शुक्रवार, 11 नवंबर 2022

अनुशंसित नामों को लंबित रखने पर नाराजगी: एससी 

अनुशंसित नामों को लंबित रखने पर नाराजगी: एससी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत की कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गये नामों सहित उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को केंद्र द्वारा लंबित रखने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह ‘अस्वीकार्य’ है। शीर्ष अदालत ने कहा कि नामों पर कोई निर्णय न लेना ऐसा तरीका बनता जा रहा है कि उनलोगों को अपनी सहमति वापस लेने को मजबूर किया जाए, जिनके नामों की सिफारिश उच्चतर न्यायपालिका में बतौर न्यायाधीश नियुक्ति के लिए की गई है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने कहा, ‘‘नामों को बेवजह लंबित रखना स्वीकार्य नहीं है।’’

पीठ ने केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के सचिव (न्याय) को नोटिस जारी करके शीर्ष अदालत के 20 अप्रैल 2021 के आदेश के अनुरूप समय पर नियुक्ति के लिए निर्धारित समय सीमा की ‘‘जानबूझकर अवज्ञा’’ करने के आरोप वाली याचिका पर जवाब मांगा। एडवोकेट्स एसोसिएशन, बेंगलुरु द्वारा अधिवक्ता पई अमित के माध्यम से दायर याचिका में उच्चतर न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति में ‘‘असाधारण देरी’ का मुद्दा उठाया है। इसने 11 नामों का उल्लेख किया है, जिनकी सिफारिश की गई थी और बाद में ये नाम दोबारा भी भेजे जा चुके हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘अगर हम विचार के लिए लंबित मामलों की स्थिति को देखें, तो सरकार के पास ऐसे 11 मामले लंबित हैं, जिन्हें कॉलेजियम ने मंजूरी दे दी थी और अभी तक उनकी नियुक्ति की प्रतीक्षा की जा रही है।’’ पीठ ने कहा कि कॉलेजियम द्वारा दोबारा भेजे गए नामों सहित अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में देरी के कारण कुछ लोगों ने अपनी सहमति वापस ले ली है और (न्यायिक) तंत्र ने पीठ में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति के शामिल होने का अवसर खो दिया है।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हम पाते हैं कि नामों को रोककर रखने का तरीका इन लोगों को अपना नाम वापस लेने के लिए मजबूर करने का एक तरीका बन गया है, ऐसा हुआ भी है।’’ याचिकाकर्ता के वकील की इस बात का भी संज्ञान लिया गया कि जिन व्यक्तियों का नाम दोबारा भेजे जाने के बाद भी लंबित था, उनमें से एक का निधन हो गया है।

पीठ ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने शीर्ष अदालत के समक्ष दलील दी है कि शीर्ष अदालत में नियुक्ति के लिए पांच सप्ताह से अधिक समय पहले की गई सिफारिश आज भी लंबित है। पीठ ने कहा, ‘‘हम वास्तव में इसे समझ पाने या इसका मूल्यांकन करने में असमर्थ हैं।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि वह वर्तमान सचिव (न्याय) और सचिव (प्रशासन और नियुक्ति) को फिलहाल ‘‘सामान्य नोटिस’’ जारी कर रही है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 नवंबर की तारीख तय की है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-397, (वर्ष-05)

2. शनिवार, नवंबर 12, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:02, सूर्यास्त: 05:36। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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गुरुवार, 10 नवंबर 2022

10-10 प्रगतिशील किसानों को कई राज्यों में भेजेंगे

10-10 प्रगतिशील किसानों को कई राज्यों में भेजेंगे 

अकांशु उपाध्याय/पंकज कपूर 

नई दिल्ली/देहरादून। सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा है कि सेब, डेयरी, भेड़ बकरी, मछली के 10-10 प्रगतिशील किसानों को अध्ययन के लिए कश्मीर, हिमाचल, गुजरात, गोवा/ आंध्र प्रदेश, राजस्थान, लेह लद्दाख भेजा जाएगा। ताकि किसान वहां का अध्ययन कर अपनी यहां और प्रगति कर सकें।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत आज बृहस्पतिवार को राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के निदेशालय में www.ukcdp.com और MIS के उद्घाटन के बादअधिकारियों की समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहकि हर जिले से प्रगतिशील किसान सेब के लिए कश्मीर, हिमाचल, डेयरी के लिए गुजरात मछली के लिए गोवा और आंध्रप्रदेश भेड़ बकरी के लिए राजस्थान और लेह लद्दाख अध्ययन के लिए जाएंगे। उन्होंने किसानों के चयन करने के लिए निबंधक सहकारिता को निर्देशित किया। इस अध्ययन का खर्चा राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना वहन करेगी।

