शुक्रवार, 2 दिसंबर 2022

महाराष्ट्र में जीका वायरस से संक्रमित मिला एक व्यक्ति 

महाराष्ट्र में जीका वायरस से संक्रमित मिला एक व्यक्ति 

कविता गर्ग 

पुणे। महाराष्ट्र के पुणे शहर में 67 वर्षीय एक व्यक्ति जीका वायरस से संक्रमित पाया गया, लेकिन अब वह इससे पूरी तरह उबर चुका है और उसमें इस रोग के कोई लक्षण नहीं हैं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया कि नासिक निवासी इस व्यक्ति को पिछले महीने संक्रमित पाया गया था, लेकिन इसके पहले उसने पड़ोसी राज्य गुजरात के सूरत शहर की यात्रा की थी। इसमें कहा गया है, ‘‘वह गत छह नवंबर को पुणे के बावधान इलाके में आया और बाद में सूरत चला गया।

वह 16 नवंबर को बुखार, कफ, जोड़ों में दर्द और थकावट के चलते इलाज के लिए जहांगीर अस्पताल पहुंचा। एक निजी प्रयोगशाला में 18 नवंबर को उसकी जांच कराई गई तो उसके जीका वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई।’’ पुणे स्थित राष्ट्रीय वायरोलॉजी संस्थान (एनआईवी) में की गई जांच में भी जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई।

बयान में कहा गया कि जांच रिपोर्ट के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने पुणे शहर और बावधान इलाके में गहन सर्वेक्षण किया। इससे पहले, इस साल जुलाई में मुंबई के पास पालघर जिले में सात साल की एक बच्ची जीका वायरस से संक्रमित पाई गई थी। मलेरिया और डेंगू की तरह जीका वायरस भी एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस वायरस की सबसे पहले पहचान अफ्रीकी देश युगांडा में 1947 में हुई थी।

गांव-गांव ढाणी तक पहुंचेगी 'जन आक्रोश रथ' यात्रा 

गांव-गांव ढाणी तक पहुंचेगी 'जन आक्रोश रथ' यात्रा 

नरेश राघानी 

अलवर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ पार्टी की निकाली जाने वाली जन आक्रोश रथ यात्रा गांव-गांव ढाणी तक पहुंचेगी और इसको हर नागरिक से जोड़ा जाएगा। सिंह ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस जन आक्रोश यात्रा के तहत पीड़ित परिवारों से भी मिलने का काम होगा उनके दुख दर्द बांटे जाएंगे। वह आज अलवर में जनाक्रोश रथ यात्रा का शुभारंभ करने आए थे। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने माइक्रो लेवल पर पार्टी को घर-घर तक पहुंचने की प्लानिंग की है।

उन्होंने बताया कि जन आक्रोश यात्रा के दौरान सरकार की विफलताओं को बताया जाएगा। किस तरह अपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि इससे ज्यादा क्या हो सकता है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी कुर्सी को बचाने के लिए अपने ही पार्टी के नेता को गद्दार तक बोल रहे हैं। जबकि उस नेता के दम पर ही कांग्रेस सरकार वापसी हुई थी। भाजपा द्वारा कोई बड़ा आंदोलन नहीं करने के सवाल पर श्री सिंह ने कहा कि भाजपा हर बात को लेकर आंदोलन करती है।

रीट एग्जाम को लेकर बड़ा आंदोलन किया विधानसभा में भी आंदोलन किया। अपराधिक घटनाओं को लेकर आंदोलन किया लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार का ध्यान जनता की ओर नहीं है बस कुर्सी बचाने में लगी हुई है। राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे पर सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बन सकता है। मोदी के चेहरे पर ही सभी राज्यों में चुनाव लड़े जाएंगे। ई आरसीपी के मुद्दे पर उन्होंने बताया कि जब राजस्थान सरकार छोटे-छोटे मामलों का समाधान नहीं कर पा रही तो इतने बड़ी परियोजना को कैसे समाधान करेगी कि ईआरसीपी योजना तो भाजपा ही दूर करेगी।

बराड़ को प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण देने का निर्देश: शिअद

बराड़ को प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण देने का निर्देश: शिअद

अमित शर्मा 

चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पूर्व सांसद जगमीत बराड़ को मंगलवार, छह दिसंबर को कथित पार्टी विरोधी बयानों को लेकर पार्टी मुख्यालय में आकर प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण देने का निर्देश जारी किया है। पार्टी के आज यहां जारी बयान के अनुसार पार्टी की अनुशासन समिति के अध्यक्ष सिकंदर सिंह मलूका ने बराड़ को एक पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।

इससे पहले पार्टी ने एक कारण बताओ नोटिस बराड़ को जारी किया था, जिसका उन्होंने जवाब दिया था लेकिन जवाब पर कमेटी असंतोष व्यक्त कर चुकी है। आरोप है कि श्री बराड़ पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के अलावा अपनी कमेटी के गठन की प्रक्रिया जारी रखे हुए हैं। कांग्रेस से शिअद में आये श्री बराड़ कुछ समय से पार्टी में बगावती तेवर अपनाये हुए हैं।

21 द्वीपों के नाम 'सम्मानित सैनिकों' के नाम पर रखें

21 द्वीपों के नाम 'सम्मानित सैनिकों' के नाम पर रखें

अश्वनी उपाध्याय 

पोर्ट ब्लेयर। केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार में 21 निर्जन द्वीपों के नाम, देश के सबसे बड़े युद्धकालीन वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों के नाम पर रखे गए हैं। इन 21 द्वीपों में से 16 उत्तर और मध्य अंडमान जिले में स्थित हैं, जबकि पांच द्वीप दक्षिण अंडमान में हैं।

अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के सांसद कुलदीप राय शर्मा ने इस कदम का स्वागत किया। केंद्र सरकार ने रक्षा और स्थानीय अधिकारियों की सहायता से इन 21 द्वीप के नाम अलंकृत सैनिकों के नाम पर रखे हैं। उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि केंद्र ने हमारे बहादुर सैनिकों को सम्मानित करने के लिए अंडमान के 21 द्वीपों को चुना है। मैं प्रशासन से स्कूली बच्चों के लिए एक छोटी पुस्तिका प्रकाशित करने का भी अनुरोध करना चाहता हूं ताकि वे हमारी मातृभूमि के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान के बारे में अधिक जान सकें।

कुलदीप राय शर्मा ने कहा, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के कारण एक तीर्थ स्थान रहा है और अब परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिकों का इस तरह सम्मान किया जाना हमारे लिए गर्व की बात है। उत्तर और मध्य अंडमान में निर्जन द्वीप संख्या 'आईएनएएन 370' का नाम मेजर सोमनाथ शर्मा के नाम पर रखा गया है। अब आईएनएएन 370' को 'सोमनाथ द्वीप' के नाम से जाना जाएगा। वह परमवीर चक्र से सम्मानित पहले सैनिक थे। शर्मा तीन नवंबर 1947 को श्रीनगर हवाई अड्डे के पास पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के दौरान शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। 

इसके अलावा सूबेदार और मानद कैप्टन करम सिंह, मेजर रामा राघोबा राणे, नायक जदुनाथ सिंह, कंपनी हवलदार मेजर पीरू सिंह शेखावत, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया, लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा मागर, सूबेदार जोगिंदर सिंह सहनन, मेजर शैतान सिंह भाटी, कंपनी क्वार्टरमास्टर हवलदार अब्दुल हमीद, लेफ्टिनेंट कर्नल अर्देशिर बुर्जोरजी तारापोर, लांस नायक अल्बर्ट एक्का, कर्नल होशियार सिंह दहिया, सेकेंड लेफ्टिनेंट अरुण खेत्रपाल, फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों, मेजर रामास्वामी परमेश्वरन, कैप्टन बाना सिंह, कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन मनोज कुमार पाण्डेय और सूबेदार मेजर संजय कुमार के नाम पर भी द्वीपों के नाम रखे गए हैं।

21 द्वीपों में से कुछ आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, जबकि कुछ में जल क्रीड़ा, क्रीक पर्यटन और मछली पकड़ने की काफी संभावनाएं हैं। आम तौर पर अंडमान और विशेष रूप से सेलुलर जेल ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। 1857 के विद्रोह, वहाबी आंदोलन और बर्मी विद्रोह जैसे विभिन्न ब्रिटिश विरोधी आंदोलनों में भाग लेने वाले लोगों को अंडमान भेज दिया गया था जहां उन्हें बर्बर परिस्थितियों में रखा जाता था। स्वतंत्रता संग्राम के महान दिग्गजों को सेल्युलर जेल की एकान्त कोठरी में कैद कर दिया गया था।

करगिल युद्ध के पराक्रमी कर्नल दीप्तांगशु चौधरी ने कहा, आज की तेजी से बदलती दुनिया और कठिन प्रतिस्पर्धी जीवन में, युवाओं को हमारी समृद्ध विरासत और अतीत को याद करने का समय नहीं मिलता है। यह पहल भारतीय सेना के जवानों द्वारा किए गए बलिदान का एक प्रमाण है और इससे युवा उनके वीरतापूर्ण कार्यों से अवगत होंगे। ऐसे समय में यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव (भारतीय स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का स्मरणोत्सव) मना रहा है।

नौसेना तथा बल को मजबूत व ताकतवर बनाना जारी 

नौसेना तथा बल को मजबूत व ताकतवर बनाना जारी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए नौसेना तथा तटरक्षक बल को अत्याधुनिक युद्धपोतों और हथियारों से लैस किया जा रहा है। सिंह ने शुक्रवार को मुंबई में रक्षा मंत्रालय से संबद्ध संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसीलिए नौसेना तथा तटरक्षक बल को मजबूत तथा ताकतवर बनाया जा रहा है।

नौसेना की मारक क्षमता बढ़ाने में शिपयार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करते हुए श्री सिंह ने कहा कि सभी शिपयार्ड ने समय रहते गुणवत्तापूर्ण उत्पादों की आपूर्ति की है जिससे देश रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों का भी उन्होंने उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए सर्जन पोर्टल को शुरू किए जाने के बाद से शिपयार्ड के 783 उपकरण इस पोर्टल पर उपलब्ध है पहले इनका विदेशों से आयात किया जाता था। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि शिपयार्ड घरेलू जरूरतों को पूरा करने के बाद जल्द ही निर्यात करना भी शुरू कर देंगे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-52, (वर्ष-06)

2. शनिवार, दिसंबर 03, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:44, सूर्यास्त: 05:24। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 11 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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