शनिवार, 29 अक्टूबर 2022

परिवार के साथ वेकेशन एंजॉय कर रही हैं ईशा

परिवार के साथ वेकेशन एंजॉय कर रही हैं ईशा

कविता गर्ग 

मुंबई। ईशा देओल इन दिनों परिवार के साथ वेकेशन एंजॉय कर रही हैं। एक्ट्रेस ने वेकेशन की फोटो और वीडियोज शेयर की है। वह अपने पति भरत तख्तानी और अपनी बेटियों राध्या और मिराया के साथ एक द्वीप पर एक यादगार समय बिता रही हैं। ईशा ने शुक्रवार को अपनी बेटियों के साथ एक रील शेयर की, जिसमें वह सन बाथ ले रही हैं और समंदर के पानी में बच्चियों के साथ मस्ती कर रही हैं। वीडियो में उनकी हंसी, उनकी खुशी बयां कर रही है।

ईशा देओल पति भरत तख्तानी और बेटियों राध्या और मिराया के साथ एक द्वीप पर यादगार समय बिता रही हैं। ईशा ने एक रील शेयर की, जिसमें वह सन बाथ ले रही हैं और समंदर के पानी में बच्चियों के साथ मस्ती कर रही हैं। वीडियो में उनकी हंसी, उनकी खुशी बयां कर रही है। ईशा ने अपने आस-पास की खूबसूरत प्राकृतिक झलक भी शेयर की है। ईशा देओल इस हफ्ते की शुरुआत में बीच डेस्टिनेशन के लिए गई थी। उन्होंने अपने फैंस को हैप्पी हॉलिडे की शुभकामनाएं दीं और अपने कैप्शन में ट्रैवल डायरीज और वांडरलस्ट जैसे हैशटैग शेयर किए।

मानवता के लिए गंभीर खतरों में से एक 'आतंकवाद'

मानवता के लिए गंभीर खतरों में से एक 'आतंकवाद'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/लंदन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है। दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया।

विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है। उन्होंने कहा कि यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।जयशंकर ने कहा कि इसके बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी रिपोर्टों में बार-बार उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए किया जा रहा है। विदेश मंत्री ने आतंकवादी समूहों द्वारा नयी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच ‘‘आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं।

जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। उन्होंने कहा कि वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जयशंकर  ने कहा कि रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

नई प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग की चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास जरूरी : गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आतंकवादी समूहों द्वारा दुष्प्रचार के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की चुनौती से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयासों का शनिवार को आह्वान किया। दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को दिए एक संदेश में गुतारेस ने विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा दुष्प्रचार करने, संघर्ष भड़काने और युवाओं को कट्टर बनाने के लिए नई तकनीकों के दुरुपयोग पर चिंता जताई।

दिल्ली में आतंकवाद रोधी बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। गुतारेस के संदेश को वैश्विक निकाय के एक अधिकारी ने पढ़ा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में हर जगह मानवीय स्थितियों में सुधार करने की बेजोड़ क्षमता है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि विद्वेषपूर्ण उद्देश्य रखने वाले व्यक्तियों सहित कई लोगों द्वारा इनका दुरुपयोग भी किया गया है। उन्होंने कहा कि घृणास्पद विचारधारा वाले आतंकवादी और अन्य लोग नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग करके दुष्प्रचार कर रहे हैं, संघर्ष भड़का रहे हैं, युवओं को भर्ती कर रहे हैं और कट्टरपंथी बना रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और हमले कर रहे हैं।

गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इस तरह के दुरुपयोग के कई जोखिमों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में सभी मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए हमें इन जोखिमों को कम करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह केवल प्रभावी बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल्यों और दायित्वों और मानवाधिकारों संबंधी सार्वभौमिक घोषणा के अनुरूप है।

प्रत्येक जिले में साइबर क्राइम थाने की स्थापना, निर्देश

प्रत्येक जिले में साइबर क्राइम थाने की स्थापना, निर्देश

संदीप मिश्र 

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गृह विभाग के साथ बैठक में प्रदेश के प्रत्येक जिले में साइबर क्राइम थाने की स्थापना का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए अब यह समय की मांग है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में साइबर सिक्योरिटी अहम विषय है। पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाना की स्थापना की आवश्यकता है। इस बारे में यथाशीघ्र विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फ़रोख़्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इंटेलिजेंस को और बेहतर करना होगा। अंतरराज्यीय व अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। गृह विभाग के साथ-साथ नगर विकास व ग्राम्य विकास विभाग को भी इस अभियान में सहयोग करना होगा। बेहतर समन्वय के साथ ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

