गुरुवार, 27 अक्तूबर 2022

कश्मीर में लोगों पर अत्याचार कर रहा पाकिस्तान: सिंह

कश्मीर में लोगों पर अत्याचार कर रहा पाकिस्तान: सिंह 

अकांशु उपाध्याय/इकबाल अंसारी 

नई दिल्ली/श्रीनगर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तान उसके कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर अत्याचार कर रहा है और उसे इसके अंजाम भुगतने पड़ेंगे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को फिर से हासिल करने का संकेत देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सर्वांगीण विकास का लक्ष्य पीओके के हिस्से ‘‘गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंचने के बाद’’ ही हासिल किया जाएगा।

उन्होंने ‘शौर्य दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमने जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विकास की अपनी यात्रा अभी शुरू की है। जब हम गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंच जाएंगे तो हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा।’ भारतीय वायु सेना के आज ही के दिन 1947 में श्रीनगर पहुंचने की घटना की याद में ‘शौर्य दिवस’ का आयोजन किया गया है। पाकिस्तान द्वारा पीओके में लोगों पर किए गए ‘अत्याचारों’ का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पड़ोसी देश को ‘इसके नतीजे भुगतने’ पड़ेंगे। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है। आतंकवादियों का एकमात्र उद्देश्य भारत को निशाना बनाना है।’

राजनाथ सिंह ने कहा कि पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र के फैसले से जम्मू कश्मीर में लोगों के खिलाफ भेदभाव खत्म हो गया। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर के लोगों के खिलाफ भेदभाव खत्म हो गया।’ रक्षा मंत्री ने कहा आज भारत की जो एक विशाल इमारत हमें दिखाई दे रही है, वह हमारे वीर योद्धाओं के बलिदान की नींव पर ही टिकी है। भारत नाम का यह विशाल वटवृक्ष, उन्हीं वीर जवानों के खून और पसीने से अभिसिंचित है। 

दिल्ली के हवाईअड्डे ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया

दिल्ली के हवाईअड्डे ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और अक्टूबर में दुनिया के 10वें सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के रूप में उभरा है। वैश्विक यात्रा से संबंधित आंकड़े उपलब्ध कराने वाली संस्था ऑफिशियल एयरलाइन गाइड (ओएजी) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।

अक्टूबर 2019 में 14वां सबसे व्यस्त हवाईअड्डा 

रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली का हवाईअड्डा कोविड-19 महामारी से पहले यानी अक्टूबर 2019 में 14वां सबसे व्यस्त हवाईअड्डा था। वहीं हार्ट्सफील्ड जैक्सन का अटलांटा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा अक्टूबर में सबसे व्यस्त हवाईअड्डा रहा है। इसके बाद दुबई और तोक्यो हनेडा हवाई अड्डा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट में छठे स्थान पर लंदन हीथ्रो हवाई अड्डा है। इसके बाद सातवें स्थान पर शिकागो ओ’हारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और लॉस एंजिल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नौवें स्थान पर है। ओएजी की रैंकिंग इस साल अक्टूबर और अक्टूबर 2019 में निर्धारित एयरलाइन क्षमता की तुलना के आधार पर जारी की गई है। दुनिया के शीर्ष 10 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों को उनकी संयुक्त घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षमता के आधार पर स्थान दिया गया है।

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा अक्टूबर में दुनिया के 10वें सबसे व्यस्त 

वैश्विक यात्रा संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने वाली संस्था ऑफिशियल एयरलाइन गाइड (ओएजी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा अक्टूबर में दुनिया के 10वें सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के रूप में उभरा है। ओएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि एविएशन एनालिटिक्स कंपनी ओएजी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि दिल्ली हवाई अड्डा कोरोना महामारी से पहले यानी अक्टूबर 2019 में 14वें स्थान के साथ अपनी स्थिति में सुधार किया था। वहीं हार्ट्सफील्ड-जैक्सन अटलांटा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले स्थान पर कायम रहा है। अटलांटा के बाद, दुबई और तोक्यो हनेडा हवाई अड्डे क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।

