बुधवार, 21 दिसंबर 2022

राजस्थान का पड़ाव समाप्त होने पर राहत की सांस ली 

राजस्थान का पड़ाव समाप्त होने पर राहत की सांस ली 

अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी

नई दिल्ली/अलवर। भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान का पड़ाव बुधवार को समाप्त होने पर कांग्रेस ने राहत की सांस ली होगी। क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके चिर प्रतिंद्वद्वी माने जाने वाले सचिन पायलट के समर्थकों के बीच कोई टकराव हुए बिना राज्य में यह यात्रा संपन्न हुई। हालांकि, समर्थकों ने सड़कों पर नारेबाजी जरूर की थी। राजस्थान में यात्रा के करीब 500 किलोमीटर के रास्ते में पायलट के गढ़ माने जाने वाले कई इलाके आए और पदयात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा जिनमें से कई उनके युवा समर्थक शामिल थे। 

इन युवा समर्थकों ने हमारा सीएम कैसा हो, सचिन पायलट जैसा हो और आई लव यू, आई लव यू, सचिन पायलट, आई लव यू जैसे नारे लगाए। पायलट ने खुद ज्यादातर वक्त राहुल गांधी के साथ पदयात्रा की और कुछ मौकों पर उन्हें अपने समर्थकों को उनके समर्थन में नारे नहीं लगाने के लिए कहते हुए भी देखा गया। गहलोत ने भी यात्रा में नियमित रूप से भाग लिया। खासतौर से राज्य में यात्रा के सुबह के सत्र के दौरान उन्हें अक्सर पदयात्रा करते हुए देखा गया। कुछ स्थानों पर गहलोत के समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे भी लगाए और राज्य में उनके सुशासन का जिक्र किया। 

यात्रा के 100 दिन पूर होने के मौके पर दौसा की सड़कों पर लोगों का हुजूम उमड़ा और कई लोग अपने घरों की छत पर खड़े होकर गांधी, गहलोत और पायलट का उत्साह बढ़ाते दिखे। दौसा पायलट का गढ़ रहा है जहां बड़ी संख्या में उनके समर्थकों को यह कहते हुए सुना गया कि राज्य की बागडोर पायलट के हाथ में सौंपी जाए और केवल वही 2023 में कांग्रेस को सत्ता में वापस ला सकते हैं। गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट और उनके पिता दिवंगत राजेश पायलट दौसा से संसद में निर्वाचित होते रहे हैं।

दौसा में यात्रा में भाग ले रहे सुमेश गुर्जर ने कहा, अंदरुनी कलह पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही है। कांग्रेस को निर्णय लेना चाहिए और अगर पायलट को सम्मान नहीं दिया गया तो पार्टी 2023 के विधानसभा चुनावों में मुश्किल में आ जाएगी। दौसा में गुर्जर समुदाय के एक अन्य व्यक्ति ने पायलट के संदर्भ में कहा कि अब वक्त आ गया है कि युवा कमान संभाले और कांग्रेस को युवाओं का समर्थन करना चाहिए। यह यात्रा उन इलाकों से नहीं गुजरी जिन्हें पारंपरिक रूप से गहलोत का गढ़ माना जाता है।

जयपुर में कैब चालक कृपा शंकर ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में लौट सकती है लेकिन इसके लिए उसे गहलोत-पायलट के झगड़े को खत्म करना होगा। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी थे जिनका मानना है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर जोर पकड़ रही है। अलवर में प्याज की खेती करने वाले नवीन कुमार ने कहा कि सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। यात्रा ने गहलोत और पायलट के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी में अस्थायी रूप से विराम लगाया है लेकिन ज्यादातर राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पार्टी आलाकमान ने इस मसले का हल नहीं निकाला तो भविष्य में यह विवाद फिर बढ़ सकता है।

पिछले सप्ताह अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा था, सब कुछ सुचारू रूप से हल कर लिया जाएगा और पार्टी राज्य में पूरी तरह एकजुट है। गौरतलब है कि पिछले महीने गहलोत द्वारा पायलट को गद्दार बताए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। पायलट ने इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि इतने अनुभवी किसी व्यक्ति को ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना शोभा नहीं देता और ऐसे वक्त में इस तरह कीचड़ उछालने से कोई फायदा नहीं मिलेगा जब ध्यान यात्रा पर केंद्रित होना चाहिए।

