शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2022

कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है

कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आंतरिक सुरक्षा के लिए सभी राज्यों से एक साथ मिलकर काम करने पर जोर देते हुए शुक्रवार को कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है। अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से यहां सभी राज्यों के गृह मंत्रियों के लिए आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक-दूसरे से सीखना चाहिए, प्रेरणा लेनी चाहिए और आंतरिक सुरक्षा के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए।

मोदी ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का एक साथ मिलकर काम करना संवैधानिक आदेश के साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है। सभी एजेंसियों को कार्य क्षमता, बेहतर परिणाम और आम आदमी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति संविधान के अनुसार राज्य का विषय हैं, हालांकि वह देश की एकता एवं अखंडता से समान रूप से संबद्ध है। दो दिवसीय चिंतन शिविर का उद्देश्य ‘विजन 2047’ और ‘पंच प्रण’ पर अमल के लिए एक कार्य योजना बनाना है, जिसका एलान प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में किया था।

प्रधानमंत्री ने पुलिस के लिए एक राष्ट्र, एक वर्दी का विचार रखते हुए कहा कि इसे थोपना नहीं चाहिए, बल्कि इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना महत्वपूर्ण है। मोदी ने राज्यों से आजादी से पहले बनाए कानूनों की समीक्षा करने तथा मौजूदा संदर्भ में उनमें संशोधन करने के लिए भी कहा।

शुक्ल-पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाएगा 'छठ' पर्व

शुक्ल-पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाएगा 'छठ' पर्व

सरस्वती उपाध्याय 

आस्था के महापर्व छठ पूजा कार्तिक माह के शुक्ल-पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा का प्रारंभ 28 अक्टूबर से हो गया है। छठ का महापर्व चार दिन का होता है और यह व्रत काफी कठिन होता है। क्योंकि इस दौरान व्रती को लगभग 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखना होता है। इस व्रत में व्रती लगातार 36 घंटे का निर्जला उपवास करते हैं। लगातार 36 घंटे तक भूखे प्यासे रहने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप अपनी आस्था और सेहत दोनों का ध्यान रख सकते हैं। तो आइए जानते हैं इतने कठिन व्रत को करते हुए कैसे आप दिन भर एनर्जेटिक और हेल्दी बने रह सकते हैं।

छठ व्रत करते समय बरतें ये सावधानी...

कम बातचीत करें...

छठ का व्रत रखने वाले व्यक्ति को कम से कम बातचीत करनी चाहिए। ज्यादा बात करने से शरीर की एनर्जी बर्बाद होती है और धीरे-धीरे शरीर कमजोर पड़ने लगता है। ऐसे में अपना ध्यान पूजा-पाठ में लगाएं।

गर्मी में न रहें...

व्रत रखने वाले लोगों को ऐसी जगह चुननी चाहिए, जहां खड़े होने पर उन्हें ज्यादा गर्मी न लगे। गर्मी लगने से तबीयत बिगड़ सकती है। व्रत रखने वाला व्यक्ति कोशिश करें कि वो धूप में न निकलें।

चेहरे और गले पर लगाएं बर्फ...

लंबे समय तक व्रत रखने से काफी ज्यादा प्यास लगने लगती है। इस स्थिति से बचने के लिए आप आइस क्यूब की मदद ले सकते हैं। इसके लिए एक साफ कपड़े में बर्फ का टुकड़ा बांधकर उसे अपने गर्दन और चेहरे पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर में ठंडक बनी रहेगी और आपको प्यास कम लगेगी।

डॉक्टर की सलाह...

अगर आप किसी रोग से परेशान है तो छठ का व्रत रखने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। चिकित्सक से जांच करवाने के बाद ही आप उपवास करें। इसके अलावा उपवास के दौरान कोई परेशानी महसूस होने पर सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें।

छठ पूजा के दौरान न करें ये गलतियां...

