शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022

30 को अफ्रीका के खिलाफ उतरेगी भारतीय टीम

30 को अफ्रीका के खिलाफ उतरेगी भारतीय टीम

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय टीम अपने तीसरे मुकाबले में 30 अक्टूबर को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उतरेगी। इस टूर्नामेंट में अबतक टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका का प्रदर्शन काफी शानदार रहा है। जहां टीम इंडिया अपनी शुरूआती दोनों मुकाबले जीतकर ग्रुप बी के टॉप पर है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भी अपने पिछले मुकाबले में बांग्लादेश को 104 रनों के बड़े अंतर से हराया है।

वहीं, भारतीय टीम के इस बड़े मुकाबले से पहले भारत के पूर्व दिग्गज और बर्ल्ड विनिंग कप्तान कपिल देव ने खास सलाह दी है और बताया है कि इस मैच से पहले टीम इंडिया को किस कमजोरी को दूर करना होगा। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में मुकाबले से पहले पूर्व दिग्गज कपिल देव ने कहा कि ‘भारतीय टीम की बॉलिंग बेहतर हुई है। मुझे बल्लेबाजी में लगता है और स्कोर बन सकता था। ऑस्ट्रेलिया में मैदान बड़े हैं तो स्पिनर थोड़े फायदे की स्थिति में हैं। पर मुझे लगता है कि हम गेंदबाजी में थोड़े बहुत कमतर हैं और इसपर काम करने की जरूरत है।

कपिल ने कहा कि ‘नीदरलैंड जैसी टीम के खिलाफ आपके पास सही योजना चाहिए। ऐसे मैचों में नो बॉल और वाइड बॉल नहीं होना चाहिए। कुल मिलाकर मैं कहूंगा कि गेंदबाजी अच्छी थी लेकिन कुछ कमियां थी, जो दिखाई दे रही थी।वहीं, कपिल देव ने भारत के कप्तान रोहित शर्मा को लेकर कहा कि ‘भारत अभी भी चाहता है कि उनके कप्तान रोहित शर्मा थोड़ा कॉम्पैक्ट हो और राहुल रन बनाए’। वहीं उन्होंने कहा कि विराट कोहली को एंकर की भूमिका निभानी चाहिए। वह मैच में बाद में तेजी से रन गति को बढ़ा सकते हैं। वहीं कोहली पूरे 20 ओवर खेलते हैं, तो टीम किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकती है।

मुजफ्फरनगर: वायु में प्रदूषण 258 एक्यूआई पर पहुंचा

मुजफ्फरनगर: वायु में प्रदूषण 258 एक्यूआई पर पहुंचा

भानु प्रताप उपाध्याय 

मुजफ्फरनगर। जनपद में दिवाली पर हुई आतिशबाजी व हरयाणा, पंजाब व पश्चिम उत्तर प्रदेश में जलाई जा रही पराली से निकले विषेले धूंए से प्रतिदिन हवा जहरीली होती जा रही है। जिसकी वजह से एक दो दिन छोड दे तो पिछले एक हफ्ते से लोग दम धोटू हवा में सांस लेने को मजबूर है। प्रदूषण विभाग की तमाम कोशिशों के बावजूद भी प्रदूषण के ग्राफ में कोई कमी नहीं आ रही है। जनपद में शुक्रवार को वायु में प्रदूषण 258 एक्यूआई पर पहुंच गया है। हालांकि एक दिन पहले गुरुवार को जनपद में वायु में प्रदूषण की मात्रा 128 एक्यूआई दर्ज किया गया था। जो की बेहतर स्थिति में था। लेकिन एक बार फिर वायू में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगी है। इसका असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है। जिला अस्तताल में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। खास कर सांस के रोगियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जिसके चलते लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कतों हो रही है। टीबी के मरीजों की भी संख्या बढ़ रही है। लगातार बढ़ रहें प्रदूषण की रोकथाम में प्रदूषण विभाग नाकामयाब रहा है। तमाम योजनाओं फैल साबित हो रही है। हालांकि बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए विभाग ने इन आठ दस दिनों में ताबतोड़ कार्रवाई भी की। इस दौरान पेपरमिलों का निरीक्षण किया जा रहा है। दिल्ली से भी एनजीटी की टीम ने निरीक्षण किया। बावजूद इसके प्रदूषण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बढ़ते प्रदूषण ने विभाग की भी सांसे फूला दी है। वही विभाग द्वारा लगातर नगर में पानी का छिड़काव करा रहा है। लेकिन रोड किनारे पडे सिमेंट व बालू से उडने वाला डस्ट लोगों की आंखों का जला रहा है।

