गुरुवार, 12 जनवरी 2023

महादयी जल मुद्दे का जल्द ही समाधान निकाला जाएगा 

महादयी जल मुद्दे का जल्द ही समाधान निकाला जाएगा 

इकबाल अंसारी/संजय उपाध्याय

पणजी/बेंगलुरू। गोवा और कर्नाटक के बीच चल रहे महादयी नदी जल विवाद के बीच केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बृहस्पतिवार को कहा कि इस मुद्दे का जल्द ही समाधान निकाल लिया जाएगा। शेखावत ने एक ट्वीट में यह भी कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में उनके आवास पर उनसे मुलाकात की। कर्नाटक द्वारा नदी की सहायक नदियों कलसा और बंडुरी पर बांधों के निर्माण के माध्यम से महादयी नदी के पानी के मोड़ को लेकर गोवा और कर्नाटक आपस में उलझे हुए हैं। गोवा सरकार ने तर्क दिया है कि कर्नाटक महादयी नदी के पानी को मोड़ नहीं सकता है, क्योंकि यह महादयी वन्यजीव अभयारण्य से होकर गुजरता है, जो उत्तरी गोवा में नीचे की ओर स्थित है।

केंद्र ने हाल ही में कर्नाटक द्वारा दो बांधों के निर्माण के लिए प्रस्तुत एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी है। सावंत के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और महादयी नदी के पानी को मोड़ने के मुद्दे को हल करने के लिए एक जल प्रबंधन प्राधिकरण के तत्काल गठन का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय मंत्री शेखावत से मुलाकात की। बैठक के बाद शेखावत ने एक ट्वीट में कहा, “गोवा के मुख्यमंत्री अन्य प्रतिनिधियों के साथ मेरे दिल्ली आवास पर मुझसे मिलने आए थे। हमने महादयी नदी जल वितरण के मुद्दे पर चर्चा की। निश्चित रूप से, इस मुद्दे का समाधान जल्द ही निकाल लिया जाएगा।”

सावंत ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री शाह के साथ बैठक के दौरान कहा, उन्होंने ‘‘महादेई जल प्रबंधन प्राधिकरण’’ के तत्काल गठन और केंद्रीय जल आयोग द्वारा स्वीकृत डीपीआर (कर्नाटक के) को वापस लेने का आग्रह किया। गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र ने महादयी नदी के पानी के बंटवारे पर अंतर-राज्यीय जल विवाद न्यायाधिकरण द्वारा 2019 में दिए गए फैसले को चुनौती दी है। मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में है।

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पर पथराव, शीशा टूटा

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पर पथराव, शीशा टूटा

सन्नी उपाध्याय

विशाखापत्तनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में कुछ अज्ञात लोगों ने रेलवे यार्ड में खड़ी नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे पर पथराव किया, जिससे उसकी खिड़की का शीशा टूट गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। यह वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन सिकंदराबाद और विशाखापत्तनम के बीच चलाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसे 15 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाई जानी है।

रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कंचारपालेम में कोच परिसर के पास खेल रहे कुछ बच्चों ने बुधवार रात कथित तौर पर शरारत में ट्रेन के एक डिब्बे पर पथराव किया, जिससे उसकी खिड़की का शीशा टूट गया। घटना की जांच में विशाखापत्तनम पुलिस भी अब आरपीएफ के साथ शामिल हो गई है

पुलिस के मुताबिक, वंदे भारत एक्सप्रेस का एक रेक रखरखाव संबंधी जांच के लिए बुधवार को चेन्नई से विशाखापत्तनम पहुंचा था। अधिकारियों ने बताया कि विशाखापत्तनम में रेक को कंचारपालेम स्थित नए कोच परिसर में ले जाया गया था, जहां यह घटना हुई। पुलिस के अनुसार, पथराव में ट्रेन की एक खिड़की का शीशा पूरी तरह से टूट गया, जबकि दूसरे में मामूली दरार आई। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने कहा कि वे पथराव करने वाले लोगों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि घटना के बाद इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

