मंगलवार, 22 नवंबर 2022

सेमीफाइनल: 18 दिसंबर को फाइनल मैच खेलगें

सेमीफाइनल: 18 दिसंबर को फाइनल मैच खेलेंगे 

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। फीफा वर्ल्ड कप का 22वां संस्करण 20 नवंबर को कतर में शुरू हो चुका है, जिसमें 32 टीमें भाग लें रही हैं। टूर्नामेंट का अभी ग्रुप चरण से शुरू हुआ है। जिसमें 32 टीमें एक दूसरे के खिलाफ मैच खेल रही हैं। फीफा विश्व कप में इस बार 32 टीमें हैं जिन्हें 8 ग्रुप में 4-4 टीमों के साथ बांटा गया है। फीफा वर्ल्ड कप का आगाज हो गया है। अबतक ग्रुप  A और ग्रुप B के सभी 8 टीमों ने एक-एक मैच खेल लिया है। इस दौरान ग्रुप A में नीदरलैंड, इक्वाडोर ने अपने-अपने मैच जीत लिए हैं तो वहीं, सेनेगल और होस्ट देश कतर को अपने 1-1 मैच में हार का सामना करना पड़ा है। दूसरी ओर ग्रुप B में इंग्लैंड और यूएसए को जीत मिली है। इसके अलावा वेल्स और ईरान का एक-एक मैच ड्रा रहा है।

ग्रुप A में नीदरलैंड्स पहले नंबर पर...

ग्रुप ए में नीदरलैंड्स की टीम 3 प्वाइंट्स के साथ पहले नंबर पर है तो वहीं क्वाडोर टीम के पास भी 1 मैच के बाद 3 फ्वाइंट्स हैं और वो दूसरे नंबर पर है।
 
ग्रुप B में इंग्लैंड पहले नंबर पर...

ग्रुप बी में इंग्लैंड के पास 3 प्वाइंट्स हैं और वह पहले नंबर पर है। वही, वेल्स टीम ने एक मैच ड्रा खेला है जिसके कारण वह दूसरे नंबर पर है। लेकिन उसके प्वाइंट केवल 1 हैं। 

18 दिसंबर को होंगे फाइनल मैच...

फीफा वर्ल्ड कप का 22वां संस्करण 20 नवंबर को कतर में शुरू हो चुका है, जिसमें 32 टीमें भाग लें रही हैं. टूर्नामेंट का अभी ग्रुप चरण से शुरू हुआ है। जिसमें 32 टीमें एक दूसरे के खिलाफ मैच खेल रही हैं। फीफा विश्व कप में इस बार 32 टीमें हैं, जिन्हें 8 ग्रुप में 4-4 टीमों के साथ बांटा गया है। हर ग्रुप की टीमें अपने ग्रुप में शामिल टीमों के साथ 1-1 मैच खेलेगी। इसके बाद हर ग्रुप से टॉप 2 पर रहने वाली टीम राउंड ऑफ-16 में प्रवेश करेगी। राउंड ऑफ-16 में नॉकआउट मैच शुरू होंगे। यानि जो भी टीम अपने मैच जीतेगी वो टीम टूर्नामेंट में आगे बढ़ती जाएगी। राउंड ऑफ-16 में 8 मैच होंगे। यहां से जीतने वाली टीम क्वार्टर फाइनल मैच में पहुंचेगी, जहां 4 मैच होंगे। क्वार्टर फाइनल में 8 टीमें पहुंचेगी। क्वार्टर फाइनल जीतने वाली 4 टीमें सेमीफाइनल में जाएगी और फिर सेमीफाइनल जीतने वाली टीम को 18 दिसंबर को फाइनल मैच खेलने होंगे।

सत्ताधारी दल के एमएलए का कॉलर पकड़ा, झगडा

सत्ताधारी दल के एमएलए का कॉलर पकड़ा, झगडा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कार्यकर्ताओं का सम्मान और उनके मुताबिक कार्य नहीं कराने वाले एमएलए को उस समय भारी फजीहत झेलनी पड़ी, जब सत्ताधारी दल के एमएलए का कार्यकर्ताओं ने कॉलर पकड़ लिया और दे-दनादन घूंसे जड़ दिए। पीछा छुड़ाने को एमएलए ने मंच से कूदकर दौड़ लगा दी। सीएम ने इस मुद्दे को लेकर अभी तक अपनी कोई टिप्पणी नहीं की है। दरअसल मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे राजधानी दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के एमएलए गुलाब सिंह यादव का होना बताया जा रहा है। वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक आम आदमी पार्टी के एमएलए सोमवार की देर रात श्याम विहार में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए गुफ्तगू कर रहे थे। इसी दौरान किसी बात को लेकर अचानक से हंगामा होना शुरू हो गया। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एमएलए का कॉलर पकड़कर उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी।

जैसे ही एमएलए ने बाहर निकलने की कोशिश की तो पीछा करते हुए कार्यकर्ताओं ने एमएलए को दे दनादन घूंसे रसीद करने शुरू कर दिए। बैठक में हो रही भारी फजीहत और कार्यकर्ताओं की पिटाई से बचने के लिए एमएलए ने मंच से कूदते ही वहां से दौड़ लगा दी, तब कहीं जाकर एमएलए का पीछा छूट पाया। हालाकि हगामा और एमएलए की हुई फजीहत के कारणों का अभी साफतौर से पता नही चल पाया है, लेकिन पार्टी के मुखिया दिल्ली के इन्वेस्टीगेशन मास्टर बनकर बच्चों को सबक देने वाले सीताराम अब बंदियों में ला रहे सुधार सेहत डिजिलॉकर में रख सकते हैं।

उद्योग पति अंकित बिन्दल ने की डायबिटिक क्लीनिक की स्थापना इस नाम के 4 कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी- नहीं करें इनका इस्तेमाल तेजी से बदलती दुनिया के इस दौर में इंटरनेट क्रान्ति ने अपनी शक्ति से सबको चकित कर दिया है। इस ताकत की वजह से मीडिया संसार में एक ज़बरदस्त बदलाव की बयार बह रही है। कहने का मतलब, मीडिया का एक नया स्वरूप उभर कर सामने आया है। 

तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय को ध्वस्त करने का निर्देश

तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय को ध्वस्त करने का निर्देश

इकबाल अंसारी 

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने शहर के संरक्षण अधिकारियों को पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय को ध्वस्त करने का निर्देश दिया है, जो कथित तौर पर शहर के मध्य भाग में नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर जोरासांको ठाकुरबाड़ी में अवैध रूप से बनाया गया था। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस द्वारा संचालित कोलकाता नगर निगम (केएमसी) को विरासत स्थल (ग्रेड 1) के हिस्से से तीन सप्ताह के भीतर पार्टी कार्यालय को हटाने का निर्देश दिया। 

अदालत के आदेश के मुताबिक यूनिवर्सिटी की हेरिटेज कमेटी महर्षि भवन के पुराने स्वरूप को वापस लाएगी। जहां बीरभूम बनून में शांतिनिकेतन में स्थानांतरित होने से पहले कविगुरु ने अपना बचपन बिताया था। उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि ठाकुरबाड़ी के महर्षि भवन के कुछ कमरों को तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है और परिसर के कुछ अन्य कमरों को फिर से तैयार किया गया है। एसोसिएशन पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का करीबी होने का आरोप है।

गौरतलब है कि महर्षि भवन उस इमारत का हिस्सा है जहां रवींद्रनाथ ने अपना बचपन बिताया था। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे यूनिवर्सिटी के वर्कर्स विंग के एक कार्यालय द्वारा इस पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। न्यायालय ने पार्टी कार्यालय को तीन सप्ताह के भीतर ध्वस्त करने और विरासत स्थल को बहाल करने का आदेश दिया है। अदालत का यह आदेश केएमसी, कोलकाता पुलिस और विरासत स्थल समिति के लिए है। अदालत ने उसी समय उत्तरी कोलकाता के बीटी रोड स्थित रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय में तृणमूल कांग्रेस वर्कर्स यूनियन द्वारा अवैध रूप से कब्जा किए गए एक अन्य ढांचे को गिराने का निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर को मुकर्रर की गयी है।

किसी से डर नहीं, किसी को डरने की जरूरत नहीं

किसी से डर नहीं, किसी को डरने की जरूरत नहीं

इकबाल अंसारी 

मलप्पुरम। अपने मालाबार दौरे को लेकर पार्टी के अंदर मची हलचल और उन्हें मिल रहे समर्थन से अप्रभावित दिख रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को अपनी यात्रा जारी रखते हुए यहां यूडीएफ-सहयोगी आईयूएमएल के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और कहा कि उन्हें किसी से डर नहीं है तथा किसी को भी उनसे डरने की जरूरत नहीं है।

मीडिया ने सवाल किया कि केरल में उनके दौरे से कौन डरता है, इसके जवाब में थरूर ने कहा, मैं किसी से नहीं डरता और किसी को मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है उन्होंने यह भी कहा कि उनकी राज्य कांग्रेस के भीतर कोई गुट बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

