बुधवार, 16 नवंबर 2022

आप के आरोपों की जांच कर ‘समुचित कार्रवाई’ करें

आप के आरोपों की जांच कर ‘समुचित कार्रवाई’ करें

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने बुधवार को गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से कहा कि वह सूरत (पूर्व) सीट से उम्मीदवार को नाम वापस लेने को मजबूर किए जाने संबंधी आम आदमी पार्टी (आप) के आरोपों की जांच कर ‘समुचित कार्रवाई’ करें। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आप के चार सदस्यीय शिष्टमंडल ने आज शाम निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलकर उन्हें इस आशय का ज्ञापन सौंपा था।

सिसोदिया में आरोप लगाया कि सूरत (पूर्व) सीट से उसके उम्मीदवार कंचन जरीवाला जब निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें नाम वापस लेने पर मजबूर किया गया। निर्वाचन आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि आप का ज्ञापन जांच और समुचित कार्रवाई के लिए गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेज दिया गया है।

आप ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा के कहने पर जरीवाला का अपहरण कर लिया गया क्योंकि उसे (भाजपा) गुजरात विधानसभा में सूरत (पूर्व) सीट पर हार का ‘डर’ था। हालांकि, जरीवाला ने एक वीडियो बयान जारी करके स्पष्ट कहा है कि उन्होंने बिना किसी दबाव के नाम वापस लिया है।उन्होंने कहा है कि आप की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने पर विधानसभा क्षेत्र के लोग उन्हें ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘गुजरात विरोधी’ कहने लगे थे, इसलिए उन्होंने अपने मन की सुनते हुए पर्चा वापस लिया है।

वहीं, सिसोदिया में दावा किया कि जरीवाला और उनका परिवार मंगलवार से ही लापता थे और अंतिम बार उन्हें अपने नामांकनपत्र की छंटनी के दौरान सूरत में निर्वाचन आयोग के कार्यालय में देखा गया था। सिसोदिया ने गुजरात की मुख्य निर्वाचन अधिकारी पर भी निशाना साधा और उनपर जरीवाला का ‘‘पता लगाने और बचाव’’ के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं ने आज दिन में इस कथित अपहरण को लेकर निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। पार्टी के विभिन्न नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वहां जमा होकर भाजपा के विरोध में नारे लगाए। निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग से मिलने का आप का अनुरोध दोपहर बाद प्राप्त हुआ और उस वक्त वे निर्वाचन सदन के बाहर धरना दे रहे थे। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना का उद्घाटन 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना का उद्घाटन 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को भगवान मुरुगा के छ: निवासों में एक पलानी दंडयुथापानी मंदिर की ओर से संचालित दो स्कूलों और चार कॉलेजों में अध्ययरत छात्रों के लिए नि:शुल्क नाश्ते की योजना की शुरुआत की। स्टालिन ने राज्य सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए योजना का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर मानव संसाधन और सीई मंत्री पीके सेकर बाबू की उपस्थिति थे। विधानसभा के दौरान विश्वविद्यालय अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान इस आशय की घोषणा की गयी थी। यह योजना 3.7 करोड़ रुपये की लागत से लागू की जा रही थी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे 4,000 से अधिक छात्रों को लाभ होगा जो दूर दराज के क्षेत्रों से यहां आकर अध्ययन कर रहे है और विशेष कर वे छात्र जो कमजोर तबके से आते है।

विज्ञप्ति में कहा गया कि योजना के तहत पोंगल और इडली या रवा उपमा और इडली या खिचड़ी और इडली बारी-बारी से चटनी और सांभर के साथ दी जाएगी। इस पर आने वाले खर्च को मंदिर की ओर से वहन किया जायेगा।

हवाई यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य नहीं

हवाई यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य नहीं

अकांशु उपाध्याय

नई दिल्ली नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि हवाई यात्रा के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य नहीं हैलेकिन, कोरोना वायरस मामलों की घटती संख्या के बावजूद उन्हें मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। अब तकउड़ानों में यात्रा करते समय मास्क का उपयोग अनिवार्य था।

एयरलाइन को जारी एक संचार में मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय सरकार की कोविड-19 प्रबंधन प्रतिक्रिया के लिए एक श्रेणीबद्ध दृष्टिकोण की नीति के अनुरूप लिया गया है। इसमें कहा गया है, ‘अब से इन उड़ानों में केवल यह उल्लेख किया जा सकता है कि कोविड-19 महामारी के खतरे के मद्देनजर सभी यात्रियों को मास्क/फेस कवर पहनने को प्राथमिकता देनी चाहिए।

अद्यतन आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिकदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 7,561 रह गई हैजो कुल मामलों का 0.02 प्रतिशत है। वहींमरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.79 प्रतिशत है। देश में अभी तक कुल 4,41,28,580 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैंजबकि कोविड-19 से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है।

