गुरुवार, 17 नवंबर 2022

3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी

3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी

इकबाल अंसारी 

सिलीगुड़ी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की सिलीगुड़ी में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद तबीयत खराब हो गई और डॉक्टरों ने उनकी स्वास्थ्य जांच की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नीरज जिम्पा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गडकरी की तबीयत बाद में ठीक हो गई और वह अपनी कार में सवार होकर रवाना हो गए।

जिम्पा ने कहा, “कार्यक्रम खत्म होने के बाद गडकरी जी ने बेचैनी की शिकायत की। डॉक्टरों ने मंच के पीछे ले जाकर उनकी स्वास्थ्य जांच की। बाद में वह अपनी कार में सवार होकर रवाना हो गए।” गडकरी के स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है। पश्चिम बंगाल के दौरे पर आए गडकरी ने सिलीगुड़ी में 1,206 करोड़ रुपये की 3 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी।

'अग्निपथ’ योजना घातक, वापस लेने की मांग: सीएम 

'अग्निपथ’ योजना घातक, वापस लेने की मांग: सीएम 

इकबाल अंसारी/नरेश राघानी 

शिलोंग/जयपुर। मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर अल्पकालिक अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर सेनाओं में युवाओं की भर्ती की केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को घातक बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के बहुप्रचारित 'गुजरात मॉडल' पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'वहां कहीं कोई स्वर्ग नहीं आया है।'

यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'इनको अंदाज नहीं है कि ये कितना नुकसान देश का कर रहे हैं। अग्निपथ बहुत ही घातक योजना है। केद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए और फौज की पेंशन आदि सुविधाओं वाली पूर्णकालिक नौकरी वापस लानी चाहिए।' भाजपा के बहुप्रचारित गुजरात मॉडल के बारे में उन्होंने कहा,'गुजरात मॉडल कुछ नहीं है। वही गरीबी है। उसी तरह के गांव हैं। उसी तरह का किसानों को कष्ट है। बेरोजगारी है, चिकित्सा सुविधाएं नहीं है। स्कूल भी अच्छे नहीं हैं।

कहीं गुजरात में कोई स्वर्ग नहीं आया हुआ।' गुजरात में विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा, 'गुजरात में तो नगरपालिका चुनाव भी सांप्रदायिक करके जीतते रहे हैं। इस बार ऐसा नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'गुजरात तो मैं घूमा हूं मैं नरेंद्र मोदी जी के चुनाव में गया था। मैं इनका प्रशंसक था।

जब ये गुजरात में थे तो ये किसानपरस्त थे इन्होंने एमएसपी लागू करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी थी।’’ मलिक ने कहा, ‘‘लोहिया कहते थे कि दिल्ली बहुत खराब जगह है यहां आकर आदमी बदल जाता है तो ये दिल्ली आकर बदल गए पता नहीं क्या हुआ है और उनकी किसान परस्ती खत्म हो गयी। मेरे तो इनसे जितनी भी मुलाकात हुईं वह किसानों के मुद्दे पर लड़ाई के साथ खत्म हुई।'

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में किसानों से किए अपने वादे को निभाना चाहिए। उन्होंने कहा किक कृषि जिंसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है अगर इसे लागू नहीं किया गया तो फिर आंदोलन छिड़ेगा व देश में अफरा तफरी मचेगी इससे बचा जाना चाहिए।

मलिक ने कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था भी नीचे जा रही है ऐसे में अगर महत्वपूर्ण लोग नहीं बोलेंगे या लड़ाई नहीं करेंगे तो यह देश रसातल में चला जाएगा क्योंकि जो लोग राज करते हैं वे तो अपने आत्ममुग्ध होते हैं कि अपने सब अच्छा कर दिया। उन्हें पता नहीं होता कि बाहर क्या हो रहा है।'

राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में कथित गुटबाजी संबंधी सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि 'सबको मिलजुल कर काम करना चाहिए। लड़ने का समय नहीं है। राजस्थान की तरक्की के लिए इनका लड़ना ठीक नहीं है। चुनाव आ रहा है, मिलकर रहना चाहिए।' 

नसबंदी करने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द, मांग

नसबंदी करने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द, मांग

अकांशु उपाध्याय/अविनाश श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रीय महिला आयोग ने बिहार के एक अस्पताल में कथित रूप से एनेस्थीसिया दिए बगैर महिलाओं की नसबंदी करने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है। मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, बिहार में खगड़िया जिले के दो सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर करीब 24 महिलाओं को एनेस्थीसिया दिए बगैर (बेहोश किए बिना) स्थायी नसबंदी के लिए उनकी सर्जरी की गई।