गैस-सिलेंडर में आग लगने से कई दुकानें जली, नष्ट 

गैस-सिलेंडर में आग लगने से कई दुकानें जली, नष्ट 

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। कोलकाता में गुरुवार तड़के रसोई गैस-सिलेंडर में आग लगने से कई दुकानें जलकर नष्ट हो गईं। पुलिस और अग्निशमन विभाग के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि शहर के फुटपाथ के किनारे स्थित दुकानों में से किसी एक में रसोई गैस सिलेंडर फट गया, जिसमें एक दुकानदार झुलस गया। उसे इलाके के बिधाननगर अस्पताल ले जाया गया। बचाव अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीम आग लगने की सूचना मिलते ही तत्काल घटनास्थल पर छह से अधिक गाड़ियों को लेकर पहुंच गई। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

तब तक कई दुकानें जलकर खाक हो गईं। उन्होंने कहा कि अभी आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और कई वरिष्ठ अधिकारी आग के बारे में जानकारी लेने और बचाव कार्य का जायजा लेने पहुंच गए हैं।

फसल कटाई के वक्त उचित फैसला करेगी सरकार 

फसल कटाई के वक्त उचित फैसला करेगी सरकार 

अकांशु उपाध्याय/मनोज सिंह ठाकुर 

नई दिल्ली/इंदौर। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के महानिदेशक संतोष कुमार सारंगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि गेहूं निर्यात से प्रतिबंध हटाने की मांग पर सरकार मार्च-अप्रैल के आस-पास फसल कटाई के वक्त उचित फैसला करेगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से पहले आंका जाएगा कि देश में गेहूं की मांग और पूर्ति में कितना संतुलन है।

सारंगी, मध्यप्रदेश सरकार के आयोजन वैश्विक निवेशक सम्मेलन "इन्वेस्ट मध्यप्रदेश" में हिस्सा लेने इंदौर आए थे। गेहूं निर्यात खोलने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "देश में गेहूं की फसल की कटाई आमतौर पर मार्च-अप्रैल में होती है। इस अवधि के आसपास सरकार इस विषय (गेहूं निर्यात खोलने की मांग) में उचित फैसला करेगी।" उन्होंने आगे कहा,"जिस समय महसूस किया जाएगा कि गेहूं की मांग और आपूर्ति में संतुलन है, इस खाद्यान्न का निर्यात खोलने के लिए व्यवस्था की जाएगी।" गौरतलब है कि मई 2022 में गर्मी और लू की वजह से गेहूं उत्पादन प्रभावित होने की चिंताओं के बीच भारत ने अपने प्रमुख खाद्यान्न की कीमतों में आई भारी तेजी पर अंकुश लगाने के मकसद से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

सारंगी ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वस्त्र निर्माण पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि सूबे में इस उद्योग के कच्चे माल के रूप में कपास की खासी उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि सूबे में गेहूं, चावल, फल-सब्जियों और मसालों के साथ ही जैविक व अजैविक रसायनों तथा इंजीनियरिंग उत्पादों का भी निर्यात बढ़ने की उजली संभावनाएं हैं। सारंगी ने एक सवाल पर बताया कि सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना अभी 14 क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही है तथा हो सकता है कुछ और क्षेत्रों में इसका विस्तार किया जाए।फसल कटाई के वक्त उचित फैसला करेगी सरकार 

2025 तक 10 लाख वाहनों को जोड़ने का लक्ष्य 

2025 तक 10 लाख वाहनों को जोड़ने का लक्ष्य 

विजय भाटी

गौतमबुद्ध नगर। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ऊर्जा अवसंरचना एवं सेवा प्रदाता कंपनी सन मोबिलिटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसका 2025 तक अपने मंच से 10 लाख वाहनों को जोड़ने का लक्ष्य है। कंपनी ने यहां 'वाहन प्रदर्शनी-2023' में अपने स्वैपएक्स कॉम्पैक्ट बैटरी अदला-बदली (स्वैपिंग) स्टेशन का अनावरण किया। इसके जरिए कंपनी अपने नेटवर्क का तेजी से विस्तार करना चाहती है।

