बुधवार, 7 दिसंबर 2022

सर्दियों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा, जानिए 

सर्दियों में होने वाली समस्याओं से छुटकारा, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

ठंड का मौसम अपने साथ कई तरह की चुनौतियां लेकर आता है। इस मौसम गले में दर्द ,खराश, सर्दी और जुकाम होना काफी आम है। लेकिन अगर आपको ये बार-बार हो और आप इसका सही तरह से इलाज ना करें तो कई बार इसकी वजह से आपको ज्यादा परेशानी भी हो सकती है। हालांकि कुछ घरेलू उपायों से आप सर्दियों में होने वाली इन समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। सर्दियों में लहसुन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। इसमें एलिसिन नामक तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। ये आपके गले में खराश पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं। इसके अलावा लहसुन आपको सर्दी से निजात दिलाने में भी मदद कर सकता है।

सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म चाय पीने का मजा ही अलग होता है। लेकिन अगर आपके गले में दर्द हो रहा है, तो चाय आपको इससे राहत दिला सकती है। इसके लिए चाय बनाते वक्त उसमें अदरक और काली मिर्च जरूर मिलाएं। इससे आपके गले का दर्द और खराश दोनों दूर हो जाएंगी। साथ ही इससे आपके शरीर को गर्माहट भी मिलेगी। चाय में तुलसी के पत्ते डालकर पीना भी काफी फायदेमंद होता है।

गले में दर्द और खराश के लिए मुलेठी भी काफी अच्छी होती है। इसके लिए एक मुलेठी के टुकड़े को दांतों के बीच में रखें और धीरे-धीरे इसे चबाते हुए इसका जूस पीएं। मुलेठी का जूस धीरे-धीरे आपके गले की खराश को दूर करता है और इससे खांसी कम होती है। ये आपको काफी हैरान कर सकता है। लेकिन सर्दियों के मौसम में ठंडी स्मूदी पीने से आपको गले में खराश और दर्द की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। स्मूदी में जरूरी मिनरल्स और विटामिन मौजूद होते हैं। स्मूदी में आप फ्रेश फ्रूट्स, ओटमील, अदरक, एक चुटकी हल्दी, पानी और प्लांट बेस्ड मिल्क और आइस क्यूब्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ओटमील में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स, जिंक और मैग्नीशियम पाया जाता है। साथ ही ओटमील सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। इसमें आप मैश किए हुए केले को भी शामिल कर सकते हैं। ओटमील में शहद, दालचीनी पाउडर और थोड़ा सा अदरक मिलाकर खाने से शरीर को एक-साथ कई फायदे मिलते हैं।

आयुर्वेद में शहद का इस्तेमाल दवाई के तौर पर किया जाता है। शहद में एंटी- इंफ्लेमेटरी और एंटी- बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। शहद का इस्तेमाल आप चाय या स्मूदी में कर सकते हैं। शहद गले में दर्द को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।

राशि अपने खाते में ब्लॉक करने एवं भुगतान की सुविधा 

राशि अपने खाते में ब्लॉक करने एवं भुगतान की सुविधा 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। लोगों को जल्दी ही होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में शेयरों की खरीद-बिक्री जैसे विभिन्न लेन-देन के लिये यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये राशि अपने खाते में ब्लॉक करने और भुगतान करने की सुविधा मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यूपीआई में एकबारगी राशि ब्लॉक करने और उसे अलग-अलग कार्यों के लिये काटे जाने (सिंगल ब्लॉक एंड मल्टीपल डेबिट) की सुविधा देने की घोषणा की। ग्राहक जब भी आवश्यक हो पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित इकाई के लिये भुगतान को तय कर सकते हैं। 

केंद्रीय बैंक के अनुसार, इस व्यवस्था से ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश के लिये भुगतान आसान होगा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा,  यूपीआई की क्षमता बढ़ाकर ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ब्लॉक करने की सुविधा देने का निर्णय किया गया है। इससे ई-कॉमर्स और प्रतिभूतियों में निवेश को लेकर भुगतान सुगम होगा।

इस व्यवस्था के तहत ग्राहकों को सेवाओं के एवज में भुगतान के लिये राशि अपने खाते में ब्लॉक करने की सुविधा मिलेगी और जब भी आवश्यकता हो, संबंधित राशि खाते से काटी जा सकती है। इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में प्रतिभूतियों के साथ-साथ सरकारी प्रतिभूतियों की खरीद में किया जा सकता है। प्रतिभूति खरीदने के लिये केंद्रीय बैंक की खुदरा प्रत्यक्ष योजना के जरिये इसका उपयोग किया जा सकता है। 