चालू महीने और अक्टूबर 2019 तुलना में ओएजी का रिपोर्ट

ओएजी की रैंकिंग चालू महीने और अक्टूबर 2019 में निर्धारित एयरलाइन क्षमता की तुलना करके किया गया है। दुनिया के शीर्ष 10 सबसे व्यस्त हवाई अड्डों को उनकी संयुक्त घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्षमता के आधार पर स्थान दिया गया है। ओएजी ने अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट में कहा कि शीर्ष दस हवाई अड्डों में से छह अक्टूबर 2019 की तुलना में इस महीने दुनिया भर के शीर्ष दस सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक थे।

शीर्ष 10 हवाई अड्डों में डलास/फोर्ट वर्थ (12वें से चौथे तक), डेनवर (20वें से पाचवें तक), इस्तांबुल (13वें से आठवें स्थान तक) और दिल्ली (14वें से 10वें स्थान तक) ऐसे हवाई अड्डे हैं जिनकी रैंकिंग में सुधार हुआ है। ओएजी के मुताबिक दिल्ली हवाई अड्डे के लिए सीटों की संख्या 34,13,855 थी। ओएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिपोर्ट में छठे स्थान पर लंदन हीथ्रो हवाई अड्डा है। इसके बाद सातवें स्थान पर शिकागो ओ’हारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और लॉस एंजिल्स अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नौवें स्थान पर है।

राम नाम सत्य है, अर्थी पर रखा शख्स उठ खड़ा हुआ

राम नाम सत्य है, अर्थी पर रखा शख्स उठ खड़ा हुआ

कविता गर्ग 

मुंबई। महाराष्ट्र के अकोला जिले का रहने एक युवक कई दिनों से बीमार चल रहा था। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ती ही गई। इलाज के ही दौरान डॉक्टर ने युवक को मृत घोषित कर दिया। परिजन उसको अर्थी पर लिटाकर श्मशान ले जा रहे थे। राम नाम सत्य है… कहा जा रहा था। तभी अचानक अर्थी हिलने लगी। अर्थी को हिलते देख लोग घबरा गए और पास में स्थित गांव के मंदिर के सीढ़ियों पर ग्रामीण अर्थी रखी दिए। थोड़ी देर बाद अर्थी पर रखा शख्स उठ खड़ा हुआ।

ये युवक अकोला जिले के पातुर तालुका के विवरा गांव का रहने वाला है। और ये घटना बीते बुधवार को हुई। इस युवक का नाम प्रशांत मेशरे है। प्रशांत पेशे से होमगार्ड है। पिछले कुछ दिनों से तबियत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

डाक्टरों ने घोषित किया मृत, अर्थी से उठ खड़ा हुआ शख्स
दरअसल, युवक की नसें रूक गई थीं। नस चोकअप होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। 25 साल की उम्र में परिवार का सदस्य खो जाने का परिजनों को बेहद दुख हुआ। मौत की खबर सुनते ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया था। यह सोचकर कि होनी को कौन टाल सकता है यही सोचकर परिजनों ने उसके अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी थी।

जमा होने लगी गांव वालों की भीड़
जिस युवक की अर्थी तैयार हो चुकी थी। लोग उसके अर्थी को कांधे पर ले जा रहे थे। राम नाम सत्य है… कह रहे थे। लेकिन कहां गांव और परिवार वालों ने सोचा था कि ये नौजवान अर्थी से उठ खड़ा हो जाएगा। कफन से लपटा युवक को उठ खड़ा देख गांव वालों के लिए चमत्कार से कम नहीं था। यह चमत्कार जंगल में आग की तरह फैल गई। आस पास के भी गांव के लोगों को जब पता हुई तो वो सब भी आ पहुंचे। भीड़ लग गई। भीड़ अनियंत्रित हो गई। नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बुलाया गया। आखिर गांव चर्चा ये हो गई कि युवक के शरीर में देवी आ गई।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-382, (वर्ष-05)

2. शुक्रवार, अक्टूबर 28, 2022

3. शक-1944, कार्तिक, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:25, सूर्यास्त: 05:44। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी। 

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बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

भाई-बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है 'भैयादूज'

भाई-बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है 'भैयादूज'