सन मोबिलिटी ने इसके अलावा अपने अगली पीढ़ी के बैटरी पैक एस2.1 को भी पेश किया। सन मोबिलिटी के सह-संस्थापक और चेयरमैन चेतन मैनी ने कहा, ‘‘हमारा मकसद अपने मंच पर 10 लाख वाहनों को जोड़ने का है।'’ सन मोबिलिटी, दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया छोटे वाहनों की बैटरी बदलने की सेवा उपलब्ध कराती है। कंपनी के भारत के 18 से अधिक शहरों में 240 से अधिक बैटरी स्वैपिंग स्टेशन मौजूद हैं।

गतिरोध: सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू को ज्ञापन सौंपा

गतिरोध: सरकार ने राष्ट्रपति मुर्मू को ज्ञापन सौंपा

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और राज्यपाल आर एन रवि के बीच गतिरोध की पृष्ठभूमि में राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन की विषयवस्तु को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। द्रमुक संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रेगुपति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जिसे मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने लिखा है। उन्होंने कई बार इस बात पर जोर दिया कि ज्ञापन में क्या लिखा है, वह केवल मुख्यमंत्री जानते हैं। उन्होंने कहा कि स्टालिन का ज्ञापन सीलबंद लिफाफे में राष्ट्रपति को सौंपा गया है।

राष्ट्रीय राजधानी में संवाददाताओं से तमिल भाषा में संक्षिप्त बातचीत में बालू ने ज्ञापन के बारे में केवल इतना कहा कि यह राज्य सरकार की ओर से तमिलनाडु के कानून मंत्री ने सौंपा। उन्होंने संकेत दिया कि ज्ञापन में राज्यपाल से जुड़े मुद्दे और उनके ‘परंपराओं से हटकर काम करने’ के बारे में लिखा हो सकता है। रेगुपति और लोकसभा सदस्य ए राजा की मौजूदगी में बालू ने कहा, ‘‘हमें ज्ञापन के निष्कर्ष वाले हिस्से की जानकारी नहीं है क्योंकि यह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और भारत की राष्ट्रपति के बीच ही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि ज्ञापन का अध्ययन करने के बाद उन्हें जो उचित लगे कार्रवाई करें।’’

रवि ने सोमवार को राज्य विधानसभा में अपने परंपरागत अभिभाषण से हटकर संबोधन दिया था और स्टालिन ने इसके खिलाफ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। जिसके बाद राज्य सरकार और राज भवन के बीच पहले से गतिरोध वाले संबंधों में और तनाव आ गया। द्रमुक और उसके सहयोगी दल जहां राज्यपाल रवि को वापस बुलाने की मांग पुरजोर तरीके से उठा रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी रवि का समर्थन कर रही है। द्रमुक नीत गठबंधन ने गत नवंबर महीने में राष्ट्रपति मुर्मू से रवि को बर्खास्त करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने संविधान के तहत ली गयी शपथ का उल्लंघन किया है। बालू ने आज कहा कि नवंबर 2022 में दिया गया ज्ञापन ‘राजनीतिक’ प्रकृति का था, जबकि आज का ज्ञापन सरकार की ओर से दिया गया है।

द्रमुक नेता ने रवि पर तमिलनाडु में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सनातन नीतियों’ को थोपने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि पेरियार, अन्ना और कलईंगर की धरती पर ये कोशिश फलीभूत नहीं होंगी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि राज्यपाल ने तमिलनाडु की जनता और राष्ट्रगान का अपमान किया है। वह संभवत: सोमवार को सदन से राज्यपाल के वॉकआउट का परोक्ष जिक्र कर रहे थे।

राज्यपाल रवि द्वारा राज्य को ‘तमिझगम’ पुकारने की सलाह के अनुसार एक पत्रकार द्वारा इस शब्द का इस्तेमाल किये जाने पर बालू ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सही नाम ‘तमिलनाडु’ ही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम तमिझगम शब्द को स्वीकार नहीं करते क्योंकि वह (रवि) किसी मंशा के साथ इसका उपयोग कर रहे हैं। अन्ना (द्रमुक संस्थापक और दिवंगत मुख्यमंत्री) ने राज्य को तमिलनाडु नाम दिया था।’’

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