बुधवार, 23 नवंबर 2022

मेरठ का नाम बदलकर 'नाथूराम गोडसे' नगर रखेंगे 

मेरठ का नाम बदलकर 'नाथूराम गोडसे' नगर रखेंगे 

सत्येंद्र पंवार 

मेरठ। हिंदू महासभा की ओर से किए गए ऐलान के अंतर्गत मेरठ का नाम बदलकर नाथूराम गोडसे नगर रखा जाएगा। हिंदू महासभा की इस घोषणा के बाद भारी गहमागहमी शुरू हो गई है। बुधवार को नगर निकाय चुनाव में उतरने के लिए जा रही हिंदू महासभा की ओर से मेरठ का नाम बदलकर नाथूराम गोडसे नगर रखे जाने का ऐलान किया गया है। हिंदू महासभा की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि उनका संगठन अगले दिनों होने वाले नगर निकाय चुनाव में उतरने जा रहा है।

मतदाताओं के प्यार और विश्वास के चलते अगर हिंदू महासभा को नगर निगम चुनाव में जीत हासिल हो जाती है तो महासभा की ओर से मेरठ के नाम में परिवर्तन किया जाएगा। हिंदू महासभा की ओर से मेरठ का नाम परिवर्तन करते हुए इसे नया नाम देकर नाथूराम गोडसे नगर रखा जाएगा। हिंदू महासभा की ओर से किए गए इस बड़े ऐलान के बाद अब भारी गहमागहमी शुरू हो गई है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि हिंदू महासभा के नाम बदलने के प्रस्ताव पर मतदाता अपनी मोहर लगा पाते हैं, अथवा नहीं।

चुनाव प्रचार के दौरान सभा को संबोधित किया 

चुनाव प्रचार के दौरान सभा को संबोधित किया 

15- खतौली विधानसभा उपचुनाव 2022

जयंत चौधरी और मदन भईया के सम्मान में योगराज सिंह, वारिस राव और वसीम राजा मैदान में

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। मुज़फ्फरनगर खतौली विधानसभा के गांव काटका में पहुंचे वरिष्ठ लोकदल नेता चौधरी यशवीर, पूर्व मंत्री योगराज सिंह, पूर्व विधायक वारिस राव और युवा लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष वसीम राजा व उनके साथ पहुंचे। तासीर हसन, नदीम अंजुम, कैस काज़ी, अभिषेक गोयल (एडवोकेट) का ग्रामवासियों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया।

चुनाव प्रचार के दौरान सभा को संबोधित करते हुए थानाभवन के विधायक रहे वारिस राव ने काटका के लोगो से इस उपचुनाव में गठबंधन प्रत्याशी मदन भईया को भारी संख्या में चुनाव चिन्ह नल पर वोट देकर विजय बनाने की अपील की। जिसमे सभी सम्मानित ग्रामवासियों ने आश्वाशन दिया की गठबंधन प्रत्याशी मदन भईया को अधिक से अधिक संख्या में वोट देकर विधानसभा भेजने में अपना सम्पूर्ण योगदान देंगे।

कमिश्नर कुमारी को मेरठ आगमन की बधाई दी: वंदना 

कमिश्नर कुमारी को मेरठ आगमन की बधाई दी: वंदना 


कमिश्नर मेरठ सेल्वा कुमारी से मिली  सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के चेयरपर्सन वंदना गुप्ता

सत्येंद्र पंवार 

मेरठ। बुधवार को सारथी वेलफेयर फाउंडेशन की अध्य्क्ष वंदना गुप्ता मेरठ की कमिश्नर सेल्वा कुमारी से मिली, उनको मेरठ आगमन की बधाई दी और सारथी वेलफेयर फाउंडेशन  के सामाजिक कार्य के बारे में कमिश्नर सेल्वा कुमारी को अवगत कराया वंदना गुप्ता ने बताया कि कोविड के समय में भी जब मुजफ्फरनगर में ऑक्सीजन के सिलेंडर की जरूरत थी।

तब जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी के सहयोग से ही ऑक्सीजन सिलेंडर मरीजों को मिल पाए और समय-समय पर कोविड में उनकी पूरी मदद मिलती रही, उनका धन्यवाद किया। इसी के साथ-साथ सेल्वाकुमारी ने सारथी वेलफेयर फाउंडेशन के कार्यों की सराहना की और सामाजिक कार्यों में साथ देने की बात भी कही इस मौके पर अध्यक्ष वन्दना गुप्ता, विकास गुप्ता, अनुज जैन आदि मौजूद रहे।

