मंगलवार, 20 दिसंबर 2022

किसानों के नाम पर 'राजनीति' उचित नहीं: मनसुख 

किसानों के नाम पर 'राजनीति' उचित नहीं: मनसुख 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में उर्वरक और अन्य खाद की कोई कमी नहीं है तथा दो लाख टन से अधिक खाद हर समय मांग से अधिक उपलब्ध होता है। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति उचित नहीं है। इस समय कहीं भी किसानों को खाद के लिए लाइन नहीं लगानी पड़ती है। डॉ मांडविया ने कहा रेलवे स्टेशन पर टिकट के लिए, हवाई अड्डे पर प्रवेश के लिए और अन्य स्थानों पर भी व्यवस्था के लिए लाइन लगती है। खाद लेने के लिए गोदाम में किसानों का टोला तो नहीं घुस सकता है। एक-एक करके ही लिया जा सकता है, यह शिष्टाचार है। इसलिए किसानों के नाम पर राजनीति करना उचित नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है। खाद ले जाने लाने के लिए देश में 70 रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। कभी कभार कोई आपूर्ति- व्यवस्था का प्रश्न हो सकता है।जिसे तुरंत दूर कर दिया जाता है। देश में हर समय मांग से अधिक खाद उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जिला वार खाद की उपलब्धता जानने के लिए एक डैश बोर्ड है। जिस पर वास्तविक स्थिति उपलब्ध होती है।

देश में नैनो उर्वरक, नैनो नाइट्रोजन, नैनो डीएपी पर अनुसंधान चल रहा है और यह विभिन्न चरणों में है। खाद के क्षेत्र में यह विश्व में क्रांति होगी। विश्व के कई देश भारत से यह तकनीक मांग रहे हैं। इससे पहले एक अन्य पूर्व प्रश्न के उत्तर में कहा गया कि देश में उर्वरक, डीएपी और नाइट्रोजन के नये कारखाने लगाए जा रहे हैं। 

सीएम ने मंत्री बनाने का आश्वासन दिया: ईश्वरप्पा

सीएम ने मंत्री बनाने का आश्वासन दिया: ईश्वरप्पा

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक भाजपा के नाराज विधायक के एस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उन्हें जल्द ही मंत्री बनाने का आश्वासन दिया है।उन्होंने कहा कि उनके साथ वरिष्ठ विधायक रमेश जरकीहोली को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ईश्वरप्पा ने इस साल की शुरुआत में राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

बेलगावी के एक ठेकेदार ने उडुपी के एक होटल में 2020 में एक सरकारी काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग का आरोप लगाते हुए कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ईश्वरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था। शिवमोगा विधायक ने उन्हें मंत्री पद नहीं दिए जाने के विरोध में बेलगावी में चल रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शामिल नहीं होने का फैसला किया था। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, मुख्यमंत्री ने मुझे क्लीन चिट मिलने के बाद पार्टी आलाकमान से बात करने और मुझे कैबिनेट में शामिल करने का आश्वासन दिया है।

विधायक ने कहा, मुझे ही नहीं बल्कि रमेश जरकीहोली को भी मंत्री बनाया जाएगा क्योंकि उन्हें भी क्लीन चिट मिल गई है। उनकी शिकायत यह थी कि जांच एजेंसी द्वारा उन्हें क्लीन चिट दिए जाने के बावजूद उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई। जरकीहोली ने कथित नौकरी के लिये सेक्स घोटाले को लेकर इस्तीफा दे दिया था। पूर्व उपमुख्यमंत्री और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय में किसी से संपर्क नहीं किया, लेकिन बोम्मई पर भरोसा किया, जिन्होंने उन्हें पाक-साफ निकलने के बाद कैबिनेट में फिर से शामिल करने का वादा किया था।

यह पूछे जाने पर कि आश्वासन के बाद क्या वह विधानसभा में शामिल होंगे, ईश्वरप्पा ने कहा, मैं कोई फैसला लेने से पहले शाम को मुख्यमंत्री से बात करूंगा। ईश्वरप्पा और जरकीहोली दोनों को पहले ही जांच एजेंसियों ने संबंधित मामलों में क्लीन चिट दे दी थी।

