बुधवार, 4 जनवरी 2023

दिन की शुरुआत, पौष्टिक और सेहत से भरपूर नाश्ता

दिन की शुरुआत, पौष्टिक और सेहत से भरपूर नाश्ता

सरस्वती उपाध्याय 

हर सुबह की पहली खुराक यानी नाश्ता पौष्टिक और सेहत से भरपूर होना चाहिए। आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर सुबह का पौष्टिक नाश्ता हमारे लिए ईंधन की तरह काम करता है और एनर्जी से भरे दिन की शुरुआत करने में मदद करता है। इसके अलावा, एक पौष्टिक भोजन मेटाबॉलिज्म को भी बढ़ावा देता है, जिससे समग्र पोषण मिलता है। हालांकि हर दिन सुबह की भागदौड़ में अक्सर हम अपने लिए पौष्टिक नाश्ता तैयार नहीं कर पाते, ये भी सच्चाई है। ऐसे में हमें जरूरत है झटपट बन जाने वाले पौष्टिक फूड की। तो अगर आप भी ऐसे ही फूड्स की ब्रेकफास्ट की तलाश में हैं तो आप इन रेसिपीज को ट्राई कर सकते हैं।

1. एग ऑन टोस-
अंडे इंसान के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं। वे दिन की शुरुआत करने के लिए प्रोटीन, विटामिन और कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरे होते हैं। सुबह में अंडे खाने के कई ऑप्शन हैं। आप इनका ऑमलेॉ बना सकते हैं, उबाल कर का सकते हैं, या फिर टोस्ट के साथ खा सकते हैं।

2. मूंग दाल डोसा
डोसा की जड़ें दक्षिण भारतीय रसोई में मिल सकती हैं, लेकिन आज यह पूरे भारत में एक लोकप्रिय ब्रेकफास्ट है। इसके अलावा, क्लासिक डोसा रेसिपी को और भी हेल्दी बनाने के लिए आप कुछ अलग ट्राई कर सकते हैं। मूंग दाल डोसा ऐसा ही एक ऑप्शन है। अपने मूंग दाल डोसा को हरी चटनी और टमाटर-गाजर के रस के साथ मिलाएं और एक सुपर हेल्दी नाश्ते का आनंद लें। 

3.  गोभी पराठा
सर्दियों के मौसम में स्वादिष्ट और हेल्दी ब्रेकफास्ट ऑप्शन है गोभी पराठा, दही और पेठे के रस के साथ गोभी पराठा। यह एक पौष्टिक भोजन बनाता है और आपको लंबे समय तक भरा रख सकता है।

4. उबला अंडा
जो लोग सुबह हल्का खाना पसंद करते हैं, उनके लिए उबले अंडे और ताजे फल/सब्जी का रस एक सही ऑप्शन हो सकता है। आप एक उबले अंडे को जूस के साथ ले सकते हैं।

5. फ्रूट्स
क्लासिक और सबसे आम नाश्ता है फ्रूट्स। मौसमी फलों का एक गुच्छा एक साथ मिलाएं और अपने दिन की शुरुआत हर आवश्यक पोषक तत्व के साथ करें।

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।  इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करतें है।

ढांचा एवं नेटवर्क विकास योजना को मंजूरी: मंत्रिमंडल 

ढांचा एवं नेटवर्क विकास योजना को मंजूरी: मंत्रिमंडल 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय क्षेत्र प्रसारण आधारभूत ढांचा एवं नेटवर्क विकास (बीआईएनडी) योजना को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस योजना पर 2025-26 तक 2,539.61 करोड़ रूपये खर्च होंगे। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

