शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

भाषणों के मामलें में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें 'पुलिस'

भाषणों के मामलें में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें 'पुलिस'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि वह धार्मिक सभाओं में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामलें में एक प्रगति रिपोर्ट दाखिल करें। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने दिसंबर 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में धार्मिक सभाओं में दिए गए कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषणों के मामले में मई 2022 में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया है। 

पीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी द्वारा दायर एक अवमानना ​​​​याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि 2021 की घटना के संबंध में मई 2022 में दर्ज प्राथमिकी में कोई 'स्पष्ट प्रगति' नहीं हुई है। पीठ ने दिल्ली पुलिस का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज से पूछा, "आपको प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पांच महीने की आवश्यकता क्यों है? मामले में कितनी गिरफ्तारियां की गई हैं।" 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने पीठ के समक्ष कहा कि सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जानबूझकर देरी नहीं की गई थी। पीठ ने पूछा कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद क्या कदम उठाए गए। कितने लोगों से पूछताछ की गई? शीर्ष अदालत ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह इस संबंध में दो सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करें। याचिका में कथित नफरती भाषणों के मामले में दिल्ली पुलिस और उत्तराखंड सरकार द्वारा कथित तौर पर निष्क्रियता का आरोप लगाया गया था। तहसीन पूनावाला मामले में शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले के उल्लंघन के मामलों में कथित निष्क्रियता के लिए याचिका में दिल्ली और उत्तराखंड के पुलिस प्रमुखों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

कानून बनाने और नकल कराने वालों की संपत्ति कुर्क 

कानून बनाने और नकल कराने वालों की संपत्ति कुर्क 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखंड में एक के बाद एक पेपर लीक होने से असहज राज्य सरकार ने प्रदेश में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाने और नकल कराने वालों की संपत्ति कुर्क करने का फैसला लिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आपात बैठक में मुख्य रूप से जोशीमठ में आई आपदा और पेपर लीक मामले पर फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग में हुए पेपर लीक मामले को लेकर देश का सबसे सख्त कानून बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही लेखपाल परीक्षा दोबारा आयोजित करवाने का फैसला लिया गया। इस बार पुराने अभ्यर्थियों को सरकारी बसों में किराया नहीं देना होगा, उनका एडमिट कार्ड ही उनका पास होगा।

धामी सरकार ने युवाओं के जीवन के साथ खिलवाड़ करने के मामले पर उम्र कैद की सजा देने का निर्णय लिया है। अगली कैबिनेट में इसे लेकर सख्त कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा। साथ ही ऐसे मामलों से जुड़े लोगों की संपत्ति कुर्क करने का प्रावधान भी कानून में रखा जाएगा। कैबिनेट में नकल रोकने के लिए देश का सबसे सख्त कानून बनाये जाने का भी फैसला किया गया है। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी सम्पत्ति को भी जब्त किया जाएगा। उन्होंने कहा लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा दोबारा से आयोजित करवाई जाएगी।

जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा, न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि उत्तराखण्ड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन की बसों में अभ्यर्थियों को किराया नहीं देना होगा। अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र ही उनका यूटीसी की बसों में टिकट माना जाएगा। कैबिनेट की आपात बैठक में साथ ही प्रभावित परिवारों को 4000 की जगह ₹5000 किराया दिये जाने पर भी फैसला हुआ है। प्रभावित परिवारों को पुनर्वास के लिए पांच जगहें चयनित की गई हैं, सभी जगहों का भूगर्भीय सर्वे करवाया जाएगा। राहत शिविरों में प्रतिदिन ₹950 अधिकतम किराया दिया जाएगा, डैमेज एसेसमेंट और सर्वे के आधार पर मुआवजा पैकेज तैयार करने पर भी सरकार काम कर रही है। जिन परिवारों का विस्थापन व पुनर्वास किया जाना है, उनको मजदूरी दी जाएगी। विस्थापन के लिए ₹15,000 प्रति जानवर और बड़े पशु के लिए ₹80 और छोटे पशुओं के लिए प्रतिदिन ₹45 दिए जाएंगे।