छठ पूजा का व्रत करने वाले व्यक्ति को बेड, गद्दा या पलंग पर नहीं सोना चाहिए। चार दिन तक व्रत करने वाले व्यक्ति को जमीन पर आसन बिछाकर ही सोने का नियम बताया गया है।

जो भी व्यक्ति व्रत करता है, उसके साथ उसके परिजन को भी तामसिक भोजन जैसे लहसुन-प्याज तक के सेवन को करने से बचना चाहिए।

छठ पूजा के प्रसाद को कोई और नहीं बना सकता, इसको केवल व्रत रखने वाले लोग ही बनाते हैं।

छठी मैया को चढ़ाने वाली कोई भी चीज झूठी और खंडित नहीं होनी चाहिए। अगर पेड़ों पर लगे फल-फूल को भी पशु-पक्षी ने झूठा किया हुआ है तो उसको भी माता को अर्पित न करें। फल-फूल हमेशा साफ-सुथरे और शुद्ध होने चाहिए।

नहाय खाय के दिन व्रती महिलाओं को सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए, जिसमें लहसुन प्याज नहीं रहता है। व्रतियों का पूरे चार दिन लहसुन, प्याज से दूर रहना चाहिए। माना जाता है कि तीज त्योहार पर ऐसा भोजन करने से व्रत की पवित्रता भंग हो जाती है।

पूजा की चीजों को छूते समय अपने हाथों को साफ करें और अन्य चीजें छूने के बाद छठ के सामानों को न छूएं।

25 जनवरी, 2024 को रिलीज होगी फिल्म 'फाइटर'

25 जनवरी, 2024 को रिलीज होगी फिल्म 'फाइटर'

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड सुपरस्टार ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म फाइटर 25 जनवरी, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। वॉर फिल्म से चर्चित निर्देशक सिद्धार्थ आनंद की इस फिल्म में रोशन और पादुकोण भारतीय वायुसेना के पायलटों की भूमिका निभाएंगे।

वायकॉम 18 स्टूडियोज और ‘मैरफ्लिक्स पिक्चर्स फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। निर्माताओं ने फिल्म रिलीज होने की जानकारी ट्विटर पर दी। ‘वायकॉम 18 स्टूडियोज’ ने लिखा कि यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत की पहली एरियल एक्शन फिल्म फाइटर भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर 25 जनवरी 2024 को रिलीज होगी। फिल्म निर्माताओं के अनुसार फाइटर भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, बलिदान और देशभक्ति को समर्पित है। फिल्म में अभिनेता अनिल कपूर भी अहम भूमिका में दिखेंगे।

फाइटर 2014 में आई बैंग बैंग और ब्लॉकबस्टर वॉर (2019) के बाद आनंद और रोशन की साथ में तीसरी फिल्म है। इससे पहले फिल्म के 26 जनवरी, 2023 को रिलीज होने की उम्मीद थी। रोशन और कपूर ने अपने-अपने ट्विटर पेज पर फिल्म की नई रिलीज तारीख के बारे में जानकारी दी।

राजनीति: गुजरात के 3 दिवसीय दौरे पर रहेंगे 3 नेता  

राजनीति: गुजरात के 3 दिवसीय दौरे पर रहेंगे 3 नेता  

इकबाल अंसारी 

गांधीनगर/अहमदाबाद। आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान तथा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत शुक्रवार से गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान ये नेता राज्य के विभिन्न हिस्सों में अपनी-अपनी पार्टी की विभिन्न जनसभाओं को संबोधित करेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और पंजाब के उनके समकक्ष भगवंत मान छ: रैलियों को संबोधित करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी छह रैलियों को संबोधित करेंगे।

‘आप’ की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, केजरीवाल और मान पंचमहल जिले की मोरवा हदफ विधानसभा सीट पर दोपहर 12 बजे एक जनसभा को संबोधित करेंगे। वे पाटन जिले की कांकरेज विधानसभा सीट पर भी एक रैली को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम के मुताबिक, केजरीवाल और मान शनिवार को नवसारी जिले के चिखली और नर्मदा जिले के डेडियापाडा में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जबकि रविवार को दोनों भावनगर जिले की गरियाधर विधानसभा सीट और राजकोट जिले के धोराजी में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि अपने इस दौरे पर वे आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने के लिए ‘आप’ के नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे।

वहीं, गहलोत शुक्रवार को दाहोद जिले के गरबाडा और झालोद में दो रैलियों को संबोधित करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि शनिवार को वह दक्षिण गुजरात के नवसारी जिले के नवसारी में रैलियों को संबोधित करेंगे, जबकि रविवार को वह बनासकांठा जिले के दंता, साबरकांठा जिले के खेदब्रह्मा और अरावली जिले के भिलोदा में एक-एक रैली को संबोधित करेंगे। गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए साल के अंत में चुनाव होने हैं। राज्य में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार है।

