'परीक्षाएं' सिर्फ हिंदी में संचालित करने का प्रस्ताव नहीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाएं सिर्फ हिंदी में ही संचालित किए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों और संस्थानों में हिंदी को अनिवार्य किए जाने की बात से भी इनकार किया। उन्होंने कहा, एसएससी की कोई परीक्षा केवल हिंदी में आयोजित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
मिश्रा ने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) में यह परिकल्पना की गई है कि शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या स्थानीय भाषा का प्रयोग करते हुए उच्चतर शिक्षा में पहले से अधिक शैक्षणिक कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएं... और सभी भारतीय भाषाओं की शक्ति, उपयोग एवं जीवंतता को भी बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) केंद्र सरकार की प्रमुख भर्ती एजेंसियां हैं एवं दोनों आयोगों द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न शामिल होते हैं, जिसमें उम्मीदवार को उपयुक्त उत्तर पर टिक मार्क लगाना होता है।
मंत्री ने कहा, एसएसी द्वारा आयोजित परीक्षाओं का माध्यम सामान्यत: हिंदी एवं अंग्रेजी होता है। हालांकि मल्टी-टास्किंग (गैर-तकनीकी) कर्मचारी परीक्षा का परीक्षा पत्र-2 संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में संचालित किया जाता है।