उत्तर प्रदेश, नेपाल राष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार और दिल्ली से अपनी सीमा साझा करता है। विकास और सुरक्षा के दृष्टि से सीमा प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। सीमावर्ती जिलों में थाना, तहसील, विकास खंड सहित जिला प्रशासन में युवा, विजनरी, और ऊर्जावान अधिकारियों की तैनाती की जाए। यहां सभी विभागों में पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता रहे।

सभी सीमावर्ती जनपदों में केंद्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं का 100 प्रतिशत संतृप्तिकरण सुनिश्चित करें। हर पात्र जरूरतमंद को सरकार की योजनाओं का लाभ जरूर मिले। इन जिलों में योजनाओं की प्रगति की अलग से समीक्षा की जानी चाहिए। सीमावर्ती जनपदों में समीपवर्ती राज्य/राष्ट्र से आवागमन होता रहता है। ऐसे में यह जिले अन्य राज्य/राष्ट्र के लिए हमारे ब्रांड एम्बेसेडर सरीखे होते हैं। 

यह आवश्यक है कि यहां प्रशासन का व्यवहार सहयोगपूर्ण हो। इन जिलों में मंडी, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, अच्छे स्कूल, बेहतर परिवहन व्यवस्था होनी चाहिए। इस दिशा में नियोजित प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों में प्रदेश की पुलिस व एसएसबी के दल के साथ जॉइन्ट पेट्रिलिंग कराई जाए। एसएसबी के साथ बेहतर समन्वय बनाये रखें।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत मॉडर्न कंट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केंद्र, सीसीटीवी कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है।

उन्होंने कहा कि हाल के समय में महिला सुरक्षा व अपराध नियंत्रण में सीसीटीवी कैमरों की महत्वपूर्ण भूमिका का हम सभी ने अनुभव किया है। वर्तमान में स्मार्ट सिटी परियोजना अंतर्गत स्थापित इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। बड़ी संख्या में व्यापारीगणों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने में सहयोग किया है। हमें इसे एक मुहिम का रूप देना होगा। अंतर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबंधन करते हुए अधिकाधिक शहरों को सेफ सिटी बनाने की।कोशिश करनी होगी। गृह, नगर विकास, आवास, संस्थागत वित्त और राज्य कर विभाग परस्पर बैठक कर जनसहयोग के माध्यम से सभी सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे, पिंक टॉयलेट, बसों में पैनिक बटन आदि सुरक्षा प्रबंध करने की कार्ययोजना तैयार करें।

सेफ सिटी परियोजना की उपयोगिता को देखते हुए सभी नगर निगमों तक इसका विस्तार किया जा सकता है। इस संबंध में कन्वर्जेंस को आधार बनाकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए। उत्तर प्रदेश पुलिस देश का सबसे बड़ा नागरिक पुलिस बल है। उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी प्रोफेशनल दक्षता, योग्यता और कार्यकुशलता के लिए आज देश-दुनिया में सराहना प्राप्त कर रही है। पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जायें। उपकरण की जरूरत हो या ट्रेनिंग की, सभी आवश्यकताओं की पूर्ति तत्काल कराई जाए।

लखनऊ में निर्माणाधीन फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट के कार्य में तेजी की अपेक्षा है। गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक यूनिवेसर्टी के सहयोग से यहां के लिए सर्टिफिकेट, डिप्लोमा व डिग्री पाठ्यक्रम तैयार कराये जाएं। अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने की व्यवस्था को और व्यवहारिक बनाए जाने के लिए इसमें बदलाव की आवश्यकता है। इसके साथ-साथ अन्य आवश्यक बदलावों को अंगीकार करते हुए फायर एक्ट को और बेहतर बनाया जाना चाहिए।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-384, (वर्ष-05)

2. रविवार, अक्टूबर 30, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:25, सूर्यास्त: 05:44। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022