पीएम ने ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार प्रस्तुत किया

पीएम ने ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार प्रस्तुत किया 

अकांशु उपाध्याय/राणा ओबरॉय 

नई दिल्ली/सूरजकुंड/चंडीगढ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ का विचार प्रस्तुत किया और कहा कि यह उनकी तरफ से एक विचार मात्र है और वह इसे राज्यों पर थोपने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। यहां आयोजित राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की। उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’ सिर्फ एक विचार है। मैं यह आप सभी पर थोपने की कोशिश नहीं रहा। इसके बारे में आप सोचिए। यह 5, 50 या सौ सालों में हो सकता है। लेकिन हमें इसके बारे में विचार करना चाहिए।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि देश भर में पुलिस की पहचान एक जैसी हो सकती है। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उनमें सुधार करने का आग्रह किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की उभरती चुनौतियों के समाधान के लिए सभी एजेंसियों के बीच समन्वित कार्रवाई की भी गुजारिश की। मोदी ने कहा कि पुलिस के बारे में अच्छी धारणा बनाए रखना ‘बहुत महत्वपूर्ण’ है और इस राह में जो खामियां विद्यमान हैं, उन्हें दूर किया जाना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि यद्यपि संविधान के हिसाब से कानून-व्यवस्था राज्यों का विषय है लेकिन यह देश की एकता और अखंडता से भी उतना ही जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हर एक राज्य एक दूसरे से सीखे, एक दूसरे से प्रेरणा ले और आंतरिक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करे। आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यों का साथ मिलकर काम करना संवैधानिक अनिवार्यता है और साथ ही देश के प्रति जिम्मेदारी भी है।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों को, वह चाहे केंद्र की हों या राज्यों की, सभी को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि दक्षता बढ़े, बेहतर परिणाम सामने आए और आम जन को सुरक्षा मिले। उन्होंने कहा कि कानून एवं व्यवस्था का सीधा संबंध विकास से है, अत: शांति बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘जब देश का सामर्थ्य बढ़ेगा तो देश के हर नागरिक व हर परिवार का सामर्थ्य बढ़ेगा। यही तो सुशासन है, जिसका लाभ देश के हर राज्य को समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचाना है।’

मोदी ने कहा कि कानून-व्यवस्था के पूरे तंत्र के लिए भरोसेमंद होना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए आम जन से पुलिस का संबंध और संवाद बेहतर होना चाहिए ताकि उनके बारे में अच्छी धारणा बने। मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत सरकार के स्तर पर कानून व्यवस्था से जुड़े सुधार हुए हैं, जिसने पूरे देश में शांति का वातावरण बनाने का काम किया है।

उन्होंने कहा, ‘हमें प्रौद्योगिकी के लिए एक साझा मंच के बारे में सोचने की जरूरत है जिसे सभी के द्वारा साझा किया जा सके। राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को भी एक दूसरे से साझा किया जा सकता है। साइबर अपराध हो या फिर ड्रोन प्रौद्योगिकी का हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी में उपयोग, इनके लिए हमें नई प्रौद्योगिकी पर काम करते रहना होगा। स्मार्ट प्रौद्योगिकी से कानून-व्यवस्था को स्मार्ट बना पाना संभव होगा।’फर्जी खबरों के प्रवाह का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ऐसी खबरों की सच्चाई सामने लाया जाना आवश्यक है और इसमें प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘ऐसी खबरों को जाचंने की प्रक्रिया या तंत्र के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है ताकि किसी और से साझा करने से पहले वह उसे जांच सकें।’

इस शिविर में राज्यों के गृह मंत्रियों के अलावा वहां के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के महानिदेशक भी शामिल हुए। यह दो दिवसीय चिंतन शिविर प्रधानमंत्री द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषित ‘पंच प्राण’ के अनुसार आंतरिक सुरक्षा से संबंधित मामलों पर नीति निर्माण को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करने का एक प्रयास है। इसका उद्देश्य सहकारी संघवाद की भावना से केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न हितधारकों के बीच योजनाओं के क्रियान्वयन में अधिक तालमेल बिठाना है। शिविर में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, साइबर अपराध प्रबंधन, आपराधिक न्याय प्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के बढ़ते उपयोग, भूमि सीमा प्रबंधन, तटीय सुरक्षा, महिला सुरक्षा, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-383, (वर्ष-05)

2. शनिवार, अक्टूबर 29, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:25, सूर्यास्त: 05:44। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

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