सोमवार, 9 जनवरी 2023

लोगों के बीच 'विश्वास' बनाने की जरूरत: सेन

लोगों के बीच 'विश्वास' बनाने की जरूरत: सेन

मिनाक्षी लोढी 

कोलकाता। प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने कहा कि विभिन्न समुदायों के लोगों के बीच “भयावह गलतफहमियों” को दूर करने के लिए “विश्वास बनाने” की जरूरत है। सेन अपने ट्रस्ट ‘प्रतीची’ द्वारा स्कूली बच्चों के लिए आयोजित एक निजी समारोह में शामिल होने के लिए कोलकाता आए थे। उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ मतभेदों को “अज्ञानता व निरक्षरता” ने जन्म दिया है। ‘

नो योर नेबर’ नाम के एक अन्य संगठन के साथ मिलकर ‘प्रतीची ट्रस्ट’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सेन ने कहा, “हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां धर्मों के बीच भयावह गलतफहमियां बेहद आम हैं...हमारे बीच हर तरह के मतभेद हैं। कुछ मतभेद अशिक्षा और अज्ञानता की वजह से हैं।” सेन ने कहा, “विश्वास बनाने की जरूरत है। अगर एक मुस्लिम सज्जन अलग राय रखते हैं तो हमें यह सवाल पूछने की जरूरत है कि वह अलग नजरिया क्यों अपना रहे हैं?” एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के विचार भिन्न हो सकते हैं, इसे बताने के लिये उन्होंने एक घटना का उल्लेख किया जब वह अपनी बेटी अंतरा को एक स्कूल में दाखिले के मकसद से साक्षात्कार के लिए ले गए थे, और एक प्रश्न पूछे जाने पर वह चुप रही।

उन्होंने याद किया कि जब शिक्षक ने अंतरा से रंगों की पहचान कराने के उद्देश्य से उसे लाल और नीली पेंसिल दिखाई तो वह चुप रही। सेन ने कहा, “मैं बहुत हताश था...जब हम बाहर आए तो मेरी पांच वर्षीय बेटी ने कहा, ‘बाबा, इनको कुछ समस्या है क्या? क्या वह रंग नहीं पहचान पाते?’” सेन ने रविवार को ‘युक्त साधना’ कार्यक्रम में छात्रों व शिक्षकों के साथ बातचीत के दौरान कहा, “उल्लेखनीय बात यह है कि कई बार हमारी एक-दूसरे को समझने की क्षमता असाधारण रूप से सीमित होती है।

हम अलग दिशा में जाते हैं जैसे अंतरा को लग रहा था कि यह सवाल किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है जो वर्णांध (रंगों की पहचान करने में अक्षम) हैं।” अपनी बातचीत के दौरान सेन ने बार-बार हिंदुओं और मुसलमानों की ‘युक्त साधना’ (एक साथ काम करने) की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमें हमेशा संपर्क की तलाश करनी चाहिए। जरूरी नहीं कि संपर्क हर समय किसी गंभीर मुद्दे पर हो। संपर्क छोटे-छोटे मामलों पर भी बनाया जा सकता है।”

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-90, (वर्ष-06)

2. मंगलवार, जनवरी 10, 2023

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:24, सूर्यास्त: 05:33। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 19+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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रविवार, 8 जनवरी 2023

'हसीन दिलरुबा 2' में नजर आएंगे विक्रांत व तापसी 

'हसीन दिलरुबा 2' में नजर आएंगे विक्रांत व तापसी 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता विक्रांत मैसी और तापसी पन्नू की जोड़ी फिल्म 'हसीन दिलरुबा 2' में नजर आएंगी। तापसी पन्नू और विक्रांत मैसी अभिनीत फिल्म हसीन दिलरुबा पिछले वर्ष ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। विक्रांत मैसी और तापसी पन्नू अब हसीन दिलरुबा 2 में नजर आएंगे। विक्रांत मैसी ने बताया कि  हसीन दिलरूबा 2 में बहुत कुछ सच में अलग होने वाला है। मेरे और तापसी के अलावा इस बार फिल्म में कई चीजें नई होने वाली हैं। यह पार्ट बहुत ही अलग होने वाला है। हमें पहली पार्ट की कहानी से उम्मीद नहीं थी कि यह लोगों को पसंद आएगी।

जितना प्यार हमें इस फिल्म के लिए मिला, हमने सोचा... हमने दूसरे भाग को शुरू करने के लिए एक दिलचस्प ओपन एंड मोड़ पर कहानी को छोड़ा था, जिसपर लोगों ने खूब प्रतिक्रिया दी थी और अब मैं 15 दिनों में इस फिल्म की शूटिंग शुरू करने जा रहा हूं। उल्लेखनीय है कि विनी मैथ्यू द्वारा निर्देशित और कनिका ढिल्लन द्वारा लिखित 'हसीन दिलरुबा' में विक्रांत, तापसी पन्नू और हर्षवर्धन राणे ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

