शुक्रवार, 20 जनवरी 2023

11 साल में पहली बार अपना लुक बदला: विकिपीडिया 

11 साल में पहली बार अपना लुक बदला: विकिपीडिया 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। विकिपीडिया ने अपनी 22वीं वर्षगांठ के मौके पर 11 साल में पहली बार अपना लुक बदला है। अंग्रेज़ी विकिपीडिया के डेस्कटॉप इंटरफेस में बेहतर सर्च ऑप्शन के साथ आर्टिकल के कंटेंट के लिए नया टेबल और भाषा बदलने के लिए दाईं ओर डेडिकेटेड टूल दिया गया है। विकिमीडिया फाउंडेशन के स्वामित्व वाले विकिपीडिया की शुरुआत 15 जनवरी 2001 को हुई थी।इंटरनेट पर सबसे लोकप्रिय साइटों में से एक विकिपीडिया है। हमने कई सालों से विकीपीडिया को बस एक ही रूप में देखा है। लेकिन अब कई सालों का इंतजार खत्म हुआ और अब विकिपीडिया को एक नया रूप मिल गया है। 11 वर्षों में पहली बार, विकिपीडिया को एक नया रूप मिल रहा है। विकिपीडिया के डेस्कटॉप इंटरफ़ेस में सुधारों की एक सीरीज साइट को उपयोग करने में आसान बनाएगी और सभी का स्वागत करेगी, विकिमीडिया फ़ाउंडेशन ने कहा।

सबसे पहली बात, प्लेटफॉर्म अब पूरी तरह से नए रूप में है, साथ ही हर जानकारी में एक साइड मेन्यू पॉप-अप होता है, जिससे आपको आसानी से नेविगेट करने में मदद मिलती है। विकिमीडिया फाउंडेशन का कहना है कि भाषा-स्विचिंग टूल्स को अब रखा गया है जिससे यूजर्स आसानी से अपनी पसंदीदा भाषा सर्च सकते हैं और आवश्यकतानुसार 300 से अधिक भाषाओं के बीच स्विच कर सकते हैं।

विकिपीडिया के सर्च अनुभव को भी अपग्रेड मिला। क्योंकि सर्च विकल्प अब फोटो और डिटेल्स का लाभ उठाता है, जिससे आपके लिए आवश्यक लेखों को सर्च आसान हो जाता है। विकिपीडिया ने एक नया बंधनेवाला साइडबार जोड़ा है। यह यूजर्स को हर एक कंटेंट के बाईं ओर पाए जाने वाले लंबे मेनू को दिखाने में मदद करेगा, जिससे उन्हें बिना विचलित हुए आवश्यक जानकारी देखने में मदद मिलेगी।

कंटेंट की एक नई टेबल है, जो यूजर्स को यह जानने में सहायता करती है कि वे वर्तमान में कौन सा सेक्शन पढ़ रहे हैं। इसके अलावा, यह पेज को नीचे स्क्रॉल करने पर भी दिखाई देता है, जिससे विभिन्न सेक्शंस में नेविगेट करना आसान हो जाता है। एक अपडेटेड हेडर है जो स्क्रॉल करते ही आपके साथ चलेगा। विकिमीडिया फाउंडेशन ने कहा, आप जो सर्च रहे हैं उसे सर्च के लिए अब आपको पेज के टॉप पर स्क्रॉल करने की आवश्यकता नहीं होगी, और आप इसके बजाय पढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

आज अगरतला में रैली करेंगी 'माकपा और कांग्रेस'

आज अगरतला में रैली करेंगी 'माकपा और कांग्रेस'

इकबाल अंसारी 

अगरतला। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर त्रिपुरा में संविधान को बचाने तथा लोकतंत्र बहाल करने की कवायद के तौर पर शनिवार को अगरतला में एक रैली करेंगी। माकपा के प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी और कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने बृहस्पतिवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रैली में शामिल होने वाले लोग किसी राजनीतिक दल का झंडा लेकर नहीं चलेंगे।

रॉय बर्मन ने कहा, त्रिपुरा में संविधान बचाने और लोकतंत्र की रक्षा करने के इच्छुक लोग रबींद्र भवन के सामने इस विशाल रैली में हिस्सा लेंगे और किसी राजनीतिक दल का झंडा लेकर नहीं चलेंगे। वे राष्ट्रीय ध्वज थामे नजर आएंगे। वहीं, चौधरी ने राज्य में बढ़ती चुनाव पूर्व हिंसा पर चिंता जताई और दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में 2018 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद लोग वोट नहीं दे पाए।

