पीएम ने हादसे पर दुख जताया, मुआवजे का ऐलान
अविनाश श्रीवास्तव
मोतिहारी। बिहार के मोतिहारी में ईंट भट्टे की चिमनी में ब्लास्ट से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 16 से ज्यादा लोग घायल हैं। जिनका इलाज चल रहा है। रातभर से चला रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है। पीएम मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए 2-2 लाख के मुआवजे का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि इस सीजन में पहली बार चिमनी को शुरू किया गया था। चिमनी से निकलता धुआं देख सभी लोग खुश थे।अचानक से तेज धमाका हुआ। धुएं के प्रेशर की वजह से चिमनी के ऊपर का हिस्सा फट गया। जिसके मलबे की चपेट में आने से ये मौतें हुई हैं
शुक्रवार देर रात कोहरा ज्यादा होने के कारण राहत और बचाव कार्य बंद करना पड़ा था। शनिवार को रेक्स्यू ऑपरेशन फिर से शुरू किया गया था। हादसा जिले के रामगढ़वा थाना क्षेत्र के चंपापुर नरीरगीर के पास शुक्रवार को हुआ। उसके नीचे दबने से 8 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में चिमनी मालिक की भी मौत हो गई। देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 16 घायलों को निकाल कर अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे पर पीएम मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की हैृ। इसके साथ ही मरने वालों के परिवार को PMNRF से 2 लाख रुपए और घायलों को भी 50 हजार की मदद का ऐलान किया है।
शुक्रवार की शाम इस सीजन में पहली बार चिमनी को शुरू किया गया था। मालिकों की मौजूदगी में आग फूंकी गई थी। इसको लेकर वहां पार्टी रखी गई थी। इसमें शामिल होने के लिए काफी लोग आए थे। चिमनी से धुआं निकलने के बाद सभी काफी खुश थे। अचानक शाम 4:30 बजे जोर की आवाज हुई और चिमनी का बामा (ऊपरी हिस्सा) आधे से टूट कर गिर गया। उसके बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। सभी इधर-उधर भागने लगे। घटना के बाद चिमनी पर चीख-पुकार मच गई। सभी अपने परिजनों को इधर-उधर ढूंढते नजर आ रहे थे।
चिमनी ब्लास्ट होने की बड़ी वजह ये सामने आई कि पाइप में लकड़ी अधिक जलाने से धुएं का प्रेशर बढ़ा और ब्लास्ट हो गया। लोगों ने बताया कि भट्ठे में जैसे आग लगाई गई उसके घंटे भर बीतने के बाद चिमनी का ऊपरी हिस्सा लगभग 50 फीट भरभरा कर नीचे गिरने लगा। लोग कुछ सोच पाते और अपने को बचाव कर पाते तब तक उसके मलबे में कई लोग दब गए। नीचे आग होने के कारण कई लोग जल गए। जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से बाहर निकाला गया। उन्हें लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में चिमनी के एक पार्टनर 35 वर्षीय इरशाद के अलावा दीपक कुमार, बुधाई लाल, सुभाष कुमार, इलियास अहमद, 25 वर्षीय अनिल बैठा, 50 वर्षीय बन्नू मियां और 25 वर्षीय साजिद मियां की मौत हो गई है।
हादसे में सभी घायलों को एसआरपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां दूसरे मालिक नूरूल हक के साथ अमरेश कुमार, मुकेश राम, आलमगीर, अब्दुल हक, अजय कुमार, राकेश कुमार, उमेश राम, असानुल्लाह को आईसीयू में इलाज चल रहा है। सभी की स्थिति नाजुक बनी हुई है।ग्रामीणों ने बताया कि इसके अलावा अन्य लोगों को रामगढ़वा और बाकी नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। एक घायल व्यक्ति ने बताया कि घटना के वक्त करीब 50-60 लोग वहां मौजूद थे
डीएम के निर्देश पर शव का पोस्टमार्टम रात में ही कराने की प्रक्रिया शुरू की गई। उन्होंने मेडिकल बोर्ड गठित कर पोस्टमार्टम करने का निर्देश दिया। जिसके बाद चिकित्सकों की टीम अस्पताल में पहुंच गई। देर रात से शव सदर अस्पताल लाया गया। पुलिस पोस्टमार्टम के लिए कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी। नियम यह है कि दो ईंट-भट्ठे के बीच की दूरी एक किलोमीटर से ज्यादा होनी चाहिए। नदी या अन्य प्राकृतिक जलस्त्रोत, डैम से दूरी 500 मीटर से अधिक होनी चाहिए। आबादी, फलदार बाग-बगीचा, कार्यालय, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल, न्यायालय से नए ईंट-भट्ठे की दूरी 800 मीटर से अधिक, रेललाइन और राष्ट्रीय राजमार्ग से 200 मीटर से अधिक दूर होनी चाहिए
जिलाधिकारी एसके अशोक ने कहा कि घटना क्यों हुई इसकी जांच कराई जाएगी। चिमनी दो विभाग से संचालित हाेता है। प्रदूषण और खनन विभाग से। खनन विभाग ईट की पथाई व जिगजैग चिमनी सहित अन्य चीज जबकि प्रदूषण बोर्ड प्रदूषण को देखता है। चिमनी पुरानी थी। उसकी जांच किस अधिकारी ने करने के बाद चलाने की अनुमति दी थी। इसकी जांच होगी। चिमनी में प्रेशर न बने इसके लिए कोयला डाला जाता है। लेकिन, चिमनी संचालक टायर और अन्य ज्वलनशीन पदार्थ उसमें डालते हैं। यहां भी उसका उपयोग हुआ था या नहीं इसकी भी जांच होगी। जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।