बुधवार, 18 जनवरी 2023

जन स्वास्थ्य के प्रति प्रशासनिक उदारता गंभीर

जन स्वास्थ्य के प्रति प्रशासनिक उदारता गंभीर

अश्वनी उपाध्याय 

गाजियाबाद। जनपद में स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त कार्यरत अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, जिसके कारण बड़ी लापरवाही का संलिप्त होना स्वाभाविक है। इसी कारण जनता के स्वास्थ्य से चरम सीमा तक खिलवाड़ किया जा रहा है। इस प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख पदों पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जनपद स्थित तहसील लोनी में भारतीय चिकित्सा अधिनियम के विरुद्ध सैकड़ों चिकित्सा संस्थानों का संचालन किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र में कुल 5 प्रतिशत चिकित्सा संबंधी संस्थान ही अधिनियम अनुरूप संचालित किए जा रहे है। शेष 95 प्रतिशत चिकित्सा संबंधी स्थानों का संचालन स्वास्थ्य विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों एवं स्थानीय पुलिस की सांठ-गांठ से किया जा रहा है। अधिकतर चिकित्सा संबंधी संस्थानों पर पंजीकृत चिकित्सक उपलब्ध नहीं रहते हैं, जिनकी अनुपस्थिति में अयोग्य व्यक्तियों के द्वारा चिकित्सा परीक्षण किया जाता है।

सूत्रों की मानें, तो क्षेत्र में 20 से अधिक डायग्नोस्टिक सेंटर एवं कई लैबों पर पंजीकृत चिकित्सक के स्थान पर अयोग्य व्यक्ति के द्वारा चिकित्सा परीक्षण किया जाता है। संभवत: अयोग्य व्यक्ति त्रुटिपुक्त मिथ्या अथवा भ्रामक परिणाम ही प्रेषित करता है। स्वाभाविक रूप से गलत रिपोर्ट के कारण पीड़ित का उपचार प्रभावित होगा। हो सकता है, यह छोटी-सी गलती पीड़ित की जान भी ले सकती है‌। लेकिन, किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। क्योंकि, अनाधिकृत रूप से चिकित्सा संबंधी संस्थान के संचालक के द्वारा संबंधित अधिकारी को कुछ पैसे देकर खरीद लिया जाता है। यदि कोई तीमारदार मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से शिकायत करता है, तो संचालक संबंधित अधिकारी और स्थानीय पुलिस सांठ-गांठ कर उसको झूठे मुकदमे में फंसाने का काम करते हैं। इस कारण विधि विरुद्ध संचालित चिकित्सा संस्थान बदस्तूर संचालित है‌।

अयोग्य चिकित्सा परीक्षण के परिणाम स्वरूप कई लोग अपने जीवन को भेट चढ़ा चुके हैं। संविधान के अधिनियम के साथ इसस घिनौना मजाक नहीं हो सकता है। परंतु, घूर्त अधिकारियों को इस बात का इल्म नहीं है, कि सच को दबाया जा सकता है, छिपाया जा सकता है। किंतु, नष्ट नहीं किया जा सकता है। पर्दे के पीछे का सच कब कैंसर बन जाएगा ? संभवत: इसका आभास भी नहीं होगा।

आखिरकार, जिला प्रशासन जनता के स्वास्थ्य से होने वाले इस खिलवाड़ के प्रति संवेदनशील क्यों नहीं है ? जिला अधिकारी को मामलें की गंभीरता पर संज्ञान लेने की सख्त आवश्यकता है।जनता के स्वास्थ्य के साथ खेले जाने वाले इस खतरनाक खेल पर लगाम कसने की जरूरत है।

विधायकों के खिलाफ अपमानजनक बयान, हंगामा 

विधायकों के खिलाफ अपमानजनक बयान, हंगामा 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी के हरिप्रसाद ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) में जाने वाले बागी विधायकों के खिलाफ अपमानजनक बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया है। दरअसल, हरिप्रसाद ने कांग्रेस के बागी विधायकों और पर्यटन मंत्री आनंद सिंह के खिलाफ बेहद ही शर्मसार बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है।