टिपरा मोथा के लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ हाथ मिलाने के बारे में पूछे जाने पर चौधरी ने कहा कि इस क्षेत्रीय दल के प्रमुख प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने भाजपा को हराने के लिए माकपा-कांग्रेस गठबंधन का समर्थन किया है। इस बीच, सूत्रों ने बताया कि माकपा और कांग्रेस नेताओं ने दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर अपनी पहली बैठक की, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया। दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की थी। त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान 16 फरवरी को होगा, जबकि वोटों की गिनती दो मार्च को की जाएगी।

'सारस' पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद किया

'सारस' पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद किया 

अखिलेश पांडेय/नरेश राघानी 

टोमस्क/उदयपुर/जयपुर। सर्दियों में आने वाली साईबेरियन सारस पक्षी ने कई वर्षो से भारत आना बंद कर दिया है। पक्षी विशेषज्ञ एवं पूर्व वन संरक्षक डा सतीश शर्मा के अनुसार संसार में क्रेनों की 15 प्रजातियां ज्ञात है जो तीन वशों एन्टीगोन, बालिएरिका तथा ग्रूस में सम्मिलित की गई हैं। ज्ञात 15 प्रजातियों में कभी 5 भारत में मिलती थी लेकिन कई वर्षो से साइबेरिया क्षेत्र से सर्दियों में आने वाली साईबेरियन सारस ने आना बंद कर दिया और हमारे देशो में केवल 4 सारस या क्रेन प्रजातियां ज्ञात है। साईबेरियन सारस राजस्थान के केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान में आती थी लेकिन अब वे नहीं आ रही है।

उन्होंने बताया कि जानी पहचानी सारस क्रेन जिसे वैज्ञानिक भाषा में ग्रूस एन्टीगोन कहते है, स्थानीय प्रजाति है तथा देश छोड कर नहीं जाती। काली गर्दन की सारस की संख्या जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के कुछ क्षैत्रों में गर्मी में तो उत्तर पूर्व भारत में सर्दी में पहुंचती है। कुरजां (ग्रूस विरगो) तथा कॉमन क्रेन (ग्रूस-ग्रूस) हमारे यहां हिमालय के उस पार के सूदूर क्षेत्रों में सर्दी की ऋतु में देशान्तर गमन कर अक्टूबर के आस-पास आने लगती है तथा फरवरी मार्च में गर्मी प्रारंभ होने पर प्रवास समाप्त कर वापस लौट जाती है। कुरजां को राजस्थान का जन-जन जानता है।

जोधपुर जिले का खीचन गांव कुरजां प्रवास के लिये न केवल देश बल्कि विदेशों में भी जाना जाता है। खीचन के लोग बडे स्नेह व आत्मीयता से सदियों से कुरजां के प्रवास को सुरक्षित एवं यादगार बनाते आ रहे है। खीचन में उनके रहने तक उनको भोजन के रुप में नियमित चुग्गा दिया जाता है। कुरजां के साथ कॉमन क्रेन को भी देखा जा सकता है। ये दोनो क्रेन बडे झूण्ड बनाकर रहने, उड़ने, खाना खाने एवं आराम करने की प्रवृति रखती है। क्रेन या सारस जब उड़ान भरती है तो यह अपनी गर्दन आगे एवं पैर पीछे की तरफ लम्बे फैलाकर उड़ते है। उड़ान में पंक्ति या वी आकार में उड़ने से ये अपना ईंधन बचाती है।

क्रेन अपना जोड़ा बनाने के बाद वफादारी से स्थायी रिश्ते निभाते है। कहते है जोड़े में एक की मृत्यु होने पर दुसरा साथी खाना पीना छोड मृत्यु को गले लगा लेता है। इसी प्रवृति के कारण न केवल भारत में बल्कि दूसरे देशों में भी क्रेनों को आदर दिया जाता है। हिमालय के उस पार बौध धर्म के अनुयायी भी क्रेनों का आदर करते है। हमारे धर्म ग्रंथों एवं लोक गीतों में सारस एवं कुरजा की बडी महिमा है। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-101, (वर्ष-06)

2. शनिवार, जनवरी 21, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:28, सूर्यास्त: 05:40। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 20+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