उन्होंने कहा कि इसके तहत दूरदर्शन एवं आकाशवाणी की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जायेगा, अधुनिक प्रसारण उपकरणों से लैस किया जायेगा तथा अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री तैयार की जायेगी। ठाकुर ने कहा कि वामपंथी चरमपंथ प्रभावित क्षेत्र (एलडब्ल्यूई), सीमावर्ती एवं सुदूर क्षेत्रों में एफएम ट्रांसमीटर की प्रणाली को उन्नत बनाया जाएगा। इसके अलावा पुराने ट्रांसमीटर को बदला जायेगा तथा नये एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किये जायेंगे। मंत्री ने कहा कि इससे एफएम की देश में वर्तमान कवरेज को 66 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इसके तहत वामपंथी चरमपंथ प्रभावित क्षेत्र (एलडब्ल्यूई), सीमावर्ती, आकांक्षी एवं सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बीच 8 लाख डीडी मुफ्त डीटीएच सेट टॉप बाक्स वितरित किये जायेंगे। मंत्रिमंडल द्वारा मंजूर की गई केंद्रीय क्षेत्र प्रसारण आधारभूत ढांचा एवं नेटवर्क विकास (बीआईएनडी) योजना पर 2025-26 तक 2,539.61 करोड़ रूपये खर्च होंगे।

उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी 

उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी 

अखिलेश पांडेय/इकबाल अंसारी 

ल्हासा/कोलकाता। तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेन्पा त्सेरिंग ने दावा किया कि चीन पिछले 15 साल से दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में अडंगा लगाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस आशंका के मद्देनजर अंतत: उनका प्रशासन लोकतांत्रिक तरीके से उत्तराधिकारी का चयन चाहता है। त्सेरिंग ने एक न्यूज एजेंसी को दिए साक्षात्कार में रेखांकित किया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा वर्ष 1995 में प्रतिद्वंद्वी पंचेन लामा की नियुक्ति जैसी पुनरावृत्ति हो सकती है जब दलाई लामा की ओर से चुने गए लड़के को जनता की नजरों से ओझल कर दिया गया था।

उन्होंने मंगलवार को कहा, मौजूदा दलाई लामा के न रहने के बाद क्या होगा यह तिब्बितयों के लिए चुनौती है, खासतौर पर यदि चीन-तिब्बत समस्या का समाधान नहीं हुआ तो। राष्ट्रपति (सिकयोंग) त्सेरिंग ने कहा, हमारा मानना है कि निश्चित तौर पर चीन दलाई लामा के उत्तराधिकारी की नियुक्ति में हस्तक्षेप करेगा...वे इसकी गत 15 साल से तैयारी कर रहे हैं। त्सेरिंग सिकयोंग की उपाधि भी धारण करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन की सरकार ने वर्ष 2007 में एक आदेश जारी किया था। जिसमें सभी अवतारित लामाओं के उत्तराधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया में उसकी मौजूदगी की जरूरत बताई गई थी। त्सेरिंग ने कहा, यह किया गया, जिसका उद्देश्य धर्म को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना था...हालांकि न तो चीन की और न ही किसी अन्य सरकार की कोई भूमिका होनी चाहिए।

तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति ने कहा, उन्होंने (चीनियों ने) वर्ष 1995 में तब हस्तक्षेप किया जब एक लड़के (ज्ञानचेन नोरबू) को पंचेन लामा के तौर पर चुना गया। महामाहिम (दलाई लामा) द्वारा चुने गए पंचेन लामा (गेधुन छोयी न्यिमा) को गायब कर दिया गया और हमें अब तक पता नहीं कि वह जिंदा भी है या नहीं। न्यिमा को 17 मई 1995 के बाद से स्वतंत्र पर्यवेक्षकों द्वारा देखा नहीं गया है।

चीन की सरकार का दावा है कि वह सामान्य जीवन जी रहा है जबकि तिब्बती निर्वासित और मानवाधिकार समूहों का मानना है कि उसे चीन द्वारा चित्त परिवर्तन के लिए श्रम शिविर में कैदी के तौर पर रखा गया है। तिब्बती बौद्धों का मानना है कि सर्वोच्च लामा या जीवित बुद्ध की आत्मा उनके निधन के बाद बच्चे के रूप में फिर से पैदा होगी और उसका विभिन्न संकेतों द्वार पता लगाया जा सकता है।