उन्होंने कहा कि 2019 से राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना 4 विभागों द्वारा किसानों की आमदनी दोगुनी कर रही है। इसके अच्छे नतीजे अब सामने आ रहे हैं मंत्री डॉ रावत ने कहा कि परियोजना कोऑपरेटिव कलेक्टिव फार्मिंग भी कर रही है जौनपुर और चंपावत में सब्जी और अदरक की पैदावार पर किसान अच्छा कर रहे हैं।

उन्होंने डेयरी विभाग को निर्देश दिया है कि बद्री गाय पर विशेष रूप से फोकस किया जाए 100 करोड रुपए की बद्री गाय को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव और प्रोजेक्ट बनाए जाएं परियोजना निदेशक डेयरी ने बताया कि गत वर्ष डेयरी को 22 करोड रुपए मिले थे इस वर्ष ₹13 करोड़ में से ₹3 करोड़ 26 लाख खर्च हो गए हैं। उल्लेखनीय है की बद्री की महानगरों में 2500 किलो बिक रहा है इसकी की बहुत डिमांड बढ़ी है।

अपर निबंधक सहकारिता श्री आनंद शुक्ला ने जानकारी दी कि, पिछले साल सहकारिता विभाग ने ₹35 खर्च किया गया है। इस साल ₹36 करोड़ में से ₹10 करोड़ अब तक खर्च हो गए हैं साइलेज के पर्वतीय क्षेत्र में 150 सेंटर बना दिए गए हैं मार्च तक 15 हजार मैट्रिक टन साइलेंट इन सेंटरों में पहुंच जाएगा।

मंत्री डॉ रावत ने भेड़ बकरी अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकरी पालन और उनसे दूध निकालने पर विशेष ध्यान दिया जाय। मार्केट में ₹600 किलो बकरी का दूध बिक रहा है जिसे डेंगू बुखार के लिए लोग प्रयोग में कर रहे हैं। परियोजना निदेशक भेड़ बकरी डॉ अविनाश आनंद ने बताया कि 2 साल में ₹50 करोड़ उनके विभाग को आवंटित हुआ था जिसमें ₹ 36 करोड़ खर्च हो गया है।

मत्स्य की परियोजना निदेशक श्रीमती कल्पना हल्दिया ने बताया कि अब तक 4 करोड रुपए विभाग ने खर्च कर दिया है ट्राउट फिश पर पर्वतीय क्षेत्र में अधिक ध्यान दिया जा रहा है। मंत्री डॉ रावत ने बताया कि राज्य के 6 लाख किसानों को 0% ब्याज पर दीनदयाल किसान कल्याण ऋण योजना में 4 हज़ार करोड़ रुपये दिए गए हैं। जो अपने आप में बड़ा काम है उन्होंने कहा कि किसानों ने इस पैसे से अपनी आमदनी दोगुनी की है। मंत्री डॉ रावत ने कहा कि राज्य में सेब के 1000 नए बागान लगाए जाएंगे।

यूकेसीडीपी की वेबसाइट और एमआईएस का उद्घाटन एक क्लिक दबाकर सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने किया। उन्होंने वेबसाइट और एमआईएस को पूरी तरह से देखा और एक एक चीज के बारे में अधिकारियों से जानकारी हासिल की। सहकारिता विभाग के सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि वेबसाइट और एमआईएस में एमपैक्स तक को जोड़ा गया है। उन्होंने बताया वेबसाइट में समग्र रूप से परियोजना की डिटेल दी गई है। भविष्य में परियोजना क्या काम करने जा रही है और क्या काम वर्तमान में किए जा रहे हैं इसका संपूर्ण डाटा उपलब्ध है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया है ऐसे में सरकारी विभागों की वेबसाइटों का महत्व बढ़ जाता है। एक छाते के नीचे संपूर्ण जानकारियां वेबसाइट में मिल जाती हैं उत्तराखंड राज्य समेकित परियोजना – कोऑपरेटिव, भेड़ बकरी पालन , डेयरी और मत्स्य में काम कर रही है। किसानों की आमदनी 2019 से दोगुनी करने के लिए काम चल रहा है।

2022 में किन-किन किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है और राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से किसानों को क्या-क्या लाभ दिया जा रहा है उनके नाम सहित और संपूर्ण जानकारी इन वेबसाइट में मिल जाएगी।अमेरिका में बैठा हुआ व्यक्ति भी उत्तराखंड के विकास के बारे में जान सकेगा जो सहकारिता विभाग द्वारा कराया जा रहा है।