इस बयान को लेकर राजनीतिक हलके में नया हंगामा भी पैदा हो गया है। आनंद सिंह उन 17 बागी कांग्रेस और जनतादल (सेक्युलर) विधायकों में शामिल थे जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस-जद (एस) सरकार को अल्पमत में लाकर सरकार बनाने के लिए भाजपा में शामिल हो गए। हरिप्रसाद ने श्री सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस के टिकट पर विजयनगर विधानसभा सीट जीतने के एक साल के भीतर उन्होंने मंत्री पद हासिल करने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। श्री हरिप्रसाद ने मंगलवार शाम को कहा ,इससे पहले जब जनता ने किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत से सत्ता में नहीं लाया था, हमने कर्नाटक में गठबंधन सरकार बनाई थी।

लेकिन कुछ विधायक उन महिलाओं की तरह व्यवहार करते थे जो अपनी आजीविका के लिए जिस्मफरोशी करती हैं।आप इन विधायकों को भी इसी नाम से बुलाओ जिन्होंने खुद को बेच दिया? हरिप्रसाद ने श्री सिंह पर परोक्ष हमले में कहा,आपको स्थानीय विधायक को सबक सिखाना होगा जिन्होंने अपना स्वाभिमान समेत सब कुछ बेच दिया।

90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया, एक गैंडा देखा 

90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया, एक गैंडा देखा 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/लखीमपुर। असम के लखीमपुर जिले में पावा संरक्षित वन के लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए जाने के कुछ दिनों बाद उसी जगह पर एक गैंडा देखा गया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। इससे वन्यजीव रक्षकों को काफी खुशी हुई है। लखीमपुर के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) अशोक कुमार देव चौधरी के अनुसार, संरक्षित वन से अतिक्रमण हटाए जाने के बाद वहां कुछ गांवों में मंगलवार को एक वयस्क गैंडे को घूमते देखा गया। डीएफओ अशोक कुमार देव चौधरी ने पीटीआई-भाषा को बताया,  हालांकि, ग्रामीणों ने तीन गैंडों को देखने का दावा किया है, लेकिन हमने एक गैंडा देखा है।

लोग गैंडों को परेशान कर रहे है। गैंडों ने कल तीन लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया था।  मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पावा संरक्षित वन के अंदर गैंडों के दिखाई देने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले ही जानवरों को अतिक्रमण से मुक्त भूमि में देखा गया था। डीएफओ ने कहा कि 1941 में पावा संरक्षित वन 46 वर्ग किलोमीटर भूभाग में फैला था जिसमें से केवल 0.32 वर्ग किमी खाली था और बाकी सभी पर कब्जा (अतिक्रमण) किया गया था।

उन्होंने बताया कि पिछले तीन दशक के दौरान करीब 170 परिवारों ने पावा संरक्षित वन की भूमि पर कब्जा किया था। उनके अनुसार करीब 450 हेक्टेयर वनीय भूभाग पर कब्जे के बाद लोगों ने मकान बना लिए थे और कुछ जगह पर खेती कर रहे थे।

राजनीति: राज्यपाल ने तमिलनाडु को 'तमिझगम' कहा 

राजनीति: राज्यपाल ने तमिलनाडु को 'तमिझगम' कहा 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने बुधवार को कहा कि उन्होंने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में राज्य को तमिझगम कहा और इसे तमिलनाडु का नाम बदलने के सुझाव के रूप में लेना गलत है। रवि ने कहा कि चार जनवरी, 2023 को राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में काशी तमिल संगमम के कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने के लिए दोनों स्थानों के बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक जुड़ाव पर चर्चा करते हुए उन्होंने तमिझगम शब्द का उल्लेख किया था। रवि ने राजभवन द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा, उन दिनों, कोई तमिलनाडु नहीं था।

इसलिए ऐतिहासिक, सांस्कृतिक संदर्भ में मैंने तमिझगम शब्द को अधिक उपयुक्त अभिव्यक्ति के रूप में संदर्भित किया। रवि ने कहा, यह धारणा या अनुमान कि यह तमिलनाडु का नाम बदलने का सुझाव था, गलत और संदर्भ से परे है। मेरे भाषण के आधार को समझे बिना, यह तर्क दिया गया कि राज्यपाल तमिलनाडु शब्द के खिलाफ हैं। यह चर्चा का विषय बन गया है। इसलिए, मैं इसे समाप्त करने के लिए यह स्पष्टीकरण दे रहा हूं। काशी के साथ तमिल लोगों के सदियों पुराने सांस्कृतिक जुड़ाव का जश्न मनाने के लिए एक महीने तक आयोजित यह उत्सव हाल में संपन्न हुआ।