शहर में मेरठ रोड, रूडकी रोड, भोपा रोड, जानसठ रोड, शामली रोड आदि मार्गों पर भारी भीड़ रहती है। और यहां जगह-जगह बालू के ठेर लगे हुए है। जिसके चलते धूल उड़ने से वायू प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है। लेकिन विभाग ने अभी तक इन लोगों के लिए कई गाइडलाइन जारी नहीं की। हांलाकि गत वर्ष विभाग ने रोड किनारे सिमेंट व बालू की बिक्री पर रोक लगा दी थी। लेकिन इस बार लगातार बढ़ रहें प्रदूषण को लेकर विभाग ढूलमूल कार्रवाई कर रहा है।

पूजा: सिंह को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई दी

पूजा: सिंह को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई दी


महादेव घाट छठ महापर्व नहाय खाय के साथ प्रारंभ

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। चार दिवसीय छठ पूजा शुक्रवार को नहाय खाय विधि के साथ कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, अक्टूबर 28, शुक्रवार से प्रारम्भ हो गई है। छठ व्रती नहाए-खाय के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया और साफ-सुथरे कपड़े पहनकर शाकाहारी भोजन किया। लोहंडा एवं खरना कल शनिवार संध्या  29 अक्टूबर को होगा। शनिवार को लोहंडा एवं खरना विधान के बाद छठ व्रती का 36 घंटे के निर्जला उपवास प्रारम्भ हो जायेगा। संध्या अर्घ्य रविवार 30 अक्टूबर को होगा और उषा अर्घ्य सोमवार 31 अक्टूबर को होगा। 

महादेव घाट छठ महापर्व आयोजन समिति रायपुर के  प्रमुख राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चार दिवसीय छठ महापर्व शुक्रवार को नहाय-खाय से प्रारंभ हुआ। इस वर्ष अक्टूबर 28 से 31 तक पूरे भारत सहित विश्व में छठ महापर्व हर्षोल्लास एवं परम्परा के साथ मनाया जा रहा है।  इस वर्ष भी महादेव घाट पर समिति के द्वारा 30 अक्टूबर को सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित की जाएगी। छत्तीसगढ़ के स्थानीय एवं भोजपुरी कलाकार के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी। छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार दिलीप षड़ंगी, भोजपुरी कलाकार एवं सुर संग्राम विजेता मोहन राठौर,भोजपुरी कलाकार प्रियंका पांडेय,अंतर्राष्ट्रीय नृत्य नाटिका प्रसिद्ध सोनाली और तरुण चोपड़ा ग्रुप के कलाकार नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे। समिति के द्वारा 30 अक्टूबर को खारुन नदी के महादेव घाट पर भव्य संध्या आरती आयोजित की जाएगी। समिति के द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन 31 अक्टूबर की सुबह महादेव घाट पर किया जायेगा।

छठ महापर्व आयोजन समिति महादेव घाट रायपुर के सदस्यों ने आयोजन प्रमुख राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में लगातार तीसरे  दिन भी दिनांक 28 अक्टूबर शुक्रवार सुबह को खारुन नदी एवं महादेव घाट की सफाई की।  समिति के सदस्य आज सुबह ६ बजे महादेव घाट पहुंचे और अपना श्रम दान कर खारुन नदी के किनारे घाट की सफाई की।  बड़ी मात्रा में खारुन नदी से कचड़े निकाले और घाट की सफाई की। इस सफाई अभियान में रायपुर नगर निगम के सफाईकर्मी भी महादेव घाट कि सफाई कर रहे हैं। 