500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा: गांधी 

500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा: गांधी 

अकांशु उपाध्याय/नरेश राघानी

नई दिल्ली/जयपुर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान में उनकी पार्टी की सरकार ने 500 रुपये में एलपीजी सिलेंडर देने की घोषणा की है और अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी महंगाई से त्रस्त जनता की सेवा करनी चाहिए। इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने का राजस्थान की कांग्रेस सरकार का बड़ा ऐलान। यह केंद्र सरकार कीमतों के मुकाबले आधे से भी कम है।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, प्रधानमंत्री जी, मित्रों' को मेवा खिलाना बंद कीजिए, महंगाई से त्रस्त जनता की सेवा कीजिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत सोमवार को घोषणा की थी कि उनकी सरकार महंगाई की मार झेल रहे गरीब परिवारों को रसोई गैस का सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध करवाएगी। गहलोत ने कहा था कि सरकार इस बारे में लाभान्वितों की श्रेणी का अध्ययन करवाकर इसे नए वित्त वर्ष यानी एक अप्रैल से लागू करेगी। 

बच्चों की राय पर विचार किया जाना चाहिए: सीएम 

बच्चों की राय पर विचार किया जाना चाहिए: सीएम 

इकबाल अंसारी 

कन्नूर। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर बच्चों की राय पर विचार किया जाना चाहिए और इसे पूरी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनमें जिम्मेदारी की भावना पैदा होगी।कन्नूर जनसंपर्क विभाग (पीआरडी) द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में विजयन के हवाले से कहा गया है कि परिवारों, विशेषकर माता-पिता के रवैये में इस तरह के बदलाव से समाज में बदलाव आएगा और इस तरह हम बच्चों के अनुकूल बन सकते हैं।

मुख्यमंत्री कन्नूर के धर्मदम निर्वाचन क्षेत्र में केरल बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब परिवार के निर्णय लेने की बात आती है, तो अक्सर बच्चों की बात नहीं होती क्योंकि परिवारों का मानना ​​है कि उनकी राय महत्वपूर्ण नहीं है। विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया, लोगों की सोच है कि बच्चों की राय महत्वपूर्ण नहीं है। इस सोच को बदलने की जरूरत है।

हमारे समाज को उनके व्यक्तित्व का पूरी तरह से सम्मान करने में सक्षम होना चाहिए। विजयन ने इस कार्यक्रम में यह भी कहा कि सरकार बच्चों के समग्र विकास और भविष्य की पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए परियोजनाओं को तैयार करने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ियों की संख्या बढ़ाना एक ऐसा उपाय है। उन्होंने कहा कि कोझिकोड जिले में 142 आंगनवाड़ियों में विशेष बच्चों के लिए सुविधाएं पायलट परियोजना के रूप में उपलब्ध कराई जाएंगी और आंगनवाड़ियों को सामुदायिक संसाधन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। 

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी ली

सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी ली

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चुटकी लेते हुए गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को अविश्वास प्रस्ताव तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ लाना चाहिए था।

डॉ मिश्रा ने संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि डॉ सिंह को अविश्वास प्रस्ताव कमलनाथ के खिलाफ लाना चाहिए था, जिनके नेतृत्व में विधायकों ने उस समय पाला बदल लिया। इस के साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रस्ताव पर चर्चा को तैयार है। विधानसभा अध्यक्ष जो भी समय देंगे, सरकार हर बात का सदन में जवाब देगी। हालांकि उन्होंने विपक्ष से निवेदन किया कि वे सिर्फ सवाल उठाकर शोर ना मचाएं, सरकार के जवाब भी सुनें। 

राजनीतिक विज्ञापनों का खर्च 'आप' से वसूला जाए

राजनीतिक विज्ञापनों का खर्च 'आप' से वसूला जाए

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए राजनीतिक विज्ञापनों का खर्च आम आदमी पार्टी से वसूला जाए। एलजी ने अपने आदेश में कहा है कि राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापनों के तौर पर प्रकाशित करने के लिए आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपये रिकवर किया जाए। लेफ्टिनेंट गवर्नर ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सरकार 2015 में दिए सुप्रीम कोर्ट और 2016 के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसलों का अबतक उल्लंघन करती आई है।

दिल्ली के चीफ सेक्रटरी को दिए निर्देश में एलजी सक्सेना ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 'कंटेंट रेग्युलेशन इन गवर्नमेंट एडवर्टाइजिंग' (CCRGA) पर नियुक्त कमिटी के 16 सितंबर 2016 के आदेश का पालन किया जाए। CCRGA ने आम आदमी पार्टी को 97 करोड़ 14 लाख रुपये ब्याज के साथ सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश दिया था। कमिटी ने अपने आदेश में कहा कि राजनीतिक विज्ञापनों को सरकारी विज्ञापन के तौर पर प्रकाशित किया गया जिससे एक राजनीतिक दल को फायदा पहुंच रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भी अवमानना है।

सुप्रीम कोर्ट ने भी 13 मई 2015 को अपने आदेश में केंद्र और सभी राज्य सरकारों को ऐसे सरकारी विज्ञापनों से बचने को कहा था जिसका मुख्य उद्देश्य सरकार के किसी चेहरे या राजनीतिक पार्टी का प्रचार करना हो। कोर्ट ने इसके लिए गाइडलाइंस भी जारी किए थे। इसी आदेश के पालन के लिए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से अप्रैल 2016 में CCRGA का गठन किया था।

CCRGA ने जांच में पाया कि केजरीवाल सरकार की तरफ से दिए गए कुछ विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ हैं। 97,14,69,137 रुपए  के विज्ञापन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते पाए गए। इसमें से 42,26,81,265 रुपये का भुगतान दिल्ली सरकार की तरफ से कर दिया गया लेकिन 54,87,87,872 रुपये का भुगतान अब भी बचा है। अब एलजी ने दिल्ली सरकार की तरफ से पहले ही भुगतान की जा चुकी 42 करोड़ की रकम और बकाए करीब 55 करोड़ की रकम को भी आम आदमी पार्टी के खाते से जमा कराने का आदेश दिया है।

धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को मंजूरी

धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को मंजूरी

राणा ओबरॉय 

चंडीगढ़। हरियाणा में अब शादी के लिए धर्म परिवर्तन नहीं हो सकेगा। हरियाणा के राज्यपाल ने मंगलवार को धर्मांतरण पर रोक लगाने वाले कानून को मंजूरी दे दी है। ऐसे में अब हरियाणा में कोई भी महिला और पुरुष शादी के लिए अब धर्म नहीं बदल पाएगा। इस नियम का कोई यदि उल्लंघन करता है तो उसे 3 से 10 साल तक की जेल होगी। हरियाणा सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी हो गई है। हरियाणा में पिछले चार वर्षों में जबरन धर्मांतरण के 127 मामले दर्ज हुए हैं। जिसके बाद हरियाणा देश का 11वां बीजेपी शासित प्रदेश बन गया है, जहां इस तरह का कानून बनाया गया है

बता दें कि गलत बयान, बल का प्रयोग, धमकी, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी भी धोखाधड़ी या शादी के माध्यम से, शादी के लिए और उससे जुड़े मामलों के लिए एक धर्म से दूसरे धर्म में गैरकानूनी धर्मांतरण की रोकथाम के उद्देश्य से, राज्य सरकार द्वारा हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण अधिनियम, 2022 अधिनियमित किया गया था।

सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी हो गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार, जबरन धर्मांतरण पर कठोर सजा का प्रावधना किया गया है। यदि कोई कानून की अवेहलना करता है तो 10 साल की सजा और 5 लाख तक जुर्माना हो सकता है। हरियाणा विधिविरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण कानून में आरोपी को पीड़ित को गुजारा भत्ता भी देना होगा। साथ ही मतांतरण के बाद विवाह से जन्मे बच्चों को मिलेगी भरण-पोषण राशि भी देनी होगी।

यदि किसी आरोपी की मृत्यु होती है तो अचल संपत्ति को नीलाम करके पीड़ित को भरपाई की जाएगी। बता दें कि मार्च 2022 में बजट सत्र में हरियाणा सरकार यह विधेयक लाई थी। विधानसभा में पास होने के बाद उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हुआ और यह कानून प्रदेश में लागू हो गया है।

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