इस पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बिहार के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इसमें शामिल एनजीओ, डॉक्टरों और अन्य लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है। महिला आयोग ने ट्वीट किया है, ‘‘राष्ट्रीय महिला आयोग ने मेडिकल लापरवाही और तय प्रक्रिया का पालन नहीं करने को लेकर डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द करने को कहा है।’’

पोषक तत्वों से भरपूर दालचीनी, जानिए फायदे

पोषक तत्वों से भरपूर दालचीनी, जानिए फायदे

सरस्वती उपाध्याय
दालचीनी एंटीऑक्सिडेंट जैसे कई यौगिकों में भरपूर होती है। इसमें जिंक, विटामिंस, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो आपकी बॉडी को मजबूती देने में काफी हद तक मददगार होते हैं। वहीं दालचीनी महिलाओं के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं होती है। क्योंकि, उनकी कई परेशानियों में दालचीनी राहत देने का काम करती है। कुछ शोध बताते हैं कि यह ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है और हृदय रोग में फायदेमंद होता है, साथ ही यह मसल्स सूजन को भी कम कर सकता है। 

मौजूद पोषक तत्वों की मौजूदगी मुहांसों की समस्या और अनियमित पीरियड्स की प्रॉबलम्स को दूर रख सकते हैं। शरीर पर आ रहे अधिक बालों के लिए भी दालचीनी कारगर मानी जाती है। मेनोपोज के दिनों में असहनीय दर्द, मूड स्विंग, ब्लोटिंग, चिड़चिड़ापन जैसी दिक्कतों को दूर करने के लिए आजमाएं दालचीनी और शहद। दालचीनी में यूजेनॉल मौजूद होता है, जो पीरियड्स के दौरान हो रही समस्याओं को बढ़ाने वाले हार्मोन का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती है।

पीरियड्स क्रैम्प्स के लिए दालचीनी पानी
इन दिनों में आमतौर पर पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द होना, उल्टी आना, चक्कर, लूज मोशन, जी मचलाना और कमजोरी जैसी कई परेशानियों महसूस होती हैं। ऐसे में आपके लिए दालचीनी पानी बेहतर उपाय हो सकता है। 

दूध और दालचीनी
इस तरह की समस्याओं के लिए दालचीनी नेचुरल तरीके से आपकी सहायता कर सकती है। इसे उपयोग में लाने का सबसे कारगर उपाय दालचीनी पाउडर को गुनगुने दूध में डालकर पीना है। आप चाहें तो इसकी चाय भी बनाकर पी सकती हैं। इससे आपको कई फायदें मिल सकते हैं

दर्द से राहत 
पीरियड्स का दर्द कभी-कभी असहनीय बन जाता है। ऐसे हालात में आप दालचीनी की हर्बल चाय बनाकर पी सकती हैं या दालचीनी ऑयल से पेट की मालिश करने से भी सूजन और तेज दर्द में राहत मिलती है। 

हैवी ब्लीडिंग की समस्या 
कई लड़कियों को पीरियड के समय बहुत ब्लीडिंग होने लगती है, जो अहसज स्थिति बन सकती है और इसकी वजह से  दर्द कमजोरी, चिड़चिड़ापन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें दालचीनी  के सेवन से ब्लड फ्लो का डायरेक्शन बदल जाता है और यही कारण है कि ब्लीडिंग कम होने लगती है। 

अधिक दालचीनी के सेवन का दुष्प्रभाव
शोध में पाया गया है कि बहुत अधिक दालचीनी का सेवन आपके लीवर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अधिक मात्रा में लेने की वजह से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

डार्क सर्कल्स को दूर करने में मदद, जानिए उपाय

डार्क सर्कल्स को दूर करने में मदद, जानिए उपाय

सरस्वती उपाध्याय 

दूध और गुलाब जल डार्क सर्कल्स को दूर करने में काफी मदद करता है। इसके लिए गुलाब जल और दूध को बराबर मात्रा लेकर कॉटन की मदद से डार्क सर्कल्स पर लगाकर 20 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद कॉटन पैड हटा लें और फिर फेस को पानी से धो लें।

यूं तो लोग डार्क सर्कल्स छिपाने के लिए कई नुस्खे अपनाते हैं। कंसीलर से लेकर मेकअप तक, भले ही ये चीजें आपकी आंखों के नीचे काले घेरे को छिपाने में मदद करे, लेकिन यह इसका परमानेंट इलाज नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप कुछ ऐसे उपायों को अपनाएं जो इन काले घेरों की हमेशा-हमेशा के लिए छुट्टी कर दें और फिर कभी इन्हें आपको छिपाने की जरूरत ही ना पड़े। ऐसे में आइए जानते हैं उन घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें अपनाने के बाद ये आपके काले घेरों की हमेशा के लिए छुट्टी कर दें। 

