मंगलवार, 10 जनवरी 2023

सीएम ने 'जियो ट्र 5जी' सेवाओं का शुभारंभ किया

सीएम ने 'जियो ट्र 5जी' सेवाओं का शुभारंभ किया

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने मंगलवार को गुवाहाटी में 'जियो ट्र 5जी' सेवाओं का शुभारंभ किया। गुवाहाटी के साथ साथ रिलायंस जियो ने माँ कामाख्या मंदिर परिसर में अपनी ट्र 5जी वाई-फाई सेवाओं को भी लॉन्च किया। इसके अलावा 4 राज्यों के 7 अन्य शहर भी जियो नेटवर्क से जुड़ गए। कर्नाटक के तीन शहर हुबली-धारवाड़, मैंगलोर और बेलगाम, केरल का चेरतला, तेलंगाना के वारंगल और करीमनगर के साथ महाराष्ट्र के सोलापुर में भी जियो ट्रू 5जी नेटवर्क लॉन्च कर दिया गया।

10 जनवरी से, गुवाहाटी समेत अन्य 4 राज्यों कर्नाटक (हुबली-धारवाड़, मैंगलोर, बेलगाम), केरल (चेरतला), तेलंगाना (वारंगल, करीमनगर) और महाराष्ट्र (सोलापुर) के 7 शहरों में जियो उपयोगकर्ताओं को जियो वेलकम ऑफर दिया जाएगा। ऑफर के तहत यूजर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के 1 जीबीपीएस प्लस की स्पीड पर अनलिमिटेड डेटा मिलेगा। इस मौके पर असम के मुख्यमंत्री को दिखाया गया कि कैसे जियो ट्र 5जी आमजन का जीवन बदल कर रख देगा। खासतौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाले बदलावों को प्रदर्शित किया गया। जियो कम्युनिटी क्लिनिक मेडिकल किट, जियोग्लास के साथ एआर-वीआर-आधारित हेल्थकेयर, टेली रेडियोलॉजी, कनेक्टेड एम्बुलेंस जैसे स्मार्ट हेल्थकेयर जैसे सॉल्यूशंस प्रदर्शित किए गए।

इन स्वास्थ्य सेवा सॉल्यूशंस में शहरी और ग्रामीण आबादी के करीब एक अरब लोगों के जीवन को सीधे प्रभावित करने की ताकत है। डॉ. सरमा ने कहा, गुवाहाटी में जियो की ट्र 5जी सेवा शुरू करने पर मुझे बेहद खुशी हो रही है। मेरा मानना है कि ट्रू 5जी में वो ताकत है जिससे असम के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा हर किसी की पहुंच में होगी।आज प्रदर्शित किया गया स्वास्थ्य सॉल्युशन यानी 'क्लिनिक इन ए बैग' जमीनी स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं की सहायता कर सकता है। इसका डिजाइन एकदम साधारण है और यह वायरलेस तरीके से 5जी पर चिकित्सीय उपकरणों से जुड़ सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की मदद से स्वास्थ्य कार्यकर्ता असम के सबसे दूरस्थ स्थानों में भी रोगियों का उपचार कर सकते हैं। असम में 5जी सेवाओं को तेजी से शुरू करने के लिए, मेरी सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

5जी-आधारित स्वास्थ्य सेवा सॉल्युशन्स को लागू कर और असम में डिजिटल स्वास्थ्य ईको-सिस्टम बना कर हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी का आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का सपना पूरा कर सकते हैं। असम में 9,500 करोड़ रुपये के अपने मौजूदा निवेश के अलावा जियो राज्य में ट्रू 5जी नेटवर्क खड़ा करने के लिए 2,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर रहा है और यह हमारे राज्य के विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दिसंबर 2023 तक जियो ट्र5जी सेवाएं असम के हर शहर और हर तालुका में उपलब्ध करा दी जाएंगी।

विलेज डिफेंस कमेटी मजबूत करने पर जोर दिया

विलेज डिफेंस कमेटी मजबूत करने पर जोर दिया

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीनगर। राजौरी में हुए आतंकी हमले से केंद्र सरकार एक्शन मोड में है। कल रात गृह मंत्री ने बड़ी बैठक की। बैठक में विलेज डिफेंस कमेटी मजबूत करने पर जोर दिया। 26 जनवरी के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख राजौरी जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने राजौरी जिले के डांगरी गांव में हमला कर सात लोगों की हत्या कर दी थी और कई अन्य को घायल कर दिया था।

