बुधवार, 25 जनवरी 2023

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है हरा सेब, जानिए 

स्वास्थ्य: पोषक तत्वों से भरपूर है हरा सेब, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

आपने अब तक लाल सेब के फायदों के बारे में सुना होगा, लेकिन इस आर्टिकल में आपको हम हरे सेब के लाभ लेकर आए हैं। हरा सेब पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो कई बीमारियों से बचाने में मददगार साबित हो सकता है। खास बात ये है कि हरे सेब के सेवन से त्वचा को भी स्वस्थ रखा जा सकता है, हरे सेब को लीवर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। आप रोज सुबह 1 हरे सेब का सेवन जरूर करें।

हरे सेब के पोषक तत्व...

हरा सेब पोषक तत्वों का भंडा है। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटेशियम, कॉपर, आयरन, जिंक, विटामिन-ए और विटामिन-के जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, ये एक हेल्दी शरीर के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं। इतना ही नहीं ये तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार माने जाते हैं।

इन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है ग्रीन सेब...

ग्रीन सेब का सेवन दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है। यह दिल की सेहत को सही रखता है। हरे सेब में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन पाया जाते हैं, जो हार्ट हेल्थ को इंप्रूव करते हैं। इससे कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है। खास बात ये भी है कि हरे सेब में डाइटरी फाइबर होता है, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है। अगर आप हार्ट के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह के बाद ग्रीन एप्पल का सेवन कर सकते हैं।

हरा सेब खाने के फायदे...

हरा सेब खाने से कब्ज और डायरिया की समस्या से आराम मिलता है।
हरे सेब में मौजूद पोषक तत्व लीवर को मजबूत बनाने का काम करते हैं।
हरा सेब वनज घटाने में भी मददगार साबित हो सकता है।
हरे सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर की सूजन कम करते हैं।
हरे सेब में कैल्शियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम तत्व पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

भारत: आज मनाया जाएगा 74वां 'गणतंत्र' दिवस

भारत: आज मनाया जाएगा 74वां 'गणतंत्र' दिवस

इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली। 'भारत' देश 26 जनवरी 2023 को इस बार अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर साल इस दिन ही पूरा देश गणतंत्र दिवस मनाता है ? लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर 26 जनवरी को ही क्यों इसे मनाते हैं ? क्या है इसका इतिहास ? आइए, आज हम आपको इन दस बिंदुओं के जरिए, बता रहे हैं पूरी कहानी...!

1- देश में पहली बार गणतंत्र दिवस वर्ष 1950 में मनाया गया था। इसी दिन डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के राष्ट्रपति के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया।

2- साल 1947 में देश को ब्रिटिश राज से आजादी मिली, लेकिन उसका अपना संविधान नहीं था। 26 जनवरी 1950 को भारत को अपना संविधान मिला।

3- डॉ. बीआर अंबेडकर ने संविधान की प्रारूप समिति की अध्यक्षता की। देश गणतंत्र घोषित हो गया था, इसलिए इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

4- भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा संविधान है जिसमें 444 लेख 22 भागों में विभाजित हैं, और 12 अनुसूचियां आज तक 118 संशोधनों के साथ हैं।

5-संविधान को 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और यह वर्ष 1950 में लागू हुआ था।

6- पहली गणतंत्र दिवस परेड 1950 में इरविन एम्फीथिएटर (अब मेजर ध्यानचंद स्टेडियम) में आयोजित की गई थी। जिसमें तीन हजार भारतीय सैन्य कर्मियों और 100 से अधिक विमानों ने भाग लिया था।

7-राजपथ पर पहली परेड 1955 में आयोजित की गई थी जब पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद मुख्य अतिथि के रूप में आए थे।

8- 26 जनवरी 1930 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश शासन के डोमिनियन स्थिति का विरोध करते हुए पूर्ण स्वराज की मांग की थी।  इस प्रकार औपनिवेशिक शासन से भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की थी।

9- गणतंत्र दिवस परेड के लिए हर साल एक विशेष राष्ट्र के नेता को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो 1950 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले पहले मुख्य अतिथि थे। मार्च में भाग लेने वाले सेना के प्रत्येक सदस्य को जांच की चार परतों से गुजरना पड़ता है, यहां तक कि उनके हथियारों का भी बड़े पैमाने पर निरीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे जीवित गोलियां नहीं ले जा रहे हैं।

10- हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है, जब भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारत का गणतंत्र दिवस समारोह बीटिंग रिट्रीट के दौरान 'अबाइड बाई मी' गाना गाकर तीन दिनों तक चलता है। देश के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस पर संबोधित करते हैं, जबकि देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस पर संबोधित करते हैं।

विशेष त्योहार: आज मनाई जाएगी 'बसंत पंचमी'

विशेष त्योहार: आज मनाई जाएगी 'बसंत पंचमी'