शुक्रवार को महादेव घाट छठ महापर्व आयोजन समिति के संचालक साथी आर पी सिंह जो कि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता है। उनका जन्मदिन भी समिति के साथियों महादेव घाट पर धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर महादेव घाट आयोजन समिति के संचालक साथी भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने आर पी सिंह को केक खिलाकर जन्मदिन की बधाई दी। समिति के प्रमुख राजेश कुमार सिंह, समिति के सदस्य रविन्द्र सिंह, परमानन्द सिंह, अजय शर्मा, जयंत सिंह,  सुनील सिंह, रामकुमार सिंह, सत्येंद्र सिंह गौतम, शशि सिंह, बृजेश सिंह, रामविलास सिंह,  कन्हैया सिंह, अमरजीत सिंह, संतोष सिंह,  जयप्रकाश सिंह, मुकुल श्रीवास्तव, चंद्रशेखर सिंह, सरोज सिंह, संजय सिंह, वेद नारायण, अनिल सिंह, मदन विश्वकर्मा, संजय तिवारी, संजीव सिंह, राकेश सिंह, एवं अन्य सदस्यों ने अपना श्रम दान दिया और घाट की सफाई की।   

राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन और रायपुर नगर निगम के सहयोग से महादेव घाट की सफाई की जा रही है और महादेव घाट को सजाया जा रहा है। रायपुर शहर में 50 से अधिक तालाबों के किनारे छठ मनाया जा रहा है।पार्किंग, लाइटिंग, एवं व्रती के लिए हर तरह की सुविधा की व्यवस्था समिति के द्वारा महादेव घाट पर किया जा रहा है। इस वर्ष एक लाख से अधिक श्रद्धालु महादेव घाट पर जुटेंगे।  

राजेश कुमार सिंह ने आगे बताया कि छठ महापर्व उत्तर भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है। छठ पर्व ही दुनिया का मात्र एक पर्व है जिसमें डूबते सूर्य एवं उगते सूर्य की पूजा की जाती है। छठ पर्व को षष्ठी पूजा एवं सूर्य षष्ठी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष के षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है। त्यौहार और व्रत के अनुष्ठान कठोर हैं और चार दिनों की अवधि में मनाए जाते हैं। छठ पर्व सूर्यदेव की उपासना और छठी मैया का पूजा करने का महापर्व है। इस पर्व पर उगते और डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। छठ पूजा पर छठी मैया की पूजा और लोकगीत गाया जाता है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार छठ देवी भगवान ब्रह्माजी की मानस पुत्री और सूर्यदेव की बहन हैं।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ब्रह्माजी ने सृष्टि रचने के लिए स्वयं को दो भागों में बांट दिया, जिसमें दाहिने भाग में पुरुष और बाएं भाग में प्रकृति का रूप सामने आया। सृष्टि की अधिष्ठात्री प्रकृति देवी ने अपने आपको छह भागों में विभाजित किया। इनके छठे अंश को सर्वश्रेष्ठ मातृ देवी या देवसेना के रूप में जाना जाता है। प्रकृति का छठा अंश होने के कारण इनका एक नाम षष्ठी है, जिसे छठी मैया के नाम से जाना जाता है। शिशु के जन्म के छठे दिन भी इन्हीं की पूजा की जाती है। इनकी उपासना करने से बच्चे को स्वास्थ्य,सफलता और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। बिहार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग जिस देश एवं राज्यों में जाकर बसे वहां भी अपनी संस्कृति को आज भी बचाये हुऐ हैं। छठ महापर्व नेपाल, फिजी, मॉरिशस, सूरीनाम, गुयाना एवं अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

29 को 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण होगा

29 को 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा का लोकार्पण होगा

नरेश राघानी 

जयपुर। राजस्थान में राजसमंद जिले के नाथद्वारा कस्बे में निर्मित 369 फुट ऊंची शिव प्रतिमा ‘विश्वास स्वरूपम’ का लोकार्पण (29 अक्टूबर) शनिवार को होगा। दावा है कि भगवान शिव की अल्हड़ व ध्यान मुद्रा वाली यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा है। लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कथावाचक मुरारी बापू, योग गुरु बाबा रामदेव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सी.पी. जोशी भी मौजूद रहेंगे।