बयान के अनुसार, इससे लेन-देन में भरोसा बढ़ेगा क्योंकि कारोबारियों को समय पर भुगतान का भरोसा मिलेगा। वहीं वस्तु या सेवाएं मिलने तक राशि ग्राहक के खाते में पड़ी होगी। यूपीआई के जरिये फिलहाल निर्धारित समय पर होने वाले लेन-देन और सिंगल-ब्लॉक-एंड-सिंगल-डेबिट की सुविधा है। मासिक आधार पर 70 लाख से अधिक स्वत: भुगतान सुविधा का प्रबंधन यूपीआई के जरिये हो रहा है। वहीं आधे से अधिक आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) आवेदनों का प्रसंस्करण यूपीआई में रकम ‘ब्लॉक’ करने की सुविधा से हो रहा है। 

आरबीआई ने कहा कि इस बारे में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को जल्दी ही निर्देश जारी किया जाएगा। दास ने भारत बिल भुगतान प्रणाली (बीबीपीएस) में सभी भुगतान और संग्रह शामिल कर इसका दायरा बढ़ाने की भी घोषणा की। अभी, बीबीपीएस के पास अलग-अलग समय पर होने वाले भुगतान या व्यक्तियों को मिलने वाली राशि के भुगतान की सुविधा नहीं है, भले ही उसका भुगतान निश्चित समय पर करने की जरूरत क्यों न हो। 

दास ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप पेशेवर सेवा शुल्क भुगतान, शिक्षा शुल्क, कर भुगतान, किराया संग्रह इसके दायरे में नहीं है। दास ने कहा कि नई प्रणाली बीबीपीएस मंच को व्यक्तियों और व्यवसायों के व्यापक समूह के लिए सुलभ बनाएगी। इस संदर्भ में रिजर्व बैंक अलग से दिशानिर्देश जारी करेगा। 

आर्थिक विकास अनुमान को 6.8 प्रतिशत किया

आर्थिक विकास अनुमान को 6.8 प्रतिशत किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने घरेलू और वैश्विक चुनौतियों का हवाला देते हुये चालू वित्त वर्ष के आर्थिक विकास अनुमान को अपने पहले के सात प्रतिशत से कम कर 6.8 प्रतिशत करते हुए बुधवार को कहा कि इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ेगी क्योंकि इसकी नींव मजबूत है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्विमासिक समीक्षा बैठक में लिये गये निर्णय की जानकारी देते हुये यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि रबी की बेहतर बुवाई हुयी है। शहरी क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सुस्ती बनी हुयी है।

ऋण उठाव में तेजी आ रही है और सरकारी पूंजी व्यय में बढोतरी से निवेश में सुधार हो रहा है। रिजर्व बैंक के सर्वक्षण में उपभोक्ता धारणा में सुधार हुआ है। हालांकि भूराजनैतिक तनाव, वैश्विक वित्तीय स्थिति में आ रही संकुचन और बाहरी मांग में नरमी जैसी चुनौतियां आ रही है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुये चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को पहले के साथ 7.0 प्रतिशत से कम कर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है। इसी आधार पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में विकास दर 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसके 7.1 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 5.9 प्रतिशत पर रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3 प्रतिशत रही है जबकि पहली तिमाही में यह 13.5 प्रतिशत रही थी। हालांकि तीसरी तिमाही से इसमें तेजी आने का अनुमान है। 

उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक परिदृष्य नरम दिख रहा है। वैश्विक विकास में सुस्ती आ रही है क्योंकि मौद्रिक नीति के कारण वित्तीय संकुचन की स्थिति बन गयी और जीवनयापन की लागत बढ़ने से उपभोक्ता धारणा भी कमजोर हो रही है। प्रमुख देशों में महंगाई उच्चतम स्तर पर है। हालांकि हाल के दिनों में कीमतों में कुछ नरमी आयी है।

सीएम ने परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया 

सीएम ने परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया 

संदीप मिश्र 

शाहजहांपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शाहजहांपुर में 308.18 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित किया और 15 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए।

सीएम योगी ने कहा कि सरकारें जिस विजन के अनुसार 2017 के पहले कार्य करती थी उसमें विकास की कोई सोच नहीं थी। हर कार्य बस औपचारिकता का निर्वहन करने के लिए किया जाता था। सीएम बुधवार को 2.18 बजे शाहजहांपुर के खिरनीबाग रामलीला में मैदान में आयोजित प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित किया। मंच पर कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, जितिन प्रसाद, कपिल अग्रवाल और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर मौजूद रहे।