सरस्वती उपाध्याय 

बसंत पंचमी माघ मास के शुक्‍ल-पक्ष, तिथि पंचमी के दिन मनाई जाती है। इस दिन कला और संगीत की देवी मां सरस्‍वती की पूजा की जाती है। कला और शिक्षा जगत के लोगों के लिए यह दिन बहुत खास होता है और वे लोग विधि विधान से मां सरस्‍वती की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। कुछ लोगों के मन में बसंत पंचमी की तिथि को लेकर उलझन है। इनकी जानकारी के लिए हम बता रहे हैं कि बसंत पंचमी इस साल 26 जनवरी को मनाई जाएगी। ऐसी मान्‍यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्‍वती की पूजा करने से आपकी संतान सदा तरक्‍की करती है और आपके घर में भी सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, व मन एकाग्रचित होता है।

बसंत पंचमी को लेकर पौराणिक मान्‍यता है कि इस दिन ब्रह्माजी के मुख से मां सरस्‍वती का प्राकट्य हुआ था। इसी दिन मां सरस्‍वती ने प्रकट होकर इस सृष्टि को ध्‍वनि प्रदान की थी। इस दिन से बसंत ऋतु के आरंभ के साथ ही सुहावना मौसम आरंभ हो जाता है और वातावरण में एक अलग तरह की मिठास और सकारात्‍मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। जिन लोगों के घर में पढ़ने वाले बच्‍चे हैं, उन लोगों को बसंत पंचमी के दिन अपने घर में सरस्‍वती पूजन का आयोजन अवश्‍य करना चाहिए। ऐसा करने से उनकी संतान तीव्र बुद्धि वाली बनती है और करियर में सफलता व तरक्‍की प्राप्‍त करती हैं। बंगाली समाज के लोगों में सरस्‍वती पूजन बहुत धूमधाम से किया जाता है।

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
माघ मास की पंचमी यानी कि सरस्‍वती पंचमी का आरंभ 25 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर होगा और इसका समापन 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा। इसलिए बसंत पंचमी की पूजा उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार 26 जनवरी को मनाई जाएगी। 26 जनवरी को बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 7 मिनट से दिन में 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

बसंत पंचमी की पूजा-विधि
बसंत पंचमी पर मां सरस्‍वती के साथ ही रति और कामदेव की पूजा भी की जाती है। बसंत पंचमी के दिन पीले वस्‍त्र धारण करना शुभ माना जाता है। पीले चावल, पीले फल और पीली मिठाई के साथ मां सरस्‍वती की विधि विधान से पूजा करें और सरस्‍वती वंदना करें। इस दिन कामदेव और रति की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में आनंद बना रहता है। पूजा में रोली, मौली, हल्दी, केसर, अक्षत, पीले या सफेद रंग का फूल, पीली मिठाई आदि चीजों का प्रयोग करें।

चीन की आक्रामकता के बावजूद हमारा व्यापार बढ़ा

चीन की आक्रामकता के बावजूद हमारा व्यापार बढ़ा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन की आक्रामकता के बावजूद उसके साथ हमारा व्यापार बढ़ा है और यह सही नहीं है। छत्रसाल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह समारोह को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘‘ हम चीन से चप्पल, मूर्तियां और गद्दे जैसी वस्तुएं खरीद रहे हैं। हम भारत में इनका निर्माण क्यों नहीं कर सकते? ’’

केजरीवाल ने कहा कि इन चीजों का निर्माण देश में भी किया जा सकता है, जिससे युवकों के लिए रोजगार का सृजन होगा और चीन को एक कड़ा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार, चीन ने भारत के कुछ क्षेत्रों पर ‘‘कब्जा’’ कर लिया है जो हर नागरिक के लिए चिंता का विषय है।केजरीवाल ने कहा, ‘‘ चीन की आक्रामकता के बावजूद हमारा चीन के साथ व्यापार बढ़ा है। यह 50 प्रतिशत बढ़ा है। हम चीन को अमीर बना रहे हैं। यह सही नहीं है।’’ मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि कई राज्य सरकारों को ‘‘परेशान’’ किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कई राज्यों में निर्वाचित सरकारों द्वारा विश्वविद्यालयों में की गईं कुलपतियों की नियुक्ति को राज्यपाल रद्द कर रहे हैं।

‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक ने आरोप लगाया, ‘‘ ऐसा लगता है कि लोकतंत्र पर काले बादल छा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम दूसरे राज्यों के अच्छे कार्यों से क्यों नहीं सीखते? ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान दूसरे राज्यों में न मिले।’’ दिल्ली में मुद्रास्फीति सबसे कम होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा शासित गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में मुद्रास्फिति दर काफी अधिक है।उन्होंने कहा, ‘‘ दिल्ली में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, बिजली, जल सब मुफ्त है। इसलिए दिल्ली में मंहगाई कम है। खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगने से वे महंगे हो गए। मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि लोगों को राहत देने के लिए खाद्य पदार्थों पर से जीएसटी हटाएं।’’ केजरीवाल ने केंद्र से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरल बनाने को भी कहा।

सीएम के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना शासन से की 

सीएम के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना शासन से की 

इकबाल अंसारी 

हैदराबाद। तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सरकार की तुलना निजाम शासन से की है और दावा किया कि उनके ‘‘निरंकुश’’ शासन का जल्द ही अंत होगा। कुमार ने जी20 की भारत की अध्यक्षता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने के लिए राव की आलोचना की।

कुमार मंगलवार को महबूबनगर में भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रहे थे। कुमार ने कहा, ‘‘उनके (के. चंद्रशेखर के) पास निजाम (जिनका पिछले सप्ताह निधन हो गया) को श्रद्धांजलि देने और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए पर्याप्त समय है, लेकिन उनके पास प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाग लेने का समय नहीं है।’’ हैदराबाद की तत्कालीन रियासत के आठवें निजाम मुकर्रम जाह का 14 जनवरी को तुर्किये में निधन हो गया था।

उनका अंतिम संस्कार 18 जनवरी को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। कुमार ने के. चंद्रशेखर राव को ‘‘एक और निजाम’’ करार दिया और कहा कि उनका "निरंकुश शासन" जल्द ही समाप्त होगा। उन्होंने भाजपा की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में यह भी कहा कि मोदी के नेतृत्व में भारत "विश्व गुरु" बनेगा। राज्य विधानसभा चुनाव इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राव के नेतृत्व वाली बीआरएस के 10 साल के शासन को समाप्त करना चाहती है।

भागीदारी को गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय 

भागीदारी को गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/काहिरा। भारत और मिस्र ने रक्षा उद्योगों के क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने, आतंकवाद से निपटने संबंधी सूचना एवं खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाने सहित अपनी द्विपक्षीय भागीदारी को सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय किया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ दोनों देशों के बीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि के क्षेत्र में मददगार होगा। इसलिए आज की बैठक में राष्ट्रपति सीसी और मैंने, हमारी द्विपक्षीय भागीदारी को सामरिक गठजोड़ के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा खतरों को लेकर भारत और मिस्र चिंतित हैं, तथा हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा है। उन्होंने कहा, ‘‘ दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी है।’’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ हमने आज अपने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मज़बूत करने, आतंकवाद से निपटने संबंधी सूचना एवं खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।’’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत ने अपनी जी20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूप आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है। मोदी ने कहा कि हमने द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 12 अरब डॉलर पर पहुंचाने का फैसला किया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे हैं। बुधवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी ने कई विषयों पर चर्चा की। मिस्र के राष्ट्रपति अल-सीसी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता के बाद कहा, ‘‘ हमने क्षेत्रीय, वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की; द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया।’’

दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद छह समझौतों/समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर एक स्मृति डाकटिकट का आदान प्रदान किया गया। भारत और मिस्र के बीच हुए समझौतों में एक महत्वपूर्ण समझौता दोनों देशों के संबंधों को ‘सामरिक भागीदारी’ के स्तर पर ले जाने का है जिसमें राजनीतिक, सुरक्षा, रक्षा, ऊर्जा और आर्थिक संबंधों के आयाम शामिल हैं। दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर एक स्मृति डाकटिकट का आदान प्रदान किया।

यह आदान प्रदान भारत की ओर से रेल, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और मिस्र की ओर से वहां के संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. अहमद समीह तलत ने किया। सके अलावा दोनों देशों ने भारत के कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल और मिस्र के कम्प्यूटर आपात प्रतिक्रिया दल के बीच साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। भारत और मिस्र ने सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग, संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग तथा युवा मामलों के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

इसके साथ ही, दोनों देशों के बीच प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग पर भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह भारत के प्रसार भारती और मिस्र के नेशनल मीडिया आथोरिटी के बीच हुआ। इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी के बीच बैठक की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘ मिस्र के साथ हमारे संबंधों, एशिया के साथ अफ्रीका के सम्पर्कों के नैसर्गिक सेतु को प्रगाढ़ बनाते हुए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति अल सीसी ने दोनों देशों के बहुआयामी संबंधों को गति प्रदान करने के लिये बातचीत की जो सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आर्थिक सम्पर्कों और लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित है।’’ सीसी 26 जनवरी को होने जा रहे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि हैं। उनके साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है। यह पहला मौका है, जब मिस्र के राष्ट्रपति को गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

मिस्र की सेना की एक टुकड़ी भी गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेगी। वहीं, बुधवार को सुबह मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी का राष्ट्रपति भवन में पारंपरिक स्वागत किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने ट्वीट किया, ‘‘ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में मिस्र के राष्ट्रपति अल सीसी का पारंपरिक स्वागत किया।’’ इस अवसर पर वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी आगवानी की। बागची ने बताया कि मिस्र के राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई।

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