कई तत्वों से भरपूर है खजूर, जानिए फायदे

कई तत्वों से भरपूर है खजूर, जानिए फायदे

सरस्वती उपाध्याय 

खजूर को बेहद स्वास्थ्यवर्धक सूखे मेवों में से एक माना जाता है। प्राकृतिक रूप से मिठास युक्त खजूर, पोषक तत्वों का समृद्ध स्रोत है जिससे सेहत को कई प्रकार के लाभ हो सकते हैं। थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं को दूर करने, शरीर को ऊर्जा देने के साथ इसका सेवन शरीर में रक्त की मात्रा को बढ़ाने में भी मददगार हो सकता है। इसे फाइबर, पोटैशियम और कॉपर जैसे तत्वों से भरपूर माना जाता है, जिसकी हमारे शरीर को बेहतर ढंग से काम करते रहने के लिए रोजाना जरूरत होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को रोजाना आहार में इस ड्राई फ्रूट को जरूर शामिल करने की सलाह देते हैं।

खजूर में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट के अलावा कई विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर मात्रा में होते हैं, हालांकि इनमें कैलोरी की भी अधिकता होती है। नियमित रूप से खजूर के सेवन करने की आदत शारीरिक कमजोरी के दूर करने और पाचन तथा संक्रमण की समस्याओं को कम करने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (43) भी कम होता है, ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर डायबिटीज में भी इसका सेवन किया जा सकता है। आइए खजूर में मौजूद उन पोषकताओं के बारे में जानते हैं जो इसे कई मामलों में खास बनाते हैं।

खजूर खाने के फायदे...

स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को आहार में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा बढ़ाने की सलाह देते हैं, ऐसे में खजूर का सेवन करना आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। एंटीऑक्सीडेंट्स, आपकी कोशिकाओं को मुक्त कणों से बचाते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है। अंजीर और सूखे प्लम जैसे अन्य सूखे मेवों की तुलना में खजूर में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट सामग्री होती है। खजूर में फ्लेवोनाइड जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो सूजन को कम करने में सहायक हैं, इससे मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त फाइबर मात्रा में खजूर का सेवन करना लाभकारी होता है। शोध के मुताबिक 100 ग्राम की मात्रा में खजूर के सेवन से 7 ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। फाइबर कब्ज को कम करने के साथ आपके पाचन स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। यह नियमित मल त्याग को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन से संबंधित कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम कम होता है। फाइबर वाली अन्य चीजों को भी आहार में जरूर शामिल करें।

खजूर में फास्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम सहित कई खनिज होते हैं, जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से संबंधित बीमारियों के जोखिम से बचाने वाला पाया गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि खजूर खाने से हड्डियों के घनत्व से संबंधित समस्याओं का जोखिम कम होता है। इसके नियमित सेवन करने वाले लोगों में आर्थराइटिस जैसे विकारों के विकसित होने का जोखिम कम होता है।

खजूर प्राकृतिक रूप से मीठे होते हैं, पर इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, ऐसे में अध्ययनों में इसे डायबिटीज की समस्याओं के जोखिम को कम करने वाला सूखा मेवा माना जाता है। खूजर चूंकि फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है ऐसे में इसके सेवन से मधुमेह की जटिलताओं को कम करने में मदद मिल सकती है। मधुमेह में इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण, जायजा लिया

जिला कारागार का आकस्मिक निरीक्षण, जायजा लिया

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने जिला कारागार मुजफ्फरनगर का आकस्मिक निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान उन्होने जेल में बन्द कैदियों से मिलकर जाना उनका कुशलक्षेम। और जेल अधीक्षक को सुविधाओं को समय से बन्दियों को मुहैया कराने का निर्देश दिया।

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने रसोई घर, स्टोर खाद्यान, महिला बैरक, पुरुष बैरक, किशोर बैरक का निरीक्षण कर जायजा लिया। तत्पश्चात महिला बैरक मेें पहुंचकर उन्होने जेल प्रशासन द्वारा मुहैया करायी जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली। महिला बैरक में निरूद्ध गर्भवती महिलाओं एवं ऐसी महिलाएं जिनके बच्चे उनके साथ जेल में है, उनके बेहतर ढंग से देखभाल एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराये जाने का निर्देश दिया।निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह, जेल अधीक्षक उपस्थित रहे।

