योजना: भाजपा ने ‘मिशन 90’ की रूपरेखा तय की
इकबाल अंसारी
हैदराबाद। तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सत्ता में आने को आतुर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘‘मिशन 90’’ की रूपरेखा तय की है और इसके तहत अप्रैल से पहले 10,000 गांव स्तरीय बैठकों के अलावा और उसने कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है। तेलंगाना की 119-सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने जीत के लिए 90 सीटों का लक्ष्य तय किया है और उसने अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ‘‘मिशन-90’’ पर काम करना शुरु कर दिया है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य और केंद्र की सत्ताधारी पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण ने कहा कि हाल ही में यहां संसदीय क्षेत्र के ‘‘विस्तारकों’’ की हुई बैठक में ‘‘मिशन 90’’ का लक्ष्य तय किया गया।
इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष भी शामिल हुए थे। लक्ष्मण ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मिशन 90 के तहत भाजपा का लक्ष्य 10,000 गांवों में पहुंचना है। संक्रांति के बाद यह कवायद आरंभ की जाएगी और इस दौरान ‘केसीआर हटाओ, तेलंगाना बचाओ’ का नारा दिया दिया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के भ्रष्ट व परिवार राज की पोल खोली जाएगी।’’ मुख्यमंत्री राव, केसीआर के नाम से लोकप्रिय हैं। लक्ष्मण ने कहा कि इन बैठकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा तेलंगाना में क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं व उसकी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों के दूसरे दौर के केंद्र में विधानसभावार आयोजन होगा और उनके अभियान के केंद्र में भी यही मुद्दे रहेंगे। लक्ष्मण ने कहा कि हर (अविभाजित) जिला मुख्यालय पर जनसभाएं भी आयोजित की जाएंगी और अंत में पूरे कार्यक्रम का समापन करने के लिए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अप्रैल में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अमित शाह, केसीआर सरकार के वादों और उन्हें पूरा करने में उसकी विफलताओं पर एक ‘आरोप पत्र’ भी जारी करेंगे।’’ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सात जनवरी को सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की बूथ स्तरीय समिति के सदस्यों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करेंगे।
लक्ष्मण ने कहा कि पार्टी अप्रैल में करीब दो लाख पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक करने की भी योजना बना रही है ताकि उन्हें चुनाव से पहले केंद्रीय नेतृत्व का मार्गदर्शन मिल सके। दक्षिणी राज्यों में अपना विस्तार करने के उद्देश्य से, भाजपा ने पिछले साल जुलाई में हैदराबाद में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की थी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि तेलंगाना को ‘डबल इंजन’ सरकार की जरूरत है और राज्य में भाजपा के सत्ता में आने पर इसे पूरा किया जाएगा। हाल के वर्षों में ‘डबल इंजन की सरकार’ को भाजपा ने अपना एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। केंद्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार को वह डबल इंजन की सरकार कहती है।
भाजपा पिछले कुछ सालों से तेलंगाना में भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विकल्प के रूप में उभरने का प्रयास कर रही है। इस प्रयास में उसे कुछ हद तक सफलता भी मिली है। पिछले दो वर्षों के दौरान उसने कुछ विधानसभा उपचुनावों और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनावों में जीत हासिल की है। इन कारणों से दक्षिण के इस राज्य से उसकी उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। मोदी ने हाल ही में अपने हैदराबाद दौरे के दौरान भी राज्य की सत्तारूढ़ बीआरएस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि तेलंगाना के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया था आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य में हर जगह ‘कमल खिलेगा’।