शिक्षा सत्र शुरू कराने के लिए 4 वर्षों से प्रयास जारी
समाजसेवी राशिद अली की जनहित याचिका से प्रदेश में शिक्षा हित में क्रांतिकारी कदम
इकबाल अंसारी
गाजियाबाद। प्रमुख समाजसेवी राशिद अली (वारसी),सचिव आर डब्ल्यू ए प्रेमनगर, गाजियाबाद द्वारा प्रेमनगर और मुस्तफाबाद लोनी में 5 वर्ष पूर्व बने खड़े 2 इंटर कालेजों एवं प्रदेश के 85 विद्यालयों में शिक्षा सत्र शुरू कराने के लिए पिछले 4 वर्षों से प्रयास किया जा रहा है। राशिद अली द्वारा शासन प्रशासन से अनेको बार अनुरोध करने के पश्चात निराश होकर माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद में जनहित याचिका (राशिद अली बनाम उत्तर प्रदेश सरकार-2088/2022) दायर करनी पडी जिसमे मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल व न्यायाधीश जेजे मुनीर, उच्च न्यायालय द्वारा सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग, सचिव अल्पसंख्यक विभाग भारत सरकार, वित्त विभाग, निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग को नोटिस भेज तलब किया गया लेकिन अधिकारीगण विदेश यात्रा पर सरकारी कार्य का प्रयोजन बताकर न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए।
न्यायाधीश ने न्यायालय के आदेश को नजर अंदाज किए जाने पर यह कहते हुए कि अफसर सरकारी धन का लुत्फ उठाने विदेश यात्रा पर चले गए हैं उनके पास अदालत में शपथ पत्र के साथ जवाब देने का पर्याप्त समय था अधिकारियों को यात्रा पर जाने से पहले शपथ पत्र के साथ संबंधित जवाब दाखिल कराना चाहिए था पर ऐसा नहीं किया गया। अफसरों की यह प्रवृत्ति कतई उचित नहीं है। कोर्ट ने बहुत सख्त आदेश किए कि प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा विभाग शपथ पत्र स्वयं उपस्थित होकर प्रस्तुत करें और बताए कि उत्तर प्रदेश में कितने विद्यालय हैं तथा निर्मित होने के पश्चात भी इनमें वर्षो से शिक्षा सत्र शुरू क्यों नही किया गया।
उसी क्रम में उत्तर प्रदेश की ओर से प्रमुख सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश 85 स्कूलो में शिक्षा सत्र 2023-24 में 01अप्रैल 2023 से शुरू करने के लिए संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक को दिनांक 21-12-2022 पर आदेश जारी कर शपथ पत्र के साथ माननीय उच्च न्यायालय में पेश किया गया। हाईकोर्ट ने प्रदेश में बने सरकारी स्कूलों की संख्या मांगते हुए बंद पड़े हुए व संचालित हो रहे दोनों की जानकारी मांगी थी। जनहित याचिका पर अधिवक्ता शहाबुद्दीन व सैयद मोहम्मद नवाज ने बहस करते हुए तर्क रखा था कि प्रदेश में केंद्र और राज्य सरकार से सहायता प्राप्त काफी संख्या में सरकारी स्कूल हैं जो पर्याप्त शिक्षकों व कर्मचारियों की नियुक्ति न होने के कारण संचालित नहीं हो पा रहे हैं। प्रदेश में तमाम सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी ही नहीं है। इससे स्कूल संचालित ही नहीं हो पा रहे हैं।
अब लोनी ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश की जनता प्रदेश में बने खड़े 85 विद्यालयों में शिक्षा सत्र शुरू होने से लाभान्वित होगी। जनहित में समाजसेवी राशिद अली की सरकार के विरुद्ध जनता के हित के लिए शिक्षा क्षेत्र में यह बहुत बड़ी जीत है।