शुक्रवार, 25 नवंबर 2022

अगले सत्र के लिए प्रयोगशाला पहुंचा पूनावाला 

अगले सत्र के लिए प्रयोगशाला पहुंचा पूनावाला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। श्रद्धा वालकर की हत्या के मामले में आरोपी आफताब अमीन पूनावाला शुक्रवार को पॉलीग्राफ परीक्षण के अगले सत्र के लिए यहां फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला पहुंचा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे पहले, बृहस्पतिवार को आफताब का करीब आठ घंटा लंबा पॉलीग्राफ परीक्षण हुआ था।

हालांकि, उसकी तबियत ठीक नहीं होने के कारण प्रयोगशाला के अधिकारियों को बयान दर्ज करने में परेशानी हुई। अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को पूनावाला को रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में पॉलीग्राफ टेस्ट के एक और सत्र के लिए लाया गया क्योंकि ऐसा लगता है कि उसका स्वास्थ्य बेहतर है।

पॉलीग्राफी में पूछ गए थे ये सवाल--

 -श्रद्धा को क्यों मारा?
 -किस हथियार से श्रद्धा को मारा?
-बॉडी को मैनुअली काटा या किसी और तरीके से?
- श्रद्धा के टुकड़े करते वक्त बिल्कुल भी तरस नहीं आया?
- श्रद्धा की बॉडी के टुकड़ों को कहां कहां फेंका?
- श्रद्धा को मारने के बाद तुमने क्या क्या किया?
-कत्ल वाला हथियार कहां हैं?
- श्रद्धा को दिल्ली मारने की प्लानिंग के तहत लाए?
- श्रद्दा की हत्या करने का पछतावा है?

पॉलीग्राफी ग्राफ कैसे होता है-
पॉलीग्राफी जांच में रक्तचाप, नब्ज और सांस की दर जैसी शारीरिक गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जाता है और इन आंकड़ों का इस्तेमाल यह पता लगाने में किया जाता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या नहीं।

ये था पूरा मामला
पूनावाला ने अपनी सह जीवन साथी वालकर (27) की मई में कथित तौर पर गला दबाकर हत्या कर दी थी तथा उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए थे और उन्हें करीब तीन सप्ताह तक दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने घर में 300 लीटर के फ्रिज में रखा था और कई दिनों तक उन्हें शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंका था।

घटना ने लिया राजनैतिक मोड़
पुलिस के अनुसार शव को काटने के लिए इस्तेमाल की गई आरी अभी तक बरामद नहीं हो सकी है। इस घटना ने उस समय राजनीतिक मोड़ ले लिया जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया कि कम से कम समय में आरोपी के लिए “कड़ी सजा” सुनिश्चित की जाएगी। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम प्रेमी द्वारा वालकर की हत्या की घटना का "सांप्रदायिक दुष्प्रचार" के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

3 जनपदों की पुलिस 'व्यवस्था' कमिश्नरेट में तब्दील 

3 जनपदों की पुलिस 'व्यवस्था' कमिश्नरेट में तब्दील 

संदीप मिश्र 
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित की गई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्ताव पास किए गए हैं। एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव में प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद जनपदों की पुलिस व्यवस्था को अब कमिश्नरेट में तब्दील कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के तीनों जनपदों में अब पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू कर दी गई है। 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के जनपद प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव पास किया गया है। मिल रही जानकारी के मुताबिक डीजीपी दफ्तर की तरफ से प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद को कमिश्नरेट बनाने का प्रस्ताव पहले ही गृह विभाग को भेजा जा चुका था। 

बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 में होने वाले महाकुंभ मेले को देखते हुए प्रयागराज में पुलिस कमिश्नर की तैनाती की गई है। इसके अलावा गाजियाबाद और आगरा भी दो ऐसे अहम शहर हैं। जहां की कानून व्यवस्था में बेहतर सुधार करने के लिए पुलिस कमिश्नर की तैनाती की गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश के 4 जनपदों लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा में पहले से ही पुलिस कमिश्नरेट की व्यवस्था सरकार की ओर से लागू की जा चुकी है।

