया, ‘‘नयी कर व्यवस्था को अपनाने वालों के अलावा अन्य के लिए कर में कोई कमी नहीं दी गई है। अप्रत्यक्ष कर में कोई कमी नहीं की गई है। आतिर्कक जीएसटी (माल एवं सेवा कर) की दरों में कोई कमी नहीं की गई है। पेट्रोल, डीजल, सीमेंट, उर्वरक की कीमतों में कोई कटौती नहीं की गई है। कई अधिभारों और उपकरों में कोई कमी नहीं की गई है।’’ चिदंबरम ने दावा किया कि यह एक ‘संवेदनहीन’ बजट है, जिसमें देश के ज्यादातर लोगों की उम्मीदों के साथ विश्वासघात किया गया है। उन्होंने कहा कि ध्यान से विश्लेषण किया जाए, तो नयी कर व्यवस्था में भी लोगों को कोई फायदा नहीं पहुंचाया गया है।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...