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे 'पीएम'

अकांशु उपाध्याय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/मुंबई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बृहस्पतिवार को मुंबई का दौरा करेंगे और इस दौरान वह बुनियादी ढांचे के विकास, शहरी यात्रा को सुगम बनाने और स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने के उद्देश्य से 38,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि मोदी राष्ट्र को लगभग 12,600 करोड़ रुपये लागत वाली मुंबई मेट्रो रेल लाइन 2ए और 7 समर्पित करेंगे। मोदी बांद्रा कुर्ला परिसर में एमएमआरडीए मैदान पर आयोजित एक समारोह में सात मल जल शोधन संयंत्रों, सड़क कंक्रीटीकरण परियोजना और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला भी रखेंगे।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नजरें आर्थिक रूप से समृद्ध बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को हराने पर टिकीं हैं। बीएमसी चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है। दहिसर (पूर्व) और डीएन नगर (येलो लाइन) को जोड़ने वाली मेट्रो लाइन 2ए लगभग 18.6 किलोमीटर लंबी है, जबकि अंधेरी (पूर्व) एवं दहिसर (पूर्व) (रेड लाइन) को जोड़ने वाली मेट्रो लाइन 7 लगभग 16.5 किलोमीटर लंबी है।

दिलचस्प बात है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ही 2015 में इन लाइन की आधारशिला रखी थी। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री ‘मुंबई 1 मोबाइल ऐप’ और ‘नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (मुंबई 1)’ (एनसीएमसी) की भी शुरुआत करेंगे। इसमें बताया गया कि यह मोबाइल ऐप यात्रा को सुगम बनाने में मदद करेगा। इसे मेट्रो स्टेशन के प्रवेश द्वार पर दिखाया जा सकता है और यह यूपीआई के माध्यम से टिकट खरीदने के लिए डिजिटल भुगतान में सहायता करेगा।विज्ञप्ति के अनुसार, कार्ड शुरू में मेट्रो गलियारों में इस्तेमाल किया जाएगा और बाद में स्थानीय ट्रेनों एवं बसों सहित सार्वजनिक परिवहन के अन्य वाहनों तक इसका बड़े पैमाने पर विस्‍तार किया जा सकता है। इसमें बताया गया कि यात्रियों को कई कार्ड या नकदी ले जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

एनसीएमसी कार्ड त्वरित एवं संपर्क रहित डिजिटल लेनदेन को सक्षम करेगा, प्रक्रिया सरल हो जाएगी। प्रधानमंत्री लगभग 17,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले सात मल जल शोधन संयंत्रों का शिलान्यास करेंगे। ये संयंत्र मलाड, भांडुप, वर्सोवा, घाटकोपर, बांद्रा, धारावी और वर्ली में स्थापित किए जाएंगे, जिनकी संयुक्त क्षमता लगभग 2,460 एमएलडी होगी। मोदी मुंबई में स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 20वें ‘हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना’ का उद्घाटन करेंगे।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस पहल के जरिए लोगों को स्वास्थ्य जांच, दवाएं और निदान जैसी आवश्यक चिकित्सा सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की जाती हैं। प्रधानमंत्री मुंबई में तीन अस्पतालों- 360-बिस्‍तरों वाले भांडुप मल्टीस्पेशियलिटी म्युनिसिपल अस्पताल, गोरेगांव (पश्चिम) में 306 बिस्‍तरों वाले सिद्धार्थ नगर अस्पताल, और 152 बिस्‍तरों वाले ओशिवारा प्रसूति गृह- के पुनर्विकास की भी आधारशिला रखेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार, इससे शहर के लाखों निवासियों को लाभ होगा और उन्हें उच्च श्रेणी की चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। इसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री मुंबई की लगभग 400 किलोमीटर सड़कों को पक्‍का करने के लिए सड़क निर्माण परियोजना शुरू करेंगे। यह परियोजना लगभग 6,100 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जाएगी।