9 साल के उच्च स्तर पर पहुंची 'आवासीय बिक्री'

9 साल के उच्च स्तर पर पहुंची 'आवासीय बिक्री'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधरने से देश के प्रमुख आठ शहरों में आवासीय बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर नौ साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई। संपत्ति सलाहकार फर्म नाइट फ्रैंक ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया। देश के शीर्ष आठ शहरों के संपत्ति बाजारों पर आधारित पिछले छह महीनों की स्थिति पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसके अनुसार, पिछले साल कुल कार्यालय स्थलों की मांग 36 प्रतिशत बढ़कर 5.16 करोड़ वर्ग फुट रही। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल शीर्ष आठ शहरों में आवासीय इकाइयों की बिक्री 34 प्रतिशत बढ़कर 3,12,666 इकाई हो गई। यह पिछले नौ साल का उच्च स्तर है।

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि घरों की कीमत बढ़ने और आवासीय ऋण पर ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद वर्ष 2022 में आवासीय इकाइयों की बिक्री बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, मुंबई 85,169 इकाइयों के साथ आवासीय बिक्री के मामले में शीर्ष पर रहा। यह आंकड़ा वर्ष 2021 की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। वहीं, दिल्ली-एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की मांग 67 प्रतिशत बढ़कर 58,460 इकाई हो गई जबकि बेंगलुरु में मांग 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 53,363 इकाई पर पहुंच गई। आलोच्य अवधि के दौरान पुणे में आवास की बिक्री 17 प्रतिशत बढ़कर 43,410 इकाई रही। इसी तरह हैदराबाद में आवासीय संपत्तियों की बिक्री 28 प्रतिशत बढ़कर 31,046 इकाई हो गई।

चेन्नई में बिक्री 19 प्रतिशत और अहमदाबाद में 58 प्रतिशत बढ़कर क्रमश: 14,248 इकाई तथा 14,062 इकाई हो गई। पिछले वर्ष के दौरान कोलकाता एकमात्र ऐसा शहर रहा जहां आवासीय बिक्री में गिरावट देखी गई। यह 10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,909 इकाई रहा। इसके साथ ही नाइट फ्रैंक इंडिया ने कहा कि भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद देश में कार्यालय क्षेत्र की मांग में जबरदस्त सुधार हुआ है।

पिछले वर्ष के दौरान कार्यालय स्थान की मांग के संदर्भ में, बेंगलुरू 1.45 करोड़ वर्ग फुट के साथ सबसे आगे रहा। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर ने 89 लाख वर्ग फुट को कार्यालय स्थल पट्टे पर दिया। बैजल ने कहा, ''हमने एक दशक से अधिक समय में पहली बार सभी प्रमुख रियल एस्टेट खंडों में एक साथ वृद्धि देखी है। वर्ष 2022 में आवासीय, कार्यालय, गोदाम एवं खुदरा रियल एस्टेट सभी खंडों में बिक्री बढ़ी है।''

फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' 14 को रिलीज होगी  

फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' 14 को रिलीज होगी  

कविता गर्ग 

मुंबई। भोजपुरी सिनेमा के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ की फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' मकर संक्राति के अवसर पर 14 जनवरी को रिलीज होगी। निर्माता प्रदीप के शर्मा की आने वाली फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' में दिनेश लाल यादव निरहुआ, अक्षरा सिंह और श्रुति राव की मुख्य भूमिका है। यह फिल्म 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर रिलीज होगी। इस फिल्म को पराग पाटिल ने निर्देशित किया है। इस फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर रेणु विजय फिल्म्स इंटरटेनमेंट के निशांत उज्जवल रिलीज कर रहे हैं। बाबा मोशन पिक्चर्स प्रा. लि. और एस आर के म्यूजिक - रौशन सिंह प्रस्तुत फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' को लेकर रौशन सिंह ने बताया कि यह फिल्म उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर बनी है। 

फिल्म की कहानी से लेकर कलाकारों की मेहनत को दर्शक महसूस कर सकेंगे। लंबे समय बाद निराहुआ और अक्षरा एक साथ बड़े पर्दे पर नजर आने वाले हैं। मुझे लगता है कि यह फिल्म उनके फैंस के लिए भी काफी अहम है और उनको इस फिल्म का इंतजार भी है। हमें उम्मीद है हमारी फिल्म दर्शकों और क्रिटिक्स को बेहद पसंद आने वाली है। गौरतलब है कि फिल्म 'सबका बाप अंगूठा छाप' की सह निर्माता अनिता शर्मा और पद्म सिंह है।

फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ, अक्षरा सिंह और श्रुति राव के साथ संजय पांडेय, संजय महानंद, मनोज टाइगर, पद्म सिंह, प्रीति सिंह, शंभू राणा, राजीव यादव, संजीव मिश्रा, कन्हैया एस विश्वकर्मा, ऋषि प्रकाश श्रीवास्तव, कुलदीप मिश्रा, कविता सिंह, के के पांडेय आदि मुख्य भूमिका में हैं। म्यूजिक मधुकर आनंद का है। लिरिक्स प्यारे लाल यादव, संतोष पुरी, सत्या सावरकर, हरेराम डेंजर, झूलन झील, विनय निर्मल का है। कहानी राकेश त्रिपाठी का है। मार्केटिंग हेड विजय कुमार यादव हैं। कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी हैं।

तमिलनाडु में हैशटैग ‘गेटआउट रवि’ लिखे पोस्टर दिखें

तमिलनाडु में हैशटैग ‘गेटआउट रवि’ लिखे पोस्टर दिखें

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। सत्तारूढ़ द्रमुक और तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि के बीच राज्य विधानसभा में हुए विवाद के एक दिन बाद शहर के कुछ हिस्सों में हैशटैग ‘गेटआउट रवि’ (रवि बाहर जाओ) लिखे पोस्टर दिखाई दिए। इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन की तस्वीर को प्रमुखता दी गई है।विधानसभा में रवि के राज्य सरकार के साथ ‘गतिरोध’ के बाद सोमवार को ट्विटर पर यह हैशटैग (गेटआउट रवि) ट्रेंड कर रहा था। विधानसभा में सत्तारूढ़ द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने राज्यपाल के विधानमंडल में अपने पारंपरिक अभिभाषण से विचलन के खिलाफ और उनकी सरकार द्वारा तैयार किए गए मूल अभिभाषण को बरकरार रखने के पक्ष में एक प्रस्ताव पेश किया था।

पुडुकोट्टई में हालांकि स्थानीय भाजपा पदाधिकारियों द्वारा रवि की प्रशंसा में पोस्टर लगाए गए थे। भारतीय जनता पार्टी के कई ट्विटर खातों ने उनका समर्थन किया और इस मामले को लेकर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की आलोचना की। स्टालिन के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि ने सोमवार को विधानसभा में जो हुआ उसकी सराहना की और कहा कि यह सदन के इतिहास में एक “अभूतपूर्व घटना” थी।

उन्होंने एक कार्यक्रम में चुटकी लेते हुए कहा, “आम तौर पर हमारे नेता (स्टालिन) विपक्ष को अपने जवाब से (विधानसभा में) मैदान छोड़ने पर मजबूर कर देते हैं, लेकिन इस बार राज्यपाल को मैदान छोड़ना पड़ा।” उन्होंने कहा कि जब भी “हमारे अधिकार” प्रभावित होते हैं तो मुख्यमंत्री सबसे पहले चिंता व्यक्त करते हैं। तमिलनाडु में भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने सत्ताधारी द्रमुक के कुछ विधायकों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

प्रदेश सचिव ए. अश्वतथामन ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने भादंवि की धारा 124 के तहत शिकायत दर्ज कराई है जो “किसी भी वैध शक्ति के प्रयोग को रोकने के लिये मजबूर करने के इरादे से राष्ट्रपति, राज्यपाल आदि पर हमला करने” से संबंधित है। इस बीच, राजभवन के पोंगल समारोह के निमंत्रण पर कथित रूप से राज्य सरकार का प्रतीक चिन्ह नहीं होने पर एक और विवाद छिड़ गया। कई लोगों ने आरोप लगाया कि आमंत्रण में केवल राष्ट्रीय प्रतीक था।

देश में भेजी गई रकम 100 अरब डॉलर पर पहुंची

देश में भेजी गई रकम 100 अरब डॉलर पर पहुंची

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली/इंदौर। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बताया कि वर्ष 2022 के दौरान भारतवंशियों द्वारा देश में भेजी गई रकम इसके पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत बढ़कर करीब 100 अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गई। देश के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने ये आंकड़े पेश किए। सीतारमण ने इंदौर में ‘‘प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन’’ के एक सत्र के दौरान कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद 2022 के दौरान भारतवंशियों ने विदेश से देश में लगभग 100 अरब अमेरिकी डॉलर भेजे, जो 2021 के मुकाबले 12 प्रतिशत ज्यादा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने सोचा था कि महामारी के प्रकोप के चलते भारत लौटे पेशेवर शायद लौटकर विदेश नहीं जाएंगे, लेकिन वे वहां पहले के मुकाबले ज्यादा तादाद में रोजगार के लिए गए और पहले के मुकाबले ज्यादा रकम देश में पहुंचाई।’’ वित्त मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को ‘‘भारत का वास्तविक राजदूत’’ करार दिया और उनसे अपील की कि जहां तक संभव हो सके, वे भारत में बने उत्पादों और सेवाओं का इस्तेमाल करें ताकि देश के अलग-अलग ब्रांड का दुनिया भर में प्रचार हो सके।