तिरुवनंतपुरम के सांसद की टिप्पणी उन अटकलों के बीच महत्व रखती है कि केरल में कांग्रेस नेतृत्व का एक वर्ग उनके बढ़ते समर्थन और राज्य में पार्टी के भीतर एक थरूर गुट के उभरने से आशंकित प्रतीत होता है, जहां पार्टी ने 2016 में प्रतिद्वंद्वी माकपा के हाथों सत्ता गंवा दी थी। थरूर ने हालांकि पनक्कड़ में सादिक अली शिहाब थंगल के आवास पर आईयूएमएल नेताओं के साथ अपनी बैठक को यह कहकर ज्यादा महत्व नहीं दिया कि यह जिले में एक कार्यक्रम के लिये जाते समय हुई सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी।

वहां मौजूद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी उनके दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं बताया और कहा कि जब भी वे इस क्षेत्र से गुजरते हैं तो वे सभी थंगल से मिलते हैं। अपने कट्टर समर्थक और सांसद एम के राघवन के साथ थरूर ने यह भी कहा कि गुट बनाने का उनका कोई इरादा या रुचि नहीं है। थरूर ने कहा,कुछ लोग कह रहे हैं कि यह (उनका दौरा) विभाजनकारी रणनीति या गुटबाजी है। हमारा कोई गुट बनाने का इरादा नहीं है और न ही हमारी इसमें रुचि है। कांग्रेस पहले से ही 'ए' और 'आई' समूहों से भरी हुई है और अब 'ओ' और 'वी' जैसे अक्षर जोड़ने की जरूरत नहीं है। केरल में करुणाकरण और एके एंटनी, दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के समय से कांग्रेस पार्टी में 'ए' और 'आई' समूह सक्रिय हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, अगर एक अक्षर होना है, तो वह एक संयुक्त कांग्रेस के लिए 'यू' होना चाहिए, जिसकी हम सभी को जरूरत है। इस दौरे में कुछ भी असामान्य नहीं है। मैं यूडीएफ के दो सांसदों के एक सहयोगी दल के नेताओं से मिलने में कोई बड़ी बात देखने की जरूरत नहीं समझ पा रहा हूं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब देश में विभाजनकारी राजनीति सक्रिय थी, ऐसी राजनीति की जरूरत थी जो सभी को एक साथ लाए और यह प्रशंसनीय है कि आईयूएमएल ने हाल ही में चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए। थरूर से मुलाकात के बाद थंगल ने कहा कि सांसद के केरल आने के बाद से उनके परिवार के उनके साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं। 

थंगल ने कहा, उन्हें सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों, अवसरों पर आमंत्रित किया जाता है। इसलिए, जब वह यहां थे तो वह हमसे मिलने आए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह चाहते हैं कि थरूर केरल की राजनीति में सक्रिय रहें, उन्होंने कहा, वह (थरूर) पहले से ही सक्रिय हैं। वह केरल से सांसद हैं। उन्होंने यहां से दो बार जीत हासिल की। वह तिरुवनंतपुरम तक ही सीमित नहीं हैं। वह अच्छे प्रचारक हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि थरूर के मालाबार दौरे ने केरल में कांग्रेस के एक महत्वपूर्ण तबके को हिला कर रख दिया है और उनमें से कुछ को उनके इस कदम के पीछे एक एजेंडा होने की आशंका है।

71,000 नियुक्ति-पत्र बांटना, निशाना साधा: विवाद

71,000 नियुक्ति-पत्र बांटना, निशाना साधा: विवाद 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को रोजगार मेला के तहत नव नियुक्त कर्मियों को 71,000 नियुक्ति-पत्र बांटने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा और इसे 'चुनावी स्टंट' करार दिया। खड़गे ने आगामी गुजरात विधानसभा चुनावों के संदर्भ में ट्वीट किया, “पीएम मतदाताओं को 'गुमराह' करने के लिए 71,000 नौकरी पत्र वितरित कर रहे हैं।”

उन्हाेंने विभिन्न विभागों में 30 लाख पद खाली होने का दावा करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। आठ साल में सोलह करोड़ नौकरियां दी जानी थीं, लेकिन यह महज 'चुनावी स्टंट' है, जिसमें केवल हजारों को रोजगार मिला।” हाल ही में, कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सत्तारूढ़ सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे को हल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सिर्फ जनता को गुमराह कर रही है।

भाजपा सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। गौरतलब है कि गुजरात में पहले चरण का चुनाव एक दिसंबर को 89 विधानसभा क्षेत्रों में और दूसरे चरण में 93 सीटों पर 5 दिसंबर को होगा। मतगणना आठ दिसंबर को होगी। 

भौमिक ने नियमों को तोड़ते हुए मंच पर भाषण दिया

भौमिक ने नियमों को तोड़ते हुए मंच पर भाषण दिया

इकबाल अंसारी 

अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ मणिक साहा और केंद्रीय अधिकारिता एवं सामाजिक न्याय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक के बीच चल रही खींचतान सोमवार को राज्य के सिपाहीजाला जिले में सोनमुरा एसडीएम कार्यालय के शिलान्यास समारोह में सबसे सामने प्रकट हो गई। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने प्रतिक्रिया दी। पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि समारोह में मुख्यमंत्री के पहुंचने और औपचारिक शुरुआत से पहले भौमिक ने नियमों को तोड़ते हुए मंच पर जा कर भाषण दिया। जब मुख्यमंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो वह मंच से उतर गयी और उनके साथ बड़ी संख्या में लोग समारोह से चले गए।

समारोह का आयोजन करने वाले जिलाधिकारी और अन्य अधिकारी इस घटना से शर्मिंदा हो गए और किसी तरह मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से जाने तक लोगों को रोक कर रखा। भौमिक के मुख्यमंत्री के आने से पहले मंच पर जाकर भाषण देने की घटना को जिलाधिकारी स्पष्ट नहीं कर पाए। हालांकि सिपाहीजाला के जिलाधिकारी विश्वश्री बी ने तथ्य को स्वीकार करते हुए कहा,“केंद्रीय मंत्री के अन्य कार्यक्रमों के कारण उन्होंने अपना भाषण पहले दे दिया और मुख्यमंत्री की इजाजत लेकर वह चली गयी थी। सार्वजनिक कार्यक्रमों में लोग आते हैं और चले जाते हैं जिनपर नियंत्रण नहीं है।”

पार्टी सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. साहा को अपने पूर्ववर्ती बिप्लब कुमार देब और प्रतिमा भौमिक से मुख्यमंत्री कार्यकाल के पहले दिन से ही असहयोग का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी के नेताओं का एक समूह और कैबिनेट में कुछ मंत्री भी मुख्यमंत्री के खिलाफ शासन में बाधा पहुंचाने और गुटबाजी को लेकर सक्रिय है। पार्टी में कलह से विपक्ष को प्रोत्साहन पहुंच रहा है।

नेताओं ने कहा कि डॉ. साहा के खिलाफ एक गुट सक्रिय रूप से काम कर रहा है जिसने उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें उपचुनाव में हराने की पूरी कोशिश की थी। पर, डॉ साहा की छवि और मजबूत चुनाव प्रशासन के कारण वे लोग असफल रहे। विधानसभा चुनाव से पहले यही गुट मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए अराजकता पैदा करने और अव्यवस्था फैलान के लिए सक्रिय हो गया है।

निर्माण के लिए ₹993.51 करोड़ के वित्त को मंजूरी

निर्माण के लिए ₹993.51 करोड़ के वित्त को मंजूरी

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान सरकार ने जयपुर मेट्रो के फेज 1-सी के निर्माण के लिए 993.51 करोड़ रुपये के वित्त को मंजूरी दे दी है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया, “मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुरवासियों के लिए मेट्रो सुविधा को और अधिक सुलभ बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय किया है। उन्होंने जयपुर मेट्रो के चरण 1-सी के निर्माण के लिए 993.51 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।”

प्रवक्ता के मुताबिक, यह चरण बड़ी चौपड़ को ट्रांसपोर्ट नगर से जोड़ेगा और इसकी कुल लंबाई 2.85 किलोमीटर होगी, जिसमें 2.26 किलोमीटर भूमिगत एवं 0.59 किलोमीटर एलिवेटेड भाग शामिल है। प्रवक्ता के अनुसार, जयपुर मेट्रो के फेज 1-सी के निर्माण के बाद बड़ी चौपड़ से दिल्ली-आगरा हाइवे पर ट्रांसपोर्ट नगर तक मेट्रो का संचालन हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि गहलोत के इस निर्णय से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा और आमजन को दिल्ली-आगरा हाइवे तक मेट्रो की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में जयपुर मेट्रो का विस्तार करते हुए फेज 1-सी और फेज 1-डी के निर्माण की घोषणा की गई थी। अक्टूबर 2022 में जयपुर मेट्रो के फेज 1-डी के निर्माण के लिए 204.81 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। अभी जयपुर में मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक मेट्रो सेवा उपलब्ध है।

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...