मुंबई में लगभग कुल 2,050 किलोमीटर सड़कों के विस्‍तार में से 1,200 किलोमीटर से अधिक सड़कों को या तो पक्‍का कर दिया गया है या उन्हें पक्‍का किए जाने की प्रक्रिया जारी है। शेष लगभग 850 किलोमीटर सड़कों में गड्ढे हैं। जिससे परिवहन में दिक्कत होती है। सड़क को पक्‍का करने की परियोजना का उद्देश्य इस चुनौती को दूर करना है। विज्ञप्ति के अनुसार, मोदी दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पुनर्विकास की भी आधारशिला रखेंगे। यह कार्य 1,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पूरा किया जाएगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ‘पीएम स्वनिधि योजना’ के तहत एक लाख से अधिक लाभार्थियों के स्वीकृत ऋणों का हस्तांतरण भी शुरू करेंगे।

ऊंचाई वाले स्थानों की यात्रा से बचने की सलाह 

ऊंचाई वाले स्थानों की यात्रा से बचने की सलाह 

श्रीराम मौर्य 

शिमला। हिमाचल प्रदेश में हाड़ कंपा देने वाली शीतलहर और बर्फबारी की संभावना को ध्यान में रखते हुए लाहौल-स्पीति जिला प्रशासन ने यात्रियों और पर्यटकों को राज्य के ऊंचाई वाले स्थानों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। लाहौल-स्पीति के उपायुक्त ने बुधवार को मीडिया में जारी मौसम अलर्ट में कहा कि मौसम विभाग ने जिले में 19, 20 और 23 से 26 जनवरी तक बर्फबारी होने का अनुमान लगाया है।

मौसम अलर्ट में कहा गया, “चेतावनियां जारी होने के बावजूद लोग ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में जाकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। जिले में बर्फबारी के पूर्वानुमान को देखते हुए सभी नागरिकों और पर्यटकों से ऊंचाई वाले स्थानों और कम तापमान वाले क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है, वे अपने घरों में सुरक्षित रहें और किसी प्रकार का जोखिम न लें।

इसलिए सभी ग्राम पंचायतों, गैर सरकारी संगठनों, ट्रेकर और पैदल यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि वे किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इस संदेश को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।” राज्य में हाड़ कंपा देने वाली शीतलहर लगातार जारी है और रात का तापमान शून्य से नीचे बना हुआ है, आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं और घने कोहरे और पाला पड़ने के कारण राज्य में सामान्य जनजीवन और याताताय प्रभावित हुआ है और रोड फिसलन भरा है।

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 93 सड़कें बर्फ की चादर से ढकी हुई हैं और वाहनों के आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं हैं। लाहौल-स्पीति पुलिस ने यातायात परामर्श जारी कर कहा है कि सभी स्थानीय लोग और पांगी जाने वाले वाहन अगले आदेश तक रोहतांग सुरंग के माध्यम से जिले में आवागमन कर सकते हैं।

अगले आदेश तक दोपहिया वाहन के अलावा सभी पर्यटक वाहन राज्या में एटीआर के माध्यम से जिले में सुबह 10 बजे से शाम तीन बजे तक आवागमन कर सकते हैं। स्थानीय लोगों और पर्यटकों को खराब मौसम के कारण घाटी में यात्रा के दौरान बहुत सतर्क रहने की सलाह दी गई है। लाहौल-स्पीति पुलिस विभाग यातायात प्रबंधन देखेगा और ज्यादा बर्फबारी होने पर कुल्लू पुलिस के साथ समन्वय करेगा। पुलिस ने पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे खराब मौसम में सुरक्षित स्थानों पर रहें।

लाहौल-स्पीति जिले में एनएच-3 और एनएच 304 सहित लगभग 76 सड़कें बर्फ की चादर से लिपटी हुई है। केलांग में पारा शून्य से 10 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। किन्नूर के कल्पा में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.5 डिग्री नीचे, मनाली में शून्य से 2.2 डिग्री नीचे, नारकंडा में शून्य से 1.7 डिग्री नीचे, सोलन में शुन्य से 0.7 डिग्री नीचे, बिलासपुर और शिमला में शुन्य से 1.0 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। जबकि डलहौजी और ऊना शून्य डिग्री, धर्मशाला और कांगड़ा 2.2 डिग्री, हमीरपुर में 2.0 डिग्री और मंडी में 2.5 डिग्री दर्ज किया गया।

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