सरस्वती उपाध्याय

भाई दूज या भैयादूज का पर्व भाई-बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। भाईदूज का पर्व कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है। यह पर्व भाई-बहन के स्नेह को सुदृढ़ करता है। यह पर्व दीवाली के दो दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित कर उन्‍हें तिलक लगाकर भोजन कराती हैं। वहीं, एक ही घर में रहने वाले भाई-बहन इस दिन साथ बैठकर खाना खाते हैं। मान्‍यता है कि भाईदूज के दिन यदि भाई-बहन यमुना किनारे बैठकर साथ में भोजन करें तो यह अत्‍यंत मंगलकारी और कल्‍याणकारी होता है।

भाई दूज अन्य सभी त्योहारों से बहुत अलग माना जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस त्योहार में किसी देवी-देवता की उपासना आदि क्रियाओं की बजाय स्वयं ही अपने भाई को तिलक करने का विधान है। प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और धन-धान्य में वृद्धि के लिए तिलक लगाती हैं। कहते हैं कि कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन जो बहन अपने भाई के माथे पर भगवान को प्रणाम करते हुए कुमकुम का तिलक करती है उनके भाई को सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

भाईदूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन मृत्‍यु के देवता यम की पूजा का भी विधान है।भाईदूज पर बहनें भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती हैं। इस दिन को भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है। इस पर्व का प्रमुख लक्ष्य भाई तथा बहन के पावन संबंध एवं प्रेमभाव की स्थापना करना है।भाईदूज के दिन बहनें रोली एवं अक्षत से अपने भाई का तिलक कर उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीष देती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देता है।

भाईदूज के दिन भाई की हथेली पर बहनें चावल का घोल लगाती हैं उसके ऊपर सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, पान, सुपारी मुद्रा आदि हाथों पर रखकर धीरे-धीरे पानी हाथों पर छोड़ते हुए कहती हैं जैसे गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े। इस दिन शाम के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर रखती हैं। इस समय ऊपर आसमान में चील उड़ता दिखाई दे तो बहुत ही शुभ माना जाता है। माना जाता है कि बहनें भाई की आयु के लिए जो दुआ मांग रही हैं उसे यमराज ने कुबूल कर लिया है या चील जाकर यमराज को बहनों का संदेश सुनाएगा।

भाईदूज के दिन बहनें बेरी पूजन भी करती हैं। इस दिन बहनें भाइयों को तेल मलकर गंगा यमुना में स्नान भी कराती हैं। इस दिन गोधन कूटने की प्रथा भी है। गोबर की मानव मूर्ति बनाकर छाती पर ईंट रखकर स्त्रियां उसे मूसलों से तोड़ती हैं। स्त्रियां घर-घर जाकर चना, गूम तथा भटकैया चराव कर जिव्हा को भटकैया के कांटे से दागती भी हैं।

भाई दूज का त्योहार देश भर में धूम-धाम से मनाया जाता है। हालांकि इस पर्व को मनाने की विधि हर जगह एक जैसी नहीं है। उत्तर भारत में जहां यह चलन है कि इस दिन बहनें भाई को अक्षत और तिलक लगाकर नारियल देती हैं वहीं पूर्वी भारत में बहनें शंखनाद के बाद भाई को तिलक लगाती हैं और भेंट स्वरूप कुछ उपहार देती हैं। मान्यता है कि इस दिन बहन के घर भोजन करने से भाई की उम्र बढ़ती है। बिहार में भाईदूज पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। इस दिन बहनें भाइयों को डांटती हैं और उन्हें भला बुरा कहती हैं और फिर उनसे माफी मांगती हैं। दरअसल यह परंपरा भाइयों द्वारा पहले की गई गलतियों के चलते निभाई जाती है। इस रस्म के बाद बहनें भाइयों को तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती हैं।

पौराणिक कथा के अनुसार, भाईदूज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण नरकासुर राक्षस का वध कर द्वारिका लौटे थे। इस दिन भगवान कृष्ण की बहन सुभद्रा ने फल,फूल, मिठाई और अनेकों दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। सुभद्रा ने भगवान श्री कृष्ण के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी दीर्घायु की कामना की थी। इस दिन से ही भाई दूज के मौके पर बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं।