'गुजरात' विधानसभा चुनावों की मतगणना आज होगी

'गुजरात' विधानसभा चुनावों की मतगणना आज होगी

इकबाल अंसारी 

अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनावों की मतगणना गुरुवार को होगी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित इस राज्य के 33 जिलों की 182 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को हुआ था। एक अधिकारी ने बताया कि 182 विधानसभा सीटों के लिए 37 मतगणना केंद्रों पर गुरुवार सुबह आठ बजे वोटों की गिनती शुरू होगी। गुजरात में परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला रहा है। 

हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी (आप) के चुनाव मैदान में उतरने से राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। चुनाव बाद के सर्वेक्षणों में गुजरात में भाजपा के लगातार सातवीं बार सरकार बनाने का अनुमान जताया गया है। सत्तारूढ़ दल के 117 से 151 सीटों पर जीत दर्ज करने की संभावना जताई गई है, जबकि कांग्रेस को 16 से 51 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, आप को दो से 13 सीटें मिल सकती हैं। गुजरात में बहुमत के लिए 92 सीटों पर जीत जरूरी है। गुजरात में इस साल 66.31 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था, जो 2017 के विधानसभा चुनावों में पड़े 71.28 प्रतिशत वोटों से कम है। 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी, युवा नेता हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर समेत कुल 1,621 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला गुरुवार को होगा। गुजरात चुनाव में कुल 70 राजनीतिक दलों और 624 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया है।

विवाद: महाराष्ट्र के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप, मांग

विवाद: महाराष्ट्र के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप, मांग

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए बुधवार को लोकसभा में सरकार से जवाब देने की मांग की। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और इस पर सदन में कोई बात नहीं होनी चाहिए।

शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए सुले ने कहा कि महाराष्ट्र में दस दिन से नया संकट पैदा हो गया है और पड़ोसी राज्य कर्नाटक की सीमा पर महाराष्ट्र से जाने वाले लोगों को मंगलवार को पीटा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं चलेगा। यह देश एक है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री इस विषय पर अनुचित बातें बोल रहे हैं और महाराष्ट्र तोड़ने की बात की जा रही है। राकांपा सांसद ने कहा कि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सदन में इस विषय पर जवाब देना चाहिए।

उद्धव ठाकने नीत शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने भी इस विषय को उठाया। कर्नाटक से भाजपा के सांसद शिवकुमार उदासी ने कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है और किसी सदस्य को इस मामले में बोलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जब भाषा और संस्कृति की बात आती है तो खासकर महाराष्ट्र के कुछ नेताओं की ऐसी बातें करने की पुरानी आदत रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह संवेदनशील और दो राज्यों के बीच का विषय है जिसे यहां नहीं उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह दो राज्यों का विषय है, इसमें केंद्र क्या करेगा। इसे यहां नहीं उठाया जाना चाहिए।’’

खसरा को 'दुनिया के लिए आसन्न खतरा' घोषित किया

खसरा को 'दुनिया के लिए आसन्न खतरा' घोषित किया

अखिलेश पांडेय 

लंदन। महामारी का एक परिणाम नियमित स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच कम होना और कम टीकाकरण था। लिहाजा, नवंबर 2022 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने खसरा को "दुनिया के हर क्षेत्र के लिए आसन्न खतरा" घोषित किया। उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि कैसे लगभग चार करोड़ बच्चों की रिकॉर्ड संख्या 2021 में कम से कम एक खसरे के टीके की खुराक लेने से चूक गई थी। खसरा एक वायरल श्वसन रोग है। यह कोविड की तरह लोगों के बीच सांस के जरिए निकलने वाली सूक्ष्म बूंदों और एरोसोल (एयरबोर्न ट्रांसमिशन) से फैलता है। संक्रमण हल्के मामलों में दाने और बुखार पैदा करता है। लेकिन गंभीर मामलों में एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन), अंधापन और निमोनिया शामिल हो सकते हैं। एक वर्ष में लगभग 90 लाख मामले और 128,000 मौतें होती हैं। खसरे की वैक्सीन, जिसे अकेले या एमएमआर के तहत विभिन्न बीमारियों के लिए एक साथ किए जाने वाले टीकाकरण के तहत लिया जा सकता है, बहुत प्रभावी है। अधिकांश देशों में इसकी दो खुराक दी जाती है, पहली खुराक आमतौर पर 12 महीने की उम्र में दी जाती है और दूसरी खुराक जब बच्चा चार साल का होता है। 