दावा: अत्याधिक पानी पीने से ब्रूस ली की मौंत

दावा: अत्याधिक पानी पीने से ब्रूस ली की मौंत

अखिलेश पांडेय 

कैलिफोर्निया/बीजिंग। मशहूर मार्शल आर्टिस्ट ब्रूस ली का 32-वर्ष की उम्र में जुलाई 1973 में निधन हुआ था। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि अत्यधिक पानी पीने की वजह से उनकी मौत हुई। ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत सेरेब्रल अडीमा (मस्तिष्क में सूजन) से हुई थी। बकौल शोधकर्ता, उनकी किडनी अत्यधिक पानी को प्रोसेस नहीं कर सकी जिससे उनकी मौत हो गई।

वैसे पानी पीना हर मामले में फायदेमंद ही होता है। लेकिन क्या पानी पीने से किसी की मौत हो सकती है? वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में दावा किया है कि संभवतः अमेरिकी मार्शल आर्ट्स लिजेंड और एक्टर ब्रूस ली मौत बहुत ज्यादा पानी पीने की वजह से हुई थी। ब्रूस ली की वजह से ही मार्शल आर्ट्स आधुनिक समय में इतना लोकप्रिय हुआ। उनकी मौत 1973 में सिर्फ 32 साल की उम्र में हो गई थी।

ब्रूस ली की मौत सेरेब्रल एडिमा यानी 'मस्तिष्क की सूजन' की वजह से हुई थी। उस समय डॉक्टरों ने कहा था कि एक पेन किलर की वजह से मस्तिष्क में सूजन पैदा हुई है। शोधकर्ताओं के एक समूह के अनुसार, एडिमा के लिए हाइपोनेट्रेमिया जिम्मेदार था। क्लिनिकल किडनी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि ब्रूस ली की मौत इसलिए हुई क्योंकि उनकी किडनियां खराब हो चुकी थीं और वह अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में सक्षम नहीं थीं।

पानी पीने से हाइपोनेट्रेमिया?
नए निष्कर्ष पुरानी थ्योरी से बिल्कुल अलग हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि संभवतः ब्रूस ली की मौत हाइपोनेट्रेमिया (Hyponatremia) से हुई। शरीर में हाइपोनेट्रेमिया की स्थिति तब पैदा होती है जब बहुत अधिक पानी पीने से शरीर का सोडियम लेवल कम हो जाता है। इसमें शरीर की कोशिकाएं, खासकर मस्तिष्क की, असंतुलन के कारण सूज जाती हैं। शोधकर्ताओं का तर्क है कि ली में हाइपोनेट्रेमिया के लिए कई कारक मौजूद थे, जैसे अधिक मात्रा में पानी पीना, मारिजुआना सेवन जैसे प्यास को बढ़ाने वाले व्यवहार।

कुछ घंटों में भी हो सकती है मौत
ऐसे व्यवहार को जो किडनी से पानी को बाहर निकालने की क्षमता को कम करते हैं, जैसे- ड्रग और शराब का सेवन। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला, हमारा अनुमान है कि ब्रूस ली की मौत एक खास तरह के किडनी फेलियर से हुई। पानी के होमियोस्टेसिस (Homeostasis) को बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी को बाहर निकालने में असमर्थता, जो मुख्य रूप से एक ट्यूबलर फंक्शन है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति हाइपोनेट्रेमिया, सेरेब्रल एडिमा को जन्म दे सकती है। कुछ मामलों में इससे सिर्फ कुछ घंटों में मौत हो सकती है।