अफसोस व्यक्त करते हुए त्सेरिंग ने कहा, कम्युनिस्ट चीन धर्म को नहीं मानता, इसके बावजूद वह पूरी तरह से धार्मिक कार्यक्रम में हस्तक्षेप करना चाहता है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने कहा था कि अगर चीनी सरकार की रुचि पुन: अवतार में इतनी ही है तो उसे तिब्बी बौद्ध धर्म को पढ़ना चाहिए। त्सेरिंग ने कहा कि 14वें दलाई लामा के देहांत के बाद दुनिया और तिब्बियों के आगे बढ़ने के लिए छह बिंदुओं की योजना तैयार की गई है और इस योजना के केंद्र में लोकतांत्रिक हस्तांतरण है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 के बाद भी तिब्बत का धार्मिक नेतृत्व दलाई लामा के पास ही बना रहा लेकिन राजनीतिक नेतृत्व प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित निर्वासित तिब्बती सरकार के राष्ट्रपति या सिकयोंग को हस्तांरित कर दिया गया।

वर्ष 1950 में चीन ने तिब्बत पर हमला किया और वर्ष 1959 में इसके खिलाफ आंदोलन हुआ जिसका चीन ने क्रूरता से दमन किया। इस घटना के बाद दलाई लामा अपने कई समर्थकों के साथ भारत भाग आए और उसके बाद उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से निर्वाचित संसद की स्थापना की। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-85, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, जनवरी 5, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:24, सूर्यास्त: 05:30। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 18+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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संपर्क सूत्र :- +919350302745--केवल व्हाट्सएप पर संपर्क करें, 9718339011 फोन करें।

(सर्वाधिकार सुरक्षित)

मंगलवार, 3 जनवरी 2023

नारेबाजी: सदन की कार्यवाही आज के लिए स्थगित 

नारेबाजी: सदन की कार्यवाही आज के लिए स्थगित 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही फिर हंगामा शुरू हो गया। सत्तापक्ष-विपक्ष के बीच नारेबाजी शुरू हो गई। विपक्षी सदस्य गर्भगृह में उतर गए। जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही आज के लिए स्थगित कर दी। सदन के शीतकालीन सत्र का पहला दिन आरक्षण बिल के नाम भेंट चढ़ गया। करीबन तीन घंटे तक चली कार्यवाही के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर आरक्षण विधेयक को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे।

राज्यपाल पर बात आने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदस्यों को उनके संवैधानिक पद की याद दिलाते हुए मर्यादा में रहने के लिए अपील की। आपको बतातें चले, आज से शुरू विधानसभा सत्र आरक्षण विधेयक से शुरू हुई सदन की कार्यवाही इस मुद्दे पर पहले दिन समाप्त भी हुई।

जिला महासचिव ने महिला पदाधिकारी की मीटिंग ली

जिला महासचिव ने महिला पदाधिकारी की मीटिंग ली

भानु प्रताप उपाध्याय 

शामली। उपाध्याय चेतना मंच संगठन शामली, महिला विंग जिला महासचिव श्रीमती सोनिया नागवान ने मंगलवार को अपने आवास पंडित दीनदयाल कालोनी शामली में महिला पदाधिकारी की मीटिंग ली। जिसमे संगठन का विस्तार करते हुए संगीता उपाध्याय को शामली नगर अध्यक्ष, राधा उपाध्याय को नगर महामंत्री बनाया एवं ऊषा उपाध्याय को उपाध्यक्ष बनाया गया।

जिला महासचिव श्रीमती सोनिया नागवान ने कहा की आज महिलाओ पर घरेलू, हिंसा, दहेज, उत्पीड़न, अत्याचार  बहुत हो रहा है, जो चिंता का विषय है। यह संगठन कुरीतियों को ख़त्म करने का काम करेगा। आज महिलाओं को भी संगठित व शिक्षित होने की जरूरत है। महिलाए शिक्षित और संगठित होकर ही अपनी बात महबूती से रखा सकेगी। सोनिया नागवान ने कहा की महिलाओ का उत्पीड़न बंद होना चाहिए। अब महिलाए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो चुकी है। महिलाओं का सम्मान भी होना  चाहिए।

उपाध्याय चेतना मंच संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय उपाध्याय जी का आभार व्यक्त करते है। जिन्होंने महिलाओ को संगठित होने के लिए जागरूक किया। जिनके कुशल नेतृत्व मे महिलाओ का संगठन बड़े स्तर पर तैयार हो चुका है। इस अवसर पर श्रीमती शकुंतला उपाध्याय, बिर्जेश उपाध्याय, श्रीमती ममतेश उपाध्याय, विधि उपाध्याय, मितलेश, माया, संतरेश उपाध्याय आदि मौजूद रही।

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...