रणवीर की आने वाली फिल्म 'सर्कस' का टीजर रिलीज

रणवीर की आने वाली फिल्म 'सर्कस' का टीजर रिलीज

कविता गर्ग 

मुंबई बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह की आने वाली फिल्म 'सर्कस' का टीजर रिलीज हो गया है। फिल्मकार रोहित शेट्टी की फिल्म सर्कस में रणवीर सिंह की मुख्य भूमिका है। फिल्म सर्कस का टीजर रिलीज हो गया है। रोहित शेट्टी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर सर्कस का टीजर रिलीज किया है।

बताया जा रहा है कि सर्कस एक पीरियड ड्रामा कॉमेडी फिल्म है। यह फिल्म 23 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर रिलीज की जाएगी। फिल्म में रणवीर सिंह के अपोजिट पूजा हेगड़े और जैकलीन फर्नांडीज हैं। इस फिल्म में अजय देवगन और दीपिका पादुकोण का स्पेशल अपीयरेंस होगा।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-45, (वर्ष-06)

2. शनिवार, नवंबर 26, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:45, सूर्यास्त: 05:25। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 12 डी.सै., अधिकतम- 25+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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गुरुवार, 24 नवंबर 2022

माल खाना: 581 किलो गांजा चट कर गए चूहे 

माल खाना: 581 किलो गांजा चट कर गए चूहे 

संदीप मिश्र 

मथुरा। तीन लोक से मथुरा न्यारी कहावत तो आपने सुनी होगी, लेकिन अब तीन लोग से न्यारे मथुरा के चूहे की कहावत भी सुन लीजिए। जी हां, मथुरा के चूहों की ही हिम्मत है कि पुलिस के माल खाने में रखा 581 किलो गांजा चट कर गए। अब चूहों ने इस गांजे को जलाकर पीया या खाकर नशा किया यह तो वही जाने, लेकिन चूहों की यह कारगुजारी पुलिस के लिए जी का जंजाल बन गई है। मामला यही पर खत्म हो जाता तो भी गनीमत थी, पुलिस ने चूहों द्वारा गांजे को चट करने की कहानी कोर्ट को भी सुना दी। कोर्ट के गले से यह कहानी नीचे नहीं उतर रही है यही कारण है कि उसने पुलिस से चूहों द्वारा गांजे को चट करने का सबूत मांग लिया है। अब 26 नवंबर को पुलिस कोर्ट के समक्ष चूहों की कारगुजारी का नमूना पेश करेगी।

हाईवे पुलिस ने 2018 में 195 किलो गांजे की खेप के साथ कुछ तस्कर पकड़े थे। इसी तरह शेरगढ़ पुलिस ने 386 किलो गांजा के साथ तस्करों की गिरफ्तारी की। गांजे की खेप को सील मोहर कर थानों के मालखाने में जमा करा दिया गया। इसमें से नमूनों के तौर पर थोड़े से गांजे को अदालत के समक्ष आरोपियों के साथ पेश किया था। गांजे की तस्करी में लिप्त सभी आरोपियों का ट्रायल एडीजे सप्तम संजय चौधरी की अदालत में चल रहा है। अदालत ने थानों के माल खानों में जमा गांजे के सील मोहर पेकिटों को अदालत में प्रस्तुत किए जाने के आदेश हाईवे व शेरगढ़ थाना प्रभारियों को दिए। शेरगढ़ और हाईवे थाना प्रभारियों ने अदालत में पेश की रिपोर्ट में कहा कि माल खाने में रखे 581 किलो गांजे को चूहों ने नष्ट कर दिया।

थानों के मालखानों में रखे गांजे को चूहे खा गए। लिहाजा गांजे की खेप को अदालत के समक्ष पेश नहीं किया जा सकता है। साथ ही थाना प्रभारियों ने अपने रिपोर्ट में कहा कि थाने में कोई ऐसी जगह नहीं है जहां रखे माल को चूहों से बचाया जा सके, जो थोड़ा बहुत गांजा बच गया था उसे नष्ट कर दिया गया। इस पर अदालत ने एसएसपी को निर्देशित किया है कि वह थानों के मालखानों में पल रहे चूहों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। एडीजे सप्तम संजय चौधरी के न्यायालय ने 26 नवंबर की तिथि साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए तय की है।

बताते चलें कि कोर्ट ने सितंबर में मामले की जांच सीओ रिफाइनरी हर्षिता सिंह को दी थी। सीओ ने जांच कर बताया कि गांजा भीगने से खराब हुआ और कुछ बोरे चूहों ने काट दिए हैं। वहीं शेरगढ़ से भी यही रिपोर्ट कोर्ट को दी गई। पुलिस ने माल को सुरक्षित नहीं रखने की व्यवस्था नहीं। 

थानों में रखा है अभी भी रखा है 700 किलो गांजा
581 किलो गांजा चूहों द्वारा चट करने के बाद अब जनपद के अन्य थानों में रखे 700 किलो गांजे की चिंता पुलिस को जता रही है। शेरगढ़ और हाईवे पुलिस द्वारा चूहों की कारगुजारी की रिपोर्ट कोर्ट में पेश होने के बाद अदालत ने भी अपना रुख सख्त कर लिया है।

बताते चलें कि थानों में चूहों की संख्या को नियंत्रित किए जाने और उनसे निपटने को लेकर पुलिस खुद को असहाय समझ रही है। अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में पुलिस ने स्वीकार किया है कि थाने पर ऐसा कोई स्थान नहीं है, जहां माल को चूहों से बचाया जा सके। पुलिस ने अदालत में लिख कर दिया है, कि छोटा जानवर होने के कारण चूहों में पुलिस का कोई डर नहीं है, ना ही थाना प्रभारियों को हर समस्या के समाधान के लिए विशेषज्ञ माना जा सकता है।

किसी थाने में नहीं है माल सुरक्षित रखने की व्यवस्था
मथुरा। हाईवे थाने में 195 किलो और शेरगढ़ थाने में 386 किलो गांजा काफी पहले बरामद किया गया था। थानों पर बरामद सामान को सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पानी में गांजा भीग गया। उसके ऊपर जो स्लिप रखी थी, वह भी धुल गई और ये अपठनीय हो गया कि कौन सा गांजा, किस मुकदमे से संबंधित है। कुछ बोरों को चूहों ने काट दिया।

ऐसे में बोरों को कोर्ट तक लाने की स्थिति नहीं रही। कोर्ट ने सितंबर में मामले की जांच सीओ रिफाइनरी हर्षिता सिंह को दी। सीओ ने जांच कर बताया कि गांजा भीगने से खराब हुआ और कुछ बोरे चूहों ने काट दिए हैं। वहीं शेरगढ़ से भी यही रिपोर्ट कोर्ट को दी गई। पुलिस ने माल को सुरक्षित नहीं रखने की व्यवस्था नहीं है।

डीएम-एसएसपी की विभाग के साथ समीक्षा बैठक 

डीएम-एसएसपी की विभाग के साथ समीक्षा बैठक 

हरिशंकर त्रिपाठी 

देवरिया। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने पॉक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के त्वरित निस्तारण हेतु अभियोजन विभाग के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में जिलाधिकारी ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने छह माह से अधिक समय से लंबित प्रकरणों की सूची मांगी है। उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करना शासन की प्राथमिकता का विषय है। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। विभिन्न विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर पॉक्सो एक्ट की मूल भावना के अधीन त्वरित निस्तारण कराये। जनपद में पॉक्सो एक्ट के तहत 550 प्रकरण दर्ज है, जिनकी सुनवाई तीन न्यायालयों में विभिन्न चरणों पर हो रही है। इनमें से दो न्यायालयों में वर्तमान समय में न्यायाधीश की तैनाती नहीं है, जिससे केस के निस्तारण की गति प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी ने इस संबन्ध में उचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया।

संयुक्त निदेशक अभियोजन अतुल ओझा ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के अधीन दर्ज दो प्रकरणों में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने से कार्यवाही लंबित है, जिस पर पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। इस वर्ष पॉक्सो एक्ट के 12 केसों का अंतिम रूप से निस्तारण न्यायालय द्वारा किया गया है, जिसमें से तीन प्रकरण में दोषियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है।

इससे पूर्व बैठक के प्रारंभ में जिलाधिकारी ने ड्रेसकोड का उल्लंघन करने पर डीजीसी क्रिमिनल राजेश कुमार मिश्र को बैठक से बाहर जाने का निर्देश दिया। डीजीसी क्रिमिनल जिलाधिकारी की बैठक में कुर्ता-पायजामा पहन कर आये थे, जिस पर डीएम ने गहरी नाराजगी व्यक्त की। बैठक में एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अपर पुलिस अधीक्षक डॉ राजेश सोनकर, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजीव कुमार सहित अभियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...