टीका बहुत उच्च और लंबे समय तक चलने वाली सुरक्षा प्रदान करता है, और वास्तव में वैक्सीन के जरिए टाले जा सकने वाले रोग शब्द का एक आदर्श उदाहरण है। दो-खुराक कार्यक्रम खसरे के संक्रमण से लगभग 99% सुरक्षा प्रदान करता है। विकासशील देशों में जहां टीकों का उपयोग कम है, खसरे से पीड़ित दस में से एक की इससे मृत्यु हो जाती है। विकसित देशों में, 1,000 से 5,000 खसरे के मामलों में लगभग एक की दर से और वह भी अधिकांशत: गैर-टीकाकरण वाले लोगों की मृत्यु होती है। संघर्ष क्षेत्रों और शरणार्थी आबादी जैसे क्षेत्रों में टीका-रोकथाम योग्य बीमारियों के नए प्रकोप की संभावना अधिक है। 

कुपोषण जैसी समस्याएं गंभीर बीमारी के जोखिम को बहुत बढ़ा देती हैं, और श्वसन संबंधी संक्रामक रोग यूक्रेनी शरणार्थियों जैसे कमजोर समूहों के लिए काम करने वाले मानवतावादी समूहों के लिए एक बड़ी चिंता है। खसरा अविश्वसनीय रूप से संक्रामक है। इसकी मूल प्रजनन संख्या (आरओ) - यानी, एक अतिसंवेदनशील आबादी में एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित करेगा - 12 और 18 के बीच होने का अनुमान है। तुलना के लिए, ओमिक्रॉन कोरोना संस्करण का आरओ लगभग 8.2 माना जाता है। 

प्रकोप को नियंत्रण में रखने और एक समुदाय के आसपास आगे संचरण को कम करने के लिए जनसंख्या के अनुपात को टीकाकरण की आवश्यकता होती है जिसे प्रतिरक्षा सीमा (एचआईटी) के रूप में जाना जाता है। खसरे के लिए, 95% वैक्सीन कवरेज को आमतौर पर हिट मैजिक नंबर माना जाता है। दुनिया का अधिकांश हिस्सा उस सीमा से नीचे है, जिसमें दो खुराक के लिए लगभग 71% और एक खुराक के कवरेज के लिए 81% का वैश्विक कवरेज है। 

यूके में, 2021-22 के आंकड़ों से पता चलता है कि 89% बच्चों को खसरे के टीके की एक खुराक मिली थी। विश्व स्तर पर, पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों में सभी कारणों से होने वाली मौतों को कम करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वार्षिक मृत्यु 1990 में एक करोड़ 25 लाख से घटकर 2019 में 52 लाख हो गई। हालांकि, कम टीका कवरेज उन लाभों को उलट सकता है। 

टीकाकरण का विरोध करने वाले झूठी अफवाहें और डराने वाली कहानियां फैलाते हैं, जैसे कि पूर्व चिकित्सक और वैक्सीन विरोधी कार्यकर्ता एंड्रयू वेकफील्ड का यह नकली दावा कि एमएमआर वैक्सीन ऑटिज्म का कारण बनता है। लोग इस तरह के दावों पर विश्वास करने लगते हैं। उदाहरण के लिए, 2020 में एक अमेरिकी जनसंख्या सर्वेक्षण में कहा गया, हमारे 18% उत्तरदाताओं ने कहा कि यह कहना बहुत या कुछ हद तक सही है कि टीके ऑटिज़्म का कारण बनते हैं।

कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से गलत सूचना व्यापक रही है। और इस गलत सूचना के आगे चलकर नियमित टीकाकरण के प्रति हिच-किचाहट और टीके से इनकार के बड़े स्तर में तब्दील होने का जोखिम है। खसरा आसानी से फैलता है और बिना टीके वाली आबादी में छोटी और लंबी अवधि का गंभीर संक्रमण हो सकता है। 

दुनिया भर में टीके से रोकी जा सकने वाली बीमारियों से तेजी से बचाव के लिए टीकाकरण अभियानों की बहुत आवश्यकता है। यह अभियान विशेष रूप से विकासशील देशों और अन्य कमजोर आबादी जैसे कि शरणार्थियों और संघर्ष के क्षेत्रों में चलाना और भी ज्यादा जरूरी है।

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की

अभिनेत्री नम्रता ने अपनी कुछ तस्वीरें शेयर की  कविता गर्ग  मुंबई। भोजपुरी सिनेमा की बोल्ड अदाकारा नम्रता मल्ला ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर ...