शनिवार, 24 दिसंबर 2022

अगले 13 दिनों तक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

अगले 13 दिनों तक मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर रोक

मनोज सिंह ठाकुर 

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्रिसमस की छुट्टियों और नए साल के दौरान प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना को देखते हुए मंदिर की प्रबंधन समिति ने शनिवार से अगले 13 दिनों तक इसके गर्भगृह में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का फैसला किया है।

मंदिर समिति के एक पदाधिकारी ने बताया कि गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध पांच जनवरी तक लागू रहेगा। मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी आशीष सिंह ने कहा, साल के अंतिम सप्ताह में छुट्टियों के चलते महाकाल लोक और महाकाल दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हए 24 दिसंबर से पांच जनवरी तक गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इससे पहले, एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा कारणों से 20 दिसंबर से इस मंदिर के अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। महाकालेश्वर मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और यहां दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।

सीएम ने परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया 

सीएम ने परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन किया 

इकबाल अंसारी 

दिसपुर/गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने धेमाजी जिले में 1220.21 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धेमाजी की छवि एक बाढ़ प्रभावित जिले से बदलकर विकसित एवं प्रगतिशील जिले के रूप में कायम करने की कोशिशों में जुटी है। शर्मा ने जिले में विकास के विमर्श में एक बड़ा बदलाव लाने के लिए शुक्रवार को धेमाजी जिले में बिकाखोर बाबे एटा पोखेक (विकास पहल का पखवाड़ा) के तहत कई परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया।

इस पहल के तहत, मुख्यमंत्री ने धेमाजी में 605.24 करोड़ रुपये की लागत वाले नए चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, 49.89 करोड़ रुपये की लागत वाले समेकित उपायुक्त कार्यालय, डियोरबिल में 50.53 करोड़ रुपये की लागत वाले जिला खेलकूद स्टेडियम परिसर और शिलापत्थर में 12.36 करोड़ रुपये की लागत वाले मिनी स्टेडियम की आधारशिला रखी।

शर्मा ने विभिन्न संगठनों से बंद और धरने की संस्कृति का परित्याग करने, सामाजिक माहौल में जान फूंकने के लिए बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने तथा स्थानीय संस्कृति, कृषि एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों को बढ़ावा देने के प्रयास में सहयोग देने की अपील की। 

पीएम ने हादसे पर दुख जताया, मुआवजे का ऐलान 

पीएम ने हादसे पर दुख जताया, मुआवजे का ऐलान 

अविनाश श्रीवास्तव 

मोतिहारी। बिहार के मोतिहारी में ईंट भट्टे की चिमनी में ब्लास्ट से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 16 से ज्यादा लोग घायल हैं। जिनका इलाज चल रहा है। रातभर से चला रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है। पीएम मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि इस सीजन में पहली बार चिमनी को शुरू किया गया था। चिमनी से निकलता धुआं देख सभी लोग खुश थे।अचानक से तेज धमाका हुआ। धुएं के प्रेशर की वजह से चिमनी के ऊपर का हिस्सा फट गया। जिसके मलबे की चपेट में आने से ये मौतें हुई हैं

शुक्रवार देर रात कोहरा ज्यादा होने के कारण राहत और बचाव कार्य बंद करना पड़ा था। शनिवार को रेक्स्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया था। हादसा जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के चंपापुर नरीरगीर के पास शुक्रवार को हुआ। उसके नीचे दबने से 8 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में चिमनी मालिक की भी मौत हो गई। देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 16 घायलों को निकाल कर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की हैृ। इसके साथ ही मरने वालों के परिवार को PMNRF से 2 लाख रुपए और घायलों को भी 50 हजार की मदद का ऐलान किया है।

शुक्रवार की शाम इस सीजन में पहली बार चिमनी को शुरू किया गया था। मालिकों की मौजूदगी में आग फूंकी गई थी। इसको लेकर वहां पार्टी रखी गई थी। इसमें शामिल होने के लिए काफी लोग आए थे। चिमनी से धुआं निकलने के बाद सभी काफी खुश थे। अचानक शाम 4:30 बजे जोर की आवाज हुई और चिमनी का बामा (ऊपरी हिस्सा) आधे से टूट कर गिर गया। उसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। सभी इधर-उधर भागने लगे। घटना के बाद चिमनी पर चीख-पुकार मच गई। सभी अपने परिजनों को इधर-उधर ढूंढते नजर आ रहे थे।

