सोमवार, 26 दिसंबर 2022

मुंबई: 60,566.42 अंक पर बंद हुआ 'सेंसेक्स'

मुंबई: 60,566.42 अंक पर बंद हुआ 'सेंसेक्स'

कविता गर्ग 

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में पिछले चार दिन से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के साथ बीएसई सेंसेक्स में 721 अंक से अधिक की तेजी आई। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 721.13 अंक यानी 1.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,566.42 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 988.49 अंक तक चढ़ गया था। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 207.80 अंक यानी 1.17 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,014.60 अंक पर बंद हुआ।

सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, इंडसइंड बैंक, बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, आईटीसी, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी और टाटा मोटर्स प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे। अमेरिकी शेयर बाजार शुक्रवार को बढ़त में रहे थे। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.63 प्रतिशत चढ़कर 83.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 706.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

पांच सितारा होटल में रहने पर 35 करोड़ खर्च किए 

पांच सितारा होटल में रहने पर 35 करोड़ खर्च किए 

कविता गर्ग 

मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने महाराष्ट्र सरकार को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने कोविड-19 से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान अपने अधिकारियों के पांच सितारा होटल में रहने पर करीब 35 करोड़ रुपए खर्च किए। भाजपा नेता मिहिर कोटेचा ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को रविवार को पांच सितारा होटल में रहने पर 35 करोड़ खर्च किए  लिखे पत्र में 2020 और 2021 में कथित रूप से करीब 35 करोड़ रुपए खर्च करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) से जांच कराए जाने की मांग की। कोटेचा ने आरोप लगाया कि 34.6 करोड़ रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का व्यवहार इस बात पर प्रकाश डालता है कि बीएमसी को आम लोगों की कतई परवाह नहीं है, लेकिन वह अपने अधिकारियों को पांच सितारा होटल में रखती है।

कोटेचा के आरोपों को पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े को हाशिए पर लाने की भाजपा की एक और कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। शिवसेना पिछले तीन दशक से देश के सबसे अमीर नगर निकाय में सत्ता पर है। विधायक ने कहा कि हमें यह भी भूलना चाहिए कि वैश्विक महामारी के दौरान अग्रिम मोर्चे पर खड़े होकर सेवाएं देने वाले चिकित्सा कर्मियों को समय पर उनका भुगतान नहीं मिला। इस प्रकार का भ्रष्ट आचरण नगर निकाय को डुबो रहा है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने 31 अक्टूबर को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) से महा विकास आघाडी की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में महामारी के दौरान मुंबई निकाय द्वारा किए गए कार्यों के आवंटन की जांच करने को कहा था। कैग ने महामारी के दौरान बीएमसी द्वारा कार्यों के आवंटन की जांच पिछले महीने शुरू की थी।

निगम ने नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा

निगम ने नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा 

नई दिल्ली/अमृतसर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के बावजूद अमृतसर नगर निगम ने शहर के मध्य से गुजरते तुंग ढाब नाले में गंदे पानी का निर्वहन जारी रखा है। जिसके कारण इसकी परिधी में रहने वाले लोग नरकीय जीवन के लिए मजबूर हैं। एनजीटी द्वारा मई 2021 मे दिए आदेश के बावजूद आज तक नगर निगम द्वारा और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया गया है।

निगम द्वारा 40 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) से अधिक सीवेज अभी भी खुले तौर पर सीधे नाले में छोड़ा जा रहा है। प्रदूषित जल ने भूमिगत जल में भारी धातुओं के अवशोषण के खतरनाक स्तर को प्रभावित किया है और क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। पिछले दो दशकों के दौरान नाले के आसपास बड़े पैमाने पर शहरीकरण हुआ है।

पवित्र शहर के रंजीत एवेन्यू, डिफेंस एन्क्लेव और गोबिंद एवेन्यू सहित कई कॉलोनियां इस क्षेत्र में आ गई हैं। हरियावल पंजाब तुंग ढाब नाला पदयात्रा के दूसरे चरण के टीम लीडर और अमृतसर विकास मंच के संरक्षक हरदीप सिंह चहल और अमृतसर विकास मंच के प्रधान इंजीनियर दलजीत सिंह कोहली ने सोमवार को यूनीवार्ता को बताया कि नाले के प्रभाव पर किए गए विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि सल्फर डाइऑक्साइड सल्फ्यूरिक एसिड में बदल जाता है जो एसी, रेफ्रिजरेटर और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के सर्किट की तांबे की सतहों को कुछ महीनों के भीतर खराब कर देता है।

