किसानों के नाम पर 'राजनीति' उचित नहीं: मनसुख
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि देश में उर्वरक और अन्य खाद की कोई कमी नहीं है तथा दो लाख टन से अधिक खाद हर समय मांग से अधिक उपलब्ध होता है। रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति उचित नहीं है। इस समय कहीं भी किसानों को खाद के लिए लाइन नहीं लगानी पड़ती है। डॉ मांडविया ने कहा रेलवे स्टेशन पर टिकट के लिए, हवाई अड्डे पर प्रवेश के लिए और अन्य स्थानों पर भी व्यवस्था के लिए लाइन लगती है। खाद लेने के लिए गोदाम में किसानों का टोला तो नहीं घुस सकता है। एक-एक करके ही लिया जा सकता है, यह शिष्टाचार है। इसलिए किसानों के नाम पर राजनीति करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी खाद की कमी नहीं है। खाद ले जाने लाने के लिए देश में 70 रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं। कभी कभार कोई आपूर्ति- व्यवस्था का प्रश्न हो सकता है।जिसे तुरंत दूर कर दिया जाता है। देश में हर समय मांग से अधिक खाद उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि जिला वार खाद की उपलब्धता जानने के लिए एक डैश बोर्ड है। जिस पर वास्तविक स्थिति उपलब्ध होती है।
देश में नैनो उर्वरक, नैनो नाइट्रोजन, नैनो डीएपी पर अनुसंधान चल रहा है और यह विभिन्न चरणों में है। खाद के क्षेत्र में यह विश्व में क्रांति होगी। विश्व के कई देश भारत से यह तकनीक मांग रहे हैं। इससे पहले एक अन्य पूर्व प्रश्न के उत्तर में कहा गया कि देश में उर्वरक, डीएपी और नाइट्रोजन के नये कारखाने लगाए जा रहे हैं।