मंगलवार, 27 दिसंबर 2022

शहजाद को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश 

शहजाद को अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शहजाद अहमद को जल्द ही सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराने का आदेश दिया है। 2008 के बटला हाउस मुठभेड़ मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा अहमद अभी जीटीबी अस्पताल में भर्ती है। न्यायामूर्ति विभु बाखरू और न्यायामूर्ति अमित शर्मा की एक अवकाशकालीन पीठ ने यह आदेश दिया।

पीठ ने कहा कि अहमद पेट संबंधी बीमारी को लेकर 18 दिनों से जीटीबी अस्पताल में भर्ती है और उसे वहां के इलाज पर भरोसा नहीं है। राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें अहमद को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। अदालत ने 26 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, "प्रतिवादी को आरोपी को जल्द से जल्द जीटीबी अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।"

अदालत को सूचित किया गया कि अहमद को वेंटिलेटर पर रखा गया है और जीटीबी अस्पताल में अहमद की बीमारी से संबंधित सुपर स्पेशियलिटी विभाग नहीं है। पीठ ने कहा, "हालांकि इस अदालत का मानना है कि आवेदक के आरोप महज आशंकाओं पर आधारित हैं, लेकिन यह साफ है कि आवेदक का उस अस्पताल में बहुत विश्वास नहीं है।" 

राज्य के दो स्थानों के नाम बदलने पर सहमति दी 

राज्य के दो स्थानों के नाम बदलने पर सहमति दी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की सिफारिशों के बाद राज्य के दो स्थानों के नाम बदलने पर अपनी सहमति दे दी है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर जिले में नगर पालिका परिषद मुंडेरा बाजार का नाम बदलकर चौरी-चौरा और देवरिया जिले के तेलिया अफगान गांव का नाम बदलकर तेलिया शुक्ला करने के लिए मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है।

गृह मंत्रालय नाम परिवर्तन के प्रस्तावों पर संबंधित एजेंसियों के परामर्श के बाद मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार विचार करता है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय किसी भी स्थान का नाम बदलने के लिए रेल मंत्रालय, डाक विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग से सहमति लेने के बाद अनापत्ति प्रमाण-पत्र देता है।

किसी गांव, कस्बे या शहर का नाम बदलने के लिए कार्यकारी आदेश की आवश्यकता होती है। अधिकारी ने कहा कि किसी राज्य का नाम बदलने के लिए संसद में साधारण बहुमत के साथ संविधान में संशोधन की आवश्यकता होती है।

इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने को 'खतरा' बताया

इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने को 'खतरा' बताया

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने को मंगलवार को 'खतरा' बताया और कुछ लोगों द्वारा "काल्पनिक कहानियों" को इतिहास के रूप में पेश करने को लेकर आगाह किया। स्टालिन यहां ‘‘इंडियन हिस्ट्री कांग्रेस’’ के 81वें वार्षिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने सरकार के धर्मनिरपेक्ष बने रहने की जरूरत पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि क्या इतिहास का अध्ययन करने से उनके लिए आकर्षक करियर सुनिश्चित होगा, लेकिन ऐसा करना केवल डिग्री और वेतन प्राप्त करने को लेकर नहीं है।

उन्होंने कहा, "हमें अपने बारे में जानने के लिए इतिहास का अध्ययन करना चाहिए। जिन लोगों ने अतीत का अध्ययन किया है, वे ही वर्तमान में इतिहास रच सकते हैं, आगे के बारे में भविष्यवाणी कर सकते हैं। ऐसा इतिहास विज्ञान आधारित तथ्य होना चाहिए। कुछ लोग काल्पनिक कहानियों को इतिहास बता रहे हैं। उन पर विश्वास कर मूर्ख नहीं बनना चाहिए और उन्हें स्वीकार भी नहीं किया जाना चाहिए।’’ स्टालिन ने कहा, "आज देश पर जो खतरा है, वह इतिहास में छेड़छाड़ को लेकर है। शिक्षा, भाषा, संस्कृति, प्राधिकार, अर्थव्यवस्था और प्रशासन में संविधान की गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए।"