गुरुवार, 19 जनवरी 2023

कौशाम्बी: समिति का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न

कौशाम्बी: समिति का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न


बैरमपुर CLF की समूह की  महिलााओं  के समृद्धि की ओर बढ़ते कदम

कौशाम्बी। विकासखंड सरसावां के ग्राम पंचायत बैरमपुर में 19 जनवरी को संघर्ष महिला प्रेरणा संकुल स्तरीय समिति (सीएलएफ) का उद्घाटन कार्यक्रम संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य विकास अधिकारी डॉ रवि किशोर त्रिवेदी, खंड विकास अधिकारी सतीश कुमार सिंह, एडीओ आईएसबी सतीश कुमार पाण्डेय, ग्राम प्रधान अखिलेश यादव, NRLM से बीएमएम रमेश कुमार सिंह विनोद कुमार मिश्रा सुशील कुमार गुप्ता सुमित कुमार सिंह, ग्राम विकास अधिकारी राजीव कुमार पाल, जनपद फतेहपुर से आई हुई सीनियर आईसीआरपी श्रीमती कांति देवी व श्रीमती मिथिलेश देवी एवं समस्त ग्राम संगठन और समूह के पदाधिकारी व सदस्यों की उपस्थिति में संघर्ष महिला प्रेरणा संकुल स्तरीय संघ का उद्घाटन हर्षउल्लास के साथ किया गया।

CLF में ग्रामपंचायत बैरमपुर, पलरा, सेंगरहा, हटवा, चान्देराई बरुवा आदि से समूह की महिलाएं ने अपनी सहभागिता की। CDO सर द्वारा समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से आर्थिक एवं सामाजिक रूप से लाभान्वित होने सन्देश दिया गया। CLF के पदाधिकारी अध्यक्ष-श्रीमति प्रमिला सिंह, उपाध्यक्ष श्रीमती राधा देवी सचिव श्रीमती राजकुमारी उपसचिव श्रीमती रानी देवी कोषाध्यक्ष अल्पना देवी को चयनित किया गया है। अब CLF के माध्यम से समूह की दीदियाँ आजीविका संवर्धन का सतत कार्य करेंगी।

अरविंद कुमार मौर्य

बागपत: पुत्र ने बेल्ट से गला घोट कर मां की हत्या की

बागपत: पुत्र ने बेल्ट से गला घोट कर मां की हत्या की


संस्कार हीन बेटे ने मां को उतारा मौत के घाट

गोपीचंद 

बागपत। एक पुत्र ने बेल्ट से गला घोंट कर अपनी माँ की हत्या की। बचाने आए पिता पर भी हमला किया। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बड़ौत नगर की आवास-विकास कॉलोनी में आपसी कहासुनी को लेकर हुए विवाद में रजत ने अपनी बेल्ट से गला घोट कर अपनी मां की हत्या कर दी और विरोध कर रहे पिता पर भी हमला कर दिया। घटना की सूचना पिता एडवोकेट जितेंद्र सोलंकी की चूकना पर बड़ौत थाना प्रभारी निरीक्षक ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और कातिल पुत्र को अग्रिम करवाही हेतु गिरफ्तार किया। 

आज की जीवनशैली में इस प्रकार की घटनाएं समाजी जीवन में हुए नैतिकता और सद संस्कारों के पतन का एक बहुत बड़ा कारण बना हुआ। आज की युवा पीढ़ी संस्कारहीन व अनैतिकता के दल-दल में धशी जा रही है। बिना संस्कारों के मानवता का विकास कैसे हो ? शिक्षा के साथ नैतिकता और संस्कार सामाजिक जीवन का मुख्य आधार है, जो वर्तमान में निराधार है।

व्यक्ति का जीवन मूल्य उसके व्यक्तित्व पर आधारी हैं और व्यक्तित्व का विकास उसके संस्कार और कर्म पर आधारित है। आज के समय में आपसी संबंधों में अपराधिक घटनाएं संस्कारहीनता और नैतिकता के पतन के कारण ही निरंतर बढ़ती जा रही हैं। एक मात्र संस्कार ही मानवता का ऐसा अहम एवं अमूल्य भाग है, जिसके जरिए मानव अपनी मंजिल तक पहुंच सकता है। उसके साथ-साथ ही शिक्षा भी मानवता का ऐसा अहम भाग है, जो हमेशा सही राह पर चलने की सलाह देता है।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...