आप के आरोपों की जांच कर ‘समुचित कार्रवाई’ करें
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा कि वह सूरत (पूर्व) सीट से उम्मीदवार को नाम वापस लेने को मजबूर किए जाने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों की जांच कर ‘समुचित कार्रवाई’ करें। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आप के चार सदस्यीय शिष्टमंडल ने आज शाम निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलकर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा था।
सिसोदिया में आरोप लगाया कि सूरत (पूर्व) सीट से उसके उम्मीदवार कंचन जरीवाला जब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें नाम वापस लेने पर मजबूर किया गया। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आप का ज्ञापन जांच और समुचित कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया गया है।
आप ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा के कहने पर जरीवाला का अपहरण कर लिया गया क्योंकि उसे (भाजपा) गुजरात विधानसभा में सूरत (पूर्व) सीट पर हार का ‘डर’ था। हालांकि, जरीवाला ने एक वीडियो बयान जारी करके स्पष्ट कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के नाम वापस लिया है।उन्होंने कहा है कि आप की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने पर विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘गुजरात विरोधी’ कहने लगे थे, इसलिए उन्होंने अपने मन की सुनते हुए पर्चा वापस लिया है।
वहीं, सिसोदिया में दावा किया कि जरीवाला और उनका परिवार मंगलवार से ही लापता थे और अंतिम बार उन्हें अपने नामांकनपत्र की छंटनी के दौरान सूरत में निर्वाचन आयोग के कार्यालय में देखा गया था। सिसोदिया ने गुजरात की मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर भी निशाना साधा और उनपर जरीवाला का ‘‘पता लगाने और बचाव’’ के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं ने आज दिन में इस कथित अपहरण को लेकर निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पार्टी के विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वहां जमा होकर भाजपा के विरोध में नारे लगाए। निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग से मिलने का आप का अनुरोध दोपहर बाद प्राप्त हुआ और उस वक्त वे निर्वाचन सदन के बाहर धरना दे रहे थे।