चिमनी ब्लास्ट होने की बड़ी वजह ये सामने आई कि पाइप में लकड़ी अधिक जलाने से धुएं का प्रेशर बढ़ा और ब्लास्ट हो गया। लोगों ने बताया कि भट्ठे में जैसे आग लगाई गई उसके घंटे भर बीतने के बाद चिमनी का ऊपरी हिस्सा लगभग 50 फीट भरभरा कर नीचे गिरने लगा। लोग कुछ सोच पाते और अपने को बचाव कर पाते तब तक उसके मलबे में कई लोग दब गए। नीचे आग होने के कारण कई लोग जल गए। जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। उन्हें लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में चिमनी के एक पार्टनर 35 वर्षीय इरशाद के अलावा दीपक कुमार, बुधाई लाल, सुभाष कुमार, इलियास अहमद, 25 वर्षीय अनिल बैठा, 50 वर्षीय बन्नू मियां और 25 वर्षीय साजिद मियां की मौत हो गई है।

हादसे में सभी घायलों को एसआरपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां दूसरे मालिक नूरूल हक के साथ अमरेश कुमार, मुकेश राम, आलमगीर, अब्दुल हक, अजय कुमार, राकेश कुमार, उमेश राम, असानुल्लाह को आईसीयू में इलाज चल रहा है। सभी की स्थिति नाजुक बनी हुई है।ग्रामीणों ने बताया कि इसके अलावा अन्य लोगों को रामगढ़वा और बाकी नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। एक घायल व्यक्ति ने बताया कि घटना के वक्त करीब 50-60 लोग वहां मौजूद थे

डीएम के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम रात में ही कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। उन्होंने मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया। जिसके बाद चिकित्सकों की टीम अस्पताल में पहुंच गई। देर रात से शव सदर अस्पताल लाया गया। पुलिस पोस्टमार्टम के लिए कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी। नियम यह है कि दो ईंट-भट्ठे के बीच की दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा होनी चाहिए। नदी या अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोत, डैम से दूरी 500 मीटर से अधिक होनी चाहिए। आबादी, फलदार बाग-बगीचा, कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, न्यायालय से नए ईंट-भट्ठे की दूरी 800 मीटर से अधिक, रेललाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग से 200 मीटर से अधिक दूर होनी चाहिए

जिलाधिकारी एसके अशोक ने कहा कि घटना क्यों हुई इसकी जांच कराई जाएगी। चिमनी दो विभाग से संचालित हाेता है। प्रदूषण और खनन विभाग से। खनन विभाग ईट की पथाई व जिगजैग चिमनी सहित अन्य चीज जबकि प्रदूषण बोर्ड प्रदूषण को देखता है। चिमनी पुरानी थी। उसकी जांच किस अधिकारी ने करने के बाद चलाने की अनुमति दी थी। इसकी जांच होगी। चिमनी में प्रेशर न बने इसके लिए कोयला डाला जाता है। लेकिन, चिमनी संचालक टायर और अन्य ज्वलनशीन पदार्थ उसमें डालते हैं। यहां भी उसका उपयोग हुआ था या नहीं इसकी भी जांच होगी। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुईं गांधी, हिस्सा लिया 

'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुईं गांधी, हिस्सा लिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी शनिवार को दिल्ली में 'भारत जोड़ो यात्रा' में शामिल हुईं और थोड़ी दूर तक राहुल गांधी के साथ चलीं। यह दूसरी बार है, जब पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कन्याकुमारी से सितंबर में शुरू हुई इस पदयात्रा में हिस्सा लिया है। वह इससे पहले अक्टूबर में कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई थीं।

सुबह में विश्राम के लिए यात्रा के यहां आश्रम चौक पहुंचने से पहले सोनिया गांधी ने चेहरे पर मास्क लगाकर अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ कुछ मिनट तक चहलकदमी की। भारत जोड़ो यात्रा शनिवार सुबह हरियाणा से दिल्ली में दाखिल हुई और बदरपुर री बॉर्डर पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से इसका स्वागत किया। यात्रा के चलते दिल्ली के कुछ हिस्सों से यातायात जाम की सूचना मिली है। यह पदयात्रा शाम को लाल किले के पास रुकेगी।

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट ट्वीट कर लिखा 

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी/न्यूयॉर्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2022 की अपनी पसंदीदा फिल्मों की एक लिस्ट ट्वीट कर लिखा है, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं...क्या मैंने कुछ मिस किया? सूची में द फेबलमैन्स, टॉप गन: मेवरिक, टिल और आफ्टर यैंग शामिल हैं। ओबामा ने अपने प्रोडक्शन हाउस हायर ग्राउंड प्रोडक्शंस की फिल्म डिसेंडेंट का नाम भी इसमें शामिल किया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा हर साल दिसंबर के महीने में अपनी पसंदीदा फिल्में और पढ़ी किताबों की लिस्ट जारी करते हैं। अब उन्होंने शुक्रवार को साल 2022 में दिखीं फिल्मों की लिस्ट जारी की है और लोगों से पूछा है कि उन्हें इस साल कुछ खास जो देखने लायक हो वो छोड़ तो नहीं दिया है।  

इस लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया हैं। मिस्टर प्रेसिडेंट की इस लिस्ट में कोरियन ब्लॉकबस्टर फिल्म डिसीजन टू लीव, साइंस फिक्शन सेंसेशन एवरीवेयर ऑल एट वंस, फ्रेंच ड्रामा पेटिट मैमन, के साथ-साथ टॉप गम मेवरिक, आफ्टर यांग, टार, द वुमन किंग, हैपनिंग, टिल, द गुड बॉस, ए हीरो, हिट ए रोड और व्हील ऑफ फॉर्च्यून एंड फैंटेसी जैसी ब्लॉकबस्टर जैसी फिल्में शामिल हैं। इस लिस्ट में ओबामा की प्रोडक्शन कंपनी की डॉक्यूमेंट्री भी शामिल है, जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी।

अपनी पसंदीदा फिल्मों की लिस्ट को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने शुक्रवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा, मैंने इस साल कुछ बेहतरीन फिल्में देखीं हैं- यहां मेरी कुछ पसंदीदा फिल्में हैं। मुझसे देखने में क्या छूट गया? वहीं, ट्विटर पर इस लिस्ट के सामने आने के बाद लोग उन्हें रीट्वीट कर दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने वाली फिल्म आरआरआर देखने की सलाह दी है। जबकि यूएसए टुडे के फिल्म क्रिटिक्स ब्रायन ट्रुइट ने लिखा, मुझे लगता है कि आप सच में आरआरआर को देखेंगे।

राम चरण और जूनियर एनटीआर अभिनीत इस फिल्म को  प्रतिष्ठित गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स, 2023 में बेस्ट नॉन-अंग्रेजी फिल्म और सॉन्ग नाटु-नाटु सहित बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग में नॉमिनेशन किया गया है, जिससे दावा किया जा रहा है कि इस फिल्म में ऑस्कर अवार्ड, 2023 में एंट्री का रास्ता साफ कर लिया है।

आज धूमधाम से मनाया जाएगा 'क्रिसमस डे'

आज धूमधाम से मनाया जाएगा 'क्रिसमस डे'

सरस्वती उपाध्याय 

जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल बेल ऑल द वे... इस समय सोशल मीडिया से लेकर बाजार और घरों में यही एक धुन सुनाई दे रही है। क्रिसमस का पर्व अब पूरी दुनिया में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाने लगा है। ऐसे तो यह ईसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। लेकिन अब हर धर्म के लोग इसे लेकर उत्साहित रहते हैं। महीनों पहले से लोग क्रिमसम पार्टी की तैयारी में जुट जाते हैं। वहीं कई लोगों के मन में अब भी यह सवाल उठता है कि आखिर 25 दिसंबर के दिन क्यों क्रिसमस डे मनाया जाता है? तो आज हम आपको क्रिसमस से जुड़ी कई दिलचस्प बाते बताने जा रहे हैं। 

प्रभु यीशु का हुआ था जन्म

क्रिसमस का पर्व प्रभु यीशू के जन्म की खुशी में मनाई जाती है। प्रभु यीशू (जीसस क्राइस्‍ट) को भगवान का बेटा यानी Son Of God कहा जाता था।ईसाईयों की मान्यता के मुताबिक, प्रभु यीशू का जन्म 4 ईसा पूर्व हुआ था। उनके पिता का नमा यूसुफ और मां का नाम मरियम था। यीशू का जन्म एक गौशाला में हुआ था, जिसकी पहली खबर गडरिय सब को मिली थी और उसी समय एक तारे ने ईश्वर के जन्म की भविष्यवाणी को सत्य किया था।

यीशू ने 30 साल की आयु से मानव सेवा में जुट गए थे। वह घूम घूम कर लोगों को संदेश देते थे। प्रभु यीशू के इस कदम से यहूदी धर्म के कट्टरपंथी लोग नाराज हो गए और उनका विरोध करना शुरू कर दिया। फिर एक दिन रोमन गवर्नर के सामने प्रभु यीशू को लाया गया और फिर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया।  मान्यताओं के मुताबिक, सूली पर चढ़ाए जाने के बाद ईश्‍वर के चमत्‍कार से यीशू फिर से जीवित हो गए और फिर उन्‍होंने ईसाई धर्म की स्‍थापना की।

क्रिसमस डे मनाने की शुरुआत कब हुई थी?

ईसाईयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल में प्रभु ईसा मसीह की जन्मतिथि की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। लेकिन इसके बावजूद भी हर वर्ष 25 दिसंबर के दिन ही उनका जन्मदिन मनाया जाता है। 25 दिसंबर की तारीख को लेकर कई बार काफी विवाद भी हुआ है।  रोमन कैलंडर के अनुसार पहली बार 336 इसवीं को 25 दिसंबर को पहली बार आधिकारिक तौर पर यीशू का जन्मदिन मनाया गया। कहते हैं तब से ही 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाया जाने लगा। वहीं यह भी कहा जाता है कि पश्चिमी देशों ने चौथी शताब्‍दी के मध्‍य में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के रूप में मनाने की मान्‍यता दी। आधिकारिक तौर पर 1870 में अमेरिका ने क्रिसमस के दिन फेडरेल हॉलिडे की घोषणा की थी।

क्रिसमस ट्री का इतिहास

क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले हुई थी। उस वक्त फर नाम के एक पेड़ को सजाकर यह त्यौहार मनाया जाता था। धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन बढ़ने लगा। मान्यता यह भी है कि ईसा मसीह के जन्म के वक्त सभी देवताओं ने सदाबहार पेड़ को सजाया था। तभी से इस पेड़ को क्रिसमस ट्री के नाम से पहचाना जाने लगा। क्रिसमस ट्री को कई गिफ्ट्स, लाइट्स, चॉकलेट और घंटियों समेत तमाम चीजों से सजाया जाता है।

सेंटा क्लॉज की कहानी

सेंटा के बिना तो क्रिसमस का पर्व अधूरा-सा ही लगता है। सेंटा को लेकर प्रचलित एक कहानी के अनुसार, संत निकोलस का जन्म 340 ई० की 6 दिसंबर को हुआ था। बताया जाता है कि बचपन में ही इनके माता पिता का निधन हो गया था। बड़े होने के बाद वह एक पादरी बन गए। उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था। कहा जाता है कि वह रात में बच्चों को इस लिए गिफ्ट देते थे, ताकि कोई उन्हें देख न सके। मान्यता है कि आगे चलकर यही संत निकोलस बाद में सांता क्लॉज बन गए।

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

भारत: 'एक्सबीबी और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें मिलें 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विषाणु विज्ञानी गगनदीप कांग ने कहा है कि भारत में ओमीक्रोन के उपस्वरूपों 'एक्सबीबी' और ‘बीएफ.7’ के कुछ मामलें सामने आए हैं। लेकिन इनमें तेज वृद्धि नहीं देखी गई है, लिहाजा उन्हें कोविड मामलों में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है। चीन समेत कई देशों में ओमीक्रोन के बेहद संक्रामक स्वरूपों-विशेषकर बीएफ.7 के कारण कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखे जाने के बीच उन्होंने यह बात कही। क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के ‘गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल साइंसेज’ विभाग की प्रोफेसर कांग ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “वे सभी ओमीक्रोन उपस्वरूपों की तरह हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदकर लोगों को संक्रमित करने के मामले में तो बहुत आगे हैं, लेकिन डेल्टा से अधिक गंभीर संक्रमण पैदा नहीं कर रहे हैं।”

कांग ने कहा कि “फिलहाल, भारत की स्थिति ठीक है” लेकिन “वायरस के व्यवहार में किसी भी बदलाव के संकेत का पता लगाने” के लिए निगरानी सुनिश्चित की जानी चाहिए।” बीएफ.7, ओमीक्रोन के स्वरूप बीए.5 का एक उपस्वरूप है और यह काफी संक्रामक है। इसकी ‘इनक्यूबेशन’ अवधि कम है। यह पुन: संक्रमित करने या उन लोगों को भी संक्रमित करने की उच्च क्षमता रखता है, जिनका (कोविड-19 रोधी) टीकाकरण हो चुका ह

कांग ने कहा कि "फिलहाल जो संक्रमण फैला रहे हैं वे ओमीक्रोन के उपस्वरूप हैं, जो टीका लगवा चुके लोगों के बीच पनपे हैं और इसलिए ये बहुत संक्रामक हैं।" उन्होंने कहा कि चीन की अधिकतर आबादी को टीकों की दो खुराक दी जा चुकी हैं। कांग ने कहा, "इस समय, भारत ठीक स्थिति में है। हमारे यहां कुछ मामले सामने आए हैं, हमारे यहां कुछ समय के लिए एक्सबीबी और बीएफ.7 के मामले सामने आए, लेकिन भारत में इनसे संक्रमण के मामलों में कोई वृद्धि नहीं हुई।

मुझे संक्रमण के मामलों में वृद्धि की आशंका नहीं है।" उन्होंने कहा कि ओमीक्रोन संक्रमित लोगों की संख्या के हिसाब से तो गंभीर कहा जा सकता है, लेकिन यह उतना गंभीर संक्रमण नहीं फैलाता, जितना डेल्टा स्वरूप फैलाता है। 

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी

फिर से मेरे खिलाफ छापामार कार्यवाही की जाएगी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भविष्यवाणी क...