उन्होंने कहा, "इतिहास ऐसा दस्तावेज नहीं होना चाहिए जिसमें सिर्फ नरेशों, उनकी जीवन शैली और जीत की चर्चा हो। इतिहास में सभी क्षेत्रों के लोगों को भी प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए। हमारा ऐसा मानना है।" 

'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान, 26 पर्यवेक्षक नियुक्त 

'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान, 26 पर्यवेक्षक नियुक्त 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस ने 26 जनवरी से शुरू हो रहे 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान की योजना और क्रियान्वयन के मकसद से मंगलवार को 26 पर्यवेक्षक नियुक्त किए। पार्टी की ओर जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की।

उत्तम कुमार रेड्डी को आंध्र प्रदेश, रंजीत रंजन को असम, सुबोध कांत सहाय को बिहार , पृथ्वीराज चव्हाण को कर्नाटक, मिलिंद देवड़ा को गुजरात और कई अन्य नेताओं विभिन्न राज्यों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कांग्रेस ने फैसला किया है कि आगामी 26 जनवरी से देश भर में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके तहत ब्लॉक, पंचायत और बूथ के स्तर पर लोगों से संपर्क साधा जाएगा।

करीब दो महीने तक चलने वाले "हाथ से हाथ जोड़ो" अभियान' में राहुल गांधी का पत्र भी लोगों को सौंपा जाएगा, जिसमें "भारत जोड़ो यात्रा" का संदेश होगा। उसके साथ नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ आरोप पत्र भी संलग्न होगा। पार्टी की ओर से ‘महिला मार्च’ भी निकाला जाएगा, जिसकी अगुआई प्रियंका गांधी वाद्रा करेंगी। 

3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची 'घरों की बिक्री'

3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची 'घरों की बिक्री'

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आवास ऋण दरों में वृद्धि के बावजूद इस साल सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 3.65 इकाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। घरों की बिक्री का पिछला रिकॉर्ड 2014 में बना था। एनारॉक ने यह जानकारी दी। संपत्ति सलाहकार कंपनी ने मंगलवार को देश के शीर्ष आवास बाजारों के मांग-आपूर्ति के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि कोविड महामारी के बाद मांग बढ़ने और उत्पादन लागत में बढ़ोतरी के बीच आवासीय संपत्तियों के दाम चार से सात प्रतिशत बढ़े हैं।

आंकड़ों के अनुसार, सात प्रमुख शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में इस साल घरों की बिक्री पिछले साल की तुलना में 54 प्रतिशत बढ़कर 3,64,900 इकाई पर पहुंच गई है। पिछले साल इन सात शहरों में कुल 2,36,500 घर बेचे गए थे। इससे पहले 2014 मे 3.43 लाख इकाइयों की बिक्री का रिकॉर्ड बना था। मुंबई महानगर क्षेत्र में 2022 में सबसे अधिक 1,09,700 घर बेचे गए।

इसके बाद 63,700 इकाई के साथ दिल्ली-एनसीआर का नंबर आता है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री 2022 में 59 प्रतिशत बढ़कर 63,712 इकाई हो गई, जो 2021 में 40,053 इकाई थी। एमएमआर में घरों की बिक्री 44 प्रतिशत बढ़कर 1,09,733 इकाई पर पहुंच गई। 2021 के कैलेंडर साल में इस क्षेत्र में 76,396 इकाइयों की बिक्री हुई थी। पुणे में घरों की बिक्री पिछले साल के 35,975 इकाई के आंकड़े से 59 प्रतिशत बढ़कर 57,146 इकाई पर पहुंच गई। बेंगलुरु में आवासीय इकाइयों की बिक्री 50 प्रतिशत बढ़कर 49,478 इकाई हो गई, जो पिछले साल 33,084 इकाई थी। हैदराबाद में, आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 में 87 प्रतिशत बढ़कर 47,487 इकाई हो गई, जो पिछले साल 25,406 इकाई थी।