प्रतिमा का निर्माण तत पदम संस्थान द्वारा किया गया है। संस्थान के ट्रस्टी और मिराज समूह के अध्यक्ष मदन पालीवाल ने कहा कि प्रतिमा के उद्घाटन के बाद 29 अक्टूबर से छह नवंबर तक नौ दिनों तक धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस दौरान मुरारी बापू राम कथा का पाठ भी करेंगे। कार्यक्रम के प्रवक्ता जयप्रकाश माली ने कहा कि नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर 51 बीघा की पहाड़ी पर बनी इस प्रतिमा में भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में हैं।

माली ने दावा किया, ‘विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा की अपनी एक अलग ही विशेषता है। 369 फुट ऊंची यह प्रतिमा विश्व की अकेली ऐसी प्रतिमा होगी, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है।’ इस परियोजना की नींव अगस्त 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मुरारी बापू की उपस्थिति में रखी गई थी। यह स्थान उदयपुर शहर से लगभग 45 किलोमीटर दूर है।

630.14 करोड़ की राशि का सहायता पैकेज घोषित

630.14 करोड़ की राशि का सहायता पैकेज घोषित 

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य के आठ लाख से अधिक किसान खातेदारों के व्यापक हित में महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए 630.14 करोड़ रुपए की राशि का सहायता पैकेज घोषित किया है। कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने शुक्रवार को राज्य सरकार द्वारा घोषित इस सहायता पैकेज की विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस सहायता पैकेज के अंतर्गत यह निर्धारित किया गया है कि जिन किसानों की फ़सलों को 33 प्रतिशत या इससे अधिक नुक़सान हुआ है।

उन्हें केले की फ़सल के अलावा अन्य कृषि फ़सलों के लिए एसडीआरएफ तथा राज्य के बजट से प्रति हेक्टेयर 6800 रुपए सहायता राशि अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा के भीतर प्रदान की जाएगी जबकि इस पैकेज के तहत केले की फ़सल को हुए नुक़सान के लिए अधिकतम दो हेक्टेयर की सीमा के भीतर प्रति हेक्टेयर कुल 30,000 रुपए की सहायता (एसडीआरएफ बजट से 13500 रुपए प्रति हेक्टेयर तथा इसके अलावा स्टेट बजट से 16500 रुपए प्रति हेक्टेयर की अतिरिक्त सहायता) इस पैकेज में प्रदान की जाती है।

उन्होंने कहा कि जिन मामलों में भूमिधारक के आधार पर एसडीआरएफ मानदंडों के अनुसार देय सहायता राशि चार हज़ार रुपए से कम होती है तो इन मामलों में भी कम से कम चार हज़ार रुपए की सहायता राशि देने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। ऐसे मामलों में एसडीआरएफ से उपलब्ध सहायता के अतिरिक्त देय सहायता राशि का भुगतान राज्य के बजट से किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को इस पैकेज का लाभ तुरंत और अविलम्ब मुहैया कराने तथा समग्र कार्यवाही ऑनलाइन करने हेतु सरकार द्वारा डिजिटल गुजरात माध्यम पर कृषि राहत पैकेज पोर्टल शुरू करने तथा इसके लिए किसानों द्वारा आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ निकटस्थ ई-ग्राम केन्द्र पर ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था की गई है।

पैकेज का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को निर्धारित आवेदन पत्र में ग्राम नमूना संख्या 8-ए, पटवारी बुवाई प्रमाणपत्र / ग्राम नमूना संख्या 7-12, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर, इाईएफएससी कोड तथा नाम को दर्शाने वाली बैंक पासबुक के काग़ज़ों की प्रति तथा संयुक्त खाते के मामले में संयुक्त खाताधारकों में से किसी एक के लाभ के लिए अन्य धारक द्वारा हस्ताक्षरित अनापत्ति पत्र आदि साहित्यिक विवरण के साथ तहसील विकास अधिकारी को निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन आवेदन करवाना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि किसानों को आवेदन के लिए किसी शुल्क का भुगतान या ख़र्च नहीं करना होगा। इसका समस्त ख़र्च राज्य सरकार उठाएगी। राज्य में वर्ष 2022 की ख़रीफ़ ऋतु में भारी वर्षा के कारण किसानों की फ़सल को हुए नुक़सान में सहायक होने के उदार दृष्टिकोण से यह सहायता पैकेज घोषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष भारी वर्षा के कारण 14 ज़िलों में खेतों में पानी भर जाने के कारण फ़सलों को व्यापक नुक़सान हुआ था।