उन्होंने कहा कि भारतवंशियों द्वारा देश के छोटे-बड़े कारोबारियों के साथ भागीदारी भी की जानी चाहिए ताकि आजादी के अमृत काल के दौरान अगले 25 साल में प्रवासी भारतीयों के उद्यमिता कौशल को भुनाया जा सके। सीतारमण ने यह भी कहा कि ‘‘चीन प्लस वन’’ नीति के बाद दुनिया अब ‘‘यूरोपीय संघ (ईयू) प्लस वन’’ नीति की बात भी कर रही है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के सामने भारत को ऐसे देश के रूप में पूरी मजबूती से प्रस्तुत कर रही है जहां वे चीन और ईयू के अलावा अपने कारखाने लगा सकती हैं। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी, डिजिटल तकनीक, ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग, दवा निर्माण व अन्य क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों के दबदबे का हवाला देते हुए कहा कि देश ज्ञान और प्रगति का वैश्विक केंद्र बन रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘आजादी के अमृत काल में आकांक्षाओं से भरा भारत चार ‘‘आई’’ पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर (बुनियादी ढांचा), इन्वेस्टमेंट (निवेश), इनोवेशन (नवाचार) और इन्क्लूजन (समावेशन) शामिल हैं।’’

टिप्पणी से जुड़े मामलें में मुकदमा चलाने की अनुमति 

टिप्पणी से जुड़े मामलें में मुकदमा चलाने की अनुमति 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के उप-राज्यपाल वी.के. सक्सेना ने जेएनयू की पूर्व छात्र नेता शहला रशीद के खिलाफ सुरक्षाबलों पर टिप्पणी से जुड़े मामलें में मुकदमा चलाने की अनुमति दी है। उप-राज्यपाल के कार्यालय ने कहा, भारतीय सेना के बारे में शहला के दोनों ट्वीट विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश्य से पोस्ट किए गए।

JNU की पूर्व छात्र नेता शहला रशीद की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने शहला के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। AISA की सदस्य और जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला ने भारतीय सेना को लेकर दो आपत्तिजनक ट्वीट किए थे। इसी मामले में उन पर शिकंजा कसा है। आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग समूहों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के लिए ये ट्वीट किए। सुप्रीम कोर्ट के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की शिकायत के आधार पर 03.09.2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी।

18 अगस्त 2019 को कश्मीर की रहने वाली शहला रशीद ने भारतीय सेना को लेकर दो विवादित ट्वीट किए थे। पहला ट्वीट उन्होंने 18 अगस्त को 12 PM पर किया था। इसमें उन्होंने लिखा, आर्म्ड फोर्सेज रात के समय घरों में घुसती है, लड़कों को उठा लेती है, जानबूझकर राशन जमीन पर फेंक दिया जाता है, तेल को चावल में मिला दिया जाता है। दूसरे ट्वीट में लिखा था, शोपियां में 4 लोगों को सेना के कैंप में बुलाया गया, पूछताछ (प्रताड़ित) की गई। एक माइक को उनके करीब रखा गया जिससे पूरे इलाके के लोगों को उनकी चीखें सुनाई दें और वे दहशत में रहें। ऐसा कर पूरे इलाके में खौफ का माहौल बनाया गया।

उसी दिन भारतीय सेना ने शहला रशीद के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि ये आरोप आधारहीन हैं। सेना ने कहा था कि ऐसी फेक न्यूज और अपुष्ट जानकारियां शत्रुता की भावना से फैलाई जाती हैं। इसके बाद एक वकील ने शिकायत की। दिल्ली के गृह विभाग ने पाया कि मामले की प्रकृति और ट्वीट की लोकेशन के चलते सेना के खिलाफ झूठे आरोप लगाया जाना एक गंभीर मामला है। हर ट्वीट को क्रिमिनल लॉ के तहत लाने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह मामला अलग है।

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