एकता की अलख जगाने के लिए निकलें शंकराचार्य 

एकता की अलख जगाने के लिए निकलें शंकराचार्य 

संदीप मिश्र 

मथुरा। आदि शंकराचार्य की तरह देश-दुनिया में भावात्मक एकता की अलख जगाने के लिए गोवर्धन पीठाधीश्वर शंकराचार्य अधोक्षजानन्द देव तीर्थ महराज एक बार फिर से निकल पड़े है। दूसरे चरण की उनकी यह या़त्रा श्रीलंका से गुरूवार से शुरू होगी। यात्रा उन शक्ति पीठों में जायेगी जो भारत के बाहर स्थित हैं। 19 नवंबर 2021 को शंकराचार्य ने अपनी यात्रा कान्हा की ब्रज भूमि गोवर्धन से शुरू की थी उस समय देश कोरोना महामारी से बुरी तरह ग्रसित था। उस समय उन्होंने यह यात्रा यद्यपि भावात्मक एकता स्थापित करने के लिए शुरू की थी लेकिन उस समय उदेश्य हजारों लोगों के जीवन को बचाना था इसलिए उन्होंने 12 ज्योतिर्लिंग एव देश के विभिन्न भागों में स्थित 30 शक्ति पीठ में आराधना कर देवी से इस महामारी को भारत से समाप्त करने की प्रार्थना की थी।

शंकराचार्य ने मंगलवार देर शाम शाम गोवर्धन में पत्रकारों को बताया कि उन्हें प्रसन्नता है कि देवी ने उनकी आराधना को स्वीकार किया और भारत को कोरोना महामारी से एक प्रकार से मुक्त सा कर दिया। यात्रा के दूसरे चरण में वे उन शक्ति पीठों में प्रार्थना , आराधना एवं अर्चन करेंगे जो भारत से बाहर स्थित हैं। उन्होंने श्रीलंका में स्थित शक्ति पीठ इन्द्राक्शी देवी की आराधना से शुरू करने का निश्चय किया है और इसी श्रंखला में वे गुरूवार से चार दिन तक श्रीलंका में देवी की आराधना करेंगे।

उसके बाद वे नेपाल की तीन शक्तिपीठ, भूटान, बांग्लादेश की तीन शक्ति पीठ और करांची में स्थित शक्ति पीठ आदि में पूजन अर्चन करेंगे। गोवर्धन पीठाधीश्वर ने बताया कि उन्होंने काम्याख्या पीठ,मीनाक्शी मन्दिर,काली मन्दिर,ज्वालादेवी,विन्ध्यवासिनी देवी समेत 30 शक्ति पीठों में पूजन अर्चन के दौरान पाया कि दक्षिण के लोग उत्तर और पूरब के लोग पश्चिम में अपनी संस्कृति को फैलाना चाह रहे हैं।

मथुरा,अयोध्या और काशी आने के इच्छुक लोगों की बहुत अधिक संख्या है। शंकराचार्य ने कहा कि आज देश के सामने आतंकवाद, टूटते परिवार को रोकने की बहुत बड़ी चुनौती है।आदि शंकराचार्य ने जिस समय अपनी यात्रा शुरू की थी उस समय में और आज के समय में बहुत अन्तर आ गया है।’’सर्वे भवन्तु सुखिनः’’ का संदेश देने वाले देश में दरकते परिवारों को रोकने की आज सबसे बड़ी चुनौती है।

यह एक सतत चलनेवाला कार्य है इसलिए शंकराचार्यों और धर्माचार्यों को अपने मठ एवं आश्रमों से निकलकर इस खतरे को रोकने का प्रयास जगह जगह प्रवचन देकर करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हाल में काशी में काशी तामिल संगमम आयोजित करने की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि अन्य राजनैतिक दलों के लोग भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर भावात्मक एकता को मजबूत बनाने की पहल करेंगे।

शंकराचार्य ने अंत में कहा कि उन्हें प्रथम चरण की यात्रा में देश के विभिन्न भागों में पूरा सहयेाग और स्नेह मिला।उन्हें जब यह पता चला कि कोई शंकराचार्य उनके क्षेत्र में शक्तिपीठ की आराधना करने आए हैं तथा उनका यह कार्य कोरोना जैसी महामारी को भगाने के लिए है तो उन्होंने पलक पांवड़े जिस प्रकार से बिछा दिये उससे ही प्रभावित होकर वे उन्होंने देश के बाहर स्थित शक्ति पीठों में पूजन अर्चन करने का कार्य चुना है। वे श्री लंका में चार दिन रूकेंगे तथा देवी से आराधना करेंगे कि वे उन्हें उनके मिशन में उसी प्रकार का आशीर्वाद दें जैसा उन्होंने यात्रा के प्रथम चरण में दिया था।

रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे

रेल परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास करेंगे  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसि...