पूनावाला से पांच दिन और पूछताछ करने की अनुमति
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। श्रद्धा वॉकर हत्याकांड मामले में लगातार हो रहे खुलासे से पूरा देश दंग रह गया है। दिल्ली की अदालत ने शहर पुलिस को श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला से पांच दिन और पूछताछ करने की बृहस्पतिवार को अनुमति दे दी। कोर्ट ने मामले का खुलासा करने के लिए उसका ‘नार्को टेस्ट’ कराने की भी अनुमति दी।
श्रद्धा हत्याकांड ने दिलाई अनुपमा की कहानी
श्रद्धा के लिव इन पार्टनर आफताब आमीन पूनावाला ने उसे गला दबाकर मारने के बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए। फिर इन्हें जंगल में ठिकाने लगा दिया। इस हत्याकांड ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड को एक बार ताज़ा कर दिया है। इस घटना ने 2010 की उसी खौफनाक कहानी को याद दिला दिया, जहां अनुपमा के पति राजेश गुलाटी ने उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी।
शरीर के किए थे 70 टुकड़े
हत्या के दोनों मामलों में काफी समानताएं हैं। तब 36 साल की अनुपमा गुलाटी की उसके पति राजेश गुलाटी ने उत्तराखंड के देहरादून में हत्या कर दी थी। सिर्फ इतना ही नही दरिंदगी की हदें बार करते हुए हत्यारे ने अनुपमा को मारने के बाद उसके शरीर के 70 टुकड़े करने के लिए बिजली से चलने वाले कटर का इस्तेमाल किया था, जिन्हें वो कुछ दिनों तक राजपुर रोड पर मसूरी मोड़ पर एक नाले में फेंकता रहा।
दोनों के बीच हुआ था झगड़ा
दिल्ली की रहने वाली अनुपमा की शादी देहरादून के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी से 1999 में हुई थी। दोनों अमेरिका रहने चले गए थे। दंपति के दो बच्चे भी थे, जो अमेरिका में ही पैदा हुए। फिर छह साल बाद 2006 में ये लोग भारत लौट आए। अनुपमा ने राजेश पर कोलकाता की एक महिला के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया।
आफताब के जैसा तरीका अपनाया
आफताब पूनावाला हत्या को कवर अप करने के लिए श्रद्धा का सोशल मीडिया हफ्तों तक इस्तेमाल करता रहा। ताकि सबको लगे कि वह जिंदा है। ठीक इसी तरह अनुपमा का पति भी उसके परिवार और दोस्तों को गुमराह करने के लिए अनुपमा की मेल आईडी से उन्हें मैसेज भेजा करता था। उसने अपने दोनों बच्चों और यहां तक कि पड़ोसियों तक से कह दिया था कि अनुपमा दिल्ली गई है। हत्या का खुलासा दिसंबर में हुआ। जब अनुपमा का भाई कई दिनों तक उससे संपर्क नहीं कर पाया, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
फ्रिज में रखे गए शरीर के टुकड़े
आफताब पूनावाला की तरह ही राजेश ने भी अपनी पत्नी के शरीर के टुकड़ों को फ्रिज में रखा था। पुलिस ने शरीर के कई हिस्सों को बरामद कर लिया था, जिसमें अनुपमा की सिर भी शामिल था। जो डीप फ्रीजर में मिला।
राजेश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई
साल 2017 में देहरादून की एक अदालत ने राजेश को हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास और 15 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। देहरादून के पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जी एस मर्तोलिया ने कहा था कि अपने पूरे करियर में, मैंने कभी इस तरह का मामला नहीं देखा था, जहां हत्यारे ने शव पर इस तरह का क्रूर अत्याचार किया हो। ऐसी हत्याएं अचानक नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि झगड़े और घरेलू हिंसा के कृत्यों के रूप में संकेत प्रकट होने लगते हैं।