भारत जोड़ो यात्रा आज सुबह राजस्थान से हरियाणा में प्रवेश कर गयी। यात्रा ने पांच दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश किया था। यह झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिलों से गुजरी।

पंजाब में घुसने वाले ड्रोन को मार गिराया: बीएसएफ

पंजाब में घुसने वाले ड्रोन को मार गिराया: बीएसएफ

अकांशु उपाध्याय/अमित शर्मा

नई दिल्ली/अमृतसर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते पंजाब में घुसने वाले एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ड्रोन पाकिस्तानी सीमा में जा गिरा। अधिकारी के मुताबिक, बीएसएफ जवानों ने मंगलवार रात 7.20 बजे एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स उसे अपने साथ ले गए। उन्होंने बताया कि घटना अमृतसर में दाओके पुलिस चौकी के पास हुई।

बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि बुधवार सुबह जब तलाशी ली गई तो ड्रोन भारतीय सीमा चौकी भरोपाल के उस पार पाकिस्तान की सीमा में 20 मीटर अंदर गिरा पाया गया।प्रवक्ता के अनुसार, ड्रोन रोधी उपाय किए जाने के बाद वह (ड्रोन) कुछ मिनटों तक आसमान में उड़ा और फिर लौटते समय जमीन पर गिर गया। ड्रोन के जरिये भारतीय सीमा में कुछ गिराया तो नहीं गया है, इसका पता लगाने के लिए जांच जारी है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-71, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, दिसंबर 22, 2022

3. शक-1944, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 18+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग व्यक्ति को व्हीलचेयर दिलाई

फाउंडेशन द्वारा दिव्यांग व्यक्ति को व्हीलचेयर दिलाई


सारथी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा दिलवाई दिव्यांग को व्हील चेयर 

गोपीचंद

बागपत। मंगलवार को सारथी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा एक दिव्यांग व्यक्ति को व्हीलचेयर दिलाई। जिससे वह व्यक्ति बहुत ही खुश हुआ और उस व्यक्ति के पिता चल फिर नही सकते थे। विल चेयर पाकर वह व्यक्ति बहुत खुश हुआ और संस्था का धन्यवाद दिया और कहां वंदना ने आज तक हम जैसे गरीब अनेक आदमियों की मदद की है और कर रही है।

जैसे कि गरीब कॉलोनियों में कपड़े सर्दियों में कंबल बटवा ना हर तरह से उनकी मदद करना इससे वो पीछे कभी नहीं हटती और हटेगी भी नहीं मैं उनका धन्यवाद करता हूं। सारथी वेलफेयर फाउंडेशन अध्यक्ष ने कहा की संस्था मेरी खुद की नहीं है सब की है। अगर सभी सहयोग करें। सभी  साथ दें तो हम सब बहुत कुछ कर सकते हैं।

एक जुटता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया 

एक जुटता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया 

भानु प्रताप उपाध्याय

शामली। क्षेत्र के गाँव लिलौन खेड़ी में अखिल भारतीय उपाध्याय सेवा समिति द्वारा आयोजित बैठक में संगठन की मजबूती और समाज की एक जुटता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। संगठन का वितार करते हुए हरेन्द्र कुमार को सेवा समिति शामली ब्लाॅक का अध्यक्ष चुना गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू राम, राष्ट्रीय सचिव राकेश उपाध्याय, डिम्पल उपाध्याय व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव कुमार ककौर ने हरेन्द्र कुमार को उपस्थित अतिथियों के साथ नियुक्ति पत्र सौंपा। सभी अतिथियों को फूल मालायें पहनाकर स्वागत किया गया।

बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय ने कहा कि आज समाज के विभिन्न संगठनों में समन्वय बनाने तथा शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को राजनैतिक चमक से बचाने की आवश्यकता हैं। कुछ विधार्थी राजनैतिक चमक से प्रभावित होकर अपने लक्ष्य से भटक जाते है। परिणाम उन्हें अपने जीवन में हताशा और निराशा के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होता। यदि हम विकसित होना चाहते है तो शिक्षा हमारे पास सबसे बडा अस्त है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूराम ने कहा अखिल भारतीय उपाध्याय सेवा समिति, समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान की भावनाओं के साथ कार्य करते हुए समाज के हित में कार्य करने वाले सभी संगठनों का सम्मान करती है। समिति के प्रदेश महासचिव शिवकुमार उपाध्याय वबागपत जिला अध्यक्ष मोनू पवार ने कहा युवा ही समाज में परिवर्तन ला सकते हैं। हमें अपने बच्चों की शिक्षा स्तर को मजबूत करना होगा शिक्षा के माध्यम से ही विकास संभव है।

बैठक को डिम्पल उपाध्याय, संजीव कुमार ककौर, शिवकुमार, मा० राकेश कुमार आदि ने सम्बोधित किया। बैठक की अध्यक्षता राजबीर उपाध्याय सिभालखा, मुख्य अतिथि आर०आर०डी०उपाध्याय व संचालन प्रधानाचार्य सुनील कुमार आर्य ने किया। इस अवसर पर बाबुराम उपाध्याय, सूरजमल, मा० राकेश उपाध्याय, डॉ०कोकिल, डिम्पल उपाध्याय, भानूप्रताप, डॉ०यशवीर सिंह, रामकुमार ककौर, संजीव कुमार ककौर, श्रीनिवास, शिवकुमार उपाध्याय आदि उपस्थित रहे।

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम सूची से हटाएं

इकबाल अंसारी 

आइजोल। मिजोरम ने 2,000 से अधिक ब्रू मतदाताओं के नाम पड़ोसी राज्य त्रिपुरा की मतदाता सूची में नामांकन के बाद अपनी मतदाता सूची से हटा दिए। यह जानकारी एक निर्वाचन अधिकारी ने दी। मिजोरम के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डेविड लियानसांग्लुरा पचुआउ ने कहा कि राज्य निर्वाचन विभाग को अब तक त्रिपुरा समकक्ष से 3,000 से अधिक नामों को हटाने का अनुरोध प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि इसमें से 2,091 ब्रू मतदाताओं के नाम अब तक मिजोरम की मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं और शेष मतदाताओं के नामों को हटाने का काम चल रहा है।

अधिकारी ने कहा कि ब्रू मतदाता, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम नहीं लौटने के बाद त्रिपुरा में बस गए थे, मिजोरम के तीन जिलों में नौ विधानसभा क्षेत्रों के मतदाता थे। उन्होंने कहा कि मताधिकार से वंचित ब्रू मतदाताओं में मामित से 1,643, कोलासिब से 187 और लुंगलेई जिले से 262 हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल रोल आफिसर नेट (ईरोनेट) के माध्यम से त्रिपुरा चुनाव विभाग द्वारा भेजे गए अनुरोध के अनुसार नाम हटाए गए।

पचुआउ ने कहा कि उन्होंने त्रिपुरा में अपने समकक्षों से राज्य की मतदाता सूची में ब्रू मतदाताओं के नामांकन में तेजी लाने का अनुरोध किया है क्योंकि मिजोरम में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ब्रू उग्रवादियों द्वारा 1997 में एक मिजो वन अधिकारी की हत्या के बाद शुरू हुए जातीय तनाव के बाद हजारों ब्रू मतदाता त्रिपुरा भाग गए थे। तब से, वे दो दशकों से अधिक समय से अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। नवंबर 2009 में पहला प्रत्यावर्तन प्रयास न केवल ब्रू उग्रवादियों द्वारा एक मिजो ग्रामीण की हत्या से विफल हो गया था, बल्कि इसने पलायन का एक और दौर भी शुरू कर दिया था।

केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों ने 2009 और 2019 के बीच त्रिपुरा से ब्रू आदिवासियों की वापसी के लिए कम से कम नौ प्रयास किए थे। केंद्र, मिजोरम और त्रिपुरा की सरकारों और कई ब्रू संगठनों के प्रतिनिधियों ने 16 जनवरी, 2020 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके अनुसार 35,000 से अधिक विस्थापित ब्रू आदिवासी, जो प्रत्यावर्तन के दौरान मिजोरम लौटने के अनिच्छुक थे, उन्हें त्रिपुरा में स्थायी रूप से बसने की अनुमति दी गई थी।

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...