चेन्नई में घरों की बिक्री पिछले साल के 12,525 इकाई से 29 प्रतिशत बढ़कर 16,097 इकाई हो गई। कोलकाता के बाजार में बिक्री इस साल 62 प्रतिशत बढ़कर 21,220 इकाई रही, जो पिछले साल 13,077 इकाई थी। नई आपूर्ति की बात की जाए, तो सात प्रमुख शहरों मे नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति इस साल 51 प्रतिशत के उछाल के साथ 3,57,600 इकाई पर पहुंच गई, जो 2021 में 2,36,700 इकाई थी। एमएमआर और हैदराबाद का नई आपूर्ति में सबसे अधिक हिस्सा रहा। सामूहिक रूप से नई आपूर्ति में दोनों की हिस्सेदारी करीब 54 प्रतिशत रही।

महोत्सव: राष्ट्रपति मुर्मू ने 'पढ़ने' के महत्व पर जोर दिया

महोत्सव: राष्ट्रपति मुर्मू ने 'पढ़ने' के महत्व पर जोर दिया

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/हैदराबाद। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को पढ़ने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि पढ़ने की आदत आत्म-विकास के सबसे प्रभावी साधनों में से एक है। मुर्मू ने यहां ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में आयोजित एक समारोह में केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा कौशल है, जो जीवन भर छात्रों की सेवा करेगा। उन्होंने कहा कि यह इंटरनेट और सोशल मीडिया का युग है जब ध्यान देने की अवधि कम होती जा रही है और पात्रों में संचार सीमित है। उन्होंने छात्रों से अपनी समझ में सुधार करने और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए अधिक पढ़ने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा वह नींव है जिस पर राष्ट्र का निर्माण होता है। यह प्रत्येक व्यक्ति की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी है।

उन्होंने कहा,“मुझे यह जानकर खुशी हुई कि केशव मेमोरियल एजुकेशनल सोसाइटी की गतिविधियाँ कई गुना बढ़ गई हैं - 1940 में एक छोटे से स्कूल से नौ अलग-अलग कॉलेजों के साथ एक प्रमुख शैक्षिक केंद्र, जिसमें 11,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि यह वृद्धि जस्टिस केशव राव कोराटकर के आदर्शों को श्रद्धांजलि है जिनकी स्मृति में समाज की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की मुक्ति की 75वीं वर्षगांठ का समारोह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के हिस्से के रूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह इस क्षेत्र के लोगों और पूरे देश के लिए बहुत महत्व रखता है।

उन्होंने रामजी गोंड, तुर्रेबाज़ खान, कोमाराम भीम, सुरवरम प्रताप रेड्डी और शोयबुल्ला खान सहित हैदराबाद की मुक्ति के लिए लड़ने वाले बहादुर नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके मूल्य और बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा तथा उनका सम्मान किया जाएगा।

देशमुख की जमानत के आदेश पर रोक से इनकार

देशमुख की जमानत के आदेश पर रोक से इनकार

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार मामले में राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की जमानत के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जमानत आदेश पर रोक की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए वेकेशन बैंच का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस संतोष चपलगांवकर ने नियमित अदालत के पहले के आदेश के आलोक में सीबीआई की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और कहा कि आगे जमानत पर रोक के आदेश को अब और नहीं बढ़ाया जाएगा।

जस्टिस एम.एस. कार्णिक की सिंगल जज पीठ ने 21 दिसंबर को जमानत आदेश के प्रभाव को आज तक (27 दिसंबर) तक रोकते हुए कहा था, यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी भी परिस्थिति में रोक बढ़ाने के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। जमानत आदेश को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सुनवाई नहीं हो पाने के बाद सीबीआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

सुप्रीम कोर्ट 2 जनवरी, 2023 तक छुट्टियों के कारण बंद है। जस्टिस कार्णिक ने 12 दिसंबर को देशमुख को जमानत देते हुए जमानत आदेश को 10 दिनों के बाद प्रभावी बनाया था ताकि सीबीआई तब तक इसे चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सके।

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