33वीं स्क्वाड्रन ने राष्ट्रसेवा के 60 साल पूरे किए 

33वीं स्क्वाड्रन ने राष्ट्रसेवा के 60 साल पूरे किए 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/चेन्नई। कोयंबटूर के सुलूर में वायुसेना स्टेशन पर तैनात 33वीं स्क्वाड्रन ने राष्ट्रसेवा के 60 साल पूरे कर लिए और यह सोमवार को यहां अपना 60वां स्थापना दिवस मनाएगी। भारतीय वायुसेना के एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी वायु कमान एयर मार्शल जे चलपति ने रविवार को वायु सेना स्टेशन सुलूर का दौरा किया। उनके आगमन पर वायु योद्धाओं ने एयर मार्शल को प्रभावशाली गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। समारोह में कोयम्बटूर शहर पुलिस बैंड भी शामिल हुआ।

एयर मार्शल ने सुलूर वायु सेना स्टेशन में “33 स्क्वाड्रन” का दौरा किया जो कल अपनी स्थापना के 60 वर्ष मना रहा है। “33 स्क्वाड्रन” एएन 32 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का है, जिसे “सोअरिंग स्टॉर्क” कहा जाता है। एयर मार्शल ने सभी वायु योद्धाओं को संबोधित किया और मानव सहायता ,आपदा राहत और नागरिक प्राधिकरण को सहायता प्रदान करने के लिए उनके विभिन्न ऑपरेशनों में गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सराहना की। उन्होंने वायु योद्धाओं से अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखने का आग्रह किया और हीरक जयंती के अवसर पर सभी कर्मियों और उनके परिवारजनों को शुभकामनाएं दी। 

''भय और नफरत'' के खिलाफ है 'भारत जोड़ो यात्रा'

''भय और नफरत'' के खिलाफ है 'भारत जोड़ो यात्रा'

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय 

नई दिल्ली/कुरुक्षेत्र। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि उनके नेतृत्व में जारी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को देश में हर जगह लोगों की शानदार प्रतिक्रिया मिली है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पदयात्रा भय और नफरत के खिलाफ है, जो समाज में फैलाई जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह यात्रा बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ भी है।

राहुल गांधी ने कहा कि यात्रा का एक मकसद यह भी है कि लोग देश की वास्तविक आवाज को सुनें। कुरुक्षेत्र के नजदीक समाना में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ भारत जोड़ो यात्रा को हर जगह शानदार प्रतिक्रिया मिली है।’’ तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर तक निकाली गई यह यात्रा इस समय हरियाणा से गुजर रही है। इस बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा कि उन्होंने इस यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, ‘‘देश के दिल में क्या है वह सीधे तौर पर लोगों से संवाद कर सुनने को मिला। यात्रा को हरियाणा में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। यह प्रतिक्रिया ऊर्जा और उत्साह से लवरेज है।’’

यात्रा के आलोचकों पर हमला करते हुए गांधी ने कहा कि जब इसकी शुरुआत हुई थी ‘‘ तब लोगों ने कहा था कि जो प्रतिक्रिया केरल में मिली, वैसी प्रतिक्रिया कर्नाटक में नहीं मिलेगी, जहां पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का शासन है; लेकिन हमें उससे (केरल) भी अच्छी प्रतिक्रिया वहां (कर्नाटक) मिली। फिर जब यात्रा महाराष्ट्र पहुंची तो लोगों ने कहा कि जिस तरह का उत्साह दक्षिण भारत में देखने को मिला वह इस पश्चिमी राज्य में नहीं देखने को मिलेगा। जब हम महाराष्ट्र पहुंचे तो दक्षिण से भी बेहतर प्रतिक्रिया मिली। ’’ राहुल गांधी ने कहा, ‘‘ तब कहा गया कि यात्रा जब हिंदी भाषी क्षेत्रों से गुजरेगी तब लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलेगी, लेकिन मध्य प्रदेश में पहले से भी अच्छा माहौल मिला।

जब हम हरियाणा पहुंचे तो कहा गया कि यह भाजपा शासित राज्य है, लेकिन यहां मिली प्रतिक्रिया शानदार रही। हम जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, लोगों का समर्थन बढ़ रहा है।’’ एक सवाल के जवाब में गांधी ने कहा, ‘‘भारत की आवाज को दबाया जा रहा है और नफरत व भय फैलाया जा रहा है। एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ, एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ किया जा रहा है और यह यात्रा इसके खिलाफ है।’’

उन्होंने कहा कि इस यात्रा के अन्य उद्देश्यों को जो हम देख रहे हैं, वह ‘तपस्या’ की तरह है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम अपने देश से, लोगों से, किसानों से और गरीबों से प्यार करते हैं और हम उनके साथ चलना चाहते हैं। इसलिए इस यात्रा का उद्देश्य इस देश के लोगों की वास्तविक आवाज को भी सुनना है।’’ उन्होंने कहा कि देश में आर्थिक असमानता है और धन, मीडिया और अन्य संस्थानों को कुछ लोगों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। गांधी ने कहा कि यह यात्रा बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ है।

भारतीय इतिहास को ‘विकृत’ करने का आरोप: सीएम 

भारतीय इतिहास को ‘विकृत’ करने का आरोप: सीएम 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने वामपंथी इतिहासकारों पर भारतीय इतिहास को पराजय और समर्पण की कहानी बताकर उसे ‘विकृत’ करने का आरोप लगाया और कहा कि देश की विजयगाथा को दर्ज करने के लिए इतिहास फिर से लिखा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वामपंथी विचारधारा के लोग दशकों तक राज्य को भाषायी आधार पर विभाजित करने की कोशिश करते रहे हैं और लोगों को अपनी ‘‘धार्मिक समानताएं’’ अपनाकर ऐसी कोशिशों को हराना चाहिए। यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के 28वें राज्य सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘वामपंथियों ने हमेशा हमारे इतिहास को विकृत करने की कोशिश की है क्योंकि वह भारत को पराजित ‘जाति’ के रूप में दिखाना चाहते हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने उन राजाओं और नायकों को नजरअंदाज किया जिन्होंने विरोध किया और मुगल हमलों को सफलतापूर्वक शिकस्त दी और केवल उनके बारे में लिखा जो पराजित हुए थे।’’ उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह, छत्रपति शिवाजी, दुर्गा दास राठौड़ और लंचित बोरफुकान के उदाहरण दिए जिन्होंने मुगल सेनाओं के खिलाफ सफल अभियान चलाया। उन्होंने आरोप लगाया कि वामपंथी इतिहासकारों ने इतिहास लिखते समय उनके कारनामों को छोड़ दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इतिहास को नए सिरे से लिखा जाए। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इतिहास के छात्रों को इसे फिर से लिखने के लिए प्रेरित करना चाहिए जो पराजय और गुलामी की कहानी न हो बल्कि गौरव और उपलब्धि की कहानी हो। इससे हमारी नयी पीढ़ी को देश निर्माण की ओर बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी।’’ शर्मा ने वामपंथी बुद्धिजीवियों पर असम के लोगों को भाषायी आधार पर बांटने का भी आरोप लगाया क्योंकि राज्य में कई भाषाएं बोली जाती हैं। उन्होंने कहा कि भाषा एक महत्वपूर्ण तत्व है लेकिन यह किसी समुदाय और धर्म की इकलौती पहचान नहीं हो सकती तथा इतिहास भी समान रूप से अहम भूमिकाएं निभाता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाषा तभी जीवित रहेगी जब हमारा धर्म और संस्कृति जीवित रहेगी।’’ उन्होंने असमी भाषी वक्ताओं से राज्य की अन्य भाषाओं को अपनाने तथा यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि सभी जनजातियों और समुदायों को समान महत्व मिले। मुख्यमंत्री ने आर्थिक आत्म-निर्भरता की आवश्यकता पर भी जोर दिया और युवाओं से कौशल विकास, उद्यमशीलता तथा कृषि पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘एक समुदाय को सांस्कृतिक पहचान और राजनीतिक गौरव की आवश्यकता होती है। लेकिन अगर हम आर्थिक रूप से प्रगति नहीं करते हैं तो हम ‘आत्म निर्भर’ नहीं बन सकते जिस पर हमारे प्रधानमंत्री ने बहुत जोर दिया है।’’ शर्मा ने युवाओं से खेती का बीड़ा उठाने तथा अपनी जमीन खेती के लिए दूसरों को न देने का भी अनुरोध किया।

उन्होंने दावा कि गलत तरीके से यह धारणा बनायी गयी कि असम और पूर्वोत्तर ऐतिहासिक रूप से भारत के शेष हिस्से से जुड़ा हुआ नहीं है जिसने आजादी के बाद देश के इस हिस्से में ‘‘विचारों की एक अलग धारा’’ को जन्म दिया। शर्मा ने कहा, ‘‘हम अब असम में विशेष भौगोलिक और राजनीतिक चरण में है। हमारे सामने कई चुनौतियां हैं और हमें इतिहास की सही समझ के साथ इनसे निपटना होगा।’’

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...