नाले से निकलने वाले जहरीले धुएं के कारण सांस लेने, त्वचा और आंखों से संबंधित समस्याएं हो रही हैं। इससे बच्चे और बूढ़े लोग सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। गुरु नानक देव विश्वविद्यालय ने एक विस्तृत अध्ययन किया था जिसमें भूमिगत, फसलों, सब्जियों और जलभृतों में भारी धातुओं के खतरनाक स्तर पाए गए थे, जिसके परिणामस्वरूप नाली के किनारे रहने वालों के डीएनए में परिवर्तन हुआ था। अमृतसर विकास मंच के संरक्षक दलजीत सिंह कोहली ने कहा, यह आश्चर्य की बात है कि एनजीटी के आदेशों और एमपी गुरजीत सिंह औजला की अध्यक्षता वाली टास्कफोर्स की बैठक के बावजूद, इस मुद्दे को आज तक संबोधित नहीं किया गया है।

जून 2021 में बचत भवन में हुई इस बैठक में सांसद गुरजीत सिंह औजला, अमृतसर के जिला उपायुक्त, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चीफ इंजीनियर जी उस मजीठियां, निगमायुक्त सुश्री कोमल मित्तल, एससी ड्रेनेज मंजीत सिंह उपस्थित थे। कोहली ने बताया कि बैठक में यह फैसला हुआ था कि चल रही परियोजनाओं के समाप्त होने के पश्चात तुरंत तुंग ढाब पर काम किया जाएगा लेकिन इतना समय गुजरने पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

कोहली ने कहा कि जेआईसीए (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) द्वारा स्थापित अंडर ग्राउड सीवरेज परियोजना पर करोड़ों का निवेश करने के बावजूद नागरिक निकाय जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के साथ-साथ राष्ट्रीय हरित का भी उल्लंघन कर रहा है। उन्होने कहा कि ट्रिब्यूनल का आदेश, जिसमें स्पष्ट रूप से सभी प्रकार के सीवेज को तूफानी जल नालों में छोड़ने को तुरंत रोकने का निर्देश दिया गया था। कोहली ने बताया कि नहरी विभाग द्वारा तुंग ढाब नाले का निर्माण केवल बरसाती पानी को शहर से बाहर निकालने के लिए किया गया था लेकिन समय के साथ साथ अब इसमें सीवेज का प्रदूषित पानी भी छोड़ा जा रहा है।

उन्होने नाले में सीवेज के साथ-साथ अन्य प्रदूषकों के बार-बार बहाव के कारण होने वाले वायु और जल प्रदूषण के दुष्प्रभावों को उजागर करते हुए बताया कि सीवर, उद्योग और डेयरी इस खंड में तुंग ढाब नाले को अधिकतम प्रदूषित कर रहे हैं। प्रदूषण पर लगाम लगाने में नियंत्रण एजेंसियां ​​और प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। भयानक और बदबूदार परिवेश के साथ कचरा, ठोस अपशिष्ट और उड़न राख को कई स्थानों पर फेंक दिया जाता है और बिखरा हुआ देखा जाता है। आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग दयनीय स्थिति में जी रहे हैं। तुंग ढाब नाले में डाला गया अनुपचारित पानी भूजल, मिट्टी, वायु गुणवत्ता और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।

गुरूनानक देव विश्वविद्यालय के प्रो सुखदेव सिंह (सेवानिवृत) ने बताया कि तुंग ढाब नाला अमृतसर के छावनी क्षेत्र के नजदीक से गुजरता है। इसके प्रदूषण से सेना के जवानों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों में भी बीमारी फैल सकती है। उल्लेखनीय है कि तुंग ढाब नाला बटाला के गांव भारथ से शुरू होकर पाकिस्तान तक जाता है।

पंजाब में इसे गुमटाला और तुंगढाब के नाम से जाना जाता है और पाकिस्तान में प्रवेश करने पर इसे हुडियारा कहा जाता है। हुडियारा में प्रदुषित पानी को लेकर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओं) में शिकायत कर चुका है। हरियावल पंजाब के सदस्यों ने पंजाब सरकार से मांग की है कि एनजीटी के आदेश का पालन करते हुए नगर निगम द्वारा तुग ढाब नाले में छोड़े जा रहे प्रदूषित पानी को तुरंत रोका जाए।

अतीत के संकुचित नजरिये से भी आजाद होना होगा

अतीत के संकुचित नजरिये से भी आजाद होना होगा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत को अगर सफलता के शिखर पर ले जाना है तो उसे अतीत के संकुचित नजरिये से भी आजाद होना होगा। राजधानी स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में सिख गुरु, गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों की शहादत की याद में पहले वीर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।

साहिबजादों के बलिदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके त्याग और उनकी इतनी बड़ी 'शौर्यगाथा' को इतिहास में भुला दिया गया। उन्होंने कहा कि लेकिन अब 'नया भारत' दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हमें इतिहास के नाम पर वह गढ़े हुए विमर्श बताएं और पढ़ाए जाते रहे, जिनसे हमारे भीतर हीन भावना पैदा हो। बावजूद इसके हमारे समाज और हमारी परंपराओं ने इन गौरव गाथाओं को जीवंत रखा। उन्होंने कहा, अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखर पर ले जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरियों से भी आजाद होना पड़ेगा।