उत्तराखंड पहला राज्य है जहां पर्वतीय अंचलों में घसियारी योजना कोऑपरेटिव परियोजना सेक्टर द्वारा चलाई जा रही हैं। ताकि महिलाओं का सिर का बोझ कम हो सके, उन्हें आंगन में साइलेज मिल रहा है कहां साइलेज मिलेगा। कितना साइलेज मिल रहा है। क्या इसमें सब्सिडी है पशु इसके खाकर कितना दूध दे रहे हैं , गांव, और एम पैक्स के नाम, वैज्ञानिक ढंग से सारी रिपोर्ट और सारी जानकारियां वेबसाइट में मिल जाएंगी।वेबसाइट और एमआईएस पारदर्शिता का एक बड़ा उदाहरण है। किसी भी विभाग का वेबसाइट आईना होता है कोई भी व्यक्ति वेबसाइट से विभाग के बारे में घर बैठे जानकारी हासिल करता है और जानता है।

झनझनाहट: विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी 

झनझनाहट: विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी 

सरस्वती उपाध्याय 

हाथ और पैरों में झनझनाहट के कई कारण हो सकते हैं, जैसे विटामिन की कमी, डायबिटीज और शरीर में कॉलेस्ट्रोल का बढ़ना‌ लेकिन, आमतौर पर इस झनझनाहट का मुख्य कारण शरीर में विटामिन-बी और विटामिन-ई की कमी हो सकती है। इस कमी के कारण ही ऐसा महसूस होता है जैसे शरीर पर खासकर हाथ-पैरों पर चीटियां चढ़ रही हैं‌। इस स्थिति में ना हाथ हिलाए जाते हैं और ना ही पैर, साथ ही दर्द उठता है सो अलग।यहां जानिए इस दिक्कत को किस तरह दूर किया जा सकता है।

इस झनझनाहट को दूर करने के लिए डाइट में कुछ बदलाव करने के साथ ही जरूरी एहतियात बरते जा सकते हैं। निम्न वे टिप्स हैं जो हाथ-पैरों की सनसेशन को दूर करने में मददगार हैं।

मीट जैसे लीवर विटामिन बी का अच्छा स्त्रोत है

शाकाहारी लोगों के लिए स्प्राउट्स और वेजीटेबल ऑयल अच्छे ऑप्शन हैं।

सूरजमुखी का तेल और राजमा भी विटामिन बी की कमी पूरे करने के लिए खाए जा सकते हैं।

विटामिन ई की कमी पूरे करने के लिए खानपान में एवोकाडो को शामिल किया जा सकता है।

सूखे मेवों में भी अच्छी मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है। खासकर बादाम विटामिन ई से भरपूर होता है।

इस झनझनाहट को दूर करने के लिए हाथ या पैरों से किसी भी तरह का प्रेशर हटाएं

हाथ-पैर मोड़कर बैठने पर झनझनाहट हो तो उन्हें सीधा करें

यहां-वहां चलने की कोशिश करें

हाथों में जब चींटी चढ़ने जैसा लगे तो मुट्ठी बंद करें और फिर खोलें। ऐसा कुछ देर करके देखें, आराम महसूस होगा।

पैरों की झनझनाहट में पंजों को आगे-पीछे करें। अगर ऑक्सीजन की कमी से झनझनाहट हो रही होगी तो इस मूवमेंट से ठीक हो जाएगी।

सिर को दाएं-बाएं घुमाने पर हाथों में हो रही झनझनाहट से राहत मिल सकती है‌।

झनझनाहट होने के कुछ देर भीतर ही नहाना हो तो गर्म पानी की बजाय ठंडे पानी से नहाएं गर्माहट दर्द बढ़ाने वाली साबित हो सकती है।

जूतों को चेक करें कि कहीं जूते टाइट होने की वजह से रक्त प्रवाह अवरुद्ध होकर झनझनाहट तो नहीं हो रही।

49 वर्ष की उम्र में भी बेहद खूबसूरत लगती है ऐश्वर्या 

49 वर्ष की उम्र में भी बेहद खूबसूरत लगती है ऐश्वर्या 

कविता गर्ग 

मुंबई। ऐश्वर्या राय इस दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में से एक हैं और उन्‍हें देखकर हर कोई समझ जाता है कि उन्‍हें आज भी इतने सालों बाद भी विश्‍व सुंदरी कहा जाता है। हर कोई ऐश्वर्या की खूबसूरती का दीवाना है और उनका जलवा सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैला हुआ है। ऐश्‍वर्या 49 की हो चुकी हैं। लेकिन उन्‍हें देखकर आपको लगेगा कि उनकी खूबसूरती दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। वहीं ऐश्वर्या एक बेटी की मां भी हैं और मां बनने के बाद अक्‍सर देखा जाता है कि औरते अपने ऊपर ध्‍यान नहीं देती हैं या उनका फिगर मेंटेन नहीं रहता है या अपनी केयर ना कर पाने की वजह से उनका चार्म कम होता जा रहा है लेकिन ऐश्वर्या के मामले में ऐसा नहीं है।