भैयादूज के दिन यमराज तथा यमुना जी के पूजन का विशेष महत्व है। धर्मग्रंथों के अनुसार, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन ही यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर बुलाकर सत्कार करके भोजन कराया था। इसीलिए, इस त्योहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। यमराज ने प्रसन्न होकर यमुना को वर दिया था कि जो व्यक्ति इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, मृत्यु के बाद उसे यमलोक में नहीं जाना पड़ेगा।

भगवान सूर्य नारायण की पत्नी का नाम छाया था। उनकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ था। यमुना यमराज से बड़ा स्नेह करती थी। वह उससे बराबर निवेदन करती कि इष्ट मित्रों सहित उसके घर आकर भोजन करो। अपने कार्य में व्यस्त यमराज बात को टालते रहे। कार्तिक शुक्ला का दिन आया। यमुना ने उस दिन फिर यमराज को भोजन के लिए निमंत्रण देकर, उसे अपने घर आने के लिए वचनबद्ध कर लिया।

यमराज ने सोचा कि मैं तो प्राणों को हरने वाला हूं। मुझे कोई भी अपने घर नहीं बुलाना चाहता। बहन जिस सद्भावना से मुझे बुला रही है, उसका पालन करना मेरा धर्म है। बहन के घर आते समय यमराज ने नरक निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया। यमराज को अपने घर आया देखकर यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने स्नान कर पूजन करके व्यंजन परोसकर भोजन कराया। यमुना द्वारा किए गए आतिथ्य से यमराज ने प्रसन्न होकर बहन को वर मांगने का आदेश दिया।

यमुना ने कहा कि भद्र! आप प्रति वर्ष इसी दिन मेरे घर आया करो। मेरी तरह जो बहन इस दिन अपने भाई को आदर सत्कार करके टीका करे, उसे तुम्हारा भय न रहे। यमराज ने तथास्तु कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमलोक की राह की। इसी दिन से पर्व की परम्परा बनी। ऐसी मान्यता है कि जो आतिथ्य स्वीकार करते हैं, उन्हें यम का भय नहीं रहता। इसीलिए भैयादूज को यमराज तथा यमुना का पूजन किया जाता है।

स्वच्छता कर्मियों को जलपान कराया, मिष्ठान वितरण 

स्वच्छता कर्मियों को जलपान कराया, मिष्ठान वितरण 

पंकज कपूर 

हल्द्वानी। एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था मार्गदर्शक पूजा लटवाल, सदस्य यश सिंह के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से दीपावली पर्व के तत्पश्चात् संस्था पदाधिकारियों ने हल्द्वानी नगर निगम के वार्ड नंबर उनतालीस के स्वच्छता कर्मियों को जलपान कराकर मिष्ठान वितरण किया‌‌। इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू मार्गदर्शक पूजा लटवाल ने संयुक्त रूप से कहा, कि संस्था की जिस दिन से स्थापना हुई है, उसी दिन से संस्था लगातार समाजहित एवं भारतहित में कार्य कर रही है। क्योंकि, लोकमंगल की कामना ही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिए। क्योंकि, केवल अपने सुख की चाह हमें मानव होने के अर्थ से पृथक करती है। इसलिए मानव होने के नाते जब तक हम दूसरे के दु:ख दर्द में साथ नहीं निभाएंगे, तब तक इस जीवन की सार्थकता सिद्ध नहीं होगी।

वैसे तो हमारा परिवार भी समाज की ही एक इकाई है, परन्तु इतने तक ही सीमित रहने से सामाजिकता का उद्देश्य कभी पूरा नहीं हो सकता। हमारे जीवन का अर्थ तभी पूरा हो सकेगा, जब हम समाज को ही अपना परिवार माने तभी मानवता में सज्जानता निहित है, जो सदाचार का पहला लक्षण है और मनुष्य की यही एक शाश्वत पूंजी है। इस दौरान मिष्ठान वितरण करने में संस्था मार्गदर्शक पूजा लटवाल, आशा शुक्ला, यश सिंह, रितिक साहू, सूरज मिस्त्री, सुशील राय, मुकेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...