इसलिए, आजादी के अमृतकाल में देश ने 'गुलामी की मानसिकता से मुक्ति' का प्राण फूंका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि युवा अपने साहस से समय की धारा को हमेशा के लिए मोड़ देता है और इसी संकल्प शक्ति के साथ आज भारत की युवा पीढ़ी भी देश को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए निकल पड़ी है। मोदी ने कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था और आध्यात्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विचार का भी प्रेरणापुंज है। इससे पहले, प्रधानमंत्री ने लगभग 300 बच्‍चों द्वारा किए गए शबद कीर्तन में भाग लिया।

केंद्र सरकार ने इसी वर्ष नौ जनवरी को गुरु गोबिंद सिंह के प्रकाश पर्व के दिन गुरु गोबिंद सिंह के बेटों साहिबजादा बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत की याद में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी।

बेघरों को दी जा रही सुविधाएं, जानकारी हेतु अभियान

बेघरों को दी जा रही सुविधाएं, जानकारी हेतु अभियान 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) अपनी शीतकालीन कार्य योजना के तहत रैन बसेरों में बेघरों को दी जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी देने के लिए इस सप्ताह एक जागरूकता अभियान चलाएगा। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 15 रेस्क्यू वैन शहर के कई स्थानों पर तैनात की गई हैं। डीयूएसआईबी के सदस्य बिपिन राय ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, प्रत्येक वैन में दो स्वयंसेवक हैं और अब तक शहर भर में ऐसी 15 वैन तैनात की जा चुकी हैं।

हम एक और जागरूकता अभियान भी शुरू करेंगे। ताकि अधिक से अधिक बेघर लोग हमारी शीतकालीन कार्य योजना के तहत प्रदान की जा रही सुविधाओं का लाभ उठा सकें। इस जागरूकता अभियान की शुरुआत बुधवार से होगी। राय ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में तापमान में गिरावट के मद्देनजर बेघरों के लिए डीयूएसआईबी द्वारा अब तक 33 स्थानों पर लगभग 150 तंबू लगाए गए हैं।

उन्होंने बताया अब तक हमने सभी सुविधाओं वाले, 150 तंबू लगाए हैं। ये वही सुविधाएं हैं जो आश्रय गृहों में दी जाती हैं। शहर में जरूरत के अनुसार हम तंबुओं की संख्या बढ़ाएंगे। दिल्ली सरकार ने बेघरों के लिए शीतकालीन कार्य योजना शुरू की है। जिसमें उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में सभी आश्रय गृहों में भोजन तथा अन्य सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराना शामिल है।

कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी 

कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पर्वतीय क्षेत्रों में हुई बर्फबारी और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तर भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहर जारी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली, हरियाणा समेत कई राज्यों में आज सुबह घना कोहरा देखा गया। वहीं पश्चिम विक्षोभ के कारण चंड़ीगढ़ में हल्की बारिश तथा नव वर्ष पर पर्वतीय इलाकों पर बर्फबारी का अनुमान जताया गया है।विभाग के अनुसार राजधानी दिल्ली और एनसीआर के ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग के अनुसार चंड़ीगढ़ में आज न्यूनतम तापमान नौ डिग्री और अधिकतम तापमान 15 डिग्री दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में सुबह के समय कोहरा तथा दिन में मौसम साफ रहने के आसार है।

जम्मू कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.5 डिग्री दर्ज किया गया। पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 5.7 डिग्री कम, कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 3.5 डिग्री दर्ज किया गया है। बर्फबारी के कारण लद्दाख-कश्मीर में सभी झील, नाले, नदी जम गई है। पहाड़ बर्फ से ढ़के हुए है। लेह में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 13.4 डिग्री, करगिल में शून्य से नीचे 10.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिमाचल प्रदेश भी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। हिमाचल प्रदेश में भी ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल के कल्पा में आज हल्का हिमपात हो सकता है।

वहीं, अगर तापमान की बात करें तो न्यूनतम तापमान एक डिग्री और अधिकतम तापमान नौ डिग्री दर्ज किया गया है। कल कल्पा में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे एक डिग्री दर्ज किया जा सकता है। कुल्लू में भी आज बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, न्यूनतम तापमान तीन डिग्री दर्ज किया गया है।

मनाली में न्यूमनतम तापमान शून्य दर्ज किया गया और अधिकतम तापमान 12 डिग्री दर्ज किया गया। उत्तराखंड के बद्रीनाथ में आज न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे दो डिग्री दर्ज किया गया है, वहीं, अधिकतम तापमान -14.3 डिग्री दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक बद्रीनाथ में आज हल्की बारिश हो सकती है। देहरादून में आज न्यूनतम तापमान 7 डिग्री और अधिकतम तापमान 22 डिग्री दर्ज किया गया। दोपहर के वक्त देहरादून में बादल छाए रह सकते हैं।

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