डार्क सर्कल्स होने के प्रमुख कारण

पर्याप्त नींद ना लेना।

गलत खानपान और अनियमित दिनचर्या

देर रात तक स्क्रीन देखना

थकान, तनाव

आंखों में सूखापन या आंखों की एलर्जी

डिहाइड्रेशन

शरीर में पानी की कमी

धूप और प्रदूषण में ज्यादा देर रहना आदि।


डार्क सर्कल कम करने के घरेलू उपाय 

दूध और गुलाब जल 

दूध और गुलाब जल डार्क सर्कल्स को दूर करने में काफी मदद करता है। इसके लिए गुलाब जल और दूध को बराबर मात्रा लेकर कॉटन की मदद से डार्क सर्कल्स पर लगाकर 20 मिनट तक के लिए छोड़ दें। उसके बाद कॉटन पैड हटा लें और फिर फेस को पानी से धो लें।

आलू का रस

डार्क सर्कल्स हटाने के लिए आलू का रस भी आपकी मदद कर सकता है। इसके लिए पहले आलू को कद्दूकस कर लें। उसके बाद उसका रस लेकर रुई की मदद आंखों के आसपास लगाएं और फिर इसे कुछ देर लगा रहने दें। इसके बाद आंख को साफ पानी से धो लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से आपको बहुत फायदा मिलेगा।

टमाटर 

टमाटर सेहत के साथ-साथ स्किन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। ऐसे में आंखों के नीचे काले घेरे को हटाने के लिए सबसे पहले  2 चम्मच टमाटर के रस में कुछ बूंदे नींबू के रस को मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को 10 मिनट के लिए आंखों के नीचे लगाएं। उसके बाद साफ पानी से धो लें। ऐसा करने से डार्क सर्कल की समस्या दूर होगी।

खीरा 

इसके लिए पहले खीरे को स्लाइस में काट लें। उसके बाद इसे 10 मिनट तक के लिए अपने आंखों पर रखें। इससे डार्क सर्कल्स की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। 

शहद, दूध और नींबू

आंखों के नीचे काले घेरे को हटाने के लिए शहद, दूध और नींबू बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके लिए एक चम्मच दूध में आधा चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर आंखों के आसपास मसाज करें। ऐसा करने से डार्क सर्कल्स दूर हो सकते हैं।

किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं 

किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं 

मनोज सिंह ठाकुर 

केसला। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज आदिवासियों के बीच कहा कि वे प्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान नर्मदापुरम के केसला में आयोजित 'पेसा जागरूकता सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान उन्होंने जनजातीय नायक बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, शंकर शाह और रघुनाथ शाह को प्रणाम कर संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वे प्रदेश की धरती पर किसी भी कीमत पर कपट और छल से धर्मांतरण नहीं होने देंगे। साथ ही चौहान ने कहा कि जहां-जहां पेसा कानून लागू हो रहा है वहां हर साल पटवारी और बीट गार्ड को ग्राम सभा में नक्शा, खसरा की नकल रखनी पड़ेगी, ताकि कोई किसी की जमीन हथिया न पाए।

कोई भी रेत, गिट्टी या पत्थर की खदान है अगर इसका सर्वे शासन को भी करना है तो ये बिना ग्राम सभा की सहमति के नहीं होगा। अनुसूचित क्षेत्र में खदानों में पहला हक होगा जनजातीय सोसाइटी का, दूसरा हक जनजातीय बहनों का और तीसरा हक कोई पुरुष अप्लाई करता है तो उसका होगा। चौहान ने कहा कि जितनी वनोपज होगी, अब जनजातीय लोगों का अधिकार है, वे इसको उठाएं, बीनें और उसके बाद ग्राम सभा ही प्रशासन से साथ मिलकर इसके रेट तय करेगी। उन्होंने कहा कि गांव से किसी मजदूर को काम करवाने बाहर ले जाना हो तो उसे गांव में अपना परिचय लिखवाने के बाद ही ले जाने की अनुमति मिलेगी, ताकि किसी श्रमिक को कोई परेशान न कर सके।

बिना गांव में नाम लिखाए अगर कोई ले गया तो कानून उसको कड़ी से कड़ी सजा देगा। मध्यप्रदेश में दो दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में पेसा (अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों का विस्तार संबंधी अधिनियम) लागू हुआ है। श्री चौहान आज इसी अधिनियम के बारे में जागरुकता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

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