लखनऊ में 110 स्‍थानों पर छठ पर्व का आयोजन

लखनऊ में 110 स्‍थानों पर छठ पर्व का आयोजन 

संदीप मिश्र 

लखनऊ। छठ पूजा कार्तिक माह की शुक्ल-पक्ष को की जाती है, इस बार छठ पूजा 30 अक्टूबर को है। लखनऊ इसके लिए सज कर तैयार हो चुका है। लखनऊ में छठ पूजा का सबसे बड़ा आयोजन लक्ष्मण मेला मैदान पर होता है। यही वजह है कि इन दिनों लक्ष्मण मेला मैदान पर तैयारियां जोरों पर हैं। लोग अपने नाम से पिंडिया बनवा रहे हैं और उस पर अपना नाम लिखवा रहे हैं। कई लोग पिंडियों की बुकिंग भी कर रहे हैं। बता दें कि लखनऊ में 110 स्‍थानों पर छठ पर्व का आयोजन होगा। इस दौरान सीएम योगी भी लक्ष्मण मेला मैदान में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होंगे।

शुक्रवार से नहाए खाए के साथ छठ पूजा का महापर्व शुरू हो गया है, जिसमें पूरे परिवार के साथ स्नान करने के बाद शुद्ध शाकाहारी भोजन खाया जाता है। इसके बाद 29 तारीख को खरना होगा, जिसमें प्रसाद बनाया जाता है और व्रत शुरू किया जाता है। जबकि 30 तारीख को संध्या अर्घ्य होगा। इस दौरान डूबते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाता है और रात भर गोमती नदी के किनारे यानी लक्ष्मण मेला मैदान पर अपनी अपनी पिंडियों के पास परिवार समेत लोग बैठ कर रात भर छठी मईया के गीत गाते हैं। वहीं, 31 तारीख को उगते हुए सूर्य को जल देकर इस पूरे व्रत का समापन किया जाता है‌ इसमें महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखती हैं और कमर तक के पानी में उतर कर सूर्य देवता को अर्घ्य देती हैं।

लखनऊ में 110 जगहों पर होगा आयोजन...
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि 30 तारीख को दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम लक्ष्मण मेला पार्क पर शुरू हो जाएंगे। इस बार मुंबई से गायक सुरेश शुक्ला आ रहे हैं, जो कि छठी मईया के गीत गाएंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। लखनऊ में 110 जगहों पर इस पूजा का आयोजन किया जाएगा और लखनऊ में करीब 10 लाख लोग इस पूजा में शामिल होंगे। लक्ष्मण मेला पार्क में उन्होंने 1984 में पहली बार इस पूजा की लखनऊ में नींव रखी थी और इसी के बाद यह कारवां बढ़ता चला गया। उन्होंने बताया कि इसे महापर्व इसीलिए कहा जाता है। क्योंकि इसमें 36 घंटे का व्रत होता है और यह लगभग 4 दिन तक लगातार चलता है।

दीपावली पर कई प्रतिभाओं को सम्मानित किया 

दीपावली पर कई प्रतिभाओं को सम्मानित किया 


दीपावली पर कई प्रतिभाएं हुई शकुंतला गुप्ता सम्मान से सम्मानित 

गोपीचंद 

बागपत। दीपावली पर कई प्रतिभाओं को शकुंतला रानी गुप्ता सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समाज सेविका स्वर्गीय शकुंतला रानी गुप्ता की स्मृति में प्रदान किया जाता है। वह एक धार्मिक प्रवर्ति की महिला थी और उनका संपूर्ण जीवन धर्म-ध्यान और समाज के गरीब, मजदूर व दीन-दुखियों की सेवा करने में व्यतीत हुआ। उनके संस्कारी और परोपकारी जीवन से प्रेरणा लेकर आज उनके पति जमनादास गुप्ता जो कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सेवानिवृत्त जनरल मैनेजर है तथा उनके पुत्र अनिल गुप्ता जो कि रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं, वह भी सामाजिक व धार्मिक कार्यों में लगे हुए हैं।

समाज के हर क्षेत्र में उनका काफी योगदान रहता है। उनका कहना है कि समाज में अच्छा कार्य करने वाले लोगों का उत्साह बढ़ाने के लिए हमें उन्हें सम्मानित करना चाहिए, ताकि अन्य लोग भी उनके कार्यों से प्रेरणा ले सकें। यह सम्मान उनके प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें सोशल वर्कर विपुल जैन द्वारा अपने आवास पर प्रदान किया गया।

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं

'समाधान दिवस' में फरियादियों की समस्याएं सुनीं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर थाना खालापार पर आय...