जोशीमठ वासियों का छह महीने का बिजली पानी बिल माफ: इसके साथ ही कैबिनेट की आपात बैठक में नवंबर महीने से अगले 6 महीने तक के लिए बिजली पानी के बिल को माफ किया गया है। सरकारी बैंक से लिए गए लोन को अगले 1 साल तक ना भरने की छूट दी जाएगी। बैठक में शामिल सभी मंत्रियों ने अपने एक माह का वेतन देने का निर्णय लिया हैं, जोशीमठ के भू धंसाव के कारणों को जानने के लिए आठ इंस्टीट्यूट सर्वे कर रहे हैं। सभी इंस्टीट्यूट की सर्वे रिपोर्ट आने के बाद सरकार कमेटी बनाएगी। कमेटी सभी के सर्वे रिपोर्ट पर आगे का निर्णय लेगी।

आरक्षण के चुनावी दांव पर एचसी ने अड़ंगा लगाया 

आरक्षण के चुनावी दांव पर एचसी ने अड़ंगा लगाया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी सरकार की ओर से विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के मद्देनजर खेले जा रहे आरक्षण के चुनावी दांव पर हाईकोर्ट ने अड़ंगा लगाते हुए उस पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अब सरकार से ओबीसी आरक्षण से संबंधित मामले में यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है। शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले की अध्यक्षता वाली एक सदस्यीय खंडपीठ ने कर्नाटक राज्य सरकार के प्रस्तावित नई कैटेगरी आरक्षण पर रोक लगा दी है और सरकार को आरक्षण के मामलें पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

कर्नाटक में ओबीसी आरक्षण की नई कैटेगरी के निर्माण को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की सुनवाई अब 30 जनवरी तक के लिए अदालत द्वारा स्थगित कर दी गई है। दरअसल हाल ही में संपन्न हुए राज्य सरकार के विधानसभा सत्र में बीजेपी सरकार की ओर से लिंगायत एवं वोक्कलिंगा को आरक्षण में शामिल करने के लिए दो नई कैटेगरी 2सी एवं 2डी बनाने की घोषणा की गई थीख् जिसमें लिंगायतो की पंचमसाली जाति को 2ए श्रेणी में शामिल करने की बात कही गई थी।

15 जनवरी को मनाया जाएगा 'मकर संक्रांति' का पर्व 

15 जनवरी को मनाया जाएगा 'मकर संक्रांति' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 

मकर संक्रांति का पावन पर्व इस बार 15 जनवरी 2023, रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं। इस दिन मकर राशि में सूर्य प्रवेश कर जाते हैं और इसलिए ही इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। बहुत-सी जगहों पर इसे खिचड़ी और उत्तरायण भी कहते हैं। मकर संक्रांति पर प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं का मेला विभिन्न नदियों के घाटों पर लगता है। इस शुभ दिन तिल खिचड़ी का दान करते हैं।

मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी। मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी को सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 बजकर 40 मिनट पर होगा। वहीं, महापुण्य काल सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए।

मकर संक्रांति पूजन विधि

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें‌। सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें। श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें। नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें। भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं। भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें। संध्या काल में अन्न का सेवन न करें। इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

मकर संक्रांति के दिन करें ये खास उपाय 

1. मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें। तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है‌। साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है।

2. मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें और सूर्य देव को चढ़ाए जाने वाले जल में तिल अवश्य डालें‌। ऐसा करने से इंसान की बंद किस्मत के दरवाज़े खुलते हैं।

3. इस दिन कंबल, गर्म कपड़े, घी, दाल चावल की खिचड़ी और तिल का दान करने से गलती से भी हुए पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है।

4. इस दिन पितरों की शांति के लिए जल देते समय उसमें तिल अवश्य डालें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

5. अगर आर्थिक रूप से कोई समस्या आ रही है तो इस दिन घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें और सूर्य मंत्र का 501 बार जाप करें।

6. कुंडली में मौजूद किसी भी तरह का सूर्य दोष को कम करने के लिए तांबे का सिक्का या तांबे का चौकोर टुकड़ा बहते जल में प्रवाहित करें।