कुत्ते के काटने से बच्चे की मौंत, टीका नहीं लगा 

कुत्ते के काटने से बच्चे की मौंत, टीका नहीं लगा 
इकबाल अंसारी 
चिक्कबल्लापुर। कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले में कुत्ते के काटने पर समय पर डॉक्टरों द्वारा रेबीज का टीका नहीं लगाने के चलते एक पांच वर्षीय बच्चे की मौंत हो गई। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी। फिरोज और फमिदा का बेटा समीर बाशा कोरातालादिन्ने गांव का रहना वाला था।
जैसे ही यह खबर फैली, लड़के के माता-पिता समेत लोगों ने होसुरु के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सवाल उठाए कि कुत्ते के काटने के इलाज के दौरान बच्चे को रेबीज का टीका क्यों नहीं लगाया गया। 30 अक्टूबर को घर के बाहर खेल रहे बच्चे को कुत्ते ने काट लिया। जिसके बाद उसके माता-पिता उसे पास के होसुर सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे एक इंजेक्शन लगाया और वापस भेज दिया।
लेकिन, जब बच्चा ठीक नहीं हुआ, तो वे उसे गौरीबदनूर शहर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे बेंगलुरु के इंदिरा गांधी बाल स्वास्थ्य संस्थान में रेफर कर दिया गया। बच्चे ने इंदिरा गांधी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बल्ड टेस्ट से पता चला था कि कुत्ते के काटने के जहर से उसका मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव पड़ा।
जब माता-पिता अपने बच्चे के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए होसुर सरकारी अस्पताल आए, तो उन्हें पता चला कि डॉक्टर ने इलाज के दौरान उनके बच्चे को रेबीज का टीका लगाने के बारे में नहीं बताया था। पूछने पर चिकित्सक व स्टाफ ने गोलमोल जवाब दिया।इस संबंध में माता-पिता, रिश्तेदारों और लोगों ने धरना दिया और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

'जांच' का पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी 

'जांच' का पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली लोकायुक्त को और अधिक अधिकार प्रदान करते हुए उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने भ्रष्टाचार-रोधी निकाय की जांच संबंधी आवश्यकताओं में मदद के लिए निदेशक (जांच) का पद सृजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली लोकायुक्त का कार्यालय जांच और नियमित कार्य सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए कर्मचारियों की कमी के कारण शुरुआत से ही गंभीर रूप से पंगु’ था। सार्वजनिक पदाधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतों की पड़ताल के लिए अनिवार्य इस निकाय में सहायक और चतुर्थ वर्ग कर्मी जैसे कर्मचारी तो हैं लेकिन यहां जांच प्रभारी मौजूद नहीं हैं।

दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दैनिक कामकाज के लिए आवश्यक सहायकों और चपरासी के अलावा निदेशक (जांच) का पद सृजित करने के लिए लोकायुक्त के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इस पद का नेतृत्व वरिष्ठ व्यक्ति करेगा।

इससे पहले दिल्ली विधानसभा में पेश करने के लिए लोकायुक्त की वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी देते हुए सक्सेना ने मुख्यमंत्री को लोकपाल की जरूरतें पूरी करने की सलाह दी थी। अधिकारियों ने कहा कि लोकायुक्त की रिपोर्ट लगातार इस बात को रेखांकित करती रही है कि इसके सुचारू और कुशल कामकाज में कई ‘‘अवरोध और बाधाएं’’ थींजिसमें पर्याप्त कर्मचारियों की कमी भी शामिल थी।

उन्होंने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कुछ बाधाएं वित्तीय स्वायत्तता और पर्याप्त कर्मचारियों की कमी के कारण ‘‘लोकायुक्त की स्वतंत्रता’’ से संबंधित थीं। लोकायुक्त ने समय-समय पर जांच उद्देश्यों के लिए पर्याप्त कर्मचारियों की आवश्यकता की ओर इशारा किया था। अधिकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए निकाय में फिलहाल एक सहायक निदेशक (जांच) है।

आप के उम्मीदवार जरीवाला का नामांकन-पत्र वापस  

आप के उम्मीदवार जरीवाला का नामांकन-पत्र वापस  

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/अहमदाबाद। गुजरात की सूरत पूर्व विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार कंचन जरीवाला ने बुधवार को अपना नामांकन-पत्र वापस ले लिया, जिसके बाद ‘आप’ ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कहने पर जरीवाला का अपरहण किया गया और उन पर नामांकन वापस लेने का दबाव बनाया गया। भाजपा ने इस आरोप का खंडन किया है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जरीवाला और उनके परिवार के सदस्य मंगलवार से लापता हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘भाजपा गुजरात चुनाव में बुरी तरह हार रही है और वह परेशान होकर इतने निचले स्तर पर गिर गई कि उसने सूरत पूर्व से हमारे उम्मीदवार का अपहरण कर लिया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हार के डर से भाजपा के गुंडों ने सूरत से आप के उम्मीदवार कंचन जरीवाला का अपहरण कर लिया।’’ सिसोदिया ने आरोप लगाया कि भाजपा के ‘‘गुंडों’’ ने जरीवाला का नामांकन रद्द कराने की भी कोशिश की थी, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ऐसा नहीं कर सके क्योंकि उनके कागजात में कोई कमी नहीं थी।

सिसोदिया ने कहा, ‘‘यह केवल हमारे उम्मीदवार का ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र का अपहरण है। गुजरात में हालात बहुत खतरनाक है।’’ आप नेता ने गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) पर भी जरीवाला का ‘‘पता लगाने और उन्हें बचाने’’ के लिए उचित कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उम्मीदवार के पिछले 24 घंटे से लापता होने के बावजूद सीईओ यही कहते रहे कि जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस अधीक्षक इस मामले को देख रहे हैं।उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना ने सीईओ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं।’’ उन्होंने इस मामले में बातचीत करने के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार से मिलने का समय मांगा। भाजपा ने इस सीट से मौजूदा विधायक अरविंद राणा को खड़ा किया है।

गुजरात विधानसभा की 182 सीटों के लिए एक दिसंबर एवं पांच दिसंबर को चुनाव होगा और मतगणना आठ दिसंबर को होगी। आप की राज्य इकाई के अध्यक्ष गोपाल इटालिया ने दावा किया कि जरीवाला सत्तारूढ़ दल के दबाव में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने के लिए बुधवार को निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में भारी पुलिस सुरक्षा के बीच पहुंचे थे और इस दौरान ‘‘भाजपा के गुंडों’’ ने उन्हें घेर रखा था।

उन्होंने कहा कि जब मीडियाकर्मियों ने जरीवाला से सवाल किए, तो उनके आसपास मौजूद लोग उन्हें तुरंत वहां से ले गए। इटालिया ने आरोप लगाया कि जरीवाला लापता थे और उन्हें ‘‘भाजपा के गुंडे’’ किसी अज्ञात स्थान पर ले गए और उन पर चुनाव से दूर रहने का दबाव बनाया गया।

उन्होंने कहा कि जरीवाला जिस प्रकार नामांकन लेने आए, उससे संकेत मिलता है कि उन पर ‘‘भारी दबाव’’ था। इटालिया ने कहा, ‘‘यदि कोई स्वयं अपनी उम्मीदवारी वापस लेना चाहता है, तो वह पुलिस की भारी सुरक्षा और 50 से 100 गुंड़ों के साथ कार्यालय क्यों आएगा।’’ उन्होंने निर्वाचन आयोग से मामले का संज्ञान लेने का आग्रह किया। बहरहाल, भाजपा की सूरत शहर इकाई के अध्यक्ष निरंजन झांझमेरा ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि आप को ऐसा करने के बजाय ‘‘अपने घर पर ध्यान’’ देना चाहिए। इटालिया ने कहा कि आप इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी मामलों के विशेषज्ञों के अपने दल से सलाह लेगी।

आप की गुजरात इकाई के सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने आरोप लगाया कि ‘‘भाजपा के गुंडों’’ ने मंगलवार को जरीवाला का अपहरण कर लिया ताकि उन पर उम्मीदवारी वापस लेने का दबाव बनाया जा सके। चड्ढा ने कहा कि पार्टी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस बारे में सूचित कर दिया है और मामले में एक लिखित शिकायत सौंपी जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस और प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई है। सूरत के पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है, लेकिन यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, इसलिए मैं इस पर काम कर रहा हूं।’’ कथित अपहरण को लेकर सिसोदिया और पार्टी के अन्य नेताओं ने निर्वाचन आयोग के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

स्वास्थ्य: बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन न करें 

स्वास्थ्य: बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन न करें 

अरहर की दाल खाना हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। दाल में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें फोलिक एसिड, आयरन, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे न्यूट्रियंट्स भी पाए जाते हैं। आपको ये भी बता दें कि अरहर का दाल खाने से वजन कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। ये दाल खाने में चाहे बहुत फायदेमंद हो पर कुछ लोगों के लिए इसका सेवन बहुत ज्यादा खतरनाक हो सकता है, तो आइए जानते हैं कि किन बीमारियों में अरहर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए

जिन लोगों को यूरिक एसिड की समस्या है। उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। यूरिक एसिड में अरहर की दाल खाने से समस्या बढ़ जाती है। अरहर की दाल में प्रोटीन होता है। जिसके कारण शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। रात में अरहर दाल खाने से कुछ लोगों का पाचन खराब हो जाता है। आपको भी अगर अरहर की दाल खाने के बाद एलर्जी महसूस हो रही है, तो इसका सेवन करने से बचें। हमेशा कोशिश करें कि अरहर की दाल दिन में ही खाएं

जो लोग किडनी की बीमारी से पीड़त हैं। उन्हें अरहर की दाल खाने से बचना चाहिए। इस दाल में बहुत अच्छी मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जो किडनी की परेशानी को बढ़ाता है। इसलिए इस दाल को खाने से किडनी में स्टोन का आकार बढ़ सकता है। इसके अलावा बहुत अधिक मात्रा में अरहर के दाल का सेवन करने से किडनी शरीर को सही से डिटॉक्सीफाई नहीं कर पाती है।

श्रीराम 'निर्भयपुत्र'

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...