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गुरुवार, 29 दिसंबर 2022
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
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1. अंक-79, (वर्ष-06)
2. शुक्रवार, दिसंबर 30, 2022
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बुधवार, 28 दिसंबर 2022
30 दिसंबर से विंटर कार्निवाल की शुरुआत होगी
30 दिसंबर से विंटर कार्निवाल की शुरुआत होगी
श्रीराम मौर्य
शिमला। हिमाचल प्रदेश में यहां ओपन आइस स्केटिंग रिंक में 30 दिसंबर से विंटर कार्निवाल की शुरुआत हो रही है। जिसमें छोटे बच्चों के लिए अलग-अलग प्रतियोगिताएं होंगी। विंटर कार्निवाल में स्कूली बच्चों के बीच फैंसी ड्रेस, डांस ऑन आइस,जंप्स ऑन बास्केट, टॉर्च लाइट टैटू आदि प्रतियोगिताएं होंगी। विजेताओं को उपहार और मिठाइयां दी जाएंगी। इस बार मौसम साफ रहने के चलते प्राकृतिक रूप से वर्फ जमने की प्रक्रिया प्रभावित हुई। इस वजह से यह कार्निवल शुरू हुआ है। गत वर्ष विंटर कार्निवाल 24 दिसम्बर आयोजित किया गया था।
आइस स्केटिंग रिंक के संचालक पंकज प्रभाकर का कहना है कि इस बार सत्र शुरू होते ही स्केटिंग का शौक रखने वालों ने 125 खिलाड़ियों ने पंजीकरण कराया है जिनमें करीब 100 स्कूली बच्चे हैं। शिमला घूमने आए पर्यटक भी शौकिया तौर पर स्केटिंग करने लक्कड़ बाजार आ रहे हैं।
छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा
छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। लगातार दो साल बेहतर रिटर्न या प्रतिफल देने वाली छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन इस साल फीका रहा। बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव और बैंकों में ब्याज दर बढ़ने से निवेशक इन शेयरों से दूर रहे। हालांकि, ऐसा लगता है कि अगले साल स्थिति बेहतर रहेगी। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इस दौरान कई बार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा। वहीं, छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन हल्का रहा तथा बीएसई स्मॉलकैप यानी छोटी कंपनियों के शेयरों का सूचकांक तीन प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके उलट, बीएसई सेंसेक्स 27 दिसंबर तक 2,673.61 अंक मजबूत हुआ। बाजार विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन फीका रहा लेकिन अगले साल इन खंडों में तेजी की उम्मीद है।
महंगाई दर बढ़ने, रूस-यूक्रेन युद्ध और ब्याज दर में तेजी जैसी चुनौतियों के बावजूद घरेलू शेयर बाजार न केवल मजबूत पकड़ बनाये रखने में कामयाब हुए बल्कि वैश्विक बाजारों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रमुख बाजारों में भी शामिल हुए। ब्रोकरेज कंपनी स्वस्तिका इन्वेस्टमॉर्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘बैंक उद्योग को छोड़ दें तो कंपनियों की कमाई बेहतर नहीं होना इसका प्रमुख कारण है। ब्याज दर का बढ़ना भी चिंताजनक रहा क्योंकि छोटी कंपनियों के मामले में पूंजी की लागत बड़ी कंपनियों के मुकाबले अधिक होती है। सामान्य तौर पर विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों को चुनते हैं और वे पिछले दो माह में शुद्ध रूप से लिवाल रहे हैं।
उन्होंने कहा, नियमित निवेश एसआईपी प्रवाह रिकॉर्ड ऊंचाई पर रहा और ज्यादातर निवेश बड़ी कंपनियों में गया। इससे बड़ी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बाजार के प्रदर्शन से भी बेहतर रहा। विश्लेषकों के अनुसार, मझोली और बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी कंपनियों के शेयरों के सूचकांक में उतार-चढ़ाव हमेशा अधिक होता है। इस साल 27 दिसंबर तक बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 940.72 अंक यानी 3.19 प्रतिशत नीचे आया। स्मॉलकैप सूचकांक 18 जनवरी को 31,304.44 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था और बाद में यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 23,261.39 पर आ गया था।
दूसरी तरफ मिडकैप सूचकांक 27 दिसंबर तक 215.08 अंक यानी 0.86 प्रतिशत चढ़ा। यह 20 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 20,814.22 अंक पर और 14 दिसंबर को एक साल के उच्चस्तर 26,440.81 अंक पर पहुंच गया था। दूसरी तरफ बीएसई सेंसेक्स इस दौरान 2,673.61 अंक यानी 4.58 प्रतिशत चढ़ा। प्रमुख सूचकांक एक दिसंबर को रिकॉर्ड 63,583.07 अंक और 17 जून को 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक तक आ गया था। निवेश परामर्शदाता मार्केट्स मोजो में मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा, मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में लिहाज से 2022 अच्छा साल नहीं रहा।
इसका कारण 2020 और 2021 में इन शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहना था। उसके बाद इनमें जमकर मुनाफावसूली हुई। जिन निवेशकों ने 2020 और 2021 में कम भाव पर ऐसे शेयर खरीदे थे, उन्होंने 2022 में उसे बेचा। उन्होंने कहा, इसके परिणामस्वरूप मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन बड़ी कंपनियों के मुकाबले कमजोर रहा। विश्लेषकों का यह भी कहना है कि छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशक खरीदते हैं जबकि विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों के शेयरों को तरजीह देते हैं।
मीणा ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच 2023 की शुरुआत में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, लेकिन उसके बाद मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों के प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है। दमानिया ने भी कहा कि 2022 छोटी और मझोली कंपनियों के शेयरों के लिये अच्छा नहीं रहा लेकिन 2023 में स्थिति बदल सकती है।
40 दिन महत्वपूर्ण, कोविड-19 के मामलें बढ़ सकते हैं
40 दिन महत्वपूर्ण, कोविड-19 के मामलें बढ़ सकते हैं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अगले 40 दिन महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। क्योंकि भारत में कोविड-19 के मामलें जनवरी में तेजी से बढ़ सकते हैं। आधिकारिक सूत्रों ने महामारी के प्रसार की पिछली पद्धति का हवाला देते हुए यह कहा। एक अधिकारी ने कहा कि पूर्व में, यह पाया गया था कि पूर्वी एशिया के कोविड-19 की चपेट में आने के 30-35 दिन बाद भारत में महामारी की एक नयी लहर आई थी...यह एक प्रवृत्ति रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने हालांकि कहा कि संक्रमण की गंभीरता कम है। यदि कोविड की लहर आती भी है तो इससे होने वाली मौतें और संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम रहेगी। चीन और दक्षिण कोरिया सहित कुछ देशों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ने के बीच सरकार ने सतर्क किया है और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों से किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी करने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोविड के मामलों में तेजी की स्थिति से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बैठकें की हैं। कोरोना वायरस के ओमीक्रोन के उपस्वरूप बीएफ.7 से मामलों में हालिया वृद्धि हुई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि बीएफ.7 के फैलने की दर बहुत अधिक है और एक संक्रमित व्यक्ति 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाण-पत्र पेश
वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाण-पत्र पेश
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने किसी भी डीलर की प्रामाणिकता की पहचान करने की खातिर पंजीकृत वाहनों के डीलरों के लिए अधिकार प्रमाणपत्र पेश किया है। मंत्रालय के इस कदम से व्यापार करने में आसानी और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने पुरानी कारों के बाजार संबंधी एक व्यापक नियामक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम, 1989 के अध्याय तीन में संशोधन किया है।
इस बाबत उसने 22 दिसंबर को अधिसूचना जारी की थी। अधिसूचना के मुताबिक, पंजीकृत मालिक और डीलर के बीच वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया को विस्तृत किया गया है और पंजीकृत वाहनों के कब्जे वाले डीलर की शक्तियों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट किया गया है। भारत में पुरानी कारों का बाजार धीरे-धीरे पैर जमाता जा रहा है। हाल के वर्षों में, पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री करने वाले ऑनलाइन मार्केटप्लेस शुरू होने से इस बाजार को और बढ़ावा मिला है।
अधिसूचना के मुताबिक अब डीलरों को अपने कब्जे वाले मोटर वाहनों के लिए पंजीयन प्रमाणपत्र के नवीकरण, फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीकरण प्रमाण पत्र, एनओसी, स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन करने का अधिकार दिया गया है। इसमें कहा गया कि इन नियमों से पंजीकृत वाहनों के डीलरों/मध्यस्थों की पहचान करने और उन्हें सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऐसे वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की गतिविधियों से पर्याप्त सुरक्षा हो सकेगी। नए नियम एक अप्रैल 2023 से प्रभाव में आएंगे।
बैठकों से लगातार अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं दी
बैठकों से लगातार अनुपस्थिति को तवज्जो नहीं दी
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सप्ताह के अंत में कोलकाता में होने वाली राष्ट्रीय गंगा परिषद (एनजीसी) की बैठक सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों से लगातार अनुपस्थिति को बुधवार को कुछ खास तवज्जो नहीं दी। गौरतलब है कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री दिवंगत अरूण जेटली के जन्मदिवस पर पटना के कंकड़बाग स्थित एक पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के बाद बातचीत में पत्रकारों ने नीतीश से नमामि गंगे कार्यक्रम में शामिल नहीं होने से जुड़े सवाल किए थे।
इसपर मुख्यमंत्री ने इसे कुछ भी असमान्य नहीं है कहकर तवज्जो नहीं दी और उदाहरण दिया कि इसकी पिछली बैठक उत्तर प्रदेश में हुई थी जिसमें उस वक्त संबंधित विभाग संभाल रहे तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने हिस्सा लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार यह विभाग उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के पास है इसलिए हमने उनसे कार्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया। हमारी गंगा नदी को लेकर जो इच्छाएं हैं, उन बातों की चर्चा करेंगे। हम बहुत पहले से इस संबंध में यहां काम कर रहे हैं।
2017 में यहां बैठक कर और फिर दिल्ली में भी बैठक कर केन्द्र सरकार को हमने सारी बातों की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी जाकर सारी बातें रखेंगे। हालांकि, साथ ही नीतीश ने याद दिलाया कि वह हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए हुई एक बैठक में हिस्सा लिया था। प्रदेश की यात्रा फिर से शुरु करने से जुड़े सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पांच जनवरी से यात्रा शुरु करेंगे।
एक दो दिनों में सभी जिलों से बात करके कार्यक्रम तय किया जाएगा। हर जगह जो काम हुआ है, उसको देखेंगे। जहां कोई समस्या होगी उसको भी देखेंगे। हर तबके के लोगों से मुलाकात करेंगे। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के खिलाफ फिर से सीबीआई जांच शुरू किए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग साथ आ गए हैं। इसलिए ऐसा हो रहा है।
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