'ऑनलाइन बुकिंग' सेवा देने वाली कंपनी को फटकार

'ऑनलाइन बुकिंग' सेवा देने वाली कंपनी को फटकार

कविता गर्ग 

मुंबई/पुणे। बम्बई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से लाइसेंस प्राप्त किए बिना संचालन करने के लिए पुणे स्थित एक बाइक, टैक्सी की आनलाइन बुकिंग सेवा देने वाली कंपनी को शुक्रवार को फटकार लगाई और सेवाओं को तुरंत निलंबित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति एस जी दिगे की खंडपीठ ने रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (रेपिडो) को चेतावनी दी कि वह या तो अपनी बाइक टैक्सी सेवाओं को तुरंत निलंबित कर दे या अदालत को राज्य के प्राधिकारियों को निर्देश जारी करने होंगे कि कंपनी को कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाए।

पीठ ने कहा कि लाइसेंस के अभाव में कंपनी अनियमित तरीके से अपनी सेवाएं नहीं चला सकती। रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने 29 दिसंबर, 2022 को राज्य सरकार द्वारा बाइक टैक्सी की आनलाइन बुकिंग सेवा देने वाली कंपनी को लाइसेंस देने से इनकार करने संबंधी एक पत्र जारी करने के खिलाफ अदालत का रुख किया था। राज्य सरकार ने अपने पत्र में कहा था कि बाइक टैक्सी के लाइसेंस के संबंध में राज्य की कोई नीति नहीं है और कोई किराया संरचना के संबंध में भी कोई नीति नहीं है।

कंपनी ने 20 जनवरी तक अपनी सेवाओं को निलंबित करने का आश्वासन दिया, जब अदालत मामले की आगे की सुनवाई करेगी। महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ ने अदालत से कहा था कि कंपनी की याचिका पर तभी सुनवाई होनी चाहिए जब वे अपनी सेवाएं बंद कर दें। उन्होंने कहा, "वे अवैध रूप से सेवाएं चलाते हुए इस अदालत में नहीं आ सकते।" सराफ ने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे का अध्ययन करने और बाइक टैक्सी के लिए दिशानिर्देश तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया है। महाधिवक्ता सराफ ने कहा, "हम उन संस्थाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी करने और अभियोजन शुरू करने की प्रक्रिया में हैं, जो बिना लाइसेंस के बाइक टैक्सी चला रहे हैं।"

‘गंगा विलास क्रूज’ के रूप में देश को नई सौगात

‘गंगा विलास क्रूज’ के रूप में देश को नई सौगात

अकांशु उपाध्याय/संदीप मिश्र 

नई दिल्ली/वाराणसी। फाइव स्टार होटल की सुविधाओं से लैस ‘गंगा विलास क्रूज’ के रूप में देश को आज एक नई सौगात मिल गई, जिसके जरिए भारत दर्शन किया जा सकेगा।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम  से वाराणसी  में गंगा नदी  के किनारे दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज, ‘एमवी गंगा विलास’ को हरी झंडी दिखाकर वाराणसी से रवाना कर दिया। इस दौरान उन्होंने कहा  गंगा विलास क्रूज का शुभारंभ हो गया है। गंगा नदी हमारे लिए सिर्फ जलधारा नहीं है, बल्कि प्राचीन काल से तप-तपस्वियों की साक्षी है। मां गंगा ने भारतीयों को हमेशा पोषित किया है, प्रेरित किया है। गंगा पट्टी आजादी के बाद पिछड़ती चली गई।

लाखों लोगों का पलायन हुआ, इस स्थिति को बदलना जरूरी था और हमने नई सोच के साथ काम करना शुरू किया. एक तरफ नमामी गंगे के माध्यम से गंगा की निर्मलता के लिए काम किया, दूसरी तरफ अर्थ गंगा पर भी काम किया। आर्थिक गतिविधियों का नया वातावरण बनाया." सिर्फ यही नहीं  रविदास घाट में आयोजित  समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय जलपत्तन मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी  उपस्तिथ रहें।