राज्य सरकार को छोटा उदेपुर, नर्मदा, पंचमहाल, नवसारी, वलसाड, डांग, तापी, सूरत, कच्छ, जूनागढ, मोरबी, पोरबंदर, आणंद, खेडा ज़िलों की कुल 50 तहसीलों के 2554 गाँवों में फ़सल नुक़सान संबंधी रिपोर्ट्स सम्बद्ध ज़िला प्रशासन के माध्यम से मिली थी। मुख्यमंत्री ने इन रिपोर्ट्स का व्यापक आकलन किया तथा किसानों, किसान संगठनों एवं जनप्रतिनिधियों की मांग-प्रस्तुतियों के संदर्भ संवेदनापूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए 630.34 करोड़ रुपए की राशि के यह सहायता पैकेज की घोषणा की है। इस सहायता पैकेज का राज्य में लगभग 9.12 लाख हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में आठ लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।

ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं: एआईसीटीई

ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं: एआईसीटीई

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने शुक्रवार को कहा कि विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से ‘एडटेक’ कंपनियों द्वारा पेश ऑनलाइन पीएचडी पाठ्यक्रम मान्य नहीं हैं। यूजीसी और एआईसीटीआई ने छात्रों के लिए इस साल दूसरी बार ऐसी चेतावनी जारी की है। इस साल की शुरुआत में यूजीसी और एआईसीटीई ने अपने मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों और संस्थानों को एड-टेक कंपनियों के सहयोग से दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश के प्रति आगाह करते हुए कहा था मानदंडों के अनुसार, कोई फ्रैंचाइजी समझौता स्वीकार्य नहीं है।

यूजीसी और एआईसीटीआई की ओर से जारी संयुक्त बयान के मुताबिक पीएचडी डिग्री प्रदान करने के मानकों को बनाए रखने के लिए, यूजीसी ने यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री प्रदान करने हेतु न्यूनतम मानक एवं प्रक्रिया) विनियमन 2016 को अधिसूचित किया है। पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए सभी उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) के लिए यूजीसी की ओर से जारी विनियमन और इसके संशोधनों का पालन करना अनिवार्य है।

बयान में कहा गया है कि छात्रों और आम लोगों को सलाह दी जाती है कि वे विदेशी शिक्षण संस्थानों के सहयोग से एडटेक कंपनियों की तरफ से दिए गए ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों के विज्ञापनों के बहकावे में न आएं। आदेश के अनुसार ऐसे ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रम यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं हैं। इच्छुक छात्रों और आम लोगों से अनुरोध है कि दाखिला लेने से पहले यूजीसी विनियमन 2016 के अनुसार पीएचडी कार्यक्रमों की प्रामाणिकता सत्यापित करें।

झाड़ियों के किनारे पड़ा हुआ मिला 'वृद्धा' का शव 

झाड़ियों के किनारे पड़ा हुआ मिला 'वृद्धा' का शव 

पंकज कपूर 

हल्द्वानी। बनभूलपुरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों के किनारे एक वृद्धा का शव पड़ा हुआ मिला। सूचना पर पहुंची बनभूलपुरा पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन के समीप झाड़ियों में एक वृद्ध महिला का शव मिला था। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना तुरंत बनभूलपुरा थाने को दी। सूचना पर एसआई मनोज यादव मय टीम के साथ मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लिया। मृतका महिला की शिनाख्त 75 वर्षीय कलावती पत्नी रामस्वरूप जवाहरनगर वार्ड नंबर 15 बनभूलपुरा के रूप में हुई।

पुलिस ने घटना की सूचना महिला के परिजनों को दी। सूचना मिलते ही मृतका के परिजन भी घटनास्थल पर पहुंच गए। परिजनों द्वारा बताया जा रहा कि बुजुर्ग महिला बीते गुरूवार को बिना कुछ कहे घर से चली गई थी। आज उनका शव यहां रेलवे स्टेशन के पास झाड़ियों से बरामद हुआ है। मृतका बुजुर्ग महिला की आंख में चोट के निशान भी मिले है। एसआई मनोज यादव ने कहा महिला की हत्या हुई या किसी अन्य कारणों से मौत हुई है यह अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट पता चल पायेगा।

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...