ऐश्वर्या उन मांओं में से एक हैं जो अपनी बेटी की परवरिश के साथ-साथ अपने करियर और हेल्‍थ को भी तवज्‍जो देती हैं। अगर आप भी ऐश्‍वर्या राय की तरह 40’s में भी फिट, यंग और हेल्‍दी दिखना चाहती हैं तो हम आपको उनकी लाइफ के कुछ राज बता रहे हैं। ऐश्‍वर्या के इन टिप्‍स को अपनाकर हर मां खुद को मेंटली और फिजिकली फिट और स्‍वस्‍थ रख सकती है।

अपनी ब्‍यूटी को मेंटेन रखने को लेकर ऐश्‍वर्या कहती हैं कि आपको हमेशा ढेर सारा पानी पीना चाहिए। स्किन और बालों के लिए विटामिन से भरपूर लेकिन सादा खाना खाएं। ऐश्‍वर्या कहती हैं कि वो हर मां और अपनी खुद की बेटी को भी यही सलाह देती हैं कि वो खुद रहे। इससे वो अंदर और बाहर दोनों तरफ से एक सुंदर इंसान बनेगी।

ऐश्‍वर्या अपनी मेंटल हेल्‍थ के लिए अरोमाथेरेपी पर बहुत विश्‍वास करती हैं। इससे नाक के स्‍मेल रिसेप्‍टर्स उत्तेजित होते हैं जो नर्वस सिस्‍टम से इमोशंस को कंट्रोल करने वाले दिमाग के लिंबिक सिस्‍टम को मैसेज पहुंचाते हैं।

ऐश्‍वर्या एसेंशियल ऑयल्‍स में चंदन को त्वचा के लिए बहुत अच्छा मानती हैं, कैमोमाइल या लैवेंडर को तनाव को दूर करने के लिए और नीलगिरी या लेमनग्रास इम्‍यूनिटी में सुधार करने के लिए है।

ऐश्‍वर्या मानती हैं कि रेड लिपस्टिक आपको किसी भी उम्र में अट्रैक्टिव बनाने का गुण रखती है। रेड लिपस्टिक लगाने के बाद आपको लोगों की अटेंशन मिलती है और अगर आप अपने पति को रिझाना चाहती हैं या बच्‍चे होने के बाद अपनी मैरिड लाइफ में प्‍यार को वापिस लाना चाहती हैं तो रेड लिपस्टिक को ट्राई कर सकती हैं।

जनपद में कोई पशु 'एलएसडी' बीमारी से ग्रसित नहीं

जनपद में कोई पशु 'एलएसडी' बीमारी से ग्रसित नहीं

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। जनपद में पशुओं में भयानक रूप से फैली एलएसडी बीमारी पर प्रशासन ने पूर्ण रूप से नियत्रण पा लिया है। अब जनपद में कोई पशु इस बीमारी से ग्रसित नहीं रहा है। चिकित्साधिकारी डा. दिनेश कुमार ने बताया कि जनपद में एलएसडी बीमारी से कोई नया पशु ग्रसित नही पाया गया। पूर्व से ग्रसित पशुओं में से 14683 पशु स्वस्थ हो गये हैं। यह बीमारी एक संक्रामक रोग विषाणुजनित बीमारी है, अधिकांशत: यह बीमारी गोवंशीय पशुओं में पायी जाती है, रोग का संचारण, फैलाव, प्रसार पशुओं में मक्खी, चीचडी एवं मच्छरों के काटने से होता है।

इस बीमारी से प्रभावित पशुओं को बुखार होना, पूरे शरीर में जगह-जगह नोड्यूल, गांठों का उभरा हुआ दिखाई देना है। बीमारी से ग्रसित पशुओं में मृत्यु दर अनुमानित 1 से 5 प्रतिशत है। एलएसडी बीमारी से प्रभावित ग्रामों को छोड़कर आज तक कुल 248000 पशुओं में गोट पाक्स वैक्सीन का टीकाकरण किया गया। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बीमारी पर नियंत्रण है। सभी ग्रामवासी धैर्य बनाकर रखें, पैनिक होने की आवश्यकता नही है।

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...