'अग्निपथ’ योजना घातक, वापस लेने की मांग: सीएम
इकबाल अंसारी/नरेश राघानी
शिलोंग/जयपुर। मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर अल्पकालिक अवधि के लिए संविदा नियुक्ति के आधार पर सेनाओं में युवाओं की भर्ती की केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना को घातक बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के बहुप्रचारित 'गुजरात मॉडल' पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'वहां कहीं कोई स्वर्ग नहीं आया है।'
यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, 'इनको अंदाज नहीं है कि ये कितना नुकसान देश का कर रहे हैं। अग्निपथ बहुत ही घातक योजना है। केद्र सरकार को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए और फौज की पेंशन आदि सुविधाओं वाली पूर्णकालिक नौकरी वापस लानी चाहिए।' भाजपा के बहुप्रचारित गुजरात मॉडल के बारे में उन्होंने कहा,'गुजरात मॉडल कुछ नहीं है। वही गरीबी है। उसी तरह के गांव हैं। उसी तरह का किसानों को कष्ट है। बेरोजगारी है, चिकित्सा सुविधाएं नहीं है। स्कूल भी अच्छे नहीं हैं।
कहीं गुजरात में कोई स्वर्ग नहीं आया हुआ।' गुजरात में विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने कहा, 'गुजरात में तो नगरपालिका चुनाव भी सांप्रदायिक करके जीतते रहे हैं। इस बार ऐसा नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, 'गुजरात तो मैं घूमा हूं मैं नरेंद्र मोदी जी के चुनाव में गया था। मैं इनका प्रशंसक था।
जब ये गुजरात में थे तो ये किसानपरस्त थे इन्होंने एमएसपी लागू करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चिट्ठी लिखी थी।’’ मलिक ने कहा, ‘‘लोहिया कहते थे कि दिल्ली बहुत खराब जगह है यहां आकर आदमी बदल जाता है तो ये दिल्ली आकर बदल गए पता नहीं क्या हुआ है और उनकी किसान परस्ती खत्म हो गयी। मेरे तो इनसे जितनी भी मुलाकात हुईं वह किसानों के मुद्दे पर लड़ाई के साथ खत्म हुई।'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में किसानों से किए अपने वादे को निभाना चाहिए। उन्होंने कहा किक कृषि जिंसों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है अगर इसे लागू नहीं किया गया तो फिर आंदोलन छिड़ेगा व देश में अफरा तफरी मचेगी इससे बचा जाना चाहिए।
मलिक ने कहा, 'देश की अर्थव्यवस्था भी नीचे जा रही है ऐसे में अगर महत्वपूर्ण लोग नहीं बोलेंगे या लड़ाई नहीं करेंगे तो यह देश रसातल में चला जाएगा क्योंकि जो लोग राज करते हैं वे तो अपने आत्ममुग्ध होते हैं कि अपने सब अच्छा कर दिया। उन्हें पता नहीं होता कि बाहर क्या हो रहा है।'
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस में कथित गुटबाजी संबंधी सवाल को उन्होंने यह कहते हुए टाल दिया कि 'सबको मिलजुल कर काम करना चाहिए। लड़ने का समय नहीं है। राजस्थान की तरक्की के लिए इनका लड़ना ठीक नहीं है। चुनाव आ रहा है, मिलकर रहना चाहिए।'