मंत्रालय की अधिसूचना पर लगी रोक की अवधि बढ़ाई
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक अधिसूचना पर लगी रोक की अवधि बढ़ा दी है। जिसमें खास निर्माण परियोजनाओं के लिए पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) संबंधी शर्तों में संशोधन किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा 14 नवंबर 2018 को जारी अधिसूचना में, 20,000 वर्ग मीटर से 50,000 वर्ग मीटर ‘बिल्ट-अप’ क्षेत्रफल वाले भवन या निर्माण परियोजनाओं के संबंध में पर्यावरणीय शर्तों का अनुपालन सुनिश्चित करने का अधिकार नगरपालिकाओं, विकास प्राधिकरणों और जिला पंचायतों सहित स्थानीय निकायों को प्रदान किया गया है।
अधिकरण एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि संशोधित ईआईए व्यवस्था सतत विकास और एहतियाती सिद्धांतों के खिलाफ है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. गोयल की पीठ ने कहा कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी किए जाने के बाद अधिकरण ने दिसंबर 2018 में अधिसूचना पर रोक लगा दी और आगे की कार्यवाही स्थगित कर दी गई क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय में इसी मुद्दे पर विचार किया जा रहा है।
पीठ ने कहा कि तीन साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई और अधिकरण को इस मामले पर शीघ्र विचार करना था, इसलिए इस पर फिर से विचार किया गया। पीठ ने कहा कि जवाब दाखिल करने या रोक में संशोधन की मांग करने के लिए मंत्रालय द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया था और अधिकरण के समक्ष मंत्रालय की ओर से कोई पेश नहीं हुआ। खंडपीठ ने कहा, "... मामले में कानून के अनुसार निर्णय लिए जाने तक अगर इस तरह की रोक जारी रहती है तो कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा।"