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई अन्य अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं का भी उद्घाटन और शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा, क्रूज टूरिज्म का नया दौर इस क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार के नए अवसर देगा। विदेशी पर्यटकों के साथ देश के पर्यटकों के लिए भी ये खास अनुभव होगा। ये क्रूज जहां से भी गुजरेगा वहां विकास की नई रोशनी लाएगा। हम शहरों के बीच लंबे रिवर क्रूज के अलावा, अलग-अलग शहरों में छोटे क्रूज को भी बढ़ावा दे रहे हैं। काशी में भी ऐसी व्यवस्था चल रही है। बजट से लेकर लग्जरी क्रूज तक, हर प्रकार की सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज गंगा विलास की शुरुआत होना एक साधारण घटना नहीं है। उन्होंने कहा, "जैसे कोई देश जब अपने दम पर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता है तो वो उस देश की तकनीती क्षमता को दिखता है। वैसे ही 3200 किलोमीटर से ज्यादा लंबा ये सफर, भारत में वाटर-वे के विकास और नदी जलमार्गों के लिए बन रहे आधुनिक संसाधनों का जीता-जागता उधारण है।

गंगा विलास के लॉन्च से पहले बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास राज्य के बक्सर, छपरा, पटना, मुंगेर, सुल्तानगंज और कहलगांव का दौरा करेगा। हर बंदरगाह पर पर्यटकों का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और ऐतिहासिक स्थलों की सैर कराई जाएगी। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, पिछले तीन दिनों में, रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास के पर्यटकों ने वाराणसी और आसपास के स्थानों का दौरा किया और संस्कृति का अनुभव किया

जाने 'गंगा विलास' क्रूज की खासियते, क्या- क्या सुविधाए है इसमें

एमवी 'गंगा विलास' क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता और सभी सुविधाओं के साथ तीन डेक और बोर्ड पर 18 सुइट हैं। क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लाइब्रेरी समेत अन्य चीजें हैं। स्विट्जरलैंड और जर्मनी के 31 यात्रियों का एक समूह क्रूज पर सवार है और जहाज के 40 चालक दल के सदस्यों के साथ क्रूज यात्रा पर निकल चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में टेंट सिटी का वर्चुअली उद्घाटन कर दिया है। इसी के साथ पीएम ने वाराणसी-डिब्रूगढ़ के बीच यात्रा करने वाले रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास (MV Ganga Vilas) को भी हरी झंडी दिखा दी है। केंद्रीय मंत्री एस सोनोवाल, यूपी के सीएम आदित्यनाथ लॉन्च इवेंट में मौजूद हैं। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और असम के सीएम एचबी सरमा वर्चुअली इवेंट में शामिल हुए हैं।

आरोपी मौलवी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत: एससी 

आरोपी मौलवी को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत: एससी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी एक मौलवी को शुक्रवार को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी। न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ ने आरोपी वरवाया अब्दुल वहाब महमूद को 16 जनवरी से 28 जनवरी तक रोजाना सुबह 11 बजे संबंधित जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, आरोप और प्रत्यारोप पर जाने से पहले, याचिकाकर्ता को पूछताछ और जांच के लिए 16 जनवरी से 28 जनवरी के बीच सुबह 11 बजे जांच एजेंसी/अधिकारी के सामने पेश होने दें। इसके बाद मामले के गुण-दोष पर विचार किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके बाद 13 फरवरी को मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि वरवाया एक इस्लामिक विद्वान हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं।

मौलवी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने पहले उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। प्राथमिकी के अनुसार, अभियुक्त ने अन्य लोगों से वित्तीय सहायता और मदद प्राप्त करने पर लगभग 37 हिंदू परिवारों और 100 हिंदुओं का वित्तीय सहायता प्रदान करके कथित रूप से धर्मांतरण किया और सरकारी निधि से बने एक घर को इबादतगाह में बदल दिया। भरूच के आमोद पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उसके खिलाफ गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश रचने, वैमनस्य पैदा करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में अपराध दर्ज किए गए थे। 

भरूच के आमोद पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, उसके खिलाफ गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की धारा 4 और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश रचने, वैमनस्य पैदा करने और आपराधिक धमकी देने के आरोप